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NCERT Class 12 Psychology Chapter 7 सामाजिक प्रभाव एवं समूह प्रक्रम
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सामाजिक प्रभाव एवं समूह प्रक्रम
Chapter: 7
समीक्षात्मक प्रश्न
1. औपचारिक एवं अनौपचारिक समूह तथा अंतः एवं बाह्य समूहों की तुलना कीजिए एवं अंतर बताइए।
उत्तर: औपचारिक एवं अनौपचारिक समूह तथा अंतः एवं बाह्य समूहों की तुलना नीचे किया गया हैं-
औपचारिक समूह | अनौपचारिक समूह |
यह एक ऐसा समूह होता है जो संगठनात्मक संरचना के अंतर्गत नियमों और उद्देश्यों के अनुसार बनाया जाता है। | यह समूह व्यक्तिगत संबंधों और सामाजिक संपर्क के आधार पर स्वतः निर्मित होता है। |
विधिवत नियमों, नीतियों और लक्ष्यों पर आधारित होता है। | मित्रता, समान रुचियाँ या सामाजिक जुड़ाव पर आधारित होता है। |
सदस्यों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से परिभाषित होती हैं। | भूमिकाएं लचीली और अनौपचारिक होती हैं। |
संगठन के लक्ष्यों की पूर्ति करना। | सामाजिक संतुष्टि और आपसी सहयोग। |
उदाहरण: स्कूल, कार्यालय, सेना आदि। | उदाहरण: दोस्ती का समूह, पड़ोसियों का समूह आदि। |
2. क्या आप किसी समूह के सदस्य हैं? वह क्या है जिसने आपको इस समूह में सम्मिलित होने के लिए अभिप्रेरित किया? इसकी विवेचना कीजिए।
उत्तर: हाँ, मैं अपने विद्यालय की अध्ययन समूह का सदस्य हूँ। इस समूह में शामिल होने के लिए मुझे मुख्य रूप से दो चीज़ों ने प्रेरित किया: साझा अध्ययन के माध्यम से बेहतर समझ और समूह के सहयोग से लक्ष्य प्राप्ति। जब मैंने देखा कि मेरे सहपाठी मिलकर पढ़ाई करते हैं, एक-दूसरे की मदद करते हैं और कठिन विषयों को सरलता से समझाते हैं, तो मैंने सोचा कि इस समूह का हिस्सा बनना मेरे लिए भी लाभकारी रहेगा। समूह की एकजुटता और समान उद्देश्य की भावना ने मुझे इसमें सम्मिलित होने हेतु प्रेरित किया।
3. समूह निर्माण को समझने में टकमैन का अवस्था मॉडल किस प्रकार से सहायक है?
उत्तर: टकमैन का अवस्था मॉडल समूह निर्माण को पाँच चरणों में बाँटता है-
(i) निर्माण: सदस्य एक-दूसरे को जानने लगते हैं और समूह का उद्देश्य तय होता है।
(ii) टकराव: विचारों में मतभेद होते हैं और भूमिका तय करने में कठिनाई आती है।
(iii) सामान्यीकरण: सदस्य आपसी मतभेद सुलझाते हैं और एकजुट होकर नियम बनाते हैं।
(iv) प्रदर्शन: समूह प्रभावशाली कार्य करने लगता है।
(v) समापन: कार्य पूर्ण होने पर समूह विघटित हो सकता है।
4. समूह हमारे व्यवहार को किस प्रकार से प्रभावित करते हैं?
उत्तर: समूह हमारे व्यवहार को कई तरीकों से प्रभावित करते हैं-
(i) सुरक्षा की भावना: समूह में रहकर हम अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।
(ii) प्रेरणा: दूसरों को मेहनत करते देख हम भी प्रेरित होते हैं।
(iii) समूह दबाव: कभी-कभी हम समूह के अनुसार अपने विचार बदल लेते हैं।
(iv) ज्ञान साझा करना: समूह में संवाद से हमारी जानकारी बढ़ती है।
(v) स्वीकृति की चाह: हम समूह में स्वीकार किए जाने के लिए अपना व्यवहार बदलते हैं।
इस प्रकार समूह न केवल हमारी सोच और निर्णय पर असर डालते हैं बल्कि हमारे सामाजिक और व्यक्तिगत विकास को भी दिशा देते हैं।
5. समूहों में सामाजिक स्वैराचार को कैसे कम किया जा सकता है? अपने विद्यालय में सामाजिक स्वैराचार की किन्हीं दो घटनाओं पर विचार कीजिए। आपने इसे कैसे दूर किया?
उत्तर: सामाजिक स्वैराचार को कम करने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं-
(i) प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से तय की जाए।
(ii) समूह के कार्यों में पारदर्शिता हो।
(iii) प्रोत्साहन और मान्यता दी जाए ताकि सदस्य प्रेरित रहें।
(iv) संवाद को बढ़ावा दिया जाए।
घटना 1: समूह परियोजना के दौरान कुछ छात्र कार्य नहीं कर रहे थे। मैंने शिक्षक से आग्रह करके सभी की भूमिका तय करवाई जिससे काम समान रूप से बँट गया।
घटना 2: अभ्यास प्रतियोगिता में कुछ छात्र बार-बार देर से आते थे। हमने एक अनुशासन चार्ट बनाया और जो समय पर आता था, उसे अंक मिलते थे। इससे छात्रों में सुधार आया।

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