NCERT Class 10 Science Chapter 8 आनुवंशिकता

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आनुवंशिकता

Chapter – 8

GENERAL SCIENCE

Page no – 142 Question 

1. यदि एक ‘लक्षण- A’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10 प्रतिशत सदस्यों में पाया जाता है तथा ‘लक्षण B’ उसी समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उत्पन्न हुआ होगा?

उत्तर: लक्षण ‘B’ पहले उत्पन्न हुआ होगा क्योंकि इसका प्रतिशत ज्यादा हैं। लक्षण ‘A’ केवल 10 प्रतिशत जीवों में है। अलैंगिक प्रजनन में DNA प्रतिकृति के समय कम विभिन्नताएँ होती है।

2. विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ का अस्तित्व किस प्रकार बढ़ जाता है?

उत्तर: विविधता के आधार पर जीवों को विभिन्न प्रकार के लाभ हो सकते है। यदि स्पीशीज़ में विभिन्नताएँ हो तो उनका अस्तित्व बढ़ जाता है। क्योंकि यदि स्पीशीज़ में विभिन्नताएँ होगी तो प्रकृति मे परिवर्तन की स्थिति में कुछ जीव ऐसे भी होगे जो इन परिवर्तनो को सहन कर सके और धीरे-धीरे अपने आप को उसी अनुसार ढाल ले। विभिन्नताएँ नहीं होगी तो यदि प्रकृति में कोई बदलाव जैसे- तापमान बहुत अधिक बढ़ जाए या घट जाए तो पूरी स्पीशीज़ का ही विनाश संभव है।

Page no – 146 Question

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1. मेंडल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?

उत्तर: मेंडल ने बौने व लंबे मटर के पौधों का संकरण किया F1 (प्रथम पीढ़ी) में नंही पौधों लंबे आकार के थे। इस प्रकार बौनापन F1 पीढ़ी में नंही दिखा। इसके पश्चात् उसने दोनों तरह के पैतृक पौधों तथा F1 पीढ़ी का स्वपरागण कराया। अब उत्पन्न F2 के सभी पौधे लंबे नहीं थे। इसका निष्कर्ष निकला कि लंबे होने का लक्षण प्रभावी व बौनेपन का लक्षण अप्रभावी हैं। 

2. मेंडल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं?

उत्तर: मेंडल ने जब गोल बीज वाले लंबे पौधों का झुर्रीदार बीजो वाले बोने पौधे से सकरण कराया तो प्राप्त F1 पीढ़ी में सभी पौधे लंबे तथा गोल बीज वाले होगे। लेकिन F2 की सतति के कुछ पौधे नए संयोजन प्रदर्शित करेगे। इनमे कुछ पौधे लंबे झुर्रीदार बीज के और कुछ पौधे बौने गोल बीज के होगे। अतः लबे/बौने लक्षण तथा गोल/झुर्रीदार लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं। 

3. एक ‘A-रुधिर वर्ग’ वाला पुरुष एक स्त्री जिसका रुधिर वर्ग ‘O’ है, से विवाह करता है। उनकी पुत्री का रुधिर वर्ग – ‘O’ है। क्या यह सूचना पर्याप्त है यदि आपसे कहा जाए कि कौन सा विकल्प लक्षण रुधिर वर्ग- ‘A’ अथवा ‘O’ प्रभावी लक्षण हैं? अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए। 

उत्तर: यह सूचना पर्याप्त नहीं है क्योंकि पुत्री का रुधिर वर्ग ‘O’ माँ और पिता दोनों के जीन के संयोजन से प्राप्त हुआ है। इनमें से जो लक्षण प्रभावी होता है, वही संतति में प्रकट होता है। इस मामले में, रुधिर वर्ग ‘O’ प्रभावी लक्षण है।

4. मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?

उत्तर: बच्चे का लिंग, लिंग गुणसूत्र द्वारा निर्धारित होता है। मानव में कुल 23 गुणसूत्र जोड़ होते हैं, जिनमें से एक जोड़ लिंग गुणसूत्र का होता है। स्त्रियों में लिंग गुणसूत्र (XX) होते हैं, जबकि पुरुषों में लिंग गुणसूत्र (XY) होते हैं। सभी बच्चे माँ से X गुणसूत्र प्राप्त करते हैं, लेकिन पिता से X या Y गुणसूत्र में से कोई एक प्राप्त होता है। इस प्रकार, पिता का गुणसूत्र यह निर्धारित करता है कि बच्चा बेटा होगा या बेटी।

अभ्यास

1. मेंडल के एक प्रयोग में लंबे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पुष्प थे, का संकरण बौने पौधों जिनके सफेद पुष्प थे, से कराया गया। इनकी संतति के सभी पौधों में पुष्प बैंगनी रंग के थे। परंतु उनमें से लगभग आधे बौने थे। इससे कहा जा सकता है कि लंबे जनक पौधों की आनुवंशिक रचना निम्नलिखित थी-

(a) TTWW.

(b) TTww.

(c) TtWW.

(d) TtWw.

उत्तर: (c) TtWW.

2. एक अध्ययन से पता चला कि हल्के रंग की आँखों वाले बच्चों के जनक (माता-पिता) की आँखें भी हल्के रंग की होती हैं। इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: नहीं, यह बताना संभव नहीं है कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी जब तक कि दोनों प्रकार के विकल्पों का पता न हो। ऐसी भी संभावना हो सकती है कि जनक (माता-पिता) में दोनों ही विकल्प हल्के रंग की आँखों के हों, क्योंकि लक्षण की प्रतिकृति दोनों जनकों (माता-पिता) से वंशानुगत होती हैं, अप्रभावी तभी होंगे, जब दोनों से प्राप्त जीन अप्रभावी हों। अतः हम केवल अनुमान लगा सकते हैं।

3. कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग ज्ञात करने के उद्देश्य से एक प्रोजेक्ट बनाइए।

उत्तर: इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमें एक काले रंग का कुता व एक सफ़ेद रंग की कुतिया लेनी होगी। यदि दोनों के मध्य संकरण करने के पश्चात सभी संतानें काली रंग की उत्पन्न होती है तो हम कह सकते है कि काला रंग प्रभावी है तथा सफ़ेद रंग अप्रभावी है। 

4. संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है।

उत्तर: लैंगिक जनन क्रिया में क्रोमोसोम (गुणसूत्र) अर्धसूत्री विभाजन द्वारा दो भागों में बांटे जाते हैं और जब निषेचन क्रिया होती है तो युग्मनज में आधे गुणसूत्र पिता से और आधे गुणसूत्र माता से आकर आपस में संयोजित हो जाते हैं। अर्थात् नर से (23 गुणसूत्र) तथा मादा से (23 गुणसूत्र) मिलकर संतति में 46 गुणसूत्र होते हैं तथा बराबरी की भागीदारी होती है। यही कारण है कि प्रत्येक पीढ़ी के लक्षणों में विभिन्नताएँ आती रहती हैं।

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