NCERT Class 10 Science Chapter 9 प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन

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NCERT Class 10 Science Chapter 9 प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन

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प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन

Chapter – 9

GENERAL SCIENCE

Page no – 157 Question 

1. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।

उत्तर: अवतल दर्पण पर मुख्य अक्ष के समांतर कुछ किरणें आपतित होती हैं। परावर्तन के पश्चात ये किरणें दर्पण के मुख्य अक्ष के एक बिंदु पर मिलती हैं। यह बिंदु अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहलाता है।

2. एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 cm है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी? 

उत्तर: वक्रता त्रिज्या = 20 cm

फोकस दूरी = वक्रता त्रिज्या/2

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f = 20/2

f = 10 cm

गोलीय दर्पण की फोकस दूरी 10 cm होगा। 

3. उस दर्पण का नाम बताइए, जो बिंब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके।

उत्तर: अवतल दर्पण, जब अवतल दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच बिंब को रखते है तो यह सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बनाता है। 

4. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च – दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?

उत्तर: दर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं क्योंकि ये सदैव सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं यद्यपि वह छोटा होता है। इनका दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं। अतः समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं।

Page no – 160 Question

1. उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए, जिसकी वक्रता – त्रिज्या 32 cm है।

उत्तर: वक्रता त्रिज्या  = 32 cm

उत्तल दर्पण की फोकस दूरी = वक्रता त्रिज्या/2

f = 32/2

f = 16 cm 

उत्तल दर्पण की फोकस दूरी = 16 cm

2. कोई अवतल दर्पण आमने-सामने 10 cm की दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुणा आदर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है।

उत्तर: अवतल दर्पण मैं-

बिंब की दुरी (u) = – 10 cm 

आवर्धन (m) = – 3 

प्रतिबिंब की साइज- 

m = h/h = -v/u 

m = – v/u 

-3 = -v/-10

-3 = v/10

v = 10 × (-3) 

v = -30cm 

प्रतिबिंब दर्पण के सामने  30 cm की दुरी पर हैं।

Page no – 165 Question

1. वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी? बताइए क्यों?

उत्तर: जब प्रकाश की किरण वायु से जल में प्रवेश करती है तो वह अभिलंब की ओर झुकेगी। वायु से जल में प्रवेश करते समय प्रकाश किरण की चाल धीमी हो जाएगी क्योंकि वह विरल माध्यम (वायु) से सघन माध्यम (जल) में प्रवेश करती है।

2. प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है? निर्वात में प्रकाश की चाल 3 × 10⁸ m/s है।

उत्तर: काँच की प्लेट का अपवर्तनांक (n21) = 1.50

पहले माध्यम में प्रकाश की चाल (V₁) = 3 × 10⁸ m / s

दूसरे माध्यम में प्रकाश की चाल = (V₂) = ? 

अपवर्तनांक n21 = पहले माध्यम में चाल/दूसरे माध्यम में प्रकाश की चाल

n21 = V₁/V₂

1.5 = (3 × 10⁸ m/s)/V₂

V₂ = (3 × 10⁸ m/s)/1.50

V₂ = 2 × 10⁸ m/s

काँच में प्रकाश की चाल = 2 × 10⁸ m/s. 

3. सारणी 9.3 से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।

उत्तर: अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम हीरा है जिसका अपवर्तनांक 2.42 है।

न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम वायु है जिसका अपवर्तनांक 1.0003 है।

4. आपको किरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए है। इनमें से किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? सारणी 9.3 में दिए गए आंकड़ों का उपयोग कीजिए।

उत्तर: सारणी 9.3 से

किरोसिन का अपवर्तनांक = 1.44 

तारपीन का अपवर्तनांक = 1.47 

जल का अपवर्तनांक = 1.33 

इसमें जल में प्रकाश की चाल सबसे अधिक और तारपीन के तेल में प्रकाश की चाल सबसे कम है क्योंकि जिसका अपवर्तनांक जितना अधिक होगा उस माध्यम में प्रकाश की चाल उतनी ही कम होगी और जिस माध्यम का अपवर्तनांक जितना कम होगा उसमें प्रकाश की चाल उतनी ही अधिक होगी।

5. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है?

उत्तर: हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का अभिप्राय यह है कि हीरा का प्रकाशिक घनत्व अधिक है जिससे यह एक कठोर पदार्थ है इसमें प्रकाश की चाल सबसे कम है।

Page no – 174 Question 

1. किसी लेंस की 1 डाइऑप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: लेंस की क्षमता की S.I. इकाई डाइऑप्टर होती है। यदि लेंस की फोकस दूरी 1 m है तो उसकी क्षमता भी 1 डाइऑप्टर होगी।

2. कोई उत्तल लेंस किसी सुई का वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिब उस लेंस से 50 cm दूर बनाता है। यह सुई, उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिंब उसी साइज का बन रहा है, जिस साइज का बिंब है। लेंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए। 

उत्तर: जब कोई उत्तल लेंस किसी सुई का वास्तविक तथा उलटा प्रतिबिंब उसी साइज़ का बनाता है जिस साइज़ का बिंब है, इसका मतलब है वस्तु उत्तल लेंस के सामने उसी दूरी पर रखी है जितनी दूरी पर उसका प्रतिबिंब है।

बिंब की दूरी (u) = -50 cm

प्रतिबिंब की दूरी (v) = 50 cm

लेंस के सूत्र के अनुसार-

1/f = 1/v – 1/u

1/f = 1/50 – 1/(- 50)

1/f = 1/50 + 1/50

1/f = (1 + 1) / 50

1/f = 2/50

f = 25 cm

लेंस की क्षमता = 1/f (in meters)

लेंस की क्षमता = 1/25 cm

लेंस की क्षमता = 1/0.25 m

लेंस की क्षमता = +4 D

3. 2m फोकस दूरी वाले किसी अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए।

उत्तर: फोकस दूरी (f) = -2 मीटर (क्योंकि अवतल लेंस है)

लेंस की क्षमता (P) = 1/f

P = 1/-2 

= -0.5 डायोप्टर

अभ्यास

1. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता?

(a) जल।

(b) काँच।

(c) प्लास्टिक।

(d) मिट्टी।

उत्तर: (d) मिट्टी।

2. किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?

(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच।

(b) वक्रता केंद्र पर।

(c) वक्रता केंद्र से परे।

(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।

उत्तर: (d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।

3. किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज़ का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?

(a) लेंस के मुख्य फोकस पर।

(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर।

(c) अनंत पर।

(d) लेंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच।

उत्तर: (b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर।

4. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ -15 cm हैं। दर्पण तथा लेंस संभवतः हैं-

(a) दोनों अवतल।

(b) दोनों उत्तल।

(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल।

(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल।

उत्तर: (a) दोनों अवतल।

5. किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है। संभवतः दर्पण है-

(a) केवल समतल।

(b) केवल अवतल।

(c) केवल उत्तल।

(d) या तो समतल अथवा उत्तल।

उत्तर: (d) या तो समतल अथवा उत्तल।

6. किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्नलिखित में से कौन-सा लेंस पसंद करेंगे? 

(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस।

(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस।

(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस।

(d) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस।

उत्तर: (c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस।

7. 15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाना चाहते हैं। बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी है? प्रतिबिंब बिंब से बड़ा है अथवा छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिंब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।

उत्तर: बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर 0 cm से 15 cm के बीच होना चाहिए, क्योंकि जब बिंब दर्पण के ध्रुव P तथा मुख्य फोकस F के बीच स्थित होता है. तभी उसका सीधा प्रतिबिंब बनता है।

किरण आरेख-

प्रतिबिंब की प्रकृति- आभासी तथा सीधा, प्रतिबिंब का साइज़ बिंब से बड़ा है।

8. निम्नलिखित स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए-

अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।

(a) किसी कार का अग्र-दीप (हेड-लाइट)।

उत्तर: कार की हैडलाइटों में अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है। बल्ब दर्पण के मुख्य फोकस पर रख दिया जाता है ताकि प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद उसके मुख्य अक्ष के समांतर हो जाएँ तथा प्रकाश का सीधा और शक्तिशाली किरण पुंज मिले।

(b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण।

उत्तर: किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण के लिए उत्तल दर्पण का प्रयोग किया जाता है क्योंकि ये सदेव छोटा परन्तु सीधा प्रतिबिंब बनाता है। चूँकि उत्तल दर्पण बाहर की ओर वक्रित होता है इसलिए इसका दृष्टि-क्षेत्र काफी बढ़ जाता है जीससे ड्राईवर गाड़ी के पीछे के बहुत बड़े हिस्से को देख पाता है।

(c) सौर भट्टी।

उत्तर: सौर भट्टी में सूर्य के प्रकाश को केंद्रित करने के लिए बड़े अवतल दर्पणों का उपयोग किया जाता है। आपतित सूर्य की किरणें अनंत दूरी से आने वाली समांतर किरणें होती हैं जो अवतल दर्पण से परावर्तित होकर इसके फोकस बिंदु पर फोकसित होती हैं, जिससे ताप तेजी से 180°C-200°C तक बढ़ जाता है।

9. किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज़ से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: हाँ, किसी उत्तल लेंस को यदि आधा भाग काले कागज़ से ढक भी दिया जाए तब भी यह लेंस किसी दिए गए बिंब का पूरा एवं स्पष्ट प्रतिबिंब बनाता है।

जाँच – अब एक काले कागज़ से आधा भाग ढका हुआ उत्तल लेंस को किसी स्टैंड के सहारे रखते हैं और लेंस के एक तरफ़ जलती हुई मोमबती तथा दूसरी तरफ़ एक सफ़ेद पर्दा रखिये। अवलोकन में हम पाते हैं कि पर्दे पर मोमबती का पूरा प्रतिबिंब बना हुआ है जो वास्तविक एवं उल्टा है।

प्रेक्षण-

(i) प्रतिबिंब की संरचना लेंस के आकार पर निर्भर नहीं करती है, एक छोटा लेंस भी वस्तु का पूर्ण प्रतिबिंब बना सकता है।

(ii) परंतु प्रतिबिंब की चमक अपेक्षाकृत कम हो जाती है, क्योंकि लेंस से गुजरने वाली प्रकाश की किरणों की संख्या कम हो जाती है।

10. 5 cm लंबा कोई बिंब 10 cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 cm दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति, साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।

उत्तर: किरण आरेख-

दिया है-

f = 10cm  [चूँकि लेंस अभिसारी (उत्तल लेंस) है।]

u = – 25cm

h = 5cm

लेंस सूत्र द्वारा,

1/f = 1/v – 1/u

1/v = 1/f + 1/u 

1/v = 1/10 + 1/(-25) = (5-2)/50 = 3/50

 v = 50/3 = 16.67 cm 

प्रतिबिम्ब की स्थिति लेंस की दूसरी ओर 16.67 सेंटीमीटर पर F2 तथा 2F2 के बीच प्रतिबिम्ब की साइज- 

m = v/u = h’/h 

(50/3) / (-25) = h’/5

 -2/3 = h’/5

 h’ – 10/3 = -3.33 cm 

प्रतिबिंब का साइज़ छोटा है।

प्रतिबिंब की प्रकृति-वास्तविक तथा उल्टा।

11. 15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिंब का प्रतिबिंब लेंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिंब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए।

उत्तर: 

अवतल लेंस की फोकस दुरी (f) = – 15 cm

बिंब की दुरी (u) = ?

प्रतिबिंब की दुरी (v) = – 10 cm

लेंस सूत्र से,  

1/f = 1/v – 1/u 

1/-15 = 1/-10 – 1/u 

1/u = 1/-10 + 1/15 

1/u = -3/30 + 2/30 

1/u = -1/30 

u = -30 cm

अतः बिंब को लेंस से 30 cm दूर रखेंगे।

12. 15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिंब 10 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।

उत्तर: दिया हैं, 

f = +15 cm (उत्तल दर्पण की फोकस दूरी धनात्मक होती है) 

u = -10cm 

अत दर्पण सूत्र,

1/f = 1/v + 1/u 

1/15 = 1/v + 1/(-10) 

1/15 + 1/10 = 1/v 

1/v = (2+ 3 ) / 30 = 5 /30 

v = 30 /5 = +6 cm. 

अतः प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 6cm की दूरी पर बनेगा तथा यह एक आभासी तथा सीधा प्रतिबिंब होगा।

13. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 है। इसका क्या अर्थ है?

उत्तर: एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 है। इसका अर्थ है कि समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिंब वस्तु के आकार का है। धनात्मक चिन्ह दिखाता है कि प्रतिबिंब आभासी और सीधा है।

14. 5.0 cm लंबाई का कोई बिंब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज़ ज्ञात कीजिए।

उत्तर: बिंब की लंबाई (h) = 5 cm

फोकस दूरी (f) = वक्रता त्रिज्या / 2

f = 30/2

f = 15cm (उत्तल दर्पण)

बिंब की दूरी (u) = -20 cm

दर्पण के सूत्र के अनुसार-

1/f = 1/v + 1/u

1/15 = 1/v + 1/(- 20)

1/15 = 1/v – 1/20

1/v = 1/15 + 1/20

1/v = (4 + 3)/60

1/v = 7/60

v = 60/7

v = 8.58 cm

प्रतिबिंब की स्थिति – दर्पण के पीछे 8.58cm दूरी पर स्थित है।

प्रतिबिंब की प्रकृति – आभासी तथा सीधा बनेगा।

प्रतिबिंब की साइज़-

m = h’/h = -v/u

(h’)/5 = – 8.58/- 20

20 h’ = 8.58′ × 5

20 h’ = 42.9

h’ = 42.9/20

h’ = 2.145cm

प्रतिबिंब की साइज – बिंब से छोटी होगी।

15. 7.0 cm साइज़ का कोई बिंब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सके। प्रतिबिंब का साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।

उत्तर: बिंब की लंबाई (h) = 7 cm

फोकस दूरी (f) = 18 cm (अवतल दर्पण)

बिंब की दूरी (u) = -27 cm

दर्पण के सूत्र के अनुसार –

1/f = 1/v + 1/u

1/(- 18) = 1/v + 1/(- 27)

1/(- 18) = 1/v – 1/27

1/v = – 1/18 + 1/27

1/v = (- 3 + 2)/54

1/v = – 1/54

v = – 54cm

प्रतिबिंब की स्थिति – दर्पण के सामने 54 cm दूरी पर स्थित है।

प्रतिबिंब की प्रकृति – वास्तविक और उल्टा बनेगा।

प्रतिबिंब की साइज –

m = h’/h = -v/u

h’/7 = -(-54)/-27

h’/7 = -2

h’ = -2 × 7

h = -14 cm

प्रतिबिंब की साइज – बिंब से बड़ी होगी।

16. उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए, जिसकी क्षमता -2.0 D है। यह किस प्रकार का लेंस है?

उत्तर: लेंस की क्षमता P = – 2.0 D

P = 1/f meter)

– 2D = 1/f

f = – 1/2

f = 0.5 m or -50 cm

फोकस दूरी = -0.5 m or -50 cm

ऋणात्मक चिन्ह यह बताता है कि यह एक अवतल लेंस है।

17. कोई डॉक्टर +1.5 D क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धारित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी?

उत्तर: लेंस की क्षमता P = + 1.5D

P = 1/f (meter)

1.5D = 1/f 

f = 1/1.5

f = 0.67m or 67 cm

फोकस दूरी = 0.67n or 67 cm

धनात्मक चिन्ह यह बताता है कि यह एक अभिसारी लेंस है।

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