NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 यह सबसे कठिन समय नहीं

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NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 यह सबसे कठिन समय नहीं

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Chapter: 6

वसंत

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से

1. “यह कठिन समय नहीं है?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कविता में “यह कठिन समय नहीं है” यह बताने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए गए हैं:

(i) सृजन और प्रयास: चिड़िया की चोंच में तिनका है और वह उड़ने की तैयारी में है।

(ii) सहारा देने की भावना: झरती हुई पत्ती को थामने के लिए हाथ बढ़ा हुआ है।

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(iii) गतिशीलता: स्टेशन पर भीड़ है और रेलगाड़ी अपने गंतव्य तक जा रही है।

(iv) प्रतीक्षा और मिलन: कोई गंतव्य पर प्रतीक्षा कर रहा है।

(v) जीवन की दिनचर्या: सूरज डूबने पर जल्दी आने का संदेश दिया जा रहा है।

(vi) परंपराओं का जारी रहना: बूढ़ी नानी सदियों से बच्चों को कहानियां सुना रही है।

(vii) भविष्य की उम्मीद: अंतरिक्ष से आने वाली बस खबरें लेकर आ रही है।

2. चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में क्यों है? वह तिनकों का क्या करती होगी? लिखिए।

उत्तर: चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी इसलिए करती है क्योंकि वह अपने घोंसले का निर्माण करने के लिए तिनके जमा कर रही है। चिड़िया इन तिनकों को एकत्रित करके घोंसले को सुरक्षित और आरामदायक बनाती है, जहाँ वह अंडे देती है और अपने बच्चों की देखभाल करती है। यह क्रिया चिड़िया की निर्माण और संरक्षण की प्रवृत्ति को दर्शाती है।

3. कविता में कई बार ‘अभी भी’ का प्रयोग करके बातें रखी गई हैं, अभी भी का प्रयोग करते हुए तीन वाक्य बनाइए और देखिए उनमें लगातार, निरंतर, बिना रुके चलनेवाले किसी कार्य का भाव निकल रहा है या नहीं?

उत्तर: (i) अभी भी बारिश हो रही है और किसान खेतों में काम कर रहे हैं। (निरंतरता का भाव)

(ii) अभी भी बच्चे पार्क में खेल रहे हैं और उनकी हंसी गूंज रही है। (लगातार चलने वाली क्रिया)

(iii) अभी भी नदी का पानी बह रहा है और किनारे के पेड़ झूम रहे हैं। (बिना रुके चलने का भाव)

4. “नहीं” और “अभी भी” को एक साथ प्रयोग करके तीन वाक्य लिखिए और देखिए ‘नहीं’ ‘अभी भी’ के पीछे कौन-कौन से भाव छिपे हो सकते हैं?

उत्तर: (i) नहीं, अभी भी सूरज पूरी तरह नहीं डूबा है। (आशा और समय बचा होने का भाव)

(ii) नहीं, अभी भी वह अपना लक्ष्य पाने के लिए मेहनत कर रहा है। (दृढ़ता और निरंतरता का भाव)

(iii) नहीं, अभी भी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। (उम्मीद और नई शुरुआत का भाव)

कविता से आगे

1. घर के बड़े-बूढ़ों द्वारा बच्चों को सुनाई जानेवाली किसी ऐसी कथा की जानकारी प्राप्त कीजिए जिसके आखिरी हिस्से में कठिन परिस्थितियों से जीतने का संदेश हो।

उत्तर: घर के बड़े-बूढ़ों द्वारा सुनाई जाने वाली ऐसी प्रसिद्ध कथा “सत्य हरिश्चंद्र” है, जिसमें कठिन परिस्थितियों से जीतने का संदेश मिलता है।

कहानी में राजा हरिश्चंद्र सत्य और न्याय के पालन के लिए अपना सब कुछ त्याग देते हैं। उन्हें अपना राज्य, धन, और परिवार छोड़कर कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। वह एक श्मशान में दास के रूप में काम करते हैं, लेकिन कभी भी सत्य और धर्म का मार्ग नहीं छोड़ते।

कहानी के आखिरी हिस्से में, उनकी सत्यनिष्ठा और धैर्य से प्रभावित होकर देवता उन्हें उनका सब कुछ वापस लौटा देते हैं। यह कथा सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी सच्चाई, धैर्य, और साहस का पालन करने से अंत में विजय प्राप्त होती है।

2. आप जब भी घर से स्कूल जाते हैं कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा होता है। सूरज डूबने का समय भी आपको खेल के मैदान से घर लौट चलने की सूचना देता है कि घर में कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा है-प्रतीक्षा करनेवाले व्यक्ति के विषय में आप क्या सोचते हैं? अपने विचार लिखिए।

उत्तर: प्रतीक्षा करने वाला व्यक्ति मेरे प्रति अपने स्नेह, चिंता और जुड़ाव को दर्शाता है। जब मैं घर से स्कूल या खेल के मैदान जाता हूं, तो मुझे यह एहसास होता है कि कोई मेरा बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उनकी प्रतीक्षा में न सिर्फ मेरा स्वागत होता है, बल्कि वह मेरे अनुभवों को सुनने के लिए भी तैयार रहते हैं। यह भावना सुरक्षा, अपनापन और प्यार का एहसास कराती है। मैं उनके प्रति आभार महसूस करता हूं और उनकी भावनाओं की कद्र करता हूं। उनकी प्रतीक्षा मुझे समय का महत्व समझने और जिम्मेदार बनने के लिए भी प्रेरित करती है।

अनुमान और कल्पना

1. अंतरिक्ष के पार की दुनिया से क्या सचमुच कोई बस आती है जिससे खतरों के बाद भी बचे हुए लोगों की खबर मिलती है? आपकी राय में यह झूठ है या सच? यदि झूठ है तो कविता में ऐसा क्यों लिखा गया? अनुमान लगाइए यदि सच लगता है तो किसी अंतरिक्ष संबंधी विज्ञान कथा के आधार पर कल्पना कीजिए कि वह बस कैसी होगी, वे बचे हुए लोग खतरों से क्यों घिर गए होंगे? इस संदर्भ को लेकर कोई कथा बना सकें तो बनाइए।

उत्तर: अंतरिक्ष के पार से आने वाली बस एक प्रतीकात्मक कल्पना है, इसलिए यह सच नहीं है। कविताओं में ऐसे बिंब मानवीय आशा, मुक्ति, या किसी अनजान दुनिया से नया संदेश लाने के प्रतीक हो सकते हैं। यदि इसे विज्ञान कथा के रूप में देखा जाए, तो यह एक अंतरिक्ष यान हो सकता है जो किसी दूरस्थ ग्रह पर आपदा में फंसे लोगों को बचाने के लिए भेजा गया है। ये लोग किसी एलियन आक्रमण, पर्यावरणीय संकट, या तकनीकी विफलता के कारण खतरे में हो सकते हैं। यह बस उन्नत तकनीकों से लैस होगी, जिसमें जीवनरक्षक उपकरण, कृत्रिम वातावरण, और तेज़ गति से यात्रा करने की क्षमता होगी। कथा मानवीय जिजीविषा और अनिश्चितता में आशा की खोज का प्रतीक बन सकती है।

पहाड़ से ऊँचा आदमी

कहानी से

1. दशरथ माँझी ने पहाड़ को काटने का संकल्प क्यों लिया?

उत्तर: दशरथ माँझी की पत्नी बीमार पड़ गई थी और दशरथ मांझी के गांव से सबसे नजदीकी वजीरगंज अस्पताल 90 किलोमीटर की दूरी पर था और समय पर अस्पताल न पहुँच पाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। इससे आहत होकर उन्होंने पहाड़ को काटकर रास्ता बनाने का संकल्प लिया ताकि भविष्य में गाँव के लोगों को ऐसी परेशानी न हो।

2. दशरथ माँझी ने पहाड़ काटने में कितने साल लगाए?

उत्तर: दशरथ माँझी ने अकेले छेनी और हथौड़ा से ही करीब 22 साल तक मेहनत करके पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया।

3. गेलौर गाँव से वजीरगंज की दूरी कितनी थी, और पहाड़ काटने के बाद यह कितनी हो गई?

उत्तर: पहले गेलौर गाँव से वजीरगंज की दूरी 80 किलोमीटर थी, लेकिन दशरथ माँझी द्वारा पहाड़ काटने के बाद यह घटकर 13 किलोमीटर रह गई।

4. दशरथ माँझी को किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर: दशरथ माँझी को ‘माउंटेन मैन’ के नाम से जाना जाता है।

5. दशरथ माँझी का जन्म और मृत्यु कब औ कहाॅं हुई?

उत्तर: दशरथ माँझी का जन्म 1934 में गेलौर गाँव, गया जिला, बिहार में हुआ था और उनका निधन 2007 में राजधानी दिल्ली में हुआ।

6. दशरथ माँझी के प्रयास को किस प्रसिद्ध स्मारक से तुलना की गई?

उत्तर: उनके प्रयास को एक अंग्रेज पत्रकार ने ‘गरीबों का ताजमहल’ (Poor Man’s Taj Mahal) कहा।

7. पहाड़ काटते समय गाँव वालों की शुरू में क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर: गाँव वाले और राहगीर का  दशरथ माँझी के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया नहीं थी वे दशरथ मांझी का मजाक उड़ाते थे और उन्हें पागल समझते थे।

8. दशरथ माँझी की सोच कबीरपंथी विचारधारा से कैसे जुड़ी थी?

उत्तर: दशरथ माँझी गरीबों और मेहनतकशों की कठिनाइयों को समझते थे। वे अंधविश्वास और धार्मिक रूढ़ियों का विरोध करते थे, जैसे कि मृत्यु भोज पर बेवजह खर्च करना।

9. दशरथ माँझी को किस पौराणिक पात्र से जोड़ा गया है?

उत्तर: उन्हें भगीरथ और प्रोमेथियस जैसे पौराणिक पात्रों से जोड़ा गया है, जो अपनी जिद्द और संकल्प के लिए प्रसिद्ध थे।

10. दशरथ माँझी ने अपने जीवन का कौन-सा फलसफा बताया?

उत्तर: उन्होंने कहा कि “पहाड़ मुझे उतना ऊँचा कभी नहीं लगा जितना लोग बताते हैं। मनुष्य से ज्यादा ऊँचा कोई नहीं होता।”

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