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Class 9 Hindi (MIL) Ambar Bhag 1 Chapter 17 वे भूला नहीं जा सकता
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वे भूला नहीं जा सकता
पाठ – 17
Group – B: गद्य खंड
बौध एवं विचार
1. सही विकल्प का चयन कीजिए:
(क) किस वर्ष में आम चुनाव के बाद लोकप्रिया गोपीनाथ बरदलै का नाम चारों और फैल गया?
(i) सन 1933
(ii)सन 1934
(iii) सन 1935
(iv) सन 1939
उत्तर:- सन 1933.
(ख) लोकप्रिया गोपीनाथ बरदलै किस खेल के अच्छे खिलाड़ी थे?
(i) फुटबॉल।
(ii) हॉकी।
(iii) क्रिकेट।
(iv) बैडमिंटन।
उत्तर:- क्रिकेट।
(ग) लोकप्रिया गोपीनाथ बरदलै ने विधान परिषद में किसके लिए विशेष स्थान सुरक्षित करवाया?
(i) असम राज्य के किसानों के लिए।
(ii) असम राज्य के शिक्षित वर्ग के लिए।
(iii) असम राज्य के मैदानी भागों में रहने वाले भूमिपतियों के लिए।
(iv) असम राज्य के आदिवासियों के लिए।
उत्तर:- असम राज्य के आदिवासियों के लिए।
(घ) आजादी मिलने के बाद असम में पूर्वी पाकिस्तान के साथ मिला देने की साजिश किसने रची?
(i) कांग्रेसी नेताओं ने।
(ii) किसानों ने।
(iii) मुस्लिम लीग के नेताओं।
(iv) अंग्रेजों ने।
उत्तर:- मुस्लिम लीग के नेताओं ने।
2. एक वाक्य में उत्तर दीजिए:
(क) अचल हिमालय कहां और किस प्रकार खड़ा है?
उत्तर:- शिखरों से मंडित उत्तराखंड में अचल हिमालय खड़ा है।
(ख) हिमालय के बाए पार्श्व में क्या है?
उत्तर:- रामानीक पहाड़िया और घटिया है।
(ग) प्राकृति का नयनाभिराम क्रीड़ा स्थल किसे कहा गया है?
उत्तर:- असम को।
(घ) वर्तमान असम का निर्माता किसे कह सकते हैं?
उत्तर:- गोपीनाथ बरदलै।
(ङ) गोपीनाथ बरदलै को किस प्रकार के संगीत बेहद प्रिय थे?
उत्तर:- उनको धार्मिक बरगीत, भजन और कविंद्र-रविंद्र के संगीत बड़े प्रिय थे।
(च) गोपीनाथ बरदलै को किस कार्य में सबसे ज्यादा रुचि थी?
उत्तर:- रचनात्मक कार्य में बड़ी अभिरुचि थी।
(छ) महात्मा गांधी सांप्रदायिक एकता में क्या देखते थे?
उत्तर:- राष्ट्र की स्वतंत्रता देखते थे।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:
(क) नवीन चंद्र बरदलै का जनता-जनार्दन के विषय में क्या दृष्टिकोण था?
उत्तर:- नवीन चंद्र बरदलै ने जनता-जनार्दन की निस्वार्थ सेवा कर असम के अज्ञान अंधकार में नवीन ज्ञान चंद्र का प्रकाश दिया था।
(ख) असहयोग आंदोलन में स्व. तरुण राम भूकंप की भूमिका पर प्रकाश डालिए?
उत्तर:- स्वर्गीय तरुण राम ने असहयोग के क्रांतिकारी आंदोलन में अखिल भारतीय नेताओं में अपना यशस्वी स्थान प्राप्त किया उनकी अलौकिक प्रतिभा और विशाल व्यक्तित्व ने जनता के हृदय को जीत लिया।
(ग) गांधी जी के संपर्क में आने से बरदलै जी के व्यक्तित्व में क्या बदलाव आया?
उत्तर:- महात्मा गांधी जी के संपर्क में आने पर उक्त गुण स्वाभाविक न्यायप्रियता और कराहती मानवता के प्रति आंतरिक संवेदना में बदल गए वे बड़े दुर्बल मन से फलाफल की चिंता ना कर कार्य करने लगे फलत: उनका व्यक्तित्व व्यापक बनने लगा हृदय की दुर्बलता मिटाने लगी और अनिश्चित ध्येय निश्चित और निकटस्थ दिखाई देने लगा।
(घ) राजनीति के अतिरिक्त बरदलै जी किन क्षेत्रों में आगे थे?
उत्तर:- वह बड़े अच्छे खिलाड़ी थे विशेषतया वह अच्छे क्रिकेटर थे वह अच्छे गायक भी थे।
(ङ) गोपीनाथ बरदलै पर गांधीवाद का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:- गांधीवाद का उन पर बड़ा प्रभाव पड़ा महात्मा गांधी जी सांप्रदायिक एकता में ही राष्ट्रों की स्वतंत्रता सन्निहित देखते थे इस भावना से स्वर्गीय गोपीनाथ जी बड़े ही समर्थक थे उनकी दृष्टि में सभी जाति धर्म और वर्ग के लोग पहले भारतीय और पीछे और कुछ थे।
(च) गोपीनाथ बरदलै ने असम की पिछड़ी जातियों और जनजातियों के लिए क्या किया?
उत्तर:- उन्होंने जब जहां कुछ अवकाश मिला कि उसे और चले जहां प्रांत का प्राकृतिक मानव समाज कृत्रिमता से दूर प्राकृतिक और नियति की क्रिड़ावस्तु बना हुआ जीवन व्यतीत कर रहा था गोपीनाथ जी असम के पिछले जनजातियों और आदिवासियों के लिए सचमुच संभल, सहायक, और शासक और सदुपदेशक थे।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के सम्यक उत्तर दीजिए:
(क) असम के विकास में गोपीनाथ बरदलै के योगदान का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:- स्वर्गीय गोपीनाथ बरदलै को रचनात्मक कार्य में बड़ी अभिरुचि थी। उन्होंने जनसाधारण पर अपनी उत्कृष्ट देशभक्ति और त्याग तपस्या की एक मोहन लगा दि। वैसे ही घर विषम परिस्थिति में भी वह धीर और गंभीर बने रहे। जेल जीवन में उन्होंने असम के विभिन्न धर्म का भी अध्ययन किया है इससे उनका मुख्यमंत्री होने पर शासन में बड़ी सहायता मिली उक्त दोनों बटन मुख्यमंत्री की हैसियत से उन्हें सफलता की कुंजी सी मिली पर सफल मुख्यमंत्री के पद पर होने की अतिरिक्त जनता के दिमाग पर जो प्रभाव पड़ा हुआ कुछ और स्थायी है।
(ख) असम में हिंदी विकास के लिए बरदलै जी ने क्या किया?
उत्तर:- जेल में उन्होंने राष्ट्रभाषा हिंदी सीखी गीता पर महात्मा गांधी के विचारधारा को जो हिंदी में प्रकाशित थी अपने असमिया भाषा में अनुवाद किया। वह गीता का नियमित पाठ करने लगे और धीरे-धीरे जड़वाड़ी कोलाहल से वैराग्य लेने लगे। यह निवृत्ति अंत काल में इतनी बढ़ गई कि वह राजनीतिक कार्यों में संकोच दिखने लगे। उन्होंने असम में बुनियादी शिक्षा और हिंदी प्रचार की नीव दी।
(ग) लोकप्रिया गोपीनाथ बरदलै जी की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:- उनका व्यक्तित्व महान और व्यापक था वह पांच या मध्यस्थ की तरह काम करने लगे। वह बड़े अच्छे खिलाड़ी थे अच्छे क्रिकेटर थे। उन्होंने असम के विकास के लिए अनेकों योगदान दिए हैं। जेल जीवन में वह राष्ट्र कर्मियों के संपर्क में आए। वहां कि गर्मी से कौन सा काम करना चाहिए उन्होंने सब कर्मियों को इस काम में लगाकर कुशल सेनानायक की तरह स्वतंत्रता संग्राम के लिए असम राज्य में खासी मोर्चाबंदी कर दी। असम में हिंदी विकास के लिए उन्होंने हिंदी सीखी वह असम की पिछड़ी जाति और आदिवासियों के लिए सहायक बने।
(घ) गोपीनाथ बरदलै जनसाधारण से कैसा व्यवहार करते थे?
उत्तर:- वह ग्वालों और निम्न वर्ग के अनपढ़ लोगों से स्वच्छंद पूर्वक बिना किसी भेदभाव के मिलते थे और वह जो देते थे वह प्रसन्नता पूर्वक खाते पीते साथ-साथ डोलते-फिरते और रहते थे। उनके हृदय में कभी यह भावना नहीं होती कि वह उच्च कुल संभूत होकर क्यों उपेक्षणीय वर्ग से इस तरह मिले-जुले।
(ङ) मुस्लिम लीग के नेताओं ने असम के प्रति क्या साजिश की?
उत्तर:- स्वतंत्र आने के बाद देश के विभाजन के समय एक प्रस्ताव हुआ कि असम पूर्वी पाकिस्तान से मिला दिया जाए। लेकिन नेताओं ने इसके लिए जोरदार साजिश की। कुछ नेताओं का ध्यान था कि असम को पाकिस्तान को दे दिया जाए और रोज-रोज का झगड़ा मिटा लिया जाए। महात्मा गांधी तो विभाजन के ही विरुद्ध थे। गोपीनाथ जी महात्मा गांधी जी से मिले औरउनसे परामर्श किया महात्मा गांधी जी ने उनको सलाह दी कि वह इस प्रश्न का घोर विरोध करें। उसे समय ऐसा जान पड़ा मानो वह समूचा असम की जनशक्ति में समन्वित होकर असम रक्षा के लिए अचल और अटल खड़े हैं।
5. आशा स्पष्ट कीजिए:
(क) उत्तराखंड का प्रत्येक यात्री देसी हो या विदेशी हिमालय की विशालता और अपूर्व शोभा देखकर आनंद-विभोर हो जाता है।
उत्तर:- उक्त पंक्तियां अंबर भाग एक के वह भूल नहीं जा सकते नामक पाठ से ली गई है इसके लेखक कामाख्या प्रसाद त्रिपाठी जी है।
उक्त पंक्तियां में लेखक ने उत्तराखंड की सुंदरता का वर्णन किया है। उन्होंने कहा है कि पर्वत मालाओं से परिवेष्टित असम की इन पहाड़ियों को देखकर ऐसा कौन व्यक्ति होगा जो प्राकृतिक की इस सुंदरता को देखकर अपने आप को ना भूल जाए।
(ख) बरदलै जी के जीवन का दूसरा पहलू भी आती उज्जवल है इनमें हम उनके सांस्कृतिक साहित्यिक और साधे जीवन की एक उत्कृष्ट झलक पाते हैं।
उत्तर:- उक्त पंक्तियां अंबर भाग एक के वह भूल नहीं जा सकते नामक पाठ से ली गई है इसके लेखक कामाख्या प्रसाद त्रिपाठी जी है।
इस पंक्ति में लेखक करने बरदलै जी के सादे जीवन की सुंदरता का वर्णन किया है। वह अपने हाथ से कटे सूट की खाड़ी पहनते थे। जेल में उन्होंने राष्ट्रभाषा हिंदी सीखी गीता पर महात्मा गांधी के विचारधारा को, जो हिंदी में प्रकाशित थी अपने असमिया भाषा में अनुवाद किया वह गीता का नियमित पाठ करने लगे और धीरे-धीरे जड़वाड़ी कोलाहल से वैराग्य लेने लगे।
6. सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
(क) मनुष्य जीवन में ऐसी घड़ियां भी आती है जब समय उसकी देशभक्ति, सेवा, सहिष्णुता सौजन्यता दृढ़ता और साहस को परीक्षा की कसौटी पर रख देते हैं।
उत्तर:- उक्त पंक्तियां अंबर भाग एक के वह भूल नहीं जा सकते नामक पाठ से ली गई है इसके लेखक कामाख्या प्रसाद त्रिपाठी जी है।
अप पंक्तियों के संदर्भ में लेखक ने यह कहा है कि स्वतंत्र आने के बाद जब देश के विभाजन के समय प्रस्ताव हुआ क्या संपूर्ण पाकिस्तान से मिला दिया जाए। इसके लिए नेताओं ने जोरदार साजिश की थी समुचित देश में हलचल थी कुछ नेताओं का ध्यान था कि असम को पाकिस्तान को दे दिया जाए और रोज-रोज का झगड़ा मिटा लिया जाए तब गोपीनाथ जी समूचे असम की प्रजा लेकर राजनीतिक गोवर्धन उठाने के लिए खड़े हो गए यदि स्वर्गीय बरदलै के विचार और ध्येय मैं दृढ़ता ना होती तो आज समूचा असम पाकिस्तान के बुटों के नीचे पूर्वी पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की तरह कराहता होता।
(ख) महत्ता एक मकड़ी का जाल हैं यद्यपि जाल के बारीक तागे आवश्य है फिर भी दृढ़ सुंदर और शांति विधायक है नश्वर होते हुए भी स्मरणीय है।
उत्तर:- उक्त पंक्तियां अंबर भाग एक के वह भूल नहीं जा सकते नामक पाठ से ली गई है इसके लेखक कामाख्या प्रसाद त्रिपाठी जी है।
उक्त पंक्तियां द्वारा लेखक यह कहना चाहते हैं कि व्यक्ति के गुण उनके नहीं रहने के बाद भी स्मरणीय रह जाते हैं। गोपीनाथ जी के द्वारा दिए गए योगदान आज भी स्मरणीय है। इतिहास के विस्तृत पैमाने को देख कौन कह सकता है कि वह कब तक जीवित रहेगा|किंतु जब उस मनुष्य की स्मृति को पीछे मुड़कर देखा जाता है जिसने भारत के एक विभाग की भाग्य रेखा सवारी तब उसका कार्याकल्प और व्यक्तित्व स्पष्ट झलक उठता है। इसी से कहते हैं की “बड़ी थी खूबियां मरने वालों में वह भूले नहीं जा सकते”।
(ग) यदि स्वर्गीय बरदलै के विचार और ध्येय में दृढ़ता ना होती तो आज समूचा असम पाकिस्तान के बूटों के नीचे पूर्वी पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की तरह कराहता रहता।
उत्तर:- उक्त पंक्तियां अंबर भाग एक के वह भूल नहीं जा सकते नामक पाठ से ली गई है इसके लेखक कामाख्या प्रसाद त्रिपाठी जी है।
इस पंक्ति द्वारा लेखक का आशय यह है कि अगर महात्मा गांधी और गोपीनाथ बरदलै जी देश के विभाजन के विरुद्ध ना होते तो असम को पाकिस्तान को दे दिया जाता और असम वासियों को अनेक कठिनाई तथा परेशानियों का सामना करना पड़ता। गोपीनाथ जी महात्मा गांधी जी से मिले और उनसे परामर्श किया महात्मा जी ने उनको सलाह दी कि वह इस प्रश्न का घोर विरोध करें।
भाषा एवं व्याकरण:
1. निम्नलिखित शब्दों के संधि–विच्छेद करके संधि के भेदों के नाम भी लिखिए:
उज्ज्वल, उत्तराखंड, हिमालय, नयनाभिराम, निःस्वार्थ, अत्युक्ति, ईशवरेच्छा, सम्बल, मनोयोग, तुषाराच्छादित, यद्यपि, पूर्वोत्तरी, मनोवैज्ञानिक, सदुपदेशक, महात्मा
उत्तर:
शब्द | संधि-विच्छेद | भेद |
उज्जवल | उत् + ज्वल | व्यंजन संधि |
उत्तराखंड | उतर + अखंड | स्वर संधि |
हिमालय | हिम + आलभ | स्वर संधि |
नयनाभिराम | नयन + अभिराम | स्वर संधि |
निः खार्थ | निः + स्वार्थ | विसर्ग संधि |
अत्युक्ति | अति + उक्ति | स्वर संधि |
ईश्वरेच्छा | ईश्वर + इच्छा | स्वर संधि |
सम्बल | सम् + बल | स्वर संधि |
मनोयोग | नमः + योग | विसर्ग संधि |
तुषाराच्छादित | तुषार + आच्छादित | स्वर संधि |
यद्यपि | यदि + अति | स्वर संधि |
पूर्वोत्तरी | पूर्व + उत्तरी | स्वर संधि |
मनोवैज्ञानिक | मनः + वैज्ञानिक | विसर्ग संधि |
सदुपदेशक | सत् + उपदेशक | स्वर संधि |
महात्मा | महान + आत्मा | स्वर संधि |
2. निम्नलिखित शब्दों के उपसर्ग एवं प्रत्यय अलग–अलग कीजिए:
प्रतिनिधि, अनुवाद, साहित्यिक, अवकाश, भारतीय, सहिष्णुता, प्रसन्नता, मानसिक, आर्थिक, मानवता, प्रशासक, अहिंसा, स्वाभाविक, व्यक्तित्व
उत्तर:
शब्द | उपसर्ग | प्रत्यय |
प्रतिनिधि | प्रति | इ |
अनुवाद | अनु | अ |
साहित्यिक | – | इक |
अवकाश | अव | अ |
भारतीय | _ | इय |
सहिष्णुता | स | ता |
प्रसन्नता | प्र | ता |
मानसिक | – | इक |
आर्थिक | – | इक |
मानवता | – | ता |
अहिंसा | अ | आं |
स्वाभाविक | सु | इक |
व्यक्तित्व | वि | त्व |
3. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:
आवश्यक, प्राकृतिक, देशी, बाएँ, सुंदर, प्रकाश, निर्माणक, नवीन, उत्कृष्ट, विषम, जीवन, मानव, शान्त, उतार, हर्ष, हार, दुर्बल, कर्तव्य, धर्म, पिछड़ी, अपना, सत्य, प्रेम, अहिंसा, पूर्ण, आस्था, स्वतंत्रता
उत्तर: आवश्यक – अनावश्यक।
देशी – विदेशी।
सुंदर – कुरूप।
निर्माणक – विध्वंसक।
उत्कृष्ट – निकृष्ट।
जीवन – मृत्यु।
शान्त – अशान्त।
हर्ष – विषाद।
दुर्बल – सबल।
धर्म – अधर्म।
अपना – पराया।
प्रेम – घृणा।
पूर्ण – अपूर्ण।
स्वतंत्रता – परतंत्रता।
प्राकृतिक – कृत्रिम।
बाएँ – दाएँ।
प्रकाश –अंधकार।
नवीन – प्राचीन।
विषम – सम।
मानव – दानव।
उतार – चढ़ाव।
हार – जीत।
कर्तव्य – अकर्तव्य।
पिछड़ी – विकसित।
सत्य – असत्य।
अहिंसा – हिंसा।
आस्था – अनास्था।
कवि सबंधित प्रश्न उत्तर:
1. कवि का परिचय दीजिए?
उत्तर: कामाख्या प्रसाद त्रिपति जी असम की राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका से लोकप्रिय बन गए थे। वे असम सरकार में मंत्री थे तो उनकी गणना सफल तथा योग्य मंत्रियों में को जाती थी। असम के वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने अपूर्ण दक्षता का परिचय दिया जो सराहनीय है।
2. इनकी प्रमुख कृतियां के नाम लिखिए?
उत्तर: एशिया के बागानों में श्रम-पूंजीगत संबंध में संकट, राष्ट्रीय नीति में मजदुरी आदि।
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