Assam Jatiya Bidyalay Class 6 Hindi Chapter 12 महापुरुष, Assam Jatiya Vidyalaya | অসম জাতীয় বিদ্যালয় হিন্দী Class 6 Question Answer to each chapter is provided in the list of SEBA so that you can easily browse through different chapters and select needs one. Assam Jatiya Bidyalay Chapter 12 महापुरुष Class 6 Hindi Question Answer can be of great value to excel in the examination.
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महापुरुष
Chapter – 12
অসম জাতীয় বিদ্যালয়
পাঠভিত্তিক ক্রিয়াকলাপৰ প্রশ্নোত্তৰ
মহাপুৰুষ শ্ৰীমন্ত শংকৰদেৱ অসমীয়া জাতিৰ জনক। তেওঁ সীমাৰ পৰিধি ভাঙি একতা, মৈত্রী ভাতৃত্বৰ ভাবেৰে গোটেই সংসাৰখনকে একতাৰ ডোলেৰে বান্ধিব বিচাৰিছিল। |
सारांश : असम का गगन जव तिमिरों से घिरा था, चारों ओर हाहाकर क धुम मचा था तब 1449 सन् में पिता कुसुम्बर भुञा और माता सत्यसन्ध्या की जीवन में एक उज्ज्वल नक्षत्र आया। उनका नाम महापुरुष श्रीमन्त करदेव। नगाँव का आलिपुखुरी नामक गाँव में वे जन्मे। लेकिन दादीमाँ ब्रेरसूती ने उनका पालन-पोशन की। बारह सालतक उनका शिक्षा न हुई। खेरसूती से उन्हें गाली खानी पड़ी। दादी ने एक दिन उन्हें गुरु महेन्द्र कन्दली के घर में ले आयी और गुरु को सौंप दी। उनकों चौदह शास्त्र, उठारह राण का जब ज्ञान हो गया तो उन्हें महात्मा के रूप में लोग मानने लगी। नामधर्म प्रचार के लिए जाति-पाँति को छोड़ दिये थे और एकता के महामन्त्र से सब को जोड़ लीए थे।
शब्द (শব্দ) | अर्थ (অৰ্থ) | |
ज्योतिपुंज | प्रकाश का समूह | জ্যোতিপুঞ্জ |
नटखट | दुष्ट | দুষ্ট |
तिमिर | अंधकार | অন্ধকাৰ |
ग्राम | गाँव | গাঁও |
महात्मा | महान पुरुष महान आत्मा | মহাত্ম |
बलशाली | बलवान | বলবান |
पुराण | हिन्दुओं का धर्मग्रन्थ | হিন্দুৰ ধৰ্মগ্রন্থ |
जगमग | प्रकाशित | প্রকাশিত |
प्रश्न- अभ्यास (প্ৰশ্ন অভ্যাস)
प्रश्न : 1. प्रस्तुत कविता को दोहराओ और कण्ठस्थ लिखो। (প্ৰস্তুত কবিতাটো পুনৰাবৃত্তি কৰা আৰু মুখস্থ লিখা)
प्रश्न : 2. संक्षेप में उत्तर दो : (সংক্ষেপে উত্তৰ দিয়া)
(i) असम के ज्योतिपूंज से मतलब क्या है ?
उत्तर : असम के प्रकाशित महात्मा जो असम को त्राणकर्ता के रूप में आये।
(ii) शंकरदेव का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर : शंकरदेव का जन्म सन् 1449 को नगाँव जिला का आंलिपुखुरी नामक गाँव में हुआ था।
(iii) शंकरदेव के माता-पिता कौन थे ?
उत्तर : शंकरदेव के माता थी सत्यसन्ध्या और पिता थे कुसुम्बर भुञा ।
(iv) खेरसूती कौन थी ?
उत्तर : खेरसूती शंकरदेव की दादीमाँ थी।
(v) महेन्द्र कन्दली कौन थे ?
उत्तर : महेन्द्र कन्दली श्रीमन्त शंकरदेव के गुरु थें ৷
(vi) शंकरदेव ने किस धर्म का प्रचार की थी ?
उत्तर : शंकरदेव एकशरण नाम धर्म का प्रचार किया था।
प्रश्न : 3. प्रस्तुत कविता को गद्यभाषा में लिखो। (প্ৰস্তুত কবিতাটো গদ্যত লিখা)
उत्तर : सारांश देखो।
प्रश्न : 4. “असम का ज्योति
……………
तिमिरों से घिरा”- से कवि का आशय स्पष्ट करो।
उत्तर : असम देस में जब जात-पात, धर्म-विद्वेष, हिंसा आदि से काला दिन था उसी समय में श्रीशंकरदेव का आविर्भाव उज्ज्वल ज्योतिष्क की तरह है जो तिमिर को नाश किया था।
प्रश्न : 5. “चौदह शास्त्र, अठारह पुराण
……………
सारा संसार हिला।”
यहाँ संसार हिलने से तात्पर्य क्या है ?
उत्तर : श्रीशंकरदेव के ज्ञान की प्रतिभा अपार था। चौदह शास्त्र, अठारह पुराण की सारी बातें संसार के सामने जब रख दिया तब सारा संसार की लोग आध्यात्मिक चिन्ता से हिल गया।
प्रश्न : 6. वाक्य बनाओ (বাক্য সাজা)
महात्मा, बलशाली, नटखट, शास्त्र, जगमगा
उत्तर : महात्मा- महापुरुष का मतलब महात्मा है।
बलशाली- शंकरदेव के आगे महा बलशाली लोग भी डर जाते थे।
नटखट- छोटे काल में शंकरदेव कृष्ण की तरह नटखट था।
शास्त्र- शंकरदेव का शास्त्र ज्ञान अपार था।
जगमगा- उनकी ज्ञान की ज्योति से सारा देश जगमगा उठा।
प्रश्न : 7. खाली जगहों की पूर्ति करो : (খালি ঠাই পূৰণ কৰা)
उत्तर :
नगाँव का आलिपुखुरी
जन्म ग्राम उनका
पाला पोसा दादी माँ ने
खेरसूती नाम जिनका।
प्रश्न : 8. ‘क’ अंश के साथ ‘ख’ अंश को मिलाओ : (‘ক’ অংশৰ লগত ‘খ’ অংশ মলোৱা)
‘क’ | ‘ख’ |
नामधर्म | त्रिपिटक |
जैन धर्म | कुराण शरीफ |
इसलाम धर्म | कीर्तन घोषा |
ईसाई धर्म | अंग |
बौद्ध धर्म | बाइबेल |
उत्तर :
‘क’ | ‘ख’ |
नामधर्म | कीर्तन घोषा |
जैन धर्म | अंग |
इसलाम धर्म | कुराण शरीफ |
ईसाई धर्म | बाइबेल |
बौद्ध धर्म | त्रिपिटक |
प्रश्न : 9. टिप्पणियाँ : (চমু টোকা)
उत्तर : माधवदेव : सन् 1486 ई. में उत्तर लक्षीमपुर के नारायणपुर में माधवदेव का जन्म हुआ था। नामघोषा, भक्ति-रत्नावली, रामायण (आदिकाण्ड), जन्म रहस्य, चोरधरा पिम्परा गुछोवा, भोजन-बेहार, नृसिंह यात्रा, रामयात्र आदि। माधवदेव पहले शाक्त थे। सन् 1596 में आपकी स्वर्गवास हुआ।
शंकरदेव : शंकरदेव भुञा वंश के शिरोमणि कुसुम्बर भुआ का पुत्र था। आप की माता थी सत्यसंध्या। सन् 1449 ई नगाँव जिला के आलिपुखुरी नामक जगह पर आप का जन्म हुआ। गुरु महेन्द्र कन्दली के सुशिक्षा प्राप्त कर आपने व्याकरण, दर्शन, पुराण, महाभारत, रामायण, योगशास्त्र आदि में निपुण हो गया। आपकी पत्नी का नाम था सुर्यवती और कन्या का नाम था मनु । श्रीशंकरदेव एक शरण नाम धर्म प्रचार किया था। ‘हरिचन्द्र उपाख्यान’, ‘रुक्मिणी हरण’, ‘भक्ति प्रदीप’, ‘कीर्तन घोषा’, ‘कंस बध’, ‘जन्मयात्रा’, ‘पारिजात हरण’, ‘रामविजय’ आदि उनके अमर कृति है। सन् 1568 ई. में आप स्वर्ग सिधारे।
प्रश्न : 10. आओ, जान लें : (আহা, জানি লওঁ) অপ্ৰাণীবাচক শব্দৰ লিংগ নিৰ্ণয়ৰ নিয়মসমূহ –
(i) घर, कल, कपड़ा, पैसा আদি ‘अ’-কাৰান্ত আৰু ‘आ’ কাৰান্ত বেছিভাগ শব্দই পুংলিংগ।কন্তু किताब, मेज আঁख, जीभ, बात, कोशिश, हवा, दुनया, दवा, सजा, आदि शब्द स्त्रीलिंग हैं।
(ii) অপ্রাণীবাচক रोटी, कुर्सी, নदी, घड़ी আদি ‘ई’-কাৰান্ত শব্দ স্ত্রীলিংগ। কিন্তু पानी, घी, जी, दही, मोती আদি শব্দ পুংলিংগ।
(iii) হিন্দীৰ কঠিন, টান, শক্তিশালী, শ্রেষ্ঠতা বোধ হোৱা শব্দবোৰ পুংলিংগ। যেনে- जहाज, पत्थर, आकाश, पेड़, पहড়। কোমল, দুর্বল আৰু সাধাৰণ আকাৰ বুজোৱা শব্দ স্ত্রীলিংগ।
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