Assam Jatiya Bidyalay Class 6 Hindi Chapter 1 तब याद तुम्हारी आती है, Assam Jatiya Vidyalaya | অসম জাতীয় বিদ্যালয় হিন্দী Class 6 Question Answer to each chapter is provided in the list of SEBA so that you can easily browse through different chapters and select needs one. Assam Jatiya Bidyalay Chapter 1 तब याद तुम्हारी आती है Class 6 Hindi Question Answer can be of great value to excel in the examination.
Assam Jatiya Bidyalay Class 6 Hindi Chapter 1 तब याद तुम्हारी आती है Notes covers all the exercise questions in Assam Jatiya Bidyalay SEBA Textbooks. The Assam Jatiya Bidyalay Class 6 Hindi Chapter 1 तब याद तुम्हारी आती है provided here ensures a smooth and easy understanding of all the concepts. Understand the concepts behind every chapter and score well in the board exams.
तब याद तुम्हारी आती है
Chapter – 1
অসম জাতীয় বিদ্যালয়
পাঠভিত্তিক ক্রিয়াকলাপৰ প্রশ্নোত্তৰ
বাৰ্তা : প্ৰস্তুত কবিতাটিৰ জৰিয়তে কবিয়ে এই বিশ্ব ব্রহ্মাণ্ডৰ অনুপম আৰু অপূর্ব সৃষ্টি দেখি সৃষ্টিকর্তা পৰম্ পিতাক স্মৰণ কৰিছে।
मस्ती सुबह खुशवू सिरजनहार
मेहफिल शाम सन्देशा हरियाली
মতলীয়া ৰাতিপুৱা সুগোন্ধ সৃষ্টিকর্তা
মেহফিল সন্মান বাতৰি সেউজীয়া
অসমীয়া ভাঙনি : যেতিয়া ৰাতিপুৱাতেই বহুতো চৰাই উঠি কিছু গীত আনন্দ মনেৰে গায়, ফুলৰ কলিবোৰে যেতিয়া মিচিকিয়া হাঁহি মাৰি পৃথিবীলৈ অহাৰ জাননী দিয়ে, সুগন্ধিত ঢৌবোৰ যেতিয়া বাহিৰৰ পৰা ঘৰৰ ভিতৰত সোমায়, হে জগতৰ সৃষ্টিকর্তা প্রভু! তেতিয়া তোমালৈ মনত পৰে।
যেতিয়া চম-চমকৈ পানীৰ টোপালবোৰ পৰে, যেতিয়া বিজুলীয়ে চিক্মিকাবলৈ ধৰে, হে জগতৰ সৃষ্টিকর্তা প্রভু তোমালৈ মোৰ মনত পৰে। পথাৰৰ বননি বাগিচা যেতিয়া সেউজীয়া হয়, যেতিয়া চেঁচা বতাহে ক’ৰবাৰ পৰা মাদকতা ঢোৱাই আনে, হে জগতৰ সৃষ্টিকর্তা প্ৰভু তোমালৈ মনত পৰে। ৰাতি আকাশত তৰাবোৰ মনে মনে আহি সভা পাতে, যেতিয়া জোনটোৱে সাজি-পাৰি আসন শুৱনি কৰে, অন্তৰ ভৰি উন্মাদনা জাগে একো নজনাকৈয়ে হে সৃষ্টিকর্তা প্রভু! তোমালৈ মনত পৰে।
शब्द (শব্দ) | अर्थ (अर्थ) | |
बहुत सुबह | बड़े सबेरे | দোক্-মোকালি |
खुशबू | सुगन्ध | সুগোন্ধ ভাল গোন্ধ |
सिरजनहार | सृष्टिकर्ता | সৃষ্টিকর্তা |
मस्ती | आनन्द, मादकता | আনন্দ, মাদকতা |
महफिल | सभा | সভা |
सन्देशा | खबर | বার্তা |
हरियाली | हरे रंग का | সেউজীয়া |
प्रश्न-अभ्यास (প্ৰশ্ন অভ্যাস)
प्रश्न : 1. कविता से : (কবিতাৰ পৰা)
(i) इस कविता की जबानी याद करो।
प्रश्न : कविता को कण्ठस्थ करो।
(ii) इस कविता के कवि का नाम लिखो।
उत्तर : इस कविता के कवि का नाम सोहनलाल द्विवेदी है।
(iii) सिरजनहार कौन है ? कवि को भगवान की याद क्यों आती है ?
उत्तर : सिरजनहार भगवान है। भगवान की कृपा से इस विश्व ब्रह्माण्ड की अनुपम और अपूर्व सृष्टि को देखते हैं। इससे कविको सृष्टिकर्ता परम पिता की याद आती है।
(iv) कविता के माध्यम से कवि हमें क्या बताना चाहते है ?
उत्तर : कवि ने इस कविता के माध्यम से सृजनहार की अस्तित्व को हमें बताना चाहते हैं। इस दुनिया की सभी सृष्टि भगवान से हुई है जो हमें आनन्द, सुख और तृप्ति देकर अपने अन्दर की दुनिया को जगाती है।
(v) प्रस्तुत कविता को गद्य भाषा में लिखो।
उत्तर : सबेरे जब चिड़ियाँ गीत गाने लगती है सबको खुसी देती है, फूलों की कलियाँ जब खिलने लगती है, खुशबू भरी लहरें जब घर पहुँचती तब भगवान को याद आती है। वर्षा की बूदें और बिजली जब जगमगाती मैदानों में जब हरियाली लहराती और ढंडी हवा जब आनन्द भरी मादकता ढोकर लाती तब हे जगत के सृष्टिकर्ता मुझे तुम्हें याद आती है। रात को जब चाँद तारे मेहफिल सजाती अपनी दिल की दुनिया अपने आप खोल जाती, अपने आप तुम्हारी संदेशा पहुँच जाती तब भगवान की याद आती है।
प्रश्न 2. कव आगे: (কবিতাৰ পিছত)
(i) क्या तुमने भगवान को देखा है ? आखिर इस ब्रह्माण्ड के सृष्टिकर्ता तुम किसे मानोगे ? তুমি ভগৱানক দেখিছানে ? শেষত ব্ৰহ্মাণ্ডৰ সৃষ্টিকর্তা বুলি তুমি কাক মানিবা ?
उत्तर : हमने भगवान को कही नहीं देखा। लेकिन इस ब्रह्माण्ड के सृष्टिकती भगवान है। उसे हम नहीं देख सकते, वह अदृश्य होकर भी हमारे पास है।
(ii) सोहनलाल द्विवेदी की इस कविता की तरह असमीया की कोई एक कविता पढ़कर सुनाओ। সোহনলাল দ্বিবেদীৰ কবিতাটিৰ দৰে অসমীয়া কবিতা এটা পঢ়ি শুনোৱা ।
उतर :
ঈশ্বৰ
নিচিনো তোমাক ক’ত আছা প্রভু
আমি অতি সৰু ল’ৰা,
চিঞৰি চিঞৰি মাতিলে তোমাক
নেমাতা দূৰৈৰ পৰা।
নাজানো তোমাক মিনতি কবিব
আমি অতি সৰু ল’ৰা,
আছানেকি প্ৰভু সৰগত তুমি
হই জোন-বেলি তৰা!
নুবুজোঁ তোমাৰ মৰমৰ মাত
আমি অতি সৰু ল’ৰা,
ৰিণিকি ৰিণিকি সুৰ এটি আহে
জানো ক’ৰবাৰ পৰা।
তথাপি তোমাক ভালপাওঁ প্ৰভু
আমি অতি সৰু ল’ৰা,
তোমাৰ হেঁপাহ দয়াৰে আমাৰ
বুকুখনি থাকে ভৰা।
নোৱাৰো বুজিব তোমাৰ মহিমা
আমি অতি সৰু ল’ৰা
বিলোৱা হিয়াত মৰম জেউতি
নিতে আঁতৰৰ পৰা।
ৰঘুনাথ চৌধাৰী
प्रश्न : 3 चर्चा करो : (আলোচনা কৰা)
(i) क्या तुम धरती के सृष्टिकर्ता के रूप में भगवान को मानते हो ? পৃথিবীৰ সৃষ্টিকৰ্তাৰূপত ভগবানক মানানে ?
उत्तर : भगवान को मैं मानता हूँ। क्योंकि पृथ्विी की इतनी मनमोहा सुन्दर रूप और विशाल सृष्टि मनुष्य के लिए सृष्टि करना सम्भव नहीं है।
(ii) इस कविता का एक अन्य शीर्षक सोचो। এই কবিতাটোৰ অন্য এটা শীর্ষক দিয়া।
उत्तर : ईश्वर
प्रश्न : 4. अर्थ समझाकर लिखो (অৰ্থ বুজাই লিখা)
उत्तर : जब बहुत सबेरे चिड़ियाँ खुसी से गाना गाने लगती हैं, कलियाँ मुस्कुराते हुए फूल खिलने का सम्भेद देते हैं, कलियों की दल पर खोलने का दीवार अपने-आप एक एक कर खोल जाते हैं तब भगवान तुम्हारे सृष्टि से तुम्हारी याद आती है।
प्रश्न : 5 किन पंक्तियों से पता चलता है? (কোনকেইটা শাৰীৰ পৰা জানিব পাৰি?)
(i) कवि का दिल आनन्द में जग जाता है। (কবিৰ অন্তৰ আনন্দত জাগি উঠে l)
(ii) कवि के अनुसार तारे महफिल सजाते है। (কবিৰ মতে তৰাই সভা সজায়)
उत्तर : (i) मैदानों में बन-बागों में,
जब हरियाली लहराती है।
जब ठंडी-ठंडी हवा कहीं से,
मस्ती ढोकर लाती है।
(ii) चुपचाप चमकते तारों की,
महफिल जब रात सजाती है।
जब चाँद शान में उठता है,
दिल की दुनिया जग जाती है।
टिप्पनी : मोहनलाल द्विवेदी का जन्म सन् 1905 ई. में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला के बन्दकी गाँव में हुआ था। आप बेनारस हिन्दु विश्व विद्यालय से एम. ए. और एल. एल. बी. पास किये थे। युगाधार कुण्डल, चेतना, चित्र आदि आपके काव्यकृति है। उनके काव्य-भाषा प्राजंल और खड़ीबोली हैं।
प्रश्न : समानार्थी शब्द लिखो : (সমাৰ্থক শব্দ লিখা)
उत्तर : खुशी- आनन्द
चिड़िया- पक्षी
खुशबू- सुगंध
दिल- हृदय
सुबह- सबेरा
दुनिया- धरती
गीत- संगीत
प्रश्न : वाक्य बनाओ : (বাক্য সাজা)
लहर, बूँद, मुस्कराना, हरियाली, महफिल, संदेश
उत्तर : लहर- सागर में लहर देखने को मिलता है।
बूँद- बूँद मिलकर पानी होता है।
मुस्कराना- कलियों की मुस्कारना अच्छा लगता है।
हरियाली- असम की वन हरियाली है।
महफिल- वहाँ कई लोग महफिल जमा रहे हैं।
संदेश- कोयल वसंतकाल की संदेश लाती है।
प्रश्न : लिंग बदलो : (লিংগ পৰিবর্তন কৰা)
कुत्ता, घोड़ा, बकरा, बछड़ा, सिंह
उत्तर : कुत्ता- कुतिया
बकरा- बकरी
सिंह- सिंहनी
घोड़ा- घोड़ी
बछड़ा- बछिया
पक्षियों की आवज सूचक शब्द लिखो : (পক্ষীকুলৰ মাত)
कोयल, कौआ, कबुतर, मुर्गी, पपीहा
उत्तर :
कोयल | कूक | कौआ | काव-काव |
कबुतर | गुटर गु | मुर्गी | कक् कक् |
पपीहा | पीउ-पीउ |
Hi, I’m Dev Kirtonia, Founder & CEO of Dev Library. A website that provides all SCERT, NCERT 3 to 12, and BA, B.com, B.Sc, and Computer Science with Post Graduate Notes & Suggestions, Novel, eBooks, Biography, Quotes, Study Materials, and more.