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Niketan Class 8 Hindi Chapter 1 भारत हमको जान से प्यारा है
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भारत हमको जान से प्यारा है
Chapter – 1
HINDI
SHANKARDEV SISHU VIDYA NIKETAN
TEXTUAL QUESTIONS AND ANSWERS
1. सही कथनो के आगे (√) और गलत कथनों के आगे (x) का निशान लगाओ:
(क) सबके लिए अपना देश जान से प्यारा होता है।
उत्तर :- √
(ख) सदियों से भारत दुनिया का गौरव रहा है।
उत्तर :- √
(ग) यह कोई नहीं चाहता कि उसका देश टुट कर अलग हो
उत्तर :- √
(घ) हमारे देश में हिंन्दु-मुसलमानों में एकता नहीं है।
उत्तर :- (x)
(ङ) हम सब भारतवासी है।
उत्तर :- √
(च) भारत में अनेक भाषाएँ प्रचलित है।
उत्तर :- √
2. संकेत: भारत हमको जान से जान से…।
अर्थ : प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से भारतवर्ष का गूण–गान करते हुए इसकी रक्षा में अपना सबकुछ न्योछावर करने की बात कही गई है।
हमें अपना देश भारतवर्ष अपनी जान से भी प्यारा है। यह एक न्यारे उपवन की तरह है। जिस तरह उपवन में विभिन्न रंग के फूल खिलकर उपवन की शोभा बढ़ाते हैं, उसी प्रकार भारत के अनेक जाति, संप्रदाय आदि की इंद्रधनुषी संस्कृति देश की शोभा बढ़ाते है। यही भारत भूमि प्राचीन काल से दुनिया के लिए गोरव रहा है। अतः भारत भूमि की रक्षा में अपना जीवन कुर्बान करने में हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। भारतभूमि हमें जान से भी प्यारा है।
3. संकेत : उजड़े नहीं …जागो…।
अर्थ : उक्त पंक्तियों के माध्यम से भारतवर्ष की एकता का परिचय मिलता है।
प्राचीन काल से ही भारतवर्ष अनेक जाति, संप्रदाय, भाषा-भाषी लोगों का आवासस्थल रहा है। इसके कारण ही उपवन रूपी भारतवर्ष का सौन्दर्य बढ़ा है। इसलिए यह उपवन कभी नाश न हो, यह राष्ट्र कभी खण्ड-खण्ड न हो। इसके लिए हमें सदा कोशिश करना चाहिए। कोई भी शत्रु इस राष्ट्र को बरबाद न करदे, इसे रिक्त न करदे, उसके लिए हमें तत्पर रहना चाहिए। इसी भारतवर्ष में हिन्दु, मुसलिम, बौद्ध, सीख, जैन आदि विभिन्न धर्मों के लोग स्वतंत्रता के साथ अपना धर्म पालन करते है, प्यार से एक दूसरे के साथ रहते हैं, जिसका निदर्शन हमें आज भी मन्दिर मसजिदों में दिखाई देता है।
4. संकेत: हिन्दुस्तानी नाम… हमारा है।
अर्थ : इन पंक्तियों के माध्यम से जन्म भूमि भारतवर्ष की एकता तथा परिचय का आभास मिलता है।
भारतवर्ष में रहनेवाले प्रत्येक व्यक्ति का एक ही परिचय है हिन्दुस्तानी, भारतवासी। यह देश हमें अपने जान से भी प्यारा है। इसकी विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताओं को देखते हुए हम यह गौरव से कह सकते है कि यह देश हमारे जन्मभुमि है। यहाँ रहनेवाले प्रत्येक भारतीय, चाहे उनके भाषा, जाति, संप्रदाय, धर्म अलग-अलग हो, सभी एकजुत होकर प्यार से रहते है तथा एकता के साथ किसी परिस्थिति का सामना करते है। अतः भारतवर्ष के प्रत्येक व्यक्ति का परिचय हिन्दुस्तानी है।
5. संकेत: असम से… जागो… ।
अर्थ : प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से भारतवर्ष की विशाल परिधि का आभास होता है।
भारतवर्ष अनेक राज्यों का संगठित रुप है। भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित असम से लेकर पश्चिम के गुजरात तक तथा पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक अनेक भाषा भाषी लोग रहते हैं। लेकिन उनके सभी गुण, खान पान, पहनना आदि में एकता का भाव परिलक्षित होता है। उसी प्रकार उत्तर के कश्मिीर से लेकर दक्षिण के माद्रास तक के लोगों में सांस्कृतिक तथा सामाजिक क्षेत्रों में एकता दिखाई देता है, जो भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। इसी से पता चलता है कि अनेकता में एकता भारतवर्ष की प्रधान विशेषता है। अतः हमें विश्व में यह दिखाना है कि भारत के सभी लोग एकता के साथ वास करते है तथा एक है।
6. भारतभूमि सदियों से दुनिया की शान बनी रही, इसके कारण क्या क्या हो सकते है ?
उत्तर :- भारतभूमि सदियों से ‘दुनिया की’ शान बनी रही। प्राचीन काल से ही भारतवर्ष अनेक विदेशी शासको का केन्द्र रहा है। फलस्वरुप भारत में अनेक जाति संप्रदाय, भाषा भाषी लोगों का आवासस्थल बना। इसी भारतभूमि पर प्रख्यात साहित्यिक तथा महान विभूतियों का जन्म हुआ। महाकवि कालिदास, अमरसिंह, पाणिनी, पतंजलि आदि अनेक विभूतियों ने अपने साहित्यकर्म द्वारा भारत को ही नहीं, बल्कि पुरी दुनिया को गौरवान्वित किया है। समय समय पर इसी भारतवर्ष पर अनेक विदेशी पर्यटको का आगमन हुआ है। इबन बटुता, मेगास्थिनिच, फहियान, हिउ वेन-चाँ, मार्कोपोलो आदि पर्यटकों ने भारत में आकर इसके सांस्कृतिक और सामाजिक विषय पर अपना मुल्यवान टिप्पणी प्रस्तुत कर भारत का स्थान ऊँचा करने में अपना योगदान दिया है। भारत की इंद्रधनुषी रुपी संस्कृति भी समय समय पर विभिन्न जनों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा
7. गीत में हिन्दु और इसलाम धर्म का संकेत मिलता है। हमारे देश में और क्या-क्या धर्म है? इन धर्मों की प्रमुख सीखें क्या क्या है ?
उत्तर :- हमारे देश में हिन्दु और इसलाम धर्म के अतिरिक्त और अनेक धर्म है। जैसे सीख, बौद्ध, जैन आदि।
इन धर्मों के प्रमुख सीख है कि अहिंसा ही परम धर्म है। इसके अलावा परोपकार भी इन धर्मों की एक प्रमुख सीख है। सत जीवन यापन सत कर्म सत्य वचन पर भी समान रूप से जोड़ दिया गया है।
8. अपने देश या मातृभूमि के लिए हमारा क्या कर्तव्य होना चाहिए ?
उत्तर :- अपने देश या मातृभूमि के लिए हमारा बहुत कर्तव्य है। इसे विदेशी शत्रुओं से बचाना, इसकी सामाजिक और आर्थिक उन्नति में अपना सहयोग देना, समाज में फैले भ्रष्टाचार, अन्धविश्वास के खिलाफ आवाज उठाना हमारा परम कर्तव्य है। इसके अलावा सामाजिक विकास को ध्यान में रखते हुए अपने व्यक्तित्व को उजागर करना, भेद भावों को दूर कर एकता से रहना, विज्ञान और प्रौद्योगिकों के विकास में अपना यथोचित सहयोग देना चाहिए।
9. राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए हमें क्या क्या करना चाहिए ?
उत्तर :- हमें अपने देश की राष्ट्रीय एकता मजबुत बनाकर रखना चाहिए। इसिलिए हमें समाज में फैले दुर्निति, भ्रष्टाचार, अन्धविश्वास आदि को समाज से मिटाने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा सभी लोगों के लिए शिक्षा का सम-अधिकार की सु-व्यवस्था करनी चाहिए। इसके अलावा सामाजिक उत्सवों का पालन कर, विभिन्न सम्प्रदायों के बीच बातचीत करना, भाषिक एकता को मजबूत कर सकते है। मजबूत करने के जरिए हम राष्ट्रीय एकता को मजबूत कर सकते है।
10. निम्नलिखित कविता की पंक्तियों को पढ़कर उसका मुलभाव लिखो और एक उचित शीर्षक दो :
भारत देश… महान है।
उत्तर :- शीर्षक― महान भारत देश
मूलभाव : प्रस्तुत पंक्तियों में भारतवर्ष की महिमा का बखान है। तीन रंगों वाला झंडा इसकी शान का प्रतीक है। यह एक महान देश है। प्रकृति भी इसके यश का गुणगान करती है। हम सबको इस महान भारतवर्ष पर गर्व है।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :
1. भारत हमको जान से प्यारा है गीत के संगीतकार और गीतकार कौन है ?
उत्तर :- संगीतकार है : ए. आर. रहमान और गीतकार है: पी. के. मिश्र
2. उक्त गीत को किसने गाया है? यह गीत किस फिल्म का है ?
उत्तर :- उक्त गीत को हरिहरण ने गाया है। यह गीत रोजा फिल्म का है।
3. हमें अपनी जान से प्यारा क्या है ?
उत्तर :- हमे अपनी मातृभूमि भारतवर्ष जान से भी प्यारा है।
4. प्रस्तुत गीत में भारतवर्ष की तुलना किससे की गई है ?
उत्तर :- प्रस्तुत गीत में भारतवर्ष की तुलना एक उपवन से की गई है।
5. हमारी असली पहचान क्या है ?
उत्तर :- हमारी असली पहचान यह है कि हम सभी हिंदुस्तानी है।
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भारत हमको जान से प्यारा है कविता का बारंबार क्या है