NCERT Class 9 Hindi Chapter 13 गीत-अगीत

NCERT Class 9 Hindi Chapter 13 गीत-अगीत Solutions to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 9 Hindi Chapter 13 गीत-अगीत and select need one. NCERT Class 9 Hindi Chapter 13 गीत-अगीत Question Answers Download PDF. NCERT Class 9 Hindi Solutions.

NCERT Class 9 Hindi Chapter 13 गीत-अगीत

Join Telegram channel

Also, you can read the NCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per Central Board of Secondary Education (CBSE) Book guidelines. CBSE Class 9 Hindi Solutions are part of All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 9 Hindi Chapter 13 गीत-अगीत and Textbook for All Chapters, You can practice these here.

गीत-अगीत

Chapter: 13

स्पर्श भाग – 1 (काव्य भाग)

उपर्युक्त काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर का सही उत्तर चुनकर लिखिए-

1. नदी किसके गीत गाती जान पड़ती है?

(क) विरह के

(ख) मिलने के

(ग) संयोग के

(घ) आने के

उत्तर: (क) विरह के।

2. नदी अपना दिल कैसे हल्का करती है?

(क) किनारों से बात करके 

(ख) वेग करके

(ग) शोर मचाकर

(घ) बहकर

उत्तर: (क) किनारों से बात करके।

3. तट का गुलाब क्या सोचता है?

(क) विधाता उसे स्वर दे देता।

(ख) मैं भी अपने सपनों वाले गीत लोगों को सुनाता।

(ग) दोनों (क) और (ख)

(घ) उसके गीत पतझर के हैं।

उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।

4. निर्झरी क्या कर रही है?

(क) गा रही है

(ख) वह रही है

(ग) दोनों (क) और (ख) 

(घ) कुछ नहीं

उत्तर: (ग) दोनों (क) और।

5. एक प्रेमी क्या गाता है?

(क) आल्हा

(ख) गौत

(ग) विरह गीत

(घ) वीरता का गीत

उत्तर: (क) आल्हा।

6. उसका स्वर किसे खींच लाता है?

(क) गोपी को

(ख) उसकी राधा को

(ग) श्रोता को

(घ) सभी को

उत्तर: (ख) उसकी राधा को।

7. राधा उसका गीत कहाँ सुनती है?

(क) नीम की छाया में

(ख) छिपकर

(ग) चोरी-चोरी

(घ) कहीं भी

उत्तर: (क) नीम की छाया में।

8. राधा को क्या पछतावा हो रहा है? 

(क) वह गीत की कही क्यों नहीं बन पाई?

(ख) विधाता ने उसके साथ यह क्या किया?

(ग) वह वेग से क्यों गाता है?

(घ) मेरा हृदय क्यों फूल रहा है?

उत्तर: (क) वह गीत की कड़ी क्यों नहीं बन पाई?

9. तोता कहाँ बैठा हुआ था?

(क) पेड़ की डाल पर 

(ख) घोंसले पर

(ग) छत पर

(घ) कहीं नहीं

उत्तर: (क) पेड़ की डाल पर।

10. तोती क्या कर रही है?

(क) अंडों को से रही है

(ख) गा रही है

(ग) पोंसला बना रही है

(घ) कुछ नहीं कर रहो

उत्तर: (क) अंडों को से रही है।

11. तोता जय किरण बसंती गाता है, तब क्या होता है?

(क) उसका स्वर पत्रों से उनकर अंगों को छूता जान पड़ता है

(ख) शुकी भी गाना चाहती है

(ग) वह गा नहीं पाती

(घ) कुछ नहीं

उत्तर: (क) उसका स्वर पत्रों से उनकर अंगों को छूता जान पड़ता है।

12. कौन सुंदर है?

(क) गीत 

(ख) अगीत

(ग) अनिश्चित

(घ) कोई भी

उत्तर: (ग) अनिश्चित।

काव्यांशों पर आधारित विषय बोध, अर्थ बोध और सराहना संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1. प्रस्तुत काव्यांश किस कविता से अवतरित है? इसके रचयिता कौन है?

उत्तर: प्रस्तुत काव्याश ‘गीत-अगीत’ कविता से अवतरित है। इसके रचयिता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ है। 

प्रश्न 2. इस कविता में किसका चित्रण है?

उत्तर: इस कविता में प्रकृति सौंदर्य के अतिरिक्त जीव-जंतुओं के ममत्व, मानवीय राग और प्रेम भाव का सजीव चित्रण है।

प्रश्न 3. निर्झरी कौन है? वह क्या कर रही है? 

उत्तर: निर्झरी झरना (नदी) है। वह भी गीत गा-गाकर बह रही है। उसके बहने में एक लय है।

प्रश्न 4. शुक (तोता) कहाँ बैठा हुआ है?

उत्तर: शुक (तोता) पेड़ को उस घनी डाल पर बैठा है जो घोंसले को छाया प्रदान करती है।

प्रश्न 5. शुकी किस अवस्था में कहाँ बैठी हुई है? 

उत्तर: शुकी ने अपने पख फुला रखे हैं और वह पासले में रखे अडों को सेने का काम कर रही है।

प्रश्न 6. शुक क्या काम कर रहा है? 

उत्तर: शुक जब किरण बसतो गाता है तब उसका मोहक स्वर पत्तों से छनकर शुकी के अंगों को छूता हुआ जान पड़ता है। उसका प्रभाव शुकी के तन-मन पर पड़ता है। 

प्रश्न 7. शुकी के गीत कहाँ रह जाते हैं?

उत्तर: शुको के गीत उसके मन में तो उमड़ते-घुमड़ते हैं, पर वे बाहर नहीं निकल पाते। वे स्नेह में सनकर रह जाते हैं। ये प्रस्फुटित नहीं हो पाते। वे अव्यक्त हो रह जाते हैं।

प्रश्न 8. वन में किसके गीत का स्वर गूँज रहा है? 

उत्तर: वन में शुक (तोते) के गीत का स्वर गूँज रहा है।

प्रश्न 9. कौन, किस समय क्या गाता है?

उत्तर: दो प्रेमियों में से एक प्रेमी संध्या के समय आल्हा (गीत) गाता है। 

प्रश्न 10. प्रेमी के गीत के पहले ही स्वर का किस पर, क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: प्रेमी के गौत का पहला स्वर हो उसको राधा अर्थात् प्रेयसी को घर से बाहर निकालकर अपने पास खींचकर ले आता है अर्थात् प्रेमी के गीत के प्रभावस्वरूप प्रेयसी खिंची चली आती है। 

प्रश्न 11. प्रेयसी कहाँ खड़ी होकर क्या करती है?

उत्तर: प्रेयसी चुपके से नीम के पेड़ के नीचे खड़ी हो जाती है और प्रेमी द्वारा गाए जा रहे गोत को चुपचाप छिपकर सुनती है। वह प्रेमी को बताए बिना एकांत भाव से गीत का आनंद लेती है।

प्रश्न-अभ्यास 

(पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर)

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 

(क) नदी का किनारों से कुछ कहते हुए बह जाने पर गुलाब क्या सोच रहा है? इससे संबंधित पंक्तियों को लिखिए।

उत्तर: इससे संबंधित पंक्तियाँ इस प्रकार हैं- 

तट पर एक गुलाब सोचता 

“देते स्वर यदि मुझे विधाता,

अपने पतझर के सपनों का

मैं भी जग को गीत सुनाता।”

(ख) जब शुक गाता है तो शुकी के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: जब शुक गाता है तो शुकी के हृदय पर यह प्रभाव पड़ता है कि उस गीत की लहरें शुकी के अंगों को छू जाती हैं। तब उसके हृदय में भी गीत उमड़ने-घुमड़ने लगता है, पर वे स्नेह में सनकर ही रह जाते हैं। उन्हें स्वर नहीं मिल पाता । शुक का गीत सुनकर शुकी के पंख खुशी से फूल जाते हैं अर्थात् शुकी अत्यधिक प्रसन्न हो उठती है।

(ग) प्रेमी जब गीत गाता है, तो प्रेमिका की क्या इच्छा होती है?

उत्तर: प्रेमी जब गीत गाता है तब उसकी प्रेमिका घर छोड़कर उसके पास खिंची चली आती है। वह नीम के पेड़ के नीचे खड़ी होकर उसके गीत को चुपचाप सुनती है। तब उसकी यह इच्छा होती है कि वह भी उसके गीत की कड़ी बन जाए अर्थात् उस गीत में उसका उल्लेख भी किया जाए। वह अपने मन में भी गीत गुनगुनाने लगती है।

(घ) प्रथम छंद में वर्णित प्रकृति-चित्रण को लिखिए। 

उत्तर: प्रथम छंद में प्रकृति का चित्रण करते हुए कवि बताता है कि वन में सूने-शांत वातावरण में नदी तीव्र गति से बहती चली जा रही है। लगता है कि वह अपने तटों से अपनी व्यथा-कथा कह रही है और अपना दिल हल्का कर रही है। तट पर एक गुलाब का पौधा है। उस पर लगा गुलाब किसी सोच-विचार में मग्न दिखाई देता है। पास ही झरना बह रहा है। यह नदी भी हो सकती है। उसके किनारे पर गुलाब चुपचाप खड़ा हुआ है।

(ङ) प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों के संबंध की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों का गहरा संबंध है। पशु-पक्षियों का जीवन प्रकृति पर ही निर्भर है। उन्हें प्रकृति से ही भोजन मिलता है तथा प्रकृति ही उन्हें सहारा देती है। वे प्रकृति में ही अपना घोंसला बनाते हैं।

(च) मनुष्य को प्रकृति किस रूप में आंदोलित करती है? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: मनुष्य को प्रकृति अनेक रूपों में आंदोलित करती है। प्रकृति का शांत वातावरण उसे लुभाता है। प्रकृति में सर्वत्र संगीत व्याप्त होता है। इसे सुनकर और अनुभव करके मनुष्य का हृदय आंदोलित होता है। यह प्रकृति का उद्दीपन रूप होता है। हमें प्रकृति अपने साथ रोती-हँसती जान पड़ती है।

(छ) सभी कुछ गीत है, अगीत कुछ नहीं होता। कुछ अगीत भी होता है क्या? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: गीत तो वह होता है जिसे गाकर अभिव्यक्त किया जाता है। अगीत का भी अस्तित्व होता है। गीत-अगीत का संबंध हृदय में उठने वाले भावों से होता है। यह क्रिया दोनों स्थितियों में होती है। जब हृदय के भाव स्वर पा जाते हैं तो वे गीत बन जाते हैं और जब भावों का स्वर नहीं मिल पाते तब वे अगीत बनकर रह जाते हैं। अगीत को अभिव्यक्ति का अवसर नहीं मिलता, पर उसके अस्तित्व से इन्कार नहीं किया जा सकता।

(ज) ‘गीत-अगीत’ के केन्द्रीय भाव को लिखिए।

उत्तर: ‘गीत-अगीत’ कविता का केन्द्रीय भाव यह है कि जिस भाव या विचार को स्वर के माध्यम से अभिव्यक्ति का अवसर मिल जाता है, वह गीत बन जाता है। पर इसके साथ-साथ अगीत के महत्त्व को भी भुलाया नहीं जाना चाहिए। यह वह गीत होता है जो केवल मन के अंदर ही उमड़-घुमड़ कर रह जाता है। उसे स्वर नहीं मिल पाता, अतः अभिव्यक्त नहीं होता। इसकी गूंज सुनी तो नहीं जाती, पर अनुभव की जा सकती है।

प्रश्न 2. संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-

(क) अपने पतझर के सपनों का

मैं भी जग को गीत सुनाता।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियाँ रामधारीसिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित कविता ‘गीत-अगीत’ से अवतरित हैं।

नदी के तट पर एकाकी खड़ा गुलाब सोचता है कि उसके अंदर भी कोमल भावनाएँ हैं। वह भी पतझर का गीत सुनाना चाहता है; पर स्वर के अभाव में वह यह गीत सुना नहीं पाता है। उसका गीत अगीत बनकर रह जाता है।

(ख) गाता शुक जब किरण बसंती 

छूती अंग पर्ण से छनकर।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियाँ रामधारीसिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘गीत-अगीत’ से अवतरित हैं।

पेड़ की डाल पर बैठकर जब तोता किरण-बसंती गीत गाता है तब उसकी स्वर लहरियाँ पत्तों से छन-छनकर तोती (शुकी) के अंगों में सिहरन पैदा कर देती हैं। गीत का प्रभाव शुकी पर स्पष्ट देखा जा सकता है।

(ग) हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की 

विधना यों मन में गुनती है।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियाँ रामधारीसिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘गीत-अगीत’ से अवतरित हैं।

एक प्रेमी जब संध्या के समय आल्हा गाता है तो उसका प्रभाव उसकी प्रेमिका राधा पर पड़ता है और वह वहीं खिंची चला आती है। प्रेमी के गीत को सुनकर प्रेमिका के मन में भी एक इच्छा जन्म लेने लगती है कि वह उस गीत की कड़ी क्यों न बन पाई अर्थात् गीत में उसका भी उल्लेख होना चाहिए था।

भाषा-अध्ययन

3. निम्नलिखित उदाहरण में ‘वाक्य- विचलन’ को समझने का प्रयास कीजिए। इसी आधार पर प्रचलित वाक्य-विन्यास लिखिए-

उदाहरण: 

तट पर एक गुलाब सोचता

एक गुलाब तट पर सोचता है।

(क) देते स्वर यदि मुझे विधाता

उत्तर: यदि मुझे विधाता स्वर देते।

(ख) बैठा शुक उस घनी डाल पर

उत्तर: शुक उस घनी डाल पर बैठा हुआ है।

(ग) गूँज रहा शुक का स्वर वन में

उत्तर: शुक का स्वर वन में गूँज रहा हैं। 

(घ) हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की

उत्तर: मैं गीत की कड़ी क्यों न हो सकी?

(ङ) शुकी बैठ अंडे है सेती

उत्तर: शुकी बैठकर अंडे सेती है।

परीक्षा उपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. ‘गीत-अगीत’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए। 

उत्तर: ‘गीत-अगीत’ शीर्षक कविता में कवि रामधारीसिंह ‘दिनकर’ ने गीत और अगीत के अंतर को स्पष्ट करने का प्रयास किया है। गीत वह होता है, जिसे गाया जाता है। जिस गीत को गाया नहीं जा सके, वह अगीत है। कवि प्रकृति में घटित हो रहे अनेक क्रिया-कलापों में गीत के स्वर सुनता है। कहीं-कहीं तो कोई गीत गाता हुआ सुनाई पड़ता है, पर कई प्राणी ऐसे हैं, जिनके हृदय में भी गीत के भाव उमड़ते-घुमड़ते हैं, पर उन्हें स्वर नहीं मिल पाता; अतः वे अगीत की श्रेणी में चले जाते हैं।

प्रश्न 2. गीत-अगीत कविता में ‘पतझड़ के सपनों’ कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: गीत-अगीत कविता का आशय यह है कि जिस भाव या विचार को स्वर के माध्यम से अभिव्यक्ति का अवसर मिल जाता है, वह गीत बन जाता है। पर इसके साथ-साथ अगीत के महत्त्व को भी भुलाया नहीं जाना चाहिए। यह वह गीत होता है। जो केवल मन के अंदर ही उमड़-घुमड़ कर रह जाता है। उसे स्वर नहीं मिल पाता, अतः अभिव्यक्त नहीं होता। इसकी गूंज सुनी तो नहीं जाती, पर अनुभव की जा सकती है।

प्रश्न 3. शुक और शुकी पेड़ पर क्या करते हैं?

उत्तर: शुक पेड़ की घनी डाल पर बैठा सूरज की सतरंगी किरणों का स्पर्श पाकर मधुर गीत गाता है तथा घोंसले में बैठी शुकी शुक का गीत सुनकर आनंदित होती है और प्रेम में मग्न हो अपने अंडों को पंख फैलाकर सेने लगती है। 

प्रश्न 4. जब शुक गाता है तो शुकी के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: जब शुक गाता है तो शुकी का हृदय प्रसन्नता से फूल उठता है। वह शुक के प्रेम में मग्न हो जाती है। शुक के द्वारा गाए गीत को सुनकर शुकी प्रेम का अनुभव करने लगती है।

प्रश्न 5. कविता में शुक-शुकी का उदाहरण देकर कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर: शुक शुकी का उदाहरण देकर कवि यह कहना चाहता है कि प्रेम, वात्सल्य की अनुभूति या संवेदना का संचार केवल मनुष्य में ही नहीं होता बल्कि पशु-पक्षी भी इन भावों की अनुभूति करते हैं। और अपने-अपने ढंग से अभिव्यक्त भी करते हैं।

प्रश्न 6. नदी के तट पर गुलाब क्या सोचता है? 

उत्तर: नदी तो लगातार बहती हुई कलकल ध्वनि में अपने सुख-दुख की गाथा अपने तटों को सुनाती चलती है, परंतु तट पर खड़ा गुलाब अपने मन-ही-मन सोचता है कि अगर विधाता ने उसे भी स्वर दिया होता तो वह भी पतझड़ के सपनों का गीत संसार को सुनाता। अब तो उसके हृदय का गीत मौन है।

प्रश्न 7. गुलाब की पीड़ा को अपने शब्दों में बताइए। 

उत्तर: गुलाब की पीड़ा यह है कि विधाता ने उसे स्वर प्रदान नहीं किया, अतः वह अपने मन के भावों को अभिव्यक्त नहीं कर पाता। वह भी चाहता था कि वह पूरे संसार को अपने पतझड़ के सपने के गीत को सुनाए, पर ऐसा नहीं हो पाता, यही उसके मन की पीड़ा है।

प्रश्न 8. किस आधार पर कह सकते हैं कि शुकी के गीत के गीत से अधिक रसपूर्ण थे? 

उत्तर: शुकी के गीत स्नेह में सने हुए थे। अतः वे अधिक रसपूर्ण थे। यह ठीक है कि शुक के गीत तो सुनाई पड़ते थे, पर शुकी के गीत केवल उमड़ कर रह जाते थे। उन्हें स्वर नहीं मिल पाता। यदि मिल पाता तो निश्चय ही वे अधिक रसपूर्ण होते।

प्रश्न 9. गीत और अगीत में कौन सुंदर है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: गीत और अगीत में अगीत अधिक सुंदर है, भले ही उसे गाया नहीं जा सका। वह गीत है तो सुंदर, पर गाया नहीं जा सका अतः वह अगीत कहलाया।

प्रश्न 10. गीत और अगीत में क्या अंतर है?

उत्तर: गीत वह है जिसे गाया जा सके, जबकि अगीत वह है जिसे गाया नहीं जा सका। जिस भाव या विचार को अभिव्यक्ति का अवसर मिल जाता है, वह गीत बन जाता है। अगीत मन के अंदर उमड़ता -घुमड़ता है, पर उसे स्वर नहीं मिल पाता, अतः वह अगीत कहलाता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top