NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 4 भगवान के डाकिए

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NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 4 भगवान के डाकिए

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Chapter: 4

वसंत

प्रश्न-अभ्यास

कविता से

1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए बताया है क्योंकि वे एक महादेश से दूसरे महादेश तक प्रकृति के संदेश पहुंचाते हैं। पक्षी मौसम और पर्यावरण के संकेत लाते हैं, जबकि बादल जलवायु और वर्षा के संदेश देते हैं। इन संदेशों को पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ समझते हैं, भले ही इंसान न समझ पाए।

2. पक्षी और बादल द्वारा लाइ गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।

उत्तर: पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियाँ को प्राकृतिक उपादान पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ ही पढ़ पाते हैं। ये प्रकृति के घटक इन संदेशों को समझकर प्रतिक्रिया देते हैं, जबकि हम मनुष्य इन्हें नहीं समझ पाते।

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3. किन पंक्तियों का भाव है-

(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।

उत्तर: पक्षी और बादल,

ये भगवान के डाकिए है,

जो एक महादेश से

दूसरे महादेश को जाते हैं।

हम तो समझ नहीं पाते हैं

मगर उनकी लाई चिट्टियाँ

पेड़, पोधे, पानी और पहाड़ वॉचते है।

(ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।

उत्तर: और एक देश का भाप

दूसरे देश में पानी

वनकर गिरता है।

4. पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

उत्तर: पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ मौसम और पर्यावरण से संबंधित संदेश पढ़ पाते हैं। पेड़-पौधे हवा के द्वारा भेजी गई सुगंध को महसूस करते हैं, पानी बादल से गिरकर धरती पर आता है, और पहाड़ जलवायु और वर्षा के संकेतों को समझते हैं। ये सभी प्राकृतिक घटक एक दूसरे से जुड़े होते हुए इन संदेशों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।

5. “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” –कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” कथन का अर्थ है कि प्रकृति का हर घटक, जैसे मिट्टी, हवा, और वातावरण, अपनी विशिष्टता और गुणों के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचता है। जैसे एक देश की धरती अपनी सुगंध (जैसे फूलों, फलों या विशेष पर्यावरणीय गुणों) को हवा के माध्यम से दूसरे देश तक भेजती है, उसी तरह प्राकृतिक ऊर्जा और तत्व एक स्थान से दूसरे स्थान में फैलते हैं, जिससे प्राकृतिक संतुलन और आदान-प्रदान होता है। यह विचार प्रकृति के परस्पर जुड़ाव और संचार को दर्शाता है।

पाठ से आगे

1. पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

उत्तर: पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम, सौहार्द और आपसी सद्भाव की दृष्टि से देख सकते हैं। ये चिट्ठियाँ एक तरह से ईश्वर का संदेश हैं, जिसमें प्रेम, एकता, सद्भाव और समानता का भाव छिपा होता है। ये संदेश प्राकृतिक रूप से विभिन्न देशों और क्षेत्रों में फैलते हैं, जैसे पक्षी और बादल एक महादेश से दूसरे महादेश तक प्यार और शांति का संदेश पहुंचाते हैं, जिससे सभी घटक आपस में जुड़े रहते हैं और प्रकृति में संतुलन बना रहता है।

2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।

उत्तर: (i) आज के समय में इंटरनेट संवाद भेजने और प्राप्त करने का सबसे प्रमुख साधन बन चुका है।

(ii) जैसे पक्षी और बादल प्राकृतिक संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते हैं, वैसे ही इंटरनेट जानकारी और संदेशों को दूर-दूर तक फैलाता है।

(iii) इंटरनेट के माध्यम से हम किसी भी स्थान पर तुरंत संदेश भेज सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे पक्षी और बादल मौसम के संकेत तेजी से पहुंचाते हैं।

(iv) इंटरनेट एक डिजिटल डाकिया है, जो दुनिया के किसी भी कोने से जानकारी को जल्दी और आसानी से पहुंचा सकता है।

(v) पक्षी और बादल के संदेशों में प्राकृतिक संवाद होता है, जबकि इंटरनेट के माध्यम से इंसान एक-दूसरे से जुड़ता है।

(vi) पक्षी और बादल के संदेशों का आदान-प्रदान प्रकृति का हिस्सा है, जबकि इंटरनेट आधुनिक तकनीक का हिस्सा है।

(vii) दोनों में समानता यह है कि दोनों ही बिना शब्दों के संदेशों को पहुंचाते हैं, बस एक प्राकृतिक और दूसरा डिजिटल रूप में।

(viii) पक्षी और बादल की चिट्ठियाँ हमें प्रकृति से जोड़ती हैं, वहीं इंटरनेट हमें मानवता के बीच संवाद की दिशा दिखाता है।

(ix) इंटरनेट की तरह पक्षी और बादल भी हमें समय और स्थान की सीमाओं से परे संवाद का अनुभव कराते हैं।

(x) हालांकि इंटरनेट और पक्षी-बादल की चिट्ठियाँ अलग-अलग रूपों में काम करते हैं, दोनों का उद्देश्य संदेश का आदान-प्रदान और संपर्क स्थापित करना है।

3. ‘हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका’ क्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।

उत्तर: हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। डाकिया संदेशों और सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का कार्य करता है। वह हमारे प्रियजनों से जुड़ी खबरें, शुभकामनाएँ और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ हम तक पहुँचाता है। डाकिए के बिना हम अपने रिश्तों को बनाए रखने और जरूरी जानकारी प्राप्त करने में असमर्थ हो सकते हैं। वह सरकारी और निजी दस्तावेज़, जैसे चुनाव पत्र, बैंक कागजात, बीमा से जुड़ी जानकारी आदि, हम तक पहुंचाता है, जिससे हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत रहते हैं। डाकिया न केवल पत्र भेजने का काम करता है, बल्कि अब वह पार्सल और पैकेज भी पहुंचाता है। उसकी भूमिका हमें दुनिया से जोड़े रखती है और संवाद स्थापित करने में मदद करती है, जिससे दूरी कम होती है। हालांकि आजकल इंटरनेट और ईमेल के माध्यम से संवाद का तरीका बदल चुका है, लेकिन डाकिए की पारंपरिक भूमिका अब भी समाज में महत्वपूर्ण बनी हुई है। वह हमें सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहारा देता है और सामाजिक संपर्क बनाए रखने में मदद करता है। इस प्रकार, डाकिए का कार्य हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।

अनुमान और कल्पना

1. डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू. डब्ल्यू. डब्ल्यू. W W W.) तथा पक्षी और बादल – इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। लेख लिखने के लिए आप ‘चिट्ठियों की अनूठी दुनिया’ पाठ का सहयोग ले सकते हैं।

उत्तर: चिट्ठियों की अनूठी दुनिया:

हमारे जीवन में संवाद के विभिन्न माध्यम हैं, जो एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। डाकिया वह कड़ी है जो हमारे पत्र, समाचार, और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाता है। वह हमारे परिवार और मित्रों से जुड़ी खुशियाँ देता है और सरकारी सूचनाओं को हम तक पहुंचाता है।

इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) ने संवाद को तेज और सुलभ बना दिया है। हम अब किसी भी स्थान से तुरंत संदेश भेज सकते हैं और जानकारी का आदान-प्रदान कर सकते हैं। इंटरनेट ने न केवल व्यक्तिगत संवाद को सरल किया है, बल्कि यह व्यापार और वैश्विक सहयोग को भी आसान बना दिया है।

पक्षी और बादल प्राकृतिक संवादवाहक हैं, जो बिना शब्दों के मौसम और पर्यावरण के संकेत एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजते हैं। ये चिट्ठियाँ पेड़, पौधे, और पानी तक पहुँचती हैं, जो प्रकृति के संतुलन को बनाए रखते हैं।

इन तीनों संवादवाहकों – डाकिया, इंटरनेट, और पक्षी-बादल – का उद्देश्य हमें एक-दूसरे से जोड़ना और जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाना है। वे हमें संवाद के विविध रूपों और इसके महत्व की याद दिलाते हैं।

कदम मिलाकर चलना होगा

कविता से

1. इस कविता से आप अपने को जोड़कर कैसे देखते हैं?

उत्तर: यह कविता हमें संघर्ष, समर्पण और एकजुटता का संदेश देती है। इसे पढ़कर मैं यह समझता हूँ कि जीवन में हमें किसी भी कठिनाई से डरकर नहीं रुकना चाहिए, बल्कि उसे एकसाथ मिलकर हिम्मत और धैर्य से पार करना चाहिए। चाहे कठिनाइयाँ कितनी भी बड़ी हों, हमें अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते रहना होगा।

2. आपकी दृष्टि में कदम मिलाकर चलने के लिए कवि क्यों प्रेरित करता है?

उत्तर: कवि “कदम मिलाकर चलने” के लिए इसलिये प्रेरित करते हैं क्योंकि जीवन में सफलता और विकास केवल अकेले प्रयास से नहीं, बल्कि सामूहिक संघर्ष और एकजुटता से संभव होता है। इस कविता में कवि हमें यह समझाते हैं कि जब हम एक साथ मिलकर चलते हैं, तो हम मुश्किलों को आसानी से पार कर सकते हैं, चाहे वे कितनी भी कठिन क्यों न हों। साथ ही, यह हमें परस्पर सहयोग, समर्पण और एकजुटता के महत्व को भी दर्शाता है।

3. इस कविता की लयात्मकता पर चर्चा कीजिए।

उत्तर: इस कविता की लयात्मकता उसकी पुनरावृत्ति और समान ध्वनियों से उत्पन्न होती है, विशेष रूप से “कदम मिलाकर चलना होगा” के लगातार प्रयोग से। यह शब्द कविता में एक संगीतात्मक धारा पैदा करते हैं, जो पाठक को प्रेरित और उत्साहित करता है। लयात्मकता जीवन के संघर्ष और सामूहिक प्रयास को व्यक्त करने का प्रभावी तरीका बनती है, जो कविता को गतिशील और संगीतमय बनाती है। इस संरचना से कविता का संदेश और भी गहरा और प्रभावी हो जाता है।

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