NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 10 अकबरी लोटा

NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 10 अकबरी लोटा Solutions in Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 10 अकबरी लोटा Notes in Hindi and select need one. NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 10 अकबरी लोटा Question Answers Hindi Medium Download PDF. NCERT Class 8 Hindi Vasant Bhag – 3 Hindi Medium Texbook Solutions.

NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 10 अकबरी लोटा

Join Telegram channel

Also, you can read the NCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per Central Board of Secondary Education (CBSE) Book guidelines. CBSE Class 8 Hindi Vasant Bhag – 3 Textual Solutions are part of All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 8 Hindi Vasant Chapter 10 अकबरी लोटा Notes, CBSE Class 8 Hindi Vasant Bhag – 3 Textbook Solutions for All Chapters, You can practice these here.

Chapter: 10

वसंत

प्रश्न-अभ्यास

कहानी की बात

1. “लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।”

लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।

उत्तर: लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिल्कुल पसंद नहीं था, फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया क्योंकि वे अपनी पत्नी का सम्मान करते थे। इसके अलावा, वे अपनी पत्नी के तेज-तर्रार स्वभाव से भी भलीभाँति परिचित थे, जिसके सामने वे अक्सर कमजोर पड़ जाते थे। उन्होंने मन ही मन सोचा कि अभी तो लोटे में पानी मिला है, लेकिन अगर विरोध कर दिया तो कहीं बाल्टी में भोजन न करना पड़े, यानी इससे भी बुरी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इस तरह, उन्होंने स्थिति को समझदारी और सहनशीलता से संभालना ही बेहतर समझा।

2. “लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।” 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?

उत्तर: लाला झाऊलाल ने “दो और दो जोड़कर” तुरंत समझ लिया कि उनका लोटा ऊँचे तिमंजले से गिरकर गली में खड़े एक अंग्रेज़ पर जा गिरा है। लोटा दुकान के सायबान से टकराने के बाद अंग्रेज़ को पूरी तरह भिगोते हुए उसके बूट पर गिरा, जिससे उसे चोट भी लगी। गुस्से में भीगा हुआ अंग्रेज़ गालियों की बौछार करने लगा। लाला झाऊलाल ने तुरंत स्थिति की गंभीरता को भाँपते हुए यह समझ लिया कि अंग्रेज़ी गालियों का विशाल भंडार उनके सामने खुल चुका है।

3. अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: बिलवासी जी ने अंग्रेज़ के सामने लाला झाऊलाल को पहचानने से इनकार कर दिया क्योंकि वे स्थिति संभालने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने भीड़ को बाहर निकालकर अंग्रेज़ को आराम से बैठाया और उसका विश्वास जीतने के लिए सहानुभूति जताई। खुद को अलग दिखाने के लिए उन्होंने झूठ बोल दिया कि वे झाऊलाल को नहीं जानते। उनका यह व्यवहार अंग्रेज़ का गुस्सा शांत करने और विवाद से बचने की चतुराई भरी कोशिश थी।

4. बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।

उत्तर: बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबंध अपने ही घर से, अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके किया था।

5. आपके विचार से अंग्रेज़ ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।

उत्तर: अंग्रेज़ ने पुराना लोटा इसलिए खरीदा क्योंकि उसे पुरानी और ऐतिहासिक वस्तुओं के संग्रह का शौक था। लोटा उसके ऊपर गिरने की घटना ने उसे इस वस्तु से जुड़ाव महसूस कराया। जब बिलवासी जी ने इसे खरीदने की इच्छा जताई, तो साहब ने प्रतियोगिता और प्रतिष्ठा के कारण ऊँची कीमत देकर इसे खरीद लिया।

अनुमान और कल्पना

1. “इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।”

बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।

उत्तर: बिलवासी’ जी ने यह बात ‘लाला झाऊलाल’ से कही क्योंकि विलवासीजी ने रुपयों का प्रबंध अपने ही घर से अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके किया था। इस रहस्य को वह ‘झाऊलाल’ के सामने खोलना नहीं चाहते थे, दूसरे उन्हें घर पहुँच कर उन रुपयों को भी यथास्थान रखने की भी जल्दी थी ।

2. “उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।”

समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।

उत्तर: बिलवासी जी ने पैसे अपनी पत्नी के संदूक से चुराए थे, और उन्हें इस बात का डर था कि अगर उनकी पत्नी को यह पता चला तो बड़ा हंगामा हो सकता है। इसलिए वे चुपचाप पैसे वापस रखकर अपनी संभावित फ़ज़ीहत से बचना चाहते थे। इसी चिंता के कारण उस दिन देर रात तक उन्हें नींद नहीं आई।

3. “लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।”

“अजी इसी सप्ताह में ले लेना।”

“सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?”

झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।

उत्तर: झाऊलाल और उनकी पत्नी की बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि उनकी पत्नी को अपने पति की आर्थिक स्थिति और मितव्ययिता का भली-भाँति ज्ञान था। उन्हें भरोसा नहीं था कि झाऊलाल इतने कम समय में आवश्यक पैसों का इंतज़ाम कर पाएंगे। इस संदेह के कारण ही उन्होंने मज़ाकिया लहजे में समयसीमा स्पष्ट करने की कोशिश की, जो उनके आपसी समझ और व्यावहारिक सोच को दर्शाता है।

क्या होता यदि

1. अंग्रेज़ लोटा न खरीदता?

उत्तर: यदि अंग्रेज़ लोटा नहीं खरीदता, तो बिलवासी जी को अपनी पत्नी से चुराए पैसे झाऊलाल को देने पड़ते। इससे झाऊलाल समय पर अपनी पत्नी को पैसे नहीं दे पाते और अपमानित होते। अंग्रेज़ के लोटा खरीदने से झाऊलाल की इज्ज़त और बिलवासी जी की राहत दोनों बच गईं।

2. यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता?

उत्तर: यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता, तो लाला झाऊलाल को कानूनी मुश्किलों और बदनामी का सामना करना पड़ता। मामला तूल पकड़ सकता था, और बिलवासी जी को स्थिति संभालने का मौका नहीं मिलता, जिससे झाऊलाल की परेशानी और बढ़ जाती।

3. जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?

उत्तर: यदि बिलवासी जी की पत्नी चाबी निकालते समय जाग जातीं, तो उन्हें चोरी करते हुए पकड़े जाने पर गुस्से और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता। इससे घर में हंगामा हो सकता था, और उनकी पूरी योजना विफल हो जाती।

पता कोजिए

1. “अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।” उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?

उत्तर: उल्का क्या होती है?

उल्का अंतरिक्ष में घूमते छोटे पत्थर या धातु के टुकड़े होते हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने पर जल उठते हैं। इन्हें “टूटता हुआ तारा” भी कहा जाता है।

उल्का और ग्रहों में समानताएँ:

(i) दोनों अंतरिक्ष में मौजूद होते हैं।

(ii) दोनों सूर्य की परिक्रमा कर सकते हैं।

(iii) दोनों के निर्माण में चट्टान या धातु तत्व हो सकते हैं।

उल्का और ग्रहों में अंतर:

(i) आकार: ग्रह बड़े होते हैं, जबकि उल्का छोटे टुकड़े होते हैं।

(ii) गति: उल्का तेज़ी से जलती हुई गिरती है, जबकि ग्रह अपने कक्ष में स्थिर गति से घूमते हैं।

(iii) परिक्रमा: ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं, जबकि उल्का अनियमित रूप से घूमते हैं।

(iv) वायुमंडल में प्रवेश: उल्का वायुमंडल में जलती है, जबकि ग्रह पृथ्वी से बहुत दूर होते हैं।

2. इस कहानी में आपने दो चीज़ों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ी-अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी। आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची है या काल्पनिक?

उत्तर: अकबरी लोटे और जहाँगीरी अंडे की कहानियाँ काल्पनिक प्रतीत होती हैं। इन कहानियों में हास्य, व्यंग्य और मनोरंजन के तत्व भरे हुए हैं, जो इन्हें सच्चाई से अधिक कल्पना का रूप देते हैं। इस तरह की कहानियाँ आमतौर पर सामाजिक मुद्दों पर मज़ाकिया ढंग से टिप्पणी करने के लिए रची जाती हैं। हालांकि इनमें ऐतिहासिक नामों का उपयोग किया गया है, पर उद्देश्य केवल पाठकों का मनोरंजन करना और उन्हें सोचने पर मजबूर करना है।

3. अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।

उत्तर: पुरानी घड़ी की कहानी:

हमारे घर में एक पुरानी पेंडुलम वाली घड़ी है, जिसे दादाजी बड़े गर्व से “विक्टोरिया वाली घड़ी” कहते थे। उनका मानना था कि यह घड़ी महारानी विक्टोरिया के समय की है और इतनी सटीक है कि इससे ट्रेन की भी टाइमिंग सेट की जा सकती है।

एक दिन, घड़ी अचानक रुक गई। दादाजी ने कहा, “यह घड़ी तब तक नहीं चलती, जब तक इसे खास चाबी से न चढ़ाया जाए।” पर समस्या यह थी कि वह चाबी कहीं गायब हो गई थी। पूरा घर उस चाबी को ढूँढने में लग गया। आलमारी, बिस्तर के नीचे, रसोई के डिब्बे—जहाँ देख सकते थे, सब ढूँढ डाला।

आखिरकार, छोटे भाई ने घड़ी के नीचे छुपी हुई चाबी खोज निकाली। पर मज़ेदार बात यह थी कि चाबी से घड़ी तो चली ही नहीं! तभी दादी ने कहा, “इसका पेंडुलम उल्टा लटक गया है!” जब पेंडुलम सीधा किया गया, तो घड़ी फिर से चल पड़ी।

अब घड़ी तो चलने लगी, लेकिन दादाजी ने नई घोषणा कर दी—”अब यह घड़ी सिर्फ खास मौकों पर चलेगी, ताकि इसकी उम्र लंबी रहे!” और इस तरह हमारी “विक्टोरिया वाली घड़ी” फिर से घर का गौरव बन गई।

4. बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?

उत्तर: बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह नैतिक रूप से गलत था। उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक से चुपचाप पैसे चुराए, जो धोखे और विश्वासघात का संकेत है। किसी भी रिश्ते में ईमानदारी और पारदर्शिता महत्वपूर्ण होते हैं। अगर उन्हें पैसों की ज़रूरत थी, तो उन्हें अपनी पत्नी से बात करनी चाहिए थी। उनकी इस हरकत से घर में बड़े विवाद या विश्वास की कमी पैदा हो सकती थी, इसलिए यह तरीका उचित नहीं था।

भाषा की बात

1. इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।

उत्तर: (i) अब तक बिलवासी जी को वे अपनी आँखो से खा चुके होते।

(ii) कुछ ऐसी गढ़न उस लोटे की थी कि उसका बाप डमरु, माँ चिलम रही हो।

(iii) ढ़ाई सौ रुपए तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते हैं।

2. इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावरों का प्रयोग किया है। कहानी में से पाँच मुहावरे चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए।

उत्तर: (i) चैन की नींद सोना – (निश्चिंत सोना) इम्तहान खत्म होने के बाद बच्चे चैन की नींद सोये।

(ii) आँखों से खा जाना – (क्रोधित होना) छोटी सी भूल हो जाने पर मालिक ने नौकर को ऐसे देखा जैसे आँखों से ही खा जायेगा।

(iii) आँख सेंकने के लिए भी न मिलना (दुर्लभ होना) ढ़ाई सौ रुपए तो एक साथ आँख सेंकने के लिए भी न मिलते हैं।

(iv) मारा-मारा फिरना – (ठोकरें खाना) बेटे आलीशान घर में रहते है और बाप बेचारा मारा-मारा फिरता हैं।

(v) डींगे सुनाना – (झूठ-मूठ की तारीफ सुनाना) झाऊलाल जी ने अपनी पत्नी को खूब डींगें सुनाई थी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

Scroll to Top