NCERT Class 6 Social Science Chapter 6 भारतीय सभ्यता का प्रारंभ Solutions, in Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 6 Social Science Chapter 6 भारतीय सभ्यता का प्रारंभ Notes and select need one. NCERT Class 6 Social Science Chapter 6 भारतीय सभ्यता का प्रारंभ Question Answers Download PDF. NCERT Class 6 Solutions for Social Science Tapestry of the Past.
NCERT Class 6 Social Science Chapter 6 भारतीय सभ्यता का प्रारंभ
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भारतीय सभ्यता का प्रारंभ
Chapter: 6
अतीत के चित्रपट
महत्वपूर्ण प्रश्न
1. सभ्यता क्या है?
उत्तर: सभ्यता का प्रयोग मानव समाज के एक सकारात्मक, प्रगतिशील और समावेशी विकास को संकेत करने के लिये किया जाता है। सभ्य समाज अक्सर उन्नत कृषि, लंबी दूरी के व्यापार, व्यावसायिक विशेषज्ञता और नगरीकरण आदि की उन्नत स्थिति का प्रकाश है।
2. भारतीय उपमहाद्वीप की आरंभिक सभ्यता कौन-सी थी?
उत्तर: भारतीय उपमहाद्वीप की आरंभिक सभ्यता हड़प्पा सभ्यता थी।
3. उसकी मुख्य उपलब्धियाँ क्या थीं?
उत्तर: उसकी मुख्य उपलब्धियां थी कृषि और पशुपालन का ज्ञान, कला और शिल्प, तकनीकी उन्नति, नगर व्यवस्था और, नगर नियोजन, जल निकास प्रणाली, वज़न और माप की, सटीक प्रणाली, बुनियादी ढांचा, मुद्रा, कराधान, और विनियमन, श्रम का विशेषीकरण।
प्रश्न, क्रियाकलाप और परियोजनाएँ |
1. इस अध्याय में अध्ययन की गई सभ्यता के अनेक नाम क्यों हैं? इनके महत्व पर चर्चा कीजिए।
उत्तर: इस अध्याय में अध्ययन की गई सभ्यता के नाम उसे कई नामों से जाना जाता है, जैसे सिंधु घाटी सभ्यता, हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता शामिल हैं। ‘सिंधु घाटी सभ्यता’ नाम सिंधु नदी से लिया गया है, जिसके आसपास सबसे शुरुआती स्थलों की खोज की गई थी।
2. सिंधु-सरस्वती सभ्यता की उपलब्धियों का सार देते हुए संक्षिप्त रिपोर्ट (150 से 200 शब्द) लिखिए।
उत्तर: सिंधु-सरस्वती सभ्यता की उपलब्धियाँ: दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक सिंधु-सरस्वती सभ्यता ने हड़प्पा और मोहनजो-दारो जैसे शहरों के साथ शानदार शहरी नियोजन का प्रदर्शन किया, जिसमें अच्छी तरह से बनाई गई सड़कें और उन्नत जल निकासी व्यवस्थाएँ थीं। उनके पास कुओं और जलाशयों सहित परिष्कृत जल प्रबंधन और ग्रेट बाथ जैसी प्रभावशाली सार्वजनिक संरचनाएँ थीं।
उनकी शिल्पकला उन्नत थी, जिससे जटिल आभूषण, मिट्टी के बर्तन और औजार बनते थे। स्थानीय और दूरदराज के क्षेत्रों के साथ व्यापार व्यापक था, जो वजन और माप की एक मानकीकृत प्रणाली द्वारा सुगम था।
हड़प्पावासी उत्पादक कृषि भी करते थे, अनाज और कपास उगाते थे, जिससे शहरी केंद्रों को सहायता मिलती थी। व्यापार और प्रशासन के लिए उनके द्वारा मुहरों का उपयोग एक जटिल आर्थिक प्रणाली और लेखन के शुरुआती रूप का संकेत देता है।
3. कल्पना कीजिए कि आपको हड़प्पा से कालीबंगा तक यात्रा करनी है। आपके पास विभिन्न विकल्प क्या हैं? क्या आप प्रत्येक विकल्प में लगने वाले समय का अनुमान लगा सकते हैं?
उत्तर: अगर हमें हड़प्पा से कालीबंगा की यात्रा करनी हो, तो वर्तमान समय के अनुसार यह यात्रा भौगोलिक दृष्टि से पाकिस्तान (पंजाब प्रांत) और भारत (राजस्थान) के बीच की दूरी तय करेगी। चूंकि हड़प्पा अब पाकिस्तान में स्थित है और कालीबंगा भारत में, सीमा पार करना आवश्यक होगा।
विकल्प और समय का अनुमान:
(i) सड़क मार्ग:
रूट: पाकिस्तान (हड़प्पा) से वाघा बॉर्डर (लाहौर), फिर भारत में अमृतसर से कालीबंगा।
समय: लगभग 15-18 घंटे (1,000-1,200 किमी, सीमा पार प्रक्रियाओं को मिलाकर)।
(ii) रेल मार्ग:
रूट: पाकिस्तान (लाहौर स्टेशन से समझौता एक्सप्रेस) से भारत के राजस्थान तक।
समय: 12-16 घंटे (सीमा पर औपचारिकताओं को मिलाकर)।
(iii) वायु मार्ग:
रूट: लाहौर (पाकिस्तान) से नई दिल्ली (भारत), फिर दिल्ली से बीकानेर (राजस्थान), और वहां से कालीबंगा।
समय: 6-8 घंटे (फ्लाइट और सड़क यात्रा मिलाकर)।
4. कल्पना कीजिए कि यदि हड़प्पा के किसी पुरुष या महिला को हम आज के भारत के सामान्य रसोईघर में ले आते हैं, तो उन्हें सबसे बड़े चार या पाँच आश्चर्य क्या लगेंगे?
उत्तर: यदि हड़प्पा सभ्यता के किसी पुरुष या महिला को हम आज के भारत के सामान्य रसोईघर में ले आते हैं, तो उन्हें सबसे बड़े चार या पाँच आश्चर्य यह लगेगा:
(i) गैस स्टोव: उन्हें आग जलाने के लिए लकड़ी, कोयले या अन्य किसी ईंधन का उपयोग करने की जगह एक छोटे से बटन से गैस का जलना ही उन्हें चमत्कारी लगेगा।
(ii) फ्रिज: भोजन और सामग्री को लंबे समय तक ठंडा और ताजा रखने की सुविधा उनके लिए अद्भुत होगी। हड़प्पा के लोग शायद भोजन को संरक्षित करने के लिए प्राकृतिक या सीमित तरीकों का उपयोग करते थे।
(iii) मिक्सर मशीन: मिक्सर जिसमें मसाले, दालें या अन्य चीजें पलभर में पीस दी जाती हैं, उनके लिए यह भी चमत्कार जैसा होगा।
(iv) पानी की व्यवस्था: हड़प्पा सभ्यता जल प्रबंधन में उन्नत थी, लेकिन आज के रसोईघर में नल से स्वच्छ पानी का बहना और गर्म/ठंडे पानी की उपलब्धता (गर्म पानी के लिए गीजर) उन्हें अत्यधिक प्रभावित करेगा।
(v) पैकेज और रेडी-टू-ईट फूड: आज की रसोई में उपलब्ध पैक किए गए मसाले, इंस्टेंट नूडल्स, और रेडी-टू-ईट भोजन जैसे उत्पाद उन्हें अत्यंत चकित करेंगे।
5. इस अध्याय के सभी चित्रों पर दृष्टि डालते हुए उन आभूषणों/हाव-भावों/वस्तुओं की सूची बनाइए, जो अभी भी 21 वीं शताब्दी में परिचित प्रतीत होती हैं।
उत्तर: आभूषण/हाव-भाव/वस्तुएँ:
चूड़ियाँ: ‘नृत्य करती लड़की’ मूर्ति द्वारा व्यापक रूप से पहनी जाती हैं।
मिट्टी का बर्तन: ग्रामीण क्षेत्रों में भंडारण और खाना पकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तनों के समान।
आभूषण: आधुनिक डिजाइनों से मिलते जुलते मोती और हार।
बोर्ड खेल: बोर्ड खेलों के समान आज भी खेले जाते हैं।
मुहरें: आधुनिक मुहरों के समान, इनका उपयोग टिकटों और प्रमाणीकरण के लिए किया जाता है।
6. धौलावीरा के जलाशयों की प्रणाली क्या सोच प्रतिबिंबित करती है?
उत्तर: धौलावीरा में जलाशयों की व्यवस्था उन्नत इंजीनियरिंग, टिकाऊ जल प्रबंधन और दीर्घकालिक योजना पर केंद्रित मानसिकता को दर्शाती है। यह पर्यावरण की गहरी समझ और सामुदायिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो शुष्क क्षेत्र में स्थिर जल आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
7. मोहनजो दड़ो में ईंटों से निर्मित 700 कुओं की गणना की गई है। ऐसा लगता है कि उनका नियमित रूप से रख-रखाव किया जाता रहा और अनेक शताब्दियों तक उनका उपयोग किया जाता रहा। निहितार्थों पर चर्चा कीजिए।
उत्तर: मोहनजोदड़ो में लगभग 700 कुओं की मौजूदगी एक अत्यधिक संगठित और संसाधन संपन्न समाज का संकेत देती है। सदियों से नियमित रखरखाव एक मजबूत नागरिक प्रशासन का संकेत देता है, जो पानी की उपलब्धता और स्वच्छता के महत्व पर जोर देता है। यह सिविल इंजीनियरिंग और सार्वजनिक स्वास्थ्य में उन्नत ज्ञान का भी संकेत देता है।
8. सामान्यतः यह कहा जाता है कि हड़प्पावासियों में नागरिकता का उच्च भाव था। इस कथन के महत्व पर चर्चा कीजिए। क्या आप इससे सहमत हैं? वर्तमान भारत के महानगरों के नागरिकों के साथ इसकी तुलना कीजिए।
उत्तर: हड़प्पावासियों की उच्च नागरिक भावना शहरी नियोजन, सार्वजनिक स्वच्छता प्रणालियों और मानक निर्माण तकनीकों से स्पष्ट है। यह सामूहिक कल्याण और पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता देने वाली सामुदायिक मानसिकता को दर्शाता है। आधुनिक भारतीय शहरों की तुलना में, जहाँ कुछ क्षेत्र उच्च नागरिक भावना प्रदर्शित करते हैं, वहीं शहरी फैलाव जैसी चुनौतियाँ हड़प्पा विरासत से प्रेरणा लेते हुए चेतना को पुनर्जीवित करने और बढ़ाने की आवश्यकता को इंगित करती हैं।