Class 9 Ambar Bhag 1 Chapter 12 जीवन-संग्राम

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Class 9 Hindi (MIL) Ambar Bhag 1 Chapter 12 जीवन-संग्राम

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जीवन-संग्राम

पाठ – 12

Group – B: गद्य खंड

बौध एवं विचार

1. सही विकल्प का चयन कीजिए:

(क) किसके बस्ते से रुपए गायब हुए थे?

(i) निर्मल।

(ii) सिद्धार्थ।

(iii) प्रशांत।

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(iv) रमेन।

उत्तर:- प्रशांत।

(ख) सिद्धार्थ के बस्ते में कितने रुपए पाए गए?

(i) पचास रुपए के एक नोट।

(ii) पचास रुपए के दो नॉट।

(iii) सौ रुपए के एक नोट।

(iv) बीस रुपए के दो नॉट।

उत्तर: पचास रुपए के दो नोट।

(ग) कर दो कॉपियां खरीदनी थी-यह किसका कथन है?

(i) प्रशांत। 

(ii) सिद्धार्थ।

(iii) निर्मल।

(iv) रमेन।

उत्तर:- प्रशांत।

(घ) सिद्धार्थ के पिताजी जब उससे मिलने आते तो उसके लिए क्या लेट थे?

(i) कांचे।

(ii) खिलौने। 

(iii) मिठाइयां। 

(iv) चॉकलेट।

उत्तर: चॉकलेट।

(ङ) सिद्धार्थ अपने पिताजी द्वारा दिए गए चॉकलेट के खाली कागजों को जमा करता था?

(i) बस्ते में।

(ii) पेंसिल बॉक्स में।

(iii) घर में।

(iv) जेब में।

उत्तर:- पेंसिल बॉक्स में।

2. एक वाक्य में उत्तर दीजिए:

(क) किसकी शिकायत सुनकर महेंद्र सर आग बबूला हो गए?

उत्तर:- प्रशांत की।

(ख) प्रशांत के बस्ते से कितने रुपए गायब हुए थे?

उत्तर:- पचास रुपए के दो नोट।

(ग) सिद्धार्थ की मां के सोने के कंगन किसने चुराए?

उत्तर:- सिद्धार्थ ने।

(घ) कंगन चोरी के आरोप में पुलिस किस पड़कर थाने ले गई?

उत्तर:- सिद्धार्थ के घर की नौकरानी को।

(ङ) निर्मल के मुंह पर घुस्सा जढ़ने वाला कौन था?

उत्तर:- बाइक पर सवार एक लड़का था।

(च) सिद्धार्थ के कानों में बार-बार कौन-सा वाक्य गुजरा था?

उत्तर:- तुम्हें क्या हुआ है सिद्धार्थ, मुझे बताना ही होगा यह वाक्य गुजता था।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:

(क) महिंद्रा कर के गुस्से होने का क्या कारण था?

उत्तर:- कई दिनों से स्कूल में पैसे गायब हो रहे थे। उन्होंने स्कूल में पैसा कम या ना लाने की सलाह सबको दी थी। जब महेंद्र सर ने प्रशांत के बस्ते से रुपए गायब होने की खबर सुनी तो वह गुस्से से आग बबूला हो गए।

(ख) महेंद्र सर ने विद्यार्थियों को क्या हिदायत दी थी?

उत्तर:- महेंद्र सर ने विद्यार्थियों को हिदायत दी थी कि स्कूल में ज्यादा पैसे मत लाया करो जरूरत ना हो तो लाना ही नहीं।

(ग) महेंद्र सर ने सिद्धार्थ को क्या चेतावनी दी थी?

उत्तर:- महेंद्र सर ने सिद्धार्थ को चेतावनी दी थी कि जिस दिन तुम सबूत के साथ पकड़े जाओगे वह दिन स्कूल में तुम्हारा आखिरी दिन होगा।

(घ) निर्मल पान की दुकान पर क्यों गया था?

उत्तर:- निर्मल पान की दुकान पर सिद्धार्थ से मिलने गया था।

(ङ) पान-दुकानदार कैसा आदमी था?

उत्तर:- पान दुकानदार अच्छा आदमी नहीं था, वह आते-जाते लड़के लड़कियों पर नजर रखता था तथा बच्चों से सिगरेट तथा नशे के पदार्थ बेचकर उन्हें उसकी आदत लगवाता था।

(च) सिद्धार्थ पान की दुकान पर क्यों जाता था?

उत्तर:- सिद्धार्थ पान की दुकान पर सिगरेट तथा नशे के पदार्थ लेने जाता था।

(छ) सिद्धार्थ ने स्कूल जाना बंद क्यों कर दिया था?

उत्तर:- क्योंकि सिद्धार्थ निर्मल का सामना नहीं करना चाहता था निर्मल सिद्धार्थ के आदतों से परिचित था वह जान चुका था कि पैसे चोरी करने के साथ-साथ सिद्धार्थ नशे पदार्थ लेने का आदी बन चुका था।

(ज) कहानीकार ने सिद्धार्थ के जीवन को बिना चप्पू की नाव जैसा क्यों कहा है?

उत्तर:- क्योंकि सिद्धार्थ के माता-पिता में हमेशा झगड़ा हुआ करते थे गुस्से में पिताजी घर छोड़कर चले गए थे, घर में उसका मन नहीं लगता स्कूल की छुट्टी के बाद वह इधर-उधर घूमता फिरता देर से घर पहुंचता मां ने भी उसका चिंता करना छोड़ दिया था सिद्धार्थ को संभालने तथा मार्गदर्शन करने वाला कोई न था इसलिए कहानीकार ने सिद्धार्थ के जीवन को बिना चप्पू की नाव जैसा कहा है।

(झ) सिद्धार्थ को पहली बार सिगरेट पीकर कैसा लगा था?

उत्तर:- सिद्धार्थ को पहली बार सिगरेट पीकर शरीर में एक अजीब सी स्फूर्ति एवं उमंग का अनुभव हुआ था।

(ञ) सिद्धार्थ ने निर्मल का हाथ पकड़ कर क्या कहा?

उत्तर:- निर्मल का हाथ पकड़ कर सिद्धार्थ ने कहा:- निर्मल में जरूर प्रयास करूंगा मेरी आंखों के सामने न रहने पर भी तुम हमेशा मेरे हृदय में बने रहोगे और मुझे गलत रास्ते पर जाने से रोकते रहोगे या मैं जानता हूं।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के सम्यक उत्तर दीजिए: 

(क) पान दुकान की गतिविधियों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर:- पान दुकानदार दुकान पर आने वाले लड़के लड़कियों को वह बड़े गौर से निहारता था। तथा उनके माता-पिता बहन भाई के बारे में पूछता था उसने थोड़ी सी भी आत्मीयता नहीं थी। दूसरों के घर के बाते जानने के इच्छुक निर्मल की नजरों में वह व्यक्ति कुछ रहस्यमय लगा पान दुकानदार सिगरेट में ड्रग्स मिलकर बेचता था उसी ने सिद्धार्थ को सिगरेट पीने की लत लगाई थी।

(ख) सिद्धार्थ नशे का आदि क्यों और कैसे हो गया? 

उत्तर:- सिद्धार्थ ने जब से होश संभाला तब से उसने अपने माता-पिता को आसपास में लड़ते झगड़ते देखा था घर की प्रतिदिन हो रहे शोरगुल से वह परेशान था। उसे माता-पिता तथा दोस्तों का प्यार ना मिला वह अकेला रहने लगा अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए वह पान दुकान पर जाता था और वहीं से उसे नशे की लत लग गई थी।

(ग) सिद्धार्थ की पारिवारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।

उत्तर:- सिद्धांत की पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं थी उसके माता-पिता में आए दिन हमेशा झगड़ा हुआ करते थे। एक दिन उसके पिताजी उन लोगों को फ्लैट में छोड़कर कहीं चले गए थे। सिद्धार्थ को माता-पिता का पूरा प्यार नहीं मिला था इसलिए उसका मन घर में नहीं लगता था।

(घ) निर्मल के चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

उत्तर:- निर्मल सिद्धार्थ का सहपाठी था। निर्मल एक जिम्मेदार बच्चा था वह स्कूल से मिले गृह कार्य को भी भली भांति से करता था। वह सिद्धार्थ का हितेषी था जब निर्मल ने सिद्धार्थ के गलत कार्य को जाना तो उसे गलत कार्य से निकलने के लिए उसने उसका भरपूर साथ दिया था।

(ङ) निर्मल ने सिद्धार्थ की किस प्रकार मदद की?

उत्तर:- जब निर्मल को सिद्धार्थ के चोरी करने तथा ड्रग्स की लत लगने की आदत के बारे में पता चला तो उसने सिद्धार्थ को समझाया तथा उसके साथ खड़ा रहा और ड्रग्स की लत को छुड़ाने में पूरी कोशिश की और निर्मल कामयाब भी हुआ।

(च) सिद्धार्थ नशा खोरी से मुक्त कैसे हुआ?

उत्तर:- सिद्धार्थ अपने माता-पिता के झगड़ों से परेशान था झगड़ों के कारण सिद्धार्थ को माता-पिता का पूरा प्रेम नहीं मिला था और वह अकेलेपन में रहने लगा था अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए वह नशे का आदी बन गया था परंतु निर्मल जो उसका सहपाठी तथा एक अच्छा मित्र था निर्मल के प्रेम तथा विश्वास ने सिद्धार्थ को नशाखोरी से मुक्त कराया।

(छ) जीवन-संग्राम कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर:- इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि, कठिन परिस्थितियों में हमें बुरे रास्ते का चयन नहीं करना चाहिए यह जीवन एक संग्राम है तथा जीवन में आने वाले परेशानियों का डट का सामना करना चाहिए।

(ज) “मनुष्य का जीवन ही एक संग्राम है, – कहानी के आधार पर इस वाक्य की पुष्टि कीजिए।

उत्तर:- सिद्धार्थ अपने माता-पिता का झगड़ा से तंग आकर तथा अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए नशे का आदी बन चुका था। अपने मित्र निर्मल के समझने तथा हिम्मत देने पर वह सही रास्ते पर आ गया था। मुझे दूसरी तरफ निर्मल एक गंभीर बीमारी से  जूझ रहा था कठिनाईयां में कभी हिम्मत नहीं हारना चाहिए जीवन एक संगम है जिसमें हर किसी को हिस्सा लेना ही पड़ता है।

5. निम्नलिखित कथन किसने किससे और किस प्रसंग में कहा है:

(क) संसार में पचास के सिर्फ दो ही नोट है क्या?

उत्तर:- यह वाक्य सिद्धार्थ ने महेंद्र सर से कहे हैं जब प्रशांत के बस्ते से पैसे चोरी हो गए थे।

(ख) सिद्धार्थ से मिलना है।

उत्तर:- यह वाक्य निर्मल ने दुकानदार से कहे जब दुकानदार ने निर्मल से रुखे स्वर में बात की।

(ग) तुम्हें क्या हुआ है सिद्धार्थ मुझे बताना ही होगा।

उत्तर:- यह वाक्य निर्मल ने सिद्धार्थ से कहा था जब निर्मल ने सिद्धार्थ से पैसे चोरी के बारे में पूछा था।

(घ) आपसे पैसा देकर सामान लेना।

उत्तर:- दुकानदार ने सिद्धार्थ से कहा जब सिद्धार्थ ड्रग्स लेने का आदी हो गया था।

(ङ) दुकान पर क्यों गए थे?

उत्तर:- सिद्धार्थ ने निर्मल से कहा जब निर्मल सिद्धार्थ को ढूंढने के लिए पान की दुकान पर गया था।

6. संप्रसग व्याख्या कीजिए:

(क) हमारे उत्तरदायित्व का ज्ञान ही हमें अधिकार दिलाता है।

उत्तर:- प्रसग: उक्त पंक्तियां अंबर भाग 1 के जीवन संग्राम नामक पाठ से ली गई है इसके लेखक डॉ मृणाल कलिता है।

व्याख्या: उक्त पंक्ति द्वारा लेखक यह कहना चाहते हैं कि जब सिद्धार्थ नशे का आदी हो गया था तथा निर्मल को जब यह बात पता चली थी कि सिद्धार्थ पैसा चोरी तथा ड्रग्स लेने का आदी हो गया है तो वह उसे मिलने के लिए पान की दुकान पर जाता है तथा उसे बात करने के की चेष्टा करता है निर्मल सिद्धार्थ का सहपाठी तथा एक बहुत अच्छा मित्र था वह सिद्धांत से ड्रग्स लेने का आदी होने के बारे में पूछता है और सिद्धार्थ भी उसे सब बताने लगता है। निर्मल के समझाने तथा हिम्मत से सिद्धार्थ सही राह पर आ जाता है। इसलिए लेखक कहते हैं कि हम अपना अधिकार वही जाता सकते हैं जहां हम अपने कर्तव्य को पूरा करते हैं।

(ख) वह रोता भी था पर उसके आंसू पूछने के लिए न मां के कोमल हाथ बढ़ते हैं ना पिता के।

उत्तर:- प्रसग: उक्त पंक्तियां अंबर भाग 1 के जीवन संग्राम नामक पाठ से ली गई है इसके लेखक डॉ मृणाल कलिता है।

व्याख्या: सिद्धार्थ पहले बहुत खुशहाल तथा जिम्मेदार लड़का था वह हमेशा हंसता-बोलता था खेलते कुदता था लेकिन कुछ दिनों से वह बहुत गंभीर और लापरवाह हो गया था। सिद्धार्थ के माता-पिता हमेशा झगड़ा किया करते थे वह इसी वजह से अकेले रहने लगा था वह अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए पान दुकान पर जाता था और वहां से वह ड्रग्स का आदी बन गया था एक दिन उसके पिताजी उन लोगों को फ्लैट में छोड़कर कहीं चले गए। उसे माता-पिता का पूरा प्रेम नहीं मिला था इस वजह से वह सदा मायूस और उदास रहा करता था।

(ग) तब उसने यह अनुभव किया कि उसके अंदर का आदमी मर चुका है।

उत्तर:- प्रसग: उक्त पंक्तियां अंबर भाग 1 के जीवन संग्राम नामक पाठ से ली गई है इसके लेखक डॉ मृणाल कलिता है।

व्याख्या: सिद्धार्थ अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए पान दुकान के पास जाता और वहां से वह ड्रेस का आदी बन चुका था जब दुकानदार ने देखा कि सिद्धार्थ ब ड्रग्स का बन चुका है तब उसने उसे कहा अब से पैसा देकर सामान लेना सिद्धार्थ के मन सोने के कंगन मेज पर रखकर बाथरूम में स्नान करने गई थी सिद्धार्थ ने वह कंगन चुरा कर दुकानदार को दे दिया था पुलिस ने नौकरानी पर संदेश कर उसे थाने ले गई सिद्धार्थ की मां बहुत मायूस तथा उदास थी यह देखकर सिद्धार्थ को अनुभव हुआ कि उसके अंदर का आदमी मर चुका है।

(घ) सुख हमारे मन में होना चाहिए।

उत्तर:- प्रसग: उक्त पंक्तियां अंबर भाग 1 के जीवन संग्राम नामक पाठ से ली गई है इसके लेखक डॉ मृणाल कलिता है।

व्याख्या: निर्मल और सिद्धार्थ जब दोनों मित्र नदी किनारे बैठकर बात कर रहे थे  सिद्धार्थ अपने सारे परेशानियां निर्मल के सामने रखी निर्मल भी उसे बड़े ध्यान से सुन रहा था निर्मल ने सिद्धार्थ को समझाया जीवन एक संग्राम है जहां परेशानियों का डट के सामना करना चाहिए। निर्मल ने सिद्धार्थ को कहा कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं तुम्हें समझाते तथा तुम्हें हिम्मत देने के लिए निर्मल सिद्धार्थ से कहा सुख मन में होना चाहिए सुख सुख बाहर से ले जाने वाली कोई चीज नहीं है सुख एक भाव है जो मन में होना चाहिए।

भाषा एवं व्याकरण:

1. इस कहानी में आए किन्हीं पाँच मुहावरों को चुनिए और उनका अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए। 

आग बबूला होना, पहाड़ टूटना, डूबते को तिनके का सहारा, कमर कसना, हक्का–बक्का होना।

उत्तरः आग बबूला होना: (गुस्सा होना) – देश को नुसान पहूंचाने की बात सुनकर हर देशवासी आग बबूला हो जाता है।

पहाड़ टूटना: (संकट आना) – राम जी के वनवास जाते ही सब पर दुःख का पहाड़ सा टूट पड़ा।

डूबते को तिनके का सहारा: (सहारा मिलना) – दीन हीन व्यक्ति के लिए भगवान् का चिंतन ऐसे है जैसे डूबते को तिनके का सहारा।

कमर कसना: (तैयार होना) – भारतीय क्रिकेट टीम ने इस साल विश्व कप जीतने के लिए कमर कस ली है।

हक्का-बक्का होना: (आशचर्यचकित होना) – पिताजी को जवान की तरह लडते देख कर मैं ‌‌‌हक्का बक्का रह गया था।

2. कोष्ठकों में दिए गए निर्देशों के अनुसार वाच्य–परिवर्तन कीजिए: 

(क) महेंद्र सर ने सभी विद्यार्थियों को सावधान किया था। (कर्मवाच्य)

उत्तर: महेंद्र सर के द्वारा सभी विद्यार्थियों को सावधान किया गया था।

(ख) उसने गीत गाया। (कर्म वाच्य)

उत्तर: उसके द्वारा गीत गाया गया।

(ग) शिकारी ने गोली चलाई। (कर्म वाच्य)

उत्तर: शिकारी के द्वारा गोली चलाई गई।

(घ) निर्मल चल नहीं सकता। (भाव वाच्य )

उत्तर: निर्मल से चला जाता।

(ङ) राम के द्वारा क्रिकेट खेला गया। (कर्त्तृ वाच्य)

उत्तर: राम ने क्रिकेट खेला।

लेखक संबंधित प्रश्न उत्तर:

1. जीवन संग्रह पाठ के लेखक के नाम लिखिए?

उत्तर: डॉ मृणाल कलिता।

2. कवि का जन्म कहा हुआ था?

उत्तर: कामरूप जिले के बामुन्दी गांव में हुआ था।

3. उनके पुस्तको के नाम लिखिए?

उत्तर: उनके पुस्तको के नाम है:

(i) अनुसीलन।

(ii) आयंत्रिक अनुशीलन।

(iii) मृत्युर सिपारे।

(iv) गॉड फाथरर हात आरु शैतान मगजु।

(v) गणितर वर्णिल जगत तथा।

(vi) बकुल फूलर दरें आदी।

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