Class 8 Hindi Chapter 7 पहली बूँद

Class 8 Hindi Chapter 7 पहली बूँद answer to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters SEBA Class 8 Hindi Chapter 7 पहली बूँद and select need one.

Class 8 Hindi Chapter 7 पहली बूँद

Join Telegram channel

Also, you can read the SCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per SCERT (CBSE) Book guidelines. These solutions are part of SCERT All Subject Solutions. Here we have given Assam Board Class 8 Hindi Chapter 7 पहली बूँद Solutions for All Subject, You can practice these here.

पहली बूँद

पाठ – 7

अभ्यास–माला

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:

(क) कविता में किस ऋतु का वर्णन हुआ है?

उत्तर: कविता में वर्षा ऋतु का वर्णन हुआ है।

(ख) वर्षा को पहली बूँद को किसके समान बताया गया है?

उत्तर: वर्षा को पहली बूँद को अमृत के समान बताया गया है।

(ग) धरती की रोमावलि क्या है?

उत्तर: हरी दूब की अंकुर ही धरती की रोमावलि है।

(घ) ‘आसमान में उड़ता सागर’ यहाँ कवि ने उड़ता सागर किसे कहा है?

उत्तर: ‘आसमान में उड़ता सागर’ यहाँ कवि ने उड़ता सागर बिजलियों कहा है।

(ङ) बूढ़ी धरती क्या बनना चाहती है?

उत्तर: बूढ़ी धरती शस्य-श्यामला बनना चाहती है।

2. कविता का भाव समझकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो:

(क) वर्षा की पहली बूँद से धरती की प्रसन्नता किस प्रकार प्रकट होती है?

उत्तर: वर्षा की पहली बूँद से धरती में अंकुर फुट पड़ा और अँगड़ाने लगी। इस बूँद से हरी दूब भी मुसकुराने लगी। और चारो दिशाओं में हरियाली छाई है।

(ख) वर्षा ऋतु में बादल कैसे दिखाई पड़ते हैं?

उत्तर: वर्षा ऋतु में बादल आसमान में उड़ता सागर दिखाई पड़ते है।

(ग) वर्षा ऋतु में धरती पर क्या-क्या परिवर्तन होते है?

उत्तर: वर्षा ऋतु आती है तो धरती पर कई प्रकार के बदलाव एवं परिवर्तन आने शुरू हो जाते हैं। जैसे- सूखे पड़े मैदानों में हरी-भरी घास झूमने लगती है, धरती में दबे बीज अंकुरित होकर फूटने लगते हैं, पेड़ों में नई शाखाएंँ और पत्ते उमड़ने लगते हैं, फूलों की महक चारों ओर फैल जाती है आदि आदि।

(घ) कवि ने वर्षा की पहली बूँद को अमृत के समान क्यों कहा है?

उत्तर: कवि ने वर्षा की पहली बूंँद को अमृत के समान इसीलिए कहा है क्योंकि वर्षा की पहली बूंद ने बेजान पड़े सूखी धरती को फिर से जगा दिया है। मानो जैसे धरती को नया जीवन मिल गया हो और धरती अपनी खुशी का इजहार चारों तरफ हरियाली फैलाकर देती है।

(ङ) वर्षा ऋतु के सौंदर्य का अपने शब्दों में चित्रण करो।

उत्तर: जिस प्रकार सूरज की नई किरणों के साथ अच्छे दिन की शुरुआत होती है, ठीक उसी प्रकार धरती की नई शुरुआत वर्षा ऋतु के आगमन से होती है। वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़ पौधों में नए सिरे से पत्ते आने लगते हैं। सूखी नदिया फिर से बहने लगती है। किसान अपने खेतों में फसल लगाकर धरती को और सौंदर्य एवं हरा भरा कर देते है।

3. कवि ने कविता में प्रकृति की मानवीकरण किया है। आओ, समझे और मिलाएँ 

(i) बूंँदेपुलकी – मुसकाई
(ii) अंबरकाली – पुतली
(iii) बादलअमृत
(iv) दूबनीला नयन

उत्तर: (i) बूंँदे = अमृत

(ii) अंबर = नीला नयन

(iii) बादल = काली – पुतली

(iv) दूब = पुलकी – मुसकाई

पाठ  के आस–पास

1. भारत में कुल छह ऋतुएँ होती हैं। उनके नाम लिखो। इनमें से तुम्हें सबसे प्रिय कौन-सी ऋतु लगती है ? उसके बारे में पाँच पंक्तियाँ लिखो।

उत्तर: भारत में छह ऋतुएँ होती है। 

ये है- 

(i) ग्रीष्म।

(ii) वर्षा।

(iii) शरद।

(iv) हेमन्त।

(v) शीत।

(vi) बसंत। 

2. वर्षा ऋतु में कम वर्षा होने पर क्या-क्या लाभ और नुकसान होते हैं, आओ, इस तालिका में उल्लेख करें:

उत्तर:

लाभनुक्सान
खेती करने के लिए कई शुभिदाए मिलती है जैसे बारिश होती है तो किसानों के खेत मैं पानी की कमी नही होती।अगर वर्षा के समय में काम बारिश हो तो खेती करने के लिए मुश्किल हो जाति है।

3. आओ, पढ़ें, समझें और लिखें:

हवा की आवाज है –  सर–सर

पानी बरसता है – झर–झर

इस तरह इनकी आवाजों क्या है, लिखो:

(i) नदी।

उत्तर: नदी बहती है कल–कल।

(ii) बिजली।

उत्तर: बिजली चमकती है चक्मक्।

(iii) नगाड़ा।

उत्तर: नगाड़ा बजता धम – धम।

भाषा अध्ययन

1. कविता में अनुस्वार (‌‌ं) और अनुनासिक (ँ) वाले शब्दों का प्रयोग हुआ है। ऐसे ही तीन- अन्य शब्द ढूँढ़कर लिखो:

अनुस्वारा(ं)अनुनासिक(ँ)
अंकुरबूँद

उत्तर: 

अनुस्वारा(ं)अनुनासिक(ँ)
अंकुरबूँद
वसुंधराअंँगड़ाई
अंबरऋतुएंँ
गंगाछांँटा

2. समान अर्थवाले शब्दों को चुनकर गोला चिन्ह लगाओ:

(i) धरती  = जीवन  अमृत  धरा  धन  वसुंधरा।

उत्तर: धरती  = जीवन  अमृत  धरा  धन  वसुंधरा।

(ii) बादल =  जलधर  सागर  बिजली   मेघ  बूँद।

उत्तर: बादल =  जलधर  सागर  बिजली   मेघ  बूँद।

(iii) आकाश = धरती  अंबर  आसमान  घन  अश्रु।

उत्तर: आकाश = धरती  अंबर  आसमान  घन  अश्रु।

(iv) नयन = लोचन   नासिका  नगाड़ा  अधर  नेत्र।

उत्तर: नयन = लोचन   नासिका  नगाड़ा  अधर  नेत्र।

(v) दिन = दिवस  दूब  दीवा   दिनकर   रात्रि।

उत्तर: दिन = दिवस  दूब  दीवा   दिनकर   रात्रि।

3. निम्नलिखित विलोम शब्दों को रेखा खींचकर मिलाओ:

(i) दिवस = आकाश।

(ii) जीवन = विष।

(iii) धरती = मृत्यु।

(iv) अमृत = रात्रि।

उत्तर: (i) दिवस = रात्रि।

(ii) जीवन = मृत्य।

(iii) धरती = आकाश।

(iv) अमृत = विष।

योग्यता-विस्तार

1. बच्चो ! तुमलोग जानते हो कि वसंत ऋतु को ‘ऋतुराज’ कहते हैं। इस ऋतु में भारत में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। जैसे- होली, बिहु, वैशाखी, ओणम, पोंगल आदि। इनमें से किसी एक त्योहार के बारे में एक अनुच्छेद लिखो।

उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।

2. प्रकृति के संरक्षण में मनुष्य की भूमिका पर एक परिचर्चा का आयोजन करो और अपने-अपने विचार लिखकर शिक्षक-शिक्षिका को दिखाओ।

उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।

3. वर्षा पर आधारित अन्य कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं तथा अन्य स्रोतों से संगृहीत कर पढ़ो और समझो।

उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।

4. आओ, कुछ करें:

बरसात आने पर क्या-क्या होते हैं? पूर्वांकित चित्र को देखकर पाँच वाक्य लिखो।

उत्तर: (i) यह चित्र वर्षा ऋतु की है।

(ii) इसमें तीन बच्चे दिखाई दे रहे है।

(iii) इस चित्र में बहुत तेज बारिश हो रही है।

(iv) चारों ओर हरियाली छाए है।

(v) बच्चे नाव बहा रहे है।

आओ, पाठ में आए कुछ शब्दों के अर्थ जानें:

शब्दअर्थ 
पावस
दिवस
धरा 
अधर 
अमृत
वसुंधरा
रोमावलि 
दूब
पुलकी–मुसकाई
स्वर्णिम
अंबर
जलधर
अश्रु
चार

उत्तर: 

शब्दअर्थ 
पावसवर्षा ऋतु
दिवसदिन
धरा धरती
अधर ओठ 
अमृतसुधा, अमिय 
वसुंधराधरती
रोमावलि रोमों की पंक्ति 
दूबदुर्वा, घास
पुलकी–मुसकाईपुलकित हुई और मुस्कुराई
स्वर्णिमसुनहरे
अंबरआकाश
जलधरबादल 
अश्रुआँसू
चारसदा, हमेशा

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top