Assam Jatiya Bidyalay Class 7 Hindi Chapter 14 संत वाणी, Assam Jatiya Vidyalaya | অসম জাতীয় বিদ্যালয় হিন্দী Class 7 Question Answer to each chapter is provided in the list of SEBA so that you can easily browse through different chapters and select needs one. Assam Jatiya Bidyalay Chapter 14 संत वाणी Class 7 Hindi Question Answer can be of great value to excel in the examination.
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संत वाणी
Chapter – 14
অসম জাতীয় বিদ্যালয়
अभ्यास-माला
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो : (তলত দিয়া প্ৰশ্নবোৰৰ উত্তৰ লিখা)
(i) मीठी वाणी क्यों बोलनी चाहिए? (মিঠা কথা কিয় ক’ব লাগে?)
उत्तर: हमे मीठी वाणी बोलनी चाहिए क्योंकि इससे हमारे मन को शान्ति मिलती है।
(ii) कवि के अनुसार कौन पंडित हो सकता है? (কবিৰ মতে কোন পণ্ডিত হ’ব পাবে?)
उत्तर: जो मनुष्य में प्रेम-भाव हो तथा प्रेम की भाषा का ज्ञान हो, कवि के अनुसार वो ही पंडित हो सकता है।
(iii) साधु से क्या पूछना चाहिए? (সাধুক কি সুধিব লাগে?)
उत्तर : साधु से हमें उनकी ज्ञान पूछनी चाहिए।
(iv) शिशु कृष्ण किसके सामने शिकायत करता है? (শিশু কৃষ্ণই কাৰ আগত অভিযোগ কৰিছিল?)
उत्तर: शिशु कृष्ण अपने माता यशोदा के सामने शिकायत करता है।
(v) कृष्ण को कौन खिझाता है? (কৃষ্ণক কোনে জোকাই থাকে?)
उत्तर: कृष्ण को उनके बड़े भाई खिझाते हैं।
(vi) कृष्ण को किस तरह खिझाया जाता है? (কৃষ্ণক কেনেদৰে জকোৱা হয়?)
उत्तर: कृष्ण को दाउ हमेशा खिझाया करते है। वह कृष्ण से कहते है कि उन्हें पैसा देकर किना गया है। दाउ उनसे पूछते है कि उनके माता-पिता कौन है और बोलते हैं कि वास्तव में यशोदा के पुत्र कृष्ण नहीं है। दाउ यह भी कहते है कि यशोदा अथवा नन्द दोनो ही गोरे है परन्तु कृष्ण का रंग सावला है। यह सब सुनके सभी ग्वाले भी उन्हें चीराया करते है।
(vii) यशोदा किसलिए मुग्ध हो जाती है? (যশোদা কিয় মুগ্ধ হৈ যায়?)
उत्तर: मोहन की दाउके प्रति नाराजगी को देखकर मुग्ध हो जाती है।
(viii) किसकी शपथ लेकर यशोदा कृष्ण को मनाने की कोशिश करती है? (কাৰ শপত লৈ যশোদাই কৃষ্ণক মনোৱাৰ যত্ন কৰি আছে?)
उत्तर: यशोदा भगवान की शपथ लेकर कृष्ण को मनाने की कोशिश करती है।
2. व्याख्यामूलक प्रश्न : (ব্যাখ্যামূলক প্রশ্ন)
( क ) “मीठी वाणी बोलिए मन का आपा खोय
औरन को सीतल करे, आपहुँ सीतल होय ॥”
(i) ‘मन का आपा’ का मतलब क्या है? (ইয়াৰ মানে কি?)
उत्तर: ‘मन का आपा’ का मतलब है, अपने मन को अपने बस में रखना।
(ii) ‘मन का आपा’ कब खो जाता है? (‘मन का आपा’ কেতিয়া হেৰাই যায়?)
उत्तर: मीठी वाणी बोलने से मन का आपा खो जाता है।
(iii) हम अपने आप को किस तरह शांति दिला सकते है? (আমি নিজক কেনেকৈ শান্তি প্ৰদান কৰিব পাৰোঁ?)
उत्तर: दूसरों को शान्ति देकर हम अपने आप को शांति दिला सकते है।
(iv) क्या दरअसल मीठी बोली का महत्व है? अपनी राय दो।
(আচলতে মিঠা কথাৰ মানে কি?)
उत्तर: मीठी वाणी का मतलब है वचन बोलना, अच्छी-अच्छी बाते बोलना।
(ख) “जो तो को काँटा बुषे, ताहि बुव तू फूल।
तोको फूल के फूल है, वाकी है तिरसूल ॥”
(i) किसके लिए फूल बोने की बात की गयी है? (কাৰ কাৰণে ফুল ৰুৱাৰ কথা কোৱা হৈছে?)
उत्तर: जो हमारे लिए काँटा बीए उसके लिए फूल बोने की बात की गयी है।
(ii) प्रस्तुत साखी के जरिए कवि कौन सा संदेश देना चाहते है? (প্রস্তুত সাখীৰ দ্বাৰা কবিয়ে কি বতৰা দিব বিচাৰিছে? বুজাই লিখা।)
उत्तर: कवि यह कहना चाहते है कि जो हमारे साथ बुरा करे हमें उसके साथ अच्छा करना चाहिए। क्योंकि अच्छे कर्म का फल हमेशा अच्छा होता है और बूरे कर्म का फल बूरा ।
(iii) ‘तिरसूल’ से कवि क्या कहना चाहते? (‘तिरसूल’ মানে কবিয়ে কি ক’ব বিচাৰিছে?)
उत्तर: यहाँ ‘तिरसूल’ का मतलब कवि ने काँटे को कहा है।
(iv) क्या उपयुक्त पंक्तियों से तुम सहमत हो? अपना विचार प्रस्तुत करो : (ওপৰোক্ত পংক্তিৰ সৈতে তুমি সহমতনে? নিজৰ অভিমত দর্শোৱা।)
उत्तर: हाँ, मैं उपयुक्त पंक्तियों से सहमत हूँ।
कवि ने ठीक ही कहा है कि हमें सबके साथ अच्छा करना चाहिए, उसके साथ भी जो हमारे साथ बूरे करता हो। क्योंकि अगर हम अच्छे कर्म करते है तो हमारे साथ हमेशा अच्छा होगा और जो बूरे कर्म करता है उसके साथ बूरा ।
(ग) “मोसौ कहत मोल कौ लीन्हौ तू जसुमति कब जायौ।
कहा करौ इहि विस के मारै खेलन हौ नहि जात ॥”
(i) कौन किसके सामने शिकायत करता है? (কোনে কাৰ আগত অভিযোগ কৰিছে?)
उत्तर: कृष्ण अपनी माता यशोदा के सामने शिकायत करता है।
(ii) कौन किसलिए खेलने नहीं जाता है? (কোনে কি কাৰণে খেলিবলৈ নাযায়?)
उत्तर: कृष्ण इसलिए खेलने नहीं जाते है क्योंकि वह अपने दाउ यानि बलराम से नाराज थे। दाउ हमेशा उन्हें परेशान करते हैं और उन्हें खिझाया करते है।
(iii) प्रस्तुत पंक्तियों को गद्यरूप लिखो। (প্রস্তুত শাৰীৰ গদ্যৰূপ লিখা)
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति के द्वारा कृष्ण दाउ के प्रति अपने गुस्सा का वर्णन अपनी माता से करते है। कृष्णा कहते है किं उनके बड़े भाई बहुत तंग करते है। दाउ कहते है कि कृष्णा को पैसा देके किना गया है और वे वास्तव में यशोदा के पुत्र नहीं है। कृष्णा कहते है कि उनके इसी गुस्सा के कारण वह अपने दोस्तो के साथ खेलने भी नहीं जाते है।
(घ) “सुनहु कान्हा बलभद्र चबाई जनमत ही की धूत।
सूर स्याम मोहि गोधन को सौ, हौ माता तू पूत ॥”
(i) कौन बलभद्र को ‘चबाई’ कहती है? ‘चबाई’ का अर्थ क्या है? (কোনে বলভদ্ৰক ‘चबाई’ বুলি কয়? ‘चबाई’ মানে কি?)
उत्तर: यशोदा बलभद्र को बचाई कहती है। चबाई का अर्थ है चुगलखोर
(ii) उपर्युक्त पंक्तियाँ किसके प्रति कही गयी है? (উপৰোক্ত পংক্তিটো কাৰ কাৰণে কোৱা হৈছে?)
उत्तर: उपयुक्त पंक्तियाँ कृष्ण के प्रति कहा गया है।
(iii) यशोदा कौन सी शपथ लेती है? (যশোদাই কি শপত খাইছিল?)
उत्तर: यशोदा शपथ लेती है कि वहा ही कृष्णा की माता है और कृष्णा उनका पुत्र ।
(iv) क्या दरअसल कृष्ण यशोदा की सन्तान है? (আচলতে কৃষ্ণ যশোদাৰ পুত্রনে?)
उत्तर नहीं, दरअसल कृष्णा यशोदा के पुत्र नहीं है।
(v) कृष्णा के असली माता-पिता कौन है? (কৃষ্ণৰ প্ৰকৃত মাতা-পিতা কোন?)
उत्तर: कृष्णा के असली माता-पिता वासुदेव और दैवकी थे।
3. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्य बनाओ (তলত দিয়া শব্দবোৰৰ অৰ্থ লিখি বাক্য সাজা)
आपा,मोल, प्रेम, सगुण, भक्ति, वात्सल्य, निर्गुण, अहिंसा, शिकायत
उत्तर: आपा – राम गुस्से में आपा से बाहर हो गया।
मोल – संसार में प्यार का कोई मोल नहीं होता।
प्रेम – हमें सबके साथ प्रेम भाव से रहना चाहिए।
सगुण – हमें सगुण अपनाना चाहिए।
भक्ति – राधिका हमेशा कृष्ण की भक्ति में लीन रहती थी।
वात्सल्य – यह दुनिया वात्सल्य के बिना अधूरी है।
निर्गुण – वह निर्गुण ब्रह्म का उपासक है।
अहिंसा – गांधीजी ने हमें अहिंसा का पाठ सिखाया था।
शिकायत – उसे हमेशा सबको शिकायत रहती है।
4. निम्नलिखित अनेकार्थी शब्दों से वाक्य बनाओ : (তলত দিয়া অনেকার্থক শব্দবোৰেৰে বাক্য লিখা)
आम-आम, अंक-अंक, वर-वर, पतंग-पतंग
उत्तर: आम – आम फलों का राजा है।
आम – वह एक आम लड़का है।
अंक – वार्षिक परीक्षा में उसके अच्छे अंक नहीं आए।
अंक – उसकी लिखी हुई कहानी पत्रिका के नए अंक में छपेगी।
वर – बुढ़िया ने अपनी बेटी के लिए एक सुशील वर ढुंढा है।
वर – भगवान ने अपने भक्त को एक वर माँगने को कहा।
पतंग – वह लड़का छत पर पतंग उड़ा रहा है।
पतंग – वह एक बहुत ही सुन्दर पतंग है।
5. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखो : (অনেক শব্দৰ কাৰণে এটা শব্দ লিখা)
उत्तर : (i) मामा का भाई – मामा।
(ii) चाचा की बहन – बुआ।
(iii) पिता की बहन – बुआ।
(iv) भाई की पत्नी – भाभी।
(v) साथ पढ़नेवाला – सहपाठी।
(vi) मुसलमान सम्राट – मुगल।
(vii) अपने भरोसे पर जीना – आत्म-विश्वास।
(viii) मरते दम तक – मृत।
(ix) जिस पुरुष की पत्नी मर गयी हो – सधवा।
(x) जो स्वयं पैदा हुआ हो – स्वयम्भू प्रश्न :
6. निम्नलिखित पुंलिंग शब्दों को स्त्रीलिंग बनाओ : (তলত পুলিংগ শব্দবোৰৰ স্ত্রীলিংগ ৰূপ লিখা)
पड़ोसी, बंदर, दाता, श्रीमान, पुत्र, साधु फूफा, विद्वान, आचार्य, ससुर
उत्तर: पड़ोसी – पड़ोसन।
श्रीमान – श्रीमती।
फूफा – फूफी।
ससुर – सास।
बंदर – बंदरिया।
पुत्र – पुत्री।
विद्वान – विदुषी।
दाता – दात्री।
साधु – साधुंआईन।
आचार्य – आचार्या।
7. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर बताओ : (তলত দিয়া প্রশ্নবোৰ উত্তৰ দিয়া)
(i) कबीरदास का जन्म कब और कहाँ हुआ था? (কবীৰদাসৰ জন্ম কেতিয়া আৰু ক’ত হৈছিল?)
उत्तर: कबीरदास का जन्म सन् 1398 ई. में काशी में हुआ
(ii) कबीरदास किस काल तथा किस मार्ग के कवि थे?
(কবীৰদাস কোন কাল আৰু কোন মাৰ্গৰ কবি আছিল?)
उत्तर: कबीरदास भक्तिकाल के निर्गुण मार्ग के कवि थे।
(iii) कबीरदास की रचनाओं के संग्रह का नाम क्या है?
(কবীদাসৰ ৰচনাবোৰৰ সংগ্ৰহৰ নাম কি?)
उत्तर: कबीरदास की रचनाओं के संग्रह का नाम ‘बीजक’ है।
(iv) सूरदास कौन थे? (সুৰদাস কোন আছিল?)
उत्तर: सूरदास भक्तिकाल की कृष्णभक्ति शाखा के श्रेष्ठ कवि है।
(v) सूरदास के गुरु कौन थे? (সুৰদাসৰ গুৰু কোন আছিল?
उत्तर: सूरदास के गुरु वल्लभाचार्य थे।,
(vi) सूरदास के उपास्य देवता कौन है? (সুৰদাসৰ উপাস্য দেৱতা কোন আছিল?)
उत्तर: सूरदास के उपास्य देवता कृष्ण है।