NCERT Class 6 Hindi Chapter 8 सत्रिया और बिहू नृत्य

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NCERT Class 6 Hindi Chapter 8 सत्रिया और बिहू नृत्य

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सत्रिया और बिहू नृत्य

Chapter: 8

मल्हार
पाठ से

आइए, अब हम इस पाठ को थोड़ा और निकटता से समझ लेते हैं। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए-

1. माँ एलेसेंड्रा के बारे में कौन-सा कथन सत्य है?

(i) वे असम के जीवन के बारे में बहुत-कुछ जानती थीं।

(ii) उन्हें असम, बिहू और सत्रिया नृत्य से बहुत प्रेम था।

(iii) उन्होंने एंजेला को कुछ असमिया शब्द भी सिखाए।

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(iv) वे अपने कार्य में सहायता के लिए बेटी को लाई थीं।

उत्तर: (i) वे असम के जीवन के बारे में बहुत-कुछ जानती थीं।

2. “अनु और एंजेला ने तुरंत एक-दूसरे की तरफ़ देखा।” क्यों?

(i) अनु के पास खिलौने थे।

(ii) दोनों की आयु एक समान थी।

(iii) दोनों को अंग्रेज़ी भाषा आती थी।

(iv) एंजेला अनु से असमिया भाषा सीखना चाहती थी।

उत्तर: (ii) दोनों की आयु एक समान थी।

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर: (i) मैंने यह उत्तर इसलिए चुना है क्योंकि एंजेला की माँ असम के जीवन और नृत्य परंपरा को अच्छी तरह जानती थीं। उन्हें असम की संस्कृति, विशेष रूप से बिहू और सत्रिया नृत्य में गहरी रुचि थी। उनकी यह रुचि असम के सांस्कृतिक और सामाजिक पहलुओं के प्रति उनकी समझ को दर्शाती है, जो उनके जीवन के अनुभवों से भी जुड़ी हुई थी।

(ii) मैंने “दोनों की आयु एक समान थी” उत्तर चुना क्योंकि पाठ में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि अनु और एंजेला दोनों की आयु दस साल थी। इसी कारण वे एक-दूसरे की तरफ़ आकर्षित हुए और आपस में सहजता से बातचीत कर पाए, क्योंकि उनका अनुभव और समझ एक समान था।

मिलकर करें मिलान

पाठ में से कुछ शब्द चुनकर स्तंभ 1 में दिए गए हैं। उनसे संबंधित वाक्य स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर शब्दों का मिलान उपयुक्त वाक्यांशों से कीजिए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. सत्र1. ग्रेगरी कैलेंडर के अनुसार। जनवरी 1901 से 31 दिसंबर 2000 तक का समय।
2. बोहाग बिहू2. ‘यूनाइटेड किंगडम’ और ‘इंग्लैंड’ की राजधानी।
3. लंदन3. ‘यूनाइटेड किंगडम’ देश की एक सरकारी संस्था।
4. गुवाहाटी4. असम में मनाया जाने वाला एक त्योहार। यह असम में नए साल की शुरुआत और बसंत के आगमन का प्रतीक है।
5. ब्रिटिश अकादमी5. भारत के असम राज्य का एक प्राचीन और सबसे बड़ा नगर है।
6. बीसवीं शताब्दी6. ये असम के मठ हैं। इनकी संख्या पाँच सौ से भी ज्यादा है। ये पूजा-पाठ और धार्मिक गतिविधियों के स्थान हैं। सत्रिया नृत्य की उत्पत्ति इन्हीं सत्रों में हुई है।

उत्तर:

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. सत्र6. ये असम के मठ हैं। इनकी संख्या पाँच सौ से भी ज्यादा है। ये पूजा-पाठ और धार्मिक गतिविधियों के स्थान हैं। सत्रिया नृत्य की उत्पत्ति इन्हीं सत्रों में हुई है।
2. बोहाग बिहू4. असम में मनाया जाने वाला एक त्योहार। यह असम में नए साल की शुरुआत और बसंत के आगमन का प्रतीक है।
3. लंदन2. ‘यूनाइटेड किंगडम’ और ‘इंग्लैंड’ की राजधानी।
4. गुवाहाटी5. भारत के असम राज्य का एक प्राचीन और सबसे बड़ा नगर है।
5. ब्रिटिश अकादमी3. ‘यूनाइटेड किंगडम’ देश की एक सरकारी संस्था।
6. बीसवीं शताब्दी1. ग्रेगरी कैलेंडर के अनुसार । जनवरी 1901 से 31 दिसंबर 2000 तक का समय।
पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए और लिखिए।

(क) “असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। इसके साथ असम में नृत्य की भी एक समृद्ध परंपरा है।”

उत्तर: असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित है और यह अपनी अद्वितीय वन्य जीवन, रेशम की उद्योग और चाय के बागानों के लिए प्रसिद्ध है। इस राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था इसे विशेष बनाती है। इसके अलावा, असम में नृत्य की एक समृद्ध परंपरा भी है, जो स्थानीय सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा है। असमिया नृत्य, जैसे सत्रिया और बिहू, इस राज्य के समाज और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं और यहां के त्योहारों एवं समारोहों में प्रमुख रूप से शामिल होते हैं।असम में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं – भोगाली बिहू – बोहाग-बिहू और कोंगाली बिहू जिन्हें पूरे असम में धूमधाम से मनाया जाता है।

(ख) “पूरी दुनिया की संस्कृतियों में लोग नृत्य और संगीत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।”

उत्तर: पूरी दुनिया की संस्कृतियों में नृत्य और संगीत एक महत्वपूर्ण माध्यम रहे हैं, जिनके द्वारा लोग अपनी भावनाओं, विचारों और सांस्कृतिक पहचान को व्यक्त करते हैं। नृत्य और संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं होते, बल्कि यह समाज की परंपराओं, इतिहास और आस्थाओं को भी व्यक्त करते हैं। विभिन्न संस्कृतियों में नृत्य और संगीत के रूप अलग-अलग होते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य समान होता है — आत्म-अभिव्यक्ति, सामूहिक आनंद, और सामाजिक एकता। इन कला रूपों के माध्यम से लोग अपनी खुशियाँ, दुख, संघर्ष और आशाएँ साझा करते हैं, जिससे एक गहरे और शाश्वत संबंध की भावना उत्पन्न होती है।

सोच-विचार के लिए

निबंध को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

(क) “एंजेला के मन में कई तरह के विचार चल रहे थे।” 

उसके मन में कौन-कौन से विचार चल रहे होंगे?

उत्तर: एंजेला के मन में कई तरह के विचार चल रहे थे। मलंग गाँव में उत्सव का माहौल देखकर एंजेला हैरान रह गई थी। उसने इतने लोगों को एक साथ पहले कभी नहीं देखा था। उत्सव जैसा माहौल देखकर वह हतप्रभ थी और उसे ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी टाइम-मशीन में आ गई हो या किसी सपनों की दुनिया में हो। वह मंत्रमुग्ध होकर लड़के-लड़कियों को नृत्य करते देख रही थी और उनकी पारंपरिक वेशभूषा और वाद्ययंत्रों से प्रभावित थी। इस उत्साहपूर्ण माहौल ने उसे इतना आनंदित किया कि उसने सोचा, वह भी अपने घर पर बसंत के आगमन का स्वागत इसी तरह नृत्य करके करेगी।

(ख) “बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है।” कैसे?

उत्तर: बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है क्योंकि यह असम की कृषि परंपराओं से जुड़ा हुआ है और मुख्य रूप से किसानों की मेहनत और फसलों के उत्पादन को समर्पित है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है, जिनमें से प्रत्येक अवसर कृषि से संबंधित होता है। सबसे पहले जब किसान बीज बोते हैं, फिर जब वे धान रोपते हैं और फिर तब, जब खेतों में अनाज तैयार हो जाता है। इस प्रकार, बिहू असम के कृषि चक्र का प्रतीक है, और यह कृषि कार्यों की सफलता, समृद्धि और खुशहाली की कामना करता है।

(ग) ऐसा लगता है कि भारत से जाने के बाद भी एंजेला के मन में असम ही छाया हुआ था।

पाठ से इस कथन के समर्थन के लिए कुछ उदाहरण खोजकर लिखिए। 

उत्तर: (i) “लंदन लौटने के बाद, एंजेला असम के सत्रिया और बिहू नृत्य से अत्यधिक प्रभावित रही”।

(ii) “उसने खाना खाने, चलने और खेलते समय भी नृत्य किया”।

(iii) “उसने लंदन में अपनी कक्षा में असम के नृत्यों की वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ प्रदर्शन किया, जिससे उसके सहपाठियों और शिक्षकों को भी असम के नृत्यों की झलक मिली”।

(घ) समय के बदलने के साथ-साथ सत्रिया नृत्य की परंपरा में क्या बदलाव आया है?

उत्तर: प्रारंभिक समय में, सत्रिया नृत्य उन्नीसवीं सदी तक केवल पुरुष नर्तकों द्वारा मठों में समर्पित और आध्यात्मिक तरीके से प्रस्तुत किया जाता था। समय के साथ, इस नृत्य ने मठों की सीमाओं को पार किया और महिलाओं ने भी इसे सीखना शुरू किया। बदलाव की इस शुरुआत ने सत्रिया नृत्य को एक नया दृष्टिकोण दिया। आज के आधुनिक दौर में, महिला सत्रिया कलाकारों के लिए मंच पर नृत्य करना सामान्य बात हो गई है, और यह नृत्य अब व्यापक रूप से लोकप्रिय हो चुका है।

निबंध की रचना

“गुवाहाटी के एक होटल में सामान्य होने के बाद वे उसी शाम पास के एक गाँव मलंग में गए। गाँव पहुँचने पर माँ ने एंजेला को बताया कि बिहू एक कृषि आधारित त्योहार है। असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है।”

इन वाक्यों में बिहू और असम का ऐसा रोचक और सरस वर्णन किया गया है कि लगता है मानो हम कोई कहानी पढ़ रहे हैं।

इस निबंध में वस्तु, घटना, प्रदेश आदि का वर्णन किया गया है। इसमें जो कुछ भी स्वयं देखा गया है, उसका वर्णन किया गया है। इस प्रकार के निबंधों में घटनाओं का एक क्रम होता है। इनमें आम जीवन की बातें होती हैं। इनकी भाषा सरल होती है। उदाहरण के लिए होली, दीपावली आदि के बारे में बताना।

इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और इसकी बनावट पर ध्यान दीजिए। इस पाठ की विशेषताएँ पहचानिए और अपनी कक्षा में साझा कीजिए और लिखिए, जैसे इस पाठ में लंदन से यात्रा शुरू करने से लेकर वापस लंदन पहुँचने तक के अनुभवों का वर्णन किया गया है।

उत्तर: इस पाठ में वर्णनात्मक शैली का उपयोग किया गया है, जिसमें किसी वस्तु, स्थान, घटना या अनुभव का विस्तृत और रोचक विवरण प्रस्तुत किया जाता है। पाठ में असम के बिहू त्योहार का वर्णन इस तरह किया गया है कि पाठक को ऐसा अनुभव होता है मानो वह स्वयं वहाँ उपस्थित हो। इसमें यात्रा का क्रमबद्ध विवरण दिया गया है—लंदन से यात्रा की शुरुआत, गुवाहाटी में रुकना, फिर मलंग गाँव जाना और वहाँ बिहू के बारे में जानकारी प्राप्त करना। इस प्रकार के निबंधों में घटनाओं का एक स्वाभाविक क्रम होता है और भाषा सरल तथा सहज होती है, जिससे पाठक को पढ़ने में रुचि बनी रहती है। इस पाठ में आम जीवन की बातें हैं, जैसे बिहू का कृषि से संबंध और उसका असम में तीन बार मनाया जाना। इसी तरह के वर्णनात्मक निबंधों में होली, दीपावली या किसी यात्रा का अनुभव साझा किया जाता है।

अनुमान या कल्पना से

अपनी कक्षा में चर्चा कीजिए-

(क) “बिहू नृत्य और इसके उत्सव से अचंभित एंजेला और उसके परिवार ने इसके साथ-साथ लजीज पकवानों का पूरा आनंद लिया।”

एंजेला और उसका परिवार बिहू नृत्य और उसके उत्सव को देखकर अचंभित क्यों हो गया?

उत्तर: एंजेला और उसका परिवार बिहू नृत्य और उत्सव को देखकर अचंभित हो गए क्योंकि उन्होंने पहले कभी इतना रंगीन और जीवंत माहौल नहीं देखा था। बड़े बरगद के पेड़ के नीचे बना मंच, वहाँ एकत्रित भीड़, खुले आसमान के नीचे लोगों का उल्लास, और पारंपरिक पोशाकों में नृत्य करते लड़के-लड़कियाँ—यह सब एंजेला के लिए नया और रोमांचक था। लोक वाद्ययंत्रों की धुन और नृत्य की लय में डूबे कलाकारों को देखकर वह मंत्रमुग्ध हो गई। उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे वह किसी सपनों की दुनिया में आ गई हो, और उसने भी बसंत के आगमन पर ऐसे ही नृत्य करने की इच्छा जताई।

(ख) “जब तक एंजेला कुछ समझ पाती, तब तक वह लंदन से नई दिल्ली होते हुए गुवाहाटी की उड़ान पर थी।” 

एंजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा ने भारत की यात्रा से पहले कौन-कौन सी तैयारियाँ की होंगी?

उत्तर: भारत की यात्रा से पहले एंजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा ने कई तैयारियाँ की होंगी। सबसे पहले, उन्होंने यात्रा से संबंधित दस्तावेज़ जैसे पासपोर्ट, वीज़ा और टिकट की व्यवस्था की होगी। भारत की जलवायु को ध्यान में रखते हुए उन्होंने उपयुक्त कपड़े पैक किए होंगे। साथ ही, उन्होंने भारत की संस्कृति, रीति-रिवाजों और खासतौर पर असम और बिहू उत्सव के बारे में जानकारी जुटाई होगी। यात्रा को सुगम बनाने के लिए उन्होंने होटल बुकिंग, स्थानीय परिवहन और गाइड की व्यवस्था भी की होगी। इसके अलावा, नई जगह के खान-पान और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों के लिए आवश्यक दवाइयाँ और अन्य जरूरी सामान भी साथ रखा होगा।

(ग) “वहाँ एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे मंच बनाया गया था।” 

बिहू नृत्य के लिए बरगद के पेड़ के नीचे मंच क्यों बनाया गया होगा?

उत्तर: बिहू नृत्य के लिए बरगद के पेड़ के नीचे मंच इसलिए बनाया गया होगा क्योंकि बरगद का पेड़ विशाल और घना होता है, जो प्राकृतिक छाया प्रदान करता है, जिससे लोग आराम से बैठ सकते हैं। यह खुले मैदान या गाँव के चौपाल जैसी जगहों पर सामूहिक आयोजनों के लिए उपयुक्त स्थान होता है। ग्रामीण परिवेश में लोग पारंपरिक रूप से पेड़ों के नीचे इकट्ठा होते हैं, जहाँ वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उत्सवों का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, बरगद के पेड़ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी होता है, जिससे यह पारंपरिक आयोजनों के लिए एक आदर्श स्थान बन जाता है।

शब्दों की बात

नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें  करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और मित्रों की सहायता भी ले सकते हैं।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

असम से जुड़े शब्द

 1. इस पाठ में अनेक शब्द ऐसे हैं जो असम से विशेष रूप से जुड़े हैं। अपने समूह में मिलकर उन शब्दों की पहचान कीजिए। इसके बाद उन्हें नीचे दिए गए स्थान पर लिखिए-

(संकेत- असम के नृत्य, त्योहार, भाषा आदि।)

उत्तर: 

तीन बिहू

“असम में बिहू साल में तीन बार मनाया जाता है।”

(क) एंजेला और उसकी माँ एलेसेंड्रा कौन-से बिहू के अवसर पर भारत आए थे? लिखिए।

उत्तर: एंजेला और उसकी माँ रोंगाली या बोहाग बिहू के अवसर पर भारत आए थे।

(ख) तीनों बिहू के लिए लिखिए कि उस समय किसान खेतों में क्या कर रहे होते हैं?

उत्तर: (i) रंगाली बिहू (बैसाख/अप्रैल) – इस समय नयी फसल की बुआई की तैयारी कर रहे होते हैं। खेतों में हल जोतना, मिट्टी तैयार करना और बीज बोने का काम किया जाता है।

(ii) काती बिहू (अश्विन/अक्टूबर) – इस समय धान की फसल बढ़ रही होती है। किसान अपने खेतों की देखभाल कर रहे होते हैं, कीटों और फसल के नुकसान से बचाव के लिए ‘साकी’ (दीपक) जलाते हैं, जिससे खेतों में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

(iii) भोगाली बिहू (पूस/जनवरी) – यह फसल कटाई का उत्सव है। किसान धान की कटाई पूरी कर चुके होते हैं और नई फसल के भंडारण और उत्सव की तैयारियों में व्यस्त रहते हैं। यह विश्राम और आनंद का समय होता है, जब वे अपनी मेहनत के फल का आनंद लेते हैं।

पाठ से आगे

आपकी बात

अपने समूह में चर्चा कीजिए-

(क) “रीना आंटी की एक बिटिया थी- अनु” 

‘बिटिया’ का अर्थ है ‘बेटी’। बेटी को प्यार से बुलाने के लिए और स्नेह जताने के लिए ‘बिटिया’ शब्द का प्रयोग भी किया जाता है। ‘बिटिया’ जैसा ही एक अन्य शब्द ‘बिट्टो’ भी है।

आपके घर में आपको प्यार से किन-किन नामों से पुकारा जाता है?

उत्तर: मुझे प्यार से कई नामों से पुकारा जाता है। मेरे परिवार वाले मुझे मिनी, मुन्नी, गुड़िया और पुचकी कहकर बुलाते हैं। ये नाम सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि इनमें मेरे अपनों का स्नेह और दुलार झलकता है।

(ख) आपके नाम का क्या अर्थ है? आपका नाम किसने रखा? पता करके बताइए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

(ग) “वे एक साथ खेल रहे थे”

आप कौन-कौन से खेल अपने मित्रों के साथ मिलकर खेलते हैं? बताइए।

उत्तर: मैं अपने मित्रों के साथ कई खेल खेलता/खेलती हूँ। हमें लुका-छिपी, खो-खो, कबड्डी, गिल्ली-डंडा, रस्सी कूदना और पिट्ठू जैसे खेल बहुत पसंद हैं। कभी-कभी हम बैडमिंटन और क्रिकेट भी खेलते हैं। ये खेल हमें आनंद देते हैं और हमारी दोस्ती को और मजबूत बनाते हैं।

(घ) “असम में नृत्य की भी एक समृद्ध परंपरा है।”

आपने इस पाठ में बिहू और सत्रिया नृत्यों के बारे में तो पढ़ा है। आपके प्रांत में कौन-कौन से नृत्य प्रसिद्ध हैं? आपको कौन-सा नृत्य करना पसंद हैं?

उत्तर: मेरे प्रांत में कई प्रसिद्ध नृत्य हैं, जिनमें बिहू नृत्य, सत्रिया नृत्य, बागुरुम्बा, भोरताल नृत्य और देवी नृत्य शामिल हैं। मुझे सबसे अधिक बिहू नृत्य करना पसंद है, क्योंकि यह उल्लास और आनंद से भरा होता है। इस नृत्य में पारंपरिक असमिया वेशभूषा पहनकर ढोल, पेपा और गोगोना की धुन पर नाचना बहुत अच्छा लगता है।

पूर्वोत्तर की यात्रा

असम भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है। असम के अतिरिक्त पूर्वोत्तर भारत में सात अन्य राज्य भी हैं। आपको अवसर मिले तो इनमें से किसी राज्य की यात्रा कीजिए। आठ राज्यों के नाम हैं- अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर और असम।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

टाइम मशीन

“उसे ऐसा लग रहा था, जैसे वह आश्चर्यजनक रूप से किसी टाइम-मशीन में आकर बैठ गई हो!”

क्या आपने पहले कभी ‘टाइम-मशीन’ का नाम सुना है? टाइम-मशीन ऐसी काल्पनिक मशीन है, जिसमें बैठकर बीते हुए या आने वाले समय की दुनिया में पहुँचा जा सकता है। ‘टाइम-मशीन’ को अभी तक बनाया नहीं जा सका है। लेकिन अनेक लेखकों ने ‘टाइम-मशीन’ के बारे में कहानियाँ लिखी हैं, अनेक फ़िल्मकारों ने इसके बारे में फ़िल्में बनाई हैं।

(क) यदि आपको टाइम-मशीन मिल जाए तो आप उसमें बैठकर कौन-से समय में और कौन-से स्थान पर जाना चाहेंगे? क्यों?

उत्तर: अगर मुझे टाइम-मशीन मिल जाए, तो मैं उसे लेकर प्राचीन असम में जाना चाहूंगा। मुझे यह देखना बहुत रोचक लगेगा कि उस समय असम का समाज, संस्कृति, और जीवन कैसा था। मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि किस प्रकार लोग अपना जीवन बिताते थे, उनके रीति-रिवाज और परंपराएँ क्या थीं, और असम की धरोहर किस तरह विकसित हुई थी। इसके अलावा, मैं यह देखना चाहूंगा कि कैसे बिहू और सत्रिया नृत्य जैसे परंपराएँ उस समय के लोग मनाते थे।

(ख) आपको यदि कोई ऐसी वस्तु बनाने का अवसर मिले जो अभी तक नहीं बनाई गई है तो आप क्या बनाएँगे? क्यों बनाएँगे?

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

(ग) क्या आपने कभी किसी संग्रहालय की यात्रा की है? संग्रहालय ऐसा स्थान होता है जहाँ विभिन्न कालों की प्राचीन वस्तुएँ देखने को मिलती हैं। कभी-कभी संग्रहालय की यात्रा भी ‘टाइम-मशीन’ की यात्रा जैसी लगती है।

अवसर मिले तो आप भी किसी संग्रहालय की यात्रा अवश्य कीजिए और उसके बारे में कक्षा में बताइए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

खिलौने विभिन्न प्रकार के

“एंजेला को अनु के खिलौने बहुत अच्छे लगे, जो थोड़े अलग तरह के थे।”

(क) अनु के खिलौने कैसे थे? लंदन में एंजेला के खिलौने कैसे रहे होंगे?

उत्तर: अनु के खिलौने पारंपरिक, हाथ से बने थे, जैसे लकड़ी के खिलौने और नारियल की जटा से बने घर। जबकि एंजेला के खिलौने आधुनिक और मशीनी होंगे।

(ख) आप घर पर कौन-कौन से खिलौनों से खेलते रहे हैं? उनके नाम बताइए।

उत्तर: मैं बचपन में गुड़िया, बिल्लू, रंगीन ब्लॉक्स, पजल, रोबोट और टेडी बियर जैसे खिलौनों से खेलती/खेलता था। इनसे खेलने में मुझे बहुत मज़ा आता था।

(ग) भारत के प्रत्येक प्रांत में हाथ से बच्चों के अनोखे खिलौने बनाए जाते हैं। आपके यहाँ बच्चों के लिए हाथ से बने कौन-कौन से खिलौने मिलते हैं?

उत्तर: मेरे प्रांत असम में बच्चों के लिए हाथ से बने कई अद्भुत खिलौने मिलते हैं। इनमें बांस के खिलौने, मिट्टी की गुड़ियाँ, लकड़ी के खिलौने, बांसुरी, छोटे-छोटे रंगीन रथ और काठ की हाथी जैसे खिलौने शामिल हैं। ये खिलौने पारंपरिक हस्तशिल्प के उदाहरण हैं और असम की संस्कृति को दर्शाते हैं। इन खिलौनों को स्थानीय कारीगर हाथ से बनाते हैं, जो बच्चों के लिए न केवल मनोरंजन, बल्कि असम की धरोहर से जुड़ने का एक तरीका भी हैं।

(घ) भारत के बच्चे स्वयं भी अपने लिए अनोखे खिलौने बना लेते हैं। आप भी तो कागज़, मिट्टी आदि से कोई न कोई खिलौना बनाना जानते होंगे? आप अपने हाथों से बनाए किसी खिलौने को कक्षा में लाकर दिखाइए और उसे बनाने का तरीका सबको सिखाइए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

पत्र

(क) मान लीजिए आप एंजेला हैं। आप लंदन लौट चुकी हैं और आपको भारत की बहुत याद आ रही है। अपनी सखी अनु को पत्र लिखकर बताइए कि आपको कैसा अनुभव हो रहा है।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

(ख) आप जानते होंगे कि पत्र लिखने के लिए आवश्यक सामग्री, जैसे– पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय लिफाफे आदि डाकघर से खरीदे जा सकते हैं। संभव हो तो आप भी अपने घर के पास के डाकघर में जाइए और एक पोस्टकार्ड खरीदकर पत्र लिखने के लिए उसका उपयोग कीजिए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

(ग) क्या आपने कभी डाक टिकट देखा है? संसार के सभी देश डाक-टिकट जारी करते हैं। भारत का डाक विभाग भी समय-समय पर डाक टिकट जारी करता है। डाक-टिकट किसी देश की संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराते हैं। इसलिए अनेक लोग देश-विदेश के डाक-टिकटों को एकत्रित करना पसंद करते हैं।

नीचे भारत के विभिन्न लेखकों के सम्मान में जारी किए गए कुछ डाक-टिकटों के चित्र दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से देखिए-

(क) आपको इनमें से कौन-सा डाक – टिकट सबसे अच्छा लगा और क्यों?

उत्तर: मुझे सबसे अच्छा रवींद्रनाथ ठाकुर (टैगोर) का डाक-टिकट लगा क्योंकि उनकी छवि बहुत ही प्रभावशाली और कलात्मक रूप में प्रस्तुत की गई है। उनकी गहरी सोच और साहित्यिक योगदान की झलक इस टिकट में दिखाई देती है। 

(ख) डाक-टिकटों पर लेखकों के बारे में कौन-कौन सी जानकारी दी गई है?

उत्तर: डाक-टिकटों पर लेखकों के बारे में निम्नलिखित जानकारी दी गई है:

नाम – प्रत्येक लेखक का पूरा नाम दिया गया है।

जन्म और मृत्यु वर्ष – कई टिकटों पर लेखकों के जन्म और मृत्यु के वर्ष अंकित हैं।

योगदान या क्षेत्र – कुछ टिकटों पर उनके साहित्यिक योगदान का उल्लेख किया गया है।

मूल्य (डाक-टिकट का मूल्य) – हर टिकट पर उसकी कीमत अंकित है, जो भारतीय रुपये में दी गई है।

आज की पहेली

आज हम आपके लिए लाए हैं कुछ असमिया पहेलियाँ। हो सकता है इनमें से कुछ पहेलियों को पढ़कर आपको लगे, अरे! ये पहेली तो मेरे घर पर भी बूझी जाती है! तो कुछ पहेलियाँ आप पहली बार बूझेंगे। तो आइए, आनंद लेते हैं इन रंग-बिरंगी पहेलियों का-

क्रम संख्याअसमिया पहेलीहिंदी पहेलीसंकेत
1.हातीर दाँत, कदमर पातहाथी के दाँत-सी, कदंब के पात-सी।
2.पानी आसे मास नाइ, हाबि आसे बाघ नाइपानी है पर मछली नहीं, जंगल है पर बाघ नहीं
3.आई बुलिले नेलागे, बोपाइ बुलिले लागेलग-लग कहे तो ना लगे, बेलग कहे लग जाए
4.सय चरण कृष्ण वरण, पेट काटिलेउ नाई मरणकाला तन और छह हैं चरण, पेट कटे पर भी न मरण

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

झरोखे से

“असम, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिसे अपने वन्य जीवन, रेशम और चाय के बागानों के लिए जाना जाता है।”

आपने पढ़ा है कि असम का रेशम (जिसे मूँगा सिल्क भी कहा जाता है) बहुत प्रसिद्ध है। क्या आप जानना चाहते हैं, यह क्या है, कैसे बनता है और क्यों प्रसिद्ध है? हाँ? तो पढ़िए आगे-

असम का सुप्रसिद्ध मूँगा सिल्क
कुछ वर्ष पूर्व मेरी नियुक्ति गुवाहाटी हवाई अड्डे पर हुई थी। वहाँ पर प्रायः मैं महिलाओं को एक विशेष प्रकार की आकर्षक साड़ी पहने देखता था। यह साड़ी सदैव भूरे-सुनहरे रंग की झिलमिली-सी होती थी। उस पर अधिकतर पारंपरिक ढंग से लाल या काली बार्डर तथा हरे, लाल अथवा पीले रंग से बूटों आदि की कढ़ाई रहती थी। कुछ समय पश्चात जब मैं असम के एक विवाह समारोह में गया, तो वहाँ भी अधिकतर महिलाएँ उसी प्रकार की अन्य चमकीली-भूरी-सुनहरी साड़ियाँ पहन कर आई थीं। अनेक पुरुषों ने भी उसी प्रकार के भूरे-सुनहरे रंग के कुर्ते पहने हुए थे। बस केवल रंगों में हल्के या गहरे का अंतर था। मैंने अपने एक असमी मित्र से पूछा कि यह कैसा भूरा-चमकीला कपड़ा है।
मित्र ने बताया कि यह भूरा नहीं बल्कि सुनहरा है। यह असम का सुप्रसिद्ध मूँगा सिल्क है जो सभी प्रकार के रेशमों में सबसे महँगा होता है। मूँगा का असमिया भाषा में अर्थ है पीला या गहरा भूरा। और इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि सम्पूर्ण विश्व में यह केवल असम तथा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में ही तैयार होता है। यह असम को प्रकृति द्वारा दिया गया अनमोल और अद्वितीय उपहार है।

मित्र ने यह भी बताया कि मूँगा सिल्क की साड़ियों की एक खूबी यह है कि अन्य रेशमी कपड़ों के विपरीत इनको ‘ड्राई क्लीन’ कराने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि उन्हें घर पर ही धोया जा सकता है। हर धुलाई के बाद इनका निखार बढ़ता ही जाता है। एक साड़ी औसतन 50 वर्ष तक खराब नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि मूँगा रेशम सभी प्रकार के प्राकृतिक रूप से तैयार किए जाने वाले कपड़ों में सबसे मज़बूत होता है। इसके अलावा इसे गर्मी या सर्दी किसी भी मौसम में पहना जा सकता है। असम के लोगों का मानना है कि मूँगा सिल्क के कपड़ों में अनेक औषधीय गुण भी होते हैं।
बिमल श्रीवास्तव, स्रोत पत्रिका, अप्रैल 2008
साझी समझ

1. आपको इस लेख में दी गई कौन-सी जानकारी सबसे अच्छी लगी? क्यों? अपने समूह में बताइए।

उत्तर: इस लेख में मुझे मूँगा सिल्क के बारे में दी गई जानकारी सबसे अच्छी लगी, क्योंकि यह असम की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक समृद्धि को बहुत अच्छे से दर्शाता है। मूँगा सिल्क को असम का एक अनमोल और अद्वितीय उपहार बताया गया है, जो न केवल अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके औषधीय गुण और लंबी उम्र भी इसके आकर्षण को बढ़ाते हैं। इस सिल्क के कपड़े में प्राकृतिक रूप से कई विशेषताएँ हैं, जैसे कि इसे धोने के बाद निखार आना और यह 50 साल तक खराब न होना। यह सिल्क असम के लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा है और उनकी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है। मुझे यह जानकर अच्छा लगा कि मूँगा सिल्क सिर्फ असम में ही पाया जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है।

खोजबीन के लिए

1. असम सहित पूर्वोत्तर भारत के बारे में आप और जान सकते हैं और भारत के पारंपरिक लोक संगीत का आनंद भी ले सकते है, जिन्हें इंटरनेट कड़ियों तथा क्यू.आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें-

(i) असम-बिहू लोकगीत।

(ii) सत्रिया नृत्य।

(iii) मणिपुरी नृत्य।

(iv) भारत के लोक नृत्य।

(v) पूर्वोत्तर राज्यों के लोक नृत्य।

(vi) भाषा संगम असमिया।

(vii) मुकोली बिहू।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

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