NCERT Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो

NCERT Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो Solutions in Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो Notes and select need one. NCERT Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो Question Answers in Hindi Medium Download PDF. NCERT Class 6 Hindi Solutions Hindi Medium.

NCERT Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो

Join Telegram channel

Also, you can read the NCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per Central Board of Secondary Education (CBSE) Book guidelines. CBSE Class 6 Hindi Solutions in Hindi Medium are part of All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 6 Hindi Chapter 9 मैया मैं नहिं माखन खायो and Textbook for All Chapters, You can practice these here.

मैया मैं नहिं माखन खायो

Chapter: 9

मल्हार
पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए-

1. मैं माखन कैसे खा सकता हूँ? इसके लिए श्रीकृष्ण ने क्या तर्क दिया?

(i) मुझे तुम पराया समझती हो।

(ii) मेरी माता, तुम बहुत भोली हो।

(iii) मुझे यह लाठी-कंबल नहीं चाहिए।

(iv) मेरे छोटे-छोटे हाथ छीके तक कैसे जा सकते हैं?

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

उत्तर: (iv) मेरे छोटे-छोटे हाथ छीके तक कैसे जा सकते हैं?

2. श्रीकृष्ण माँ के आने से पहले क्या कर रहे थे?

(i) गाय चरा रहे थे।

(ii) माखन खा रहे थे।

(iii) मधुबन में भटक रहे थे।

(iv) मित्रों के संग खेल रहे थे।

उत्तर: (ii) माखन खा रहे थे।

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर: (i) श्रीकृष्ण ने चोरी के आरोप से बचने के लिए कहा कि उनके छोटे-छोटे हाथ छीके तक नहीं पहुँच सकते। यह उनकी मासूमियत और चतुराई को दर्शाता है।

(ii) माँ के आने से पहले श्रीकृष्ण माखन खा रहे थे, क्योंकि उन्हें माखन बहुत प्रिय था और वे अक्सर इसे चोरी से खाते थे।

मिलकर करें मिलान

1. पाठ में से चुनकर यहाँ कुछ शब्द दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

शब्दअर्थ या संदर्भ
1. जसोदा1. समय मापने की एक इकाई (तीन घंटे का एक पहर होता है। एक दिवस में आठ पहर होते हैं)।
2. पहर2. एक वट वृक्ष (मान्यता है कि श्रीकृष्ण जब गाय चराया करते थे, तब वे इसी वृक्ष के ऊपर चढ़कर वंशी की ध्वनि से गायों को पुकारकर उन्हें एकत्रित करते।)
3. लकुटि कमरिया3. गोल पात्र के आकार का रस्सियों का बुना हुआ जाल जो छत या ऊँची जगह से लटकाया जाता है ताकि उसमें रखी हुई खाने-पीने की चीज़ों (जैसे दूध, दही आदि) को कुत्ते, बिल्ली आदि न पा सकें।
4. बंसीवट4. यशोदा, श्रीकृष्ण की माँ, जिन्होंने श्रीकृष्ण को पाला था।
5. मधुबन5. जन्म देने वाली, उत्पन्न करने वाली, जननी, माँ।
6. छीको6. गाय पालने वालों के बच्चे, श्रीकृष्ण के संगी साथी।
7. माता7. मथुरा के पास यमुना के किनारे का एक वन।
8. ग्वाल-बाल8. लाठी और छोटा कंबल, कमली (मान्यता है कि श्रीकृष्ण लकुटि-कमरिया लेकर गाय चराने जाया करते थे)।

उत्तर:

शब्दअर्थ या संदर्भ
1. जसोदा4. यशोदा, श्रीकृष्ण की माँ, जिन्होंने श्रीकृष्ण को पाला था।
2. पहर1. समय मापने की एक इकाई (तीन घंटे का एक पहर होता है। एक दिवस में आठ पहर होते हैं)।
3. लकुटि कमरिया8. लाठी और छोटा कंबल, कमली (मान्यता है कि श्रीकृष्ण लकुटि-कमरिया लेकर गाय चराने जाया करते थे)।
4. बंसीवट2. एक वट वृक्ष (मान्यता है कि श्रीकृष्ण जब गाय चराया करते थे, तब वे इसी वृक्ष के ऊपर चढ़कर वंशी की ध्वनि से गायों को पुकारकर उन्हें एकत्रित करते।)
5. मधुबन7. मथुरा के पास यमुना के किनारे का एक वन।
6. छीको3. गोल पात्र के आकार का रस्सियों का बुना हुआ जाल जो छत या ऊँची जगह से लटकाया जाता है ताकि उसमें रखी हुई खाने-पीने की चीज़ों (जैसे दूध, दही आदि) को कुत्ते, बिल्ली आदि न पा सकें।
7. माता5. जन्म देने वाली, उत्पन्न करने वाली, जननी, माँ।
8. ग्वाल-बाल6. गाय पालने वालों के बच्चे, श्रीकृष्ण के संगी साथी।
पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

(क) “भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो”।

उत्तर: इस पंक्ति में श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा से कह रहे हैं कि सुबह होते ही उन्हें गायों के साथ मधुबन में भेज दिया जाता है ताकि वे वहाँ जाकर गायों को चराएं।

(ख) “सूरदास तब बिहँसि जसोदा, लै उर कंठ लगायो”।

उत्तर: इस पंक्ति में सूरदास यह कहते हैं कि जब माँ यशोदा ने कृष्ण की बातें सुनीं, तो वे मुस्कुराते हुए कृष्ण को अपने गले से लगा लेती हैं। 

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़कर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

(क) पद में श्रीकृष्ण ने अपने बारे में क्या-क्या बताया है?

उत्तर: इस पद में श्रीकृष्ण ने बताया कि उन्होंने माखन नहीं खाया, बल्कि सुबह गायों के पीछे भागते हुए मधुबन गए। वे चार पहर बंसीवट पर भटकते रहे और फिर घर लौटे। वे बालक रूप में थे और ग्वाल-बालों से घिरे रहते थे। माँ यशोदा ने उन्हें बहुत स्नेह किया और उनकी लीलाओं को देखकर खुशी मनाई।

(ख) यशोदा माता ने श्रीकृष्ण को हँसते हुए गले से क्यों लगा लिया?

उत्तर: यशोदा माता ने श्रीकृष्ण को हँसते हुए गले से इसीलिए लगा लिया क्योंकि श्रीकृष्ण ने माखन चोरी करने की बात को नकारते हुए अपनी मासूमियत और भोलेपन से उन्हें प्रसन्न किया, और उनकी लीलाओं को देखकर यशोदा जी का दिल भर आया।

कविता की रचना

“भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो। 

चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर यो।।”

इन पंक्तियों के अंतिम शब्दों को ध्यान से देखिए। ‘पठायो’ और ‘आयो’ दोनों शब्दों की अंतिम ध्वनि एक जैसी है। इस विशेषता को ‘तुक’ कहते हैं। इस पूरे पद में प्रत्येक पंक्ति के अंतिम शब्द का तुक मिलता है। अनेक कवि अपनी रचना को प्रभावशाली बनाने के लिए तुक का उपयोग करते हैं।

(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की विशेषताओं की सूची बनाइए, जैसे इस पद की अंतिम पंक्ति में कवि ने अपना नाम भी दिया है आदि। 

(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर: तुकांत योजना: इस पद में तुकांत योजना का सुंदर प्रयोग किया गया है, जिससे कविता लयबद्ध और प्रभावशाली बनती है। उदाहरण के लिए, “पठायो” और “आयो”, “छोटो” और “पायो” जैसे शब्दों की तुक मिलती है।

भक्ति रस: यह कविता भक्ति रस से ओत-प्रोत है और भगवान कृष्ण के बचपन की लीला को दर्शाती है।

संवाद शैली: कविता संवादात्मक शैली में लिखी गई है, जिसमें कृष्ण और माता यशोदा के बीच वार्तालाप को दर्शाया गया है।

बाल सुलभ चतुराई: इसमें कृष्ण की बाल सुलभ चतुराई और भोलेपन का सुंदर चित्रण किया गया है, जिससे कविता रोचक और मनोरंजक बनती है।

कवि परिचय: अंतिम पंक्ति में कवि “सूरदास” ने अपना नाम दिया है, जो भक्तिकाल की प्रमुख विशेषता है।

सरल भाषा: भाषा सरल, सहज और प्रवाहमयी है, जिससे कविता आसानी से समझ में आती है।

संगीतात्मकता: कविता में लय और माधुर्य है, जो इसे गाने योग्य बनाता है।

अनुमान या कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को तर्क क्यों दे रहे होंगे?

उत्तर: श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को तर्क इसलिए दे रहे हैं क्योंकि उन पर माखन चोरी का आरोप लगाया गया है और वे स्वयं को निर्दोष साबित करना चाहते हैं। वे बताते हैं कि वे सुबह से गौ चराने गए थे और पूरे दिन बंसीवट में भटकते रहे, इसलिए माखन खाने का समय ही नहीं था। साथ ही, वे यह भी कहते हैं कि वे छोटे बालक हैं और ऊँचे मटकों से माखन कैसे निकाल सकते हैं। ग्वाल-बालों द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा साबित करने के लिए वे अपनी चतुराई और मासूमियत से तर्क देते हैं, जिससे अंत में माँ यशोदा पिघल जाती हैं और उन्हें गले लगा लेती हैं।

(ख) जब माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया, तब क्या हुआ होगा?

उत्तर: जब माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया, तब उनका सारा गुस्सा प्रेम में बदल गया होगा। श्रीकृष्ण की बाल सुलभ चतुराई और मासूमियत को देखकर यशोदा मुस्कुरा उठीं और स्नेह से उन्हें अपनी गोद में भर लिया। ग्वाल-बाल जो शिकायत लेकर आए थे, वे भी यह दृश्य देखकर हँस पड़े होंगे। कृष्ण भी अपनी माता के प्रेम से प्रसन्न होकर उनकी गोद में निश्चिंत हो गए होंगे। 

शब्दों के रूप

नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।

(क) “भोर भयो गैयन के पाछे”

इस पंक्ति में ‘पाछे’ शब्द आया है। इसके लिए ‘पीछे’ शब्द का उपयोग भी किया जाता है। इस पद में ऐसे कुछ और शब्द हैं जिन्हें आप कुछ अलग रूप में लिखते और बोलते होंगे। नीचे ऐसे ही कुछ अन्य शब्द दिए गए हैं। इन्हें आप जिस रूप में बोलते-लिखते हैं, उस प्रकार से लिखिए।

परे_____________
छोटो_____________
बिधि_____________
भोरी_____________
कछु_____________
लै_____________
नहिं_____________

उत्तर:

परेहोने पर।
छोटोछोटा।
बिधिप्रकार।
भोरीप्रातःकाल।
कछुकुछ।
लैलिए, लेना।
नहिंनहीं।

(ख) पद में से कुछ शब्द चुनकर नीचे स्तंभ 1 में दिए गए हैं और स्तंभ 2 में उनके अर्थ दिए हैं। शब्दों का उनके सही अर्थों से मिलान कीजिए-

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. उपजि 1. मुसकाई, हँसी
2. जानि2. उपजना, उत्पन्न होना
3. जायो 3. जानकर, समझकर
4. जिय4. विश्वास किया, सच माना
5. पठायो 5. बाँह, हाथ, भुजा
6. पतियायो6. प्रकार, भाँति, रीति
7. बहियन7. मन, जी
8. बिधि8. जन्मा
9. बिहँसि9. मला, लगाया, पोता
10. भटक्यो10. इधर-उधर घूमा या भटका
11. लपटायो11. भेज दिया

उत्तर:

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. उपजि 2. उपजना, उत्पन्न होना
2. जानि3. जानकर, समझकर
3. जायो 8. जन्मा
4. जिय7. मन, जी
5. पठायो 11. भेज दिया
6. पतियायो4. विश्वास किया, सच माना
7. बहियन5. बाँह, हाथ, भुजा
8. बिधि6. प्रकार, भाँति, रीति
9. बिहँसि1. मुसकाई, हँसी
10. भटक्यो10. इधर-उधर घूमा या भटका
11. लपटायो9. मला, लगाया, पोता
वर्ण-परिवर्तन

“तू माता मन की अति भोरी

‘भोरी’ का अर्थ है ‘भोली’। यहाँ ‘ल’ और ‘र’ वर्ण परस्पर बदल गए हैं। आपने ध्यान दिया होगा कि इस पद में कुछ और शब्दों में भी ‘ल’ या ‘ड़’ और ‘र’ में वर्ण-परिवर्तन हुआ है। ऐसे शब्द चुनकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

उत्तर: लकुटि – लकड़ी (छड़ी)।

कमरिया – कमली।

बहियन – बाँहें।

बालक – बारक।

बहियन – बरियन।

लपटायो – रपटायो।

पंक्ति से पंक्ति

नीचे स्तंभ 1 में कुछ पंक्तियाँ दी गयी हैं और स्तंभ 2 में उनके भावार्थ दिए गए। हैं। रेखा खींचकर सही मिलान कीजिए।

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो।1. मैं छोटा बालक हूँ, मेरी बाँहें छोटी हैं, मैं छीके तक कैसे पहुँच सकता हूँ?
2. चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो।2. तेरे हृदय में अवश्य कोई भेद है, जो मुझे पराया समझ लिया।
3. मैं बालक बहिंयन को छोटो, छीको केहि बिधि पायो।3. माँ तुम मन की बड़ी भोली हो, इनकी बातों में आ गई हो।
4. ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो।4. सुबह होते ही गायों के पीछे मुझे मधुबन भेज दिया।
5. तू माता मन की अति भोरी, इनके कहे पतियायो।5. चार पहर बंसीवट में भटकने के बाद साँझ होने पर घर आया।
6. जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो।6. ये सब सखा मुझसे बैर रखते हैं, इन्होंने मक्खन हठपूर्वक मेरे मुख पर लिपटा दिया।

उत्तर:

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो।4. सुबह होते ही गायों के पीछे मुझे मधुबन भेज दिया।
2. चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो।5. चार पहर बंसीवट में भटकने के बाद साँझ होने पर घर आया।
3. मैं बालक बहिंयन को छोटो, छीको केहि बिधि पायो।1. मैं छोटा बालक हूँ, मेरी बाँहें छोटी हैं, मैं छीके तक कैसे पहुँच सकता हूँ?
4. ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो।6. ये सब सखा मुझसे बैर रखते हैं, इन्होंने मक्खन हठपूर्वक मेरे मुख पर लिपटा दिया।
5. तू माता मन की अति भोरी, इनके कहे पतियायो।3. माँ तुम मन की बड़ी भोली हो, इनकी बातों में आ गई हो।
6. जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो।2. तेरे हृदय में अवश्य कोई भेद है, जो मुझे पराया समझ लिया।
पाठ से आगे

आपकी बात

“मैया मैं नहिं माखन खायो”

यहाँ श्रीकृष्ण अपनी माँ के सामने सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया है। कभी-कभी हमें दूसरों के सामने सिद्ध करना पड़ जाता है कि यह कार्य हमने नहीं किया। क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? कब? किसके सामने? आपने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? उस घटना के बारे में बताइए।

उत्तर: हाँ, मेरे साथ भी ऐसा एक बार हुआ था जब मेरे बड़े भाई की किताब खो गई थी और सभी को लगा कि मैंने ही उसे कहीं रख दिया है या खो दिया है। उस समय माँ और भाई दोनों मुझसे पूछने लगे कि किताब कहाँ है। मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की कि मैंने किताब को छुआ तक नहीं था।

मैंने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कुछ तर्क दिए:

1. जब किताब खोई, उस समय मैं अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था।

2. भाई की किताब रखने की कोई जरूरत ही नहीं थी, क्योंकि मेरी किताबें अलग रखी होती हैं।

3. घर के दूसरे सदस्यों से भी पूछा जा सकता था कि उस समय मैं कहाँ था।

अंत में, जब माँ ने पूरे घर में खोजबीन की, तो किताब सोफे के पीछे गिरी हुई मिली। तब सबको समझ आया कि मैंने सच कहा था, और माँ ने मुझे प्यार से गले लगा लिया।

घर की वस्तुएँ

“मैं बालक बहियन को छोटो, छीको केहि बिधि पायो।”

“छीका” घर की एक ऐसी वस्तु है जिसे सैकड़ों-वर्ष से भारत में उपयोग में लाया जा रहा है।

नीचे कुछ और घरेलू वस्तुओं के चित्र दिए गए हैं। इन्हें आपके घर में क्या कहते हैं? चित्रों के नीचे लिखिए। यदि किसी चित्र को पहचानने में कठिनाई हो तो आप अपने शिक्षक, परिजनों या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।

उत्तर: मटका, प्रेस (इस्तरी), चौकी, सिलाई मशीन, चारपाई, मर्तबान, सूप, सिल- लोढ़ा (पट्टा)।

उत्तर: चक्की, बेना (पंखा), मथानी, चलनी, रोटी का डिब्बा, ओखली, मथानी- मटका।

आप जानते ही हैं कि श्रीकृष्ण को मक्खन बहुत पसंद था। दूध से दही, मक्खन बनाया जाता है और मक्खन से घी बनाया जाता है। नीचे दूध से घी बनाने की प्रक्रिया संबंधी कुछ चित्र दिए गए हैं। अपने परिवार के सदस्यों, शिक्षकों या इंटरनेट आदि की सहायता से दूध से घी बनाने की प्रक्रिया लिखिए।

उत्तर: दूध से घी बनाने की प्रक्रिया (संक्षिप्त उत्तर):

(i) दूध उबालना – ताजा दूध उबालकर ठंडा किया जाता है।

(ii) दही जमाना – ठंडे दूध में थोड़ा दही मिलाकर रातभर रखा जाता है।

(iii) मक्खन निकालना – जमे हुए दही को मथकर मक्खन और छाछ अलग किया जाता है।

(iv) मक्खन गरम करना – मक्खन को धीमी आँच पर गरम किया जाता है, जिससे पानी भाप बनकर उड़ जाता है।

(v) घी छानना और संग्रह करना – पिघले हुए घी को छानकर साफ बर्तन में रखा जाता है।

समय का माप

“चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो।।”

(क) ‘पहर’ और ‘साँझ’ शब्दों का प्रयोग समय बताने के लिए किया जाता है। समय बताने के लिए और कौन-कौन से शब्दों का प्रयोग किया जाता है? अपने समूह में मिलकर सूची बनाइए और कक्षा में साझा कीजिए।

(संकेत- कल, ऋतु, वर्ष, अब, पखवाड़ा, दशक, वेला, अवधि आदि)

उत्तर: क्षण, पल, घड़ी, मुहूर्त, वेला, दिन, रात, प्रहर, सप्ताह, पखवाड़ा, महीना, ऋतु, वर्ष, कल।

(ख) श्रीकृष्ण के अनुसार वे कितने घंटे गाय चराते थे?

उत्तर: 12 घंटे।

(ग) मान लीजिए वे शाम को छह बजे गाय चराकर लौटे। वे सुबह कितने बजे गाय चराने के लिए घर से निकले होंगे?

उत्तर: 6 बजे।

(घ) ‘दोपहर’ का अर्थ है ‘दो पहर’ का समय। जब दूसरे पहर की समाप्ति होती है और तीसरे पहर का प्रारंभ होता है। यह लगभग 12 बजे का समय होता है, जब सूर्य सिर पर आ जाता है। बताइए दिन के पहले पहर का प्रारंभ लगभग कितने बजे होगा?

उत्तर: 6 बजे।

हम सब विशेष हैं

(क) महाकवि सूरदास दृष्टिबाधित थे। उनकी विशेष क्षमता थी उनकी कल्पना शक्ति और कविता रचने की कुशलता।

हम सभी में कुछ न कुछ ऐसा होता है जो हमें सबसे विशेष और सबसे भिन्न बनाता है। नीचे दिए गए व्यक्तियों की विशेष क्षमताएँ क्या हैं, विचार कीजिए और लिखिए-

आपकी  _____________________
आपके किसी परिजन की _____________________
आपके शिक्षक की  _____________________
आपके मित्र की। _____________________

उत्तर: (i) मेरी विशेषता – मुझे नई चीजें सीखना और रचनात्मक कहानियाँ लिखना पसंद है।

(ii) मेरे किसी परिजन की विशेषता – मेरे पिताजी एक बहुत अच्छे लेखक हैं। उनकी लेखनी में गहराई और भावनाएँ होती हैं।

(iii) मेरे शिक्षक की विशेषता – मेरे शिक्षक बहुत धैर्यवान हैं और कठिन विषयों को सरलता से समझाने की अद्भुत क्षमता रखते हैं।

(iv) मेरे मित्र की विशेषता – मेरा मित्र बहुत अच्छा चित्रकार है। वह अपनी कल्पना से सुंदर चित्र बना सकता है।

(ख) एक विशेष क्षमता ऐसी भी है जो हम सबके पास होती है। वह क्षमता है सबकी सहायता करना, सबके भले के लिए सोचना। तो बताइए, इस क्षमता का उपयोग करके आप इनकी सहायता कैसे करेंगे– 

(i) एक सहपाठी पढ़ना जानता है और उसे एक पाठ समझ में नहीं आ रहा है।

उत्तर: एक सहपाठी पढ़ना जानता है और उसे एक पाठ समझ में नहीं आ रहा है।

– मैं उसे सरल भाषा में पाठ समझाने की कोशिश करूंगा/करूंगी और उसे चित्रों या उदाहरणों के माध्यम से समझाऊंगा/समझाऊंगी।

(ii) एक सहपाठी को पढ़ना अच्छा लगता है और वह देख नहीं सकता।

उत्तर: एक सहपाठी को पढ़ना अच्छा लगता है और वह देख नहीं सकता।

– मैं उसे पढ़कर सुनाऊंगा/सुनाऊंगी ताकि वह सुनकर सीख सके और अपनी पढ़ाई जारी रख सके।

(iii) एक सहपाठी बहुत जल्दी-जल्दी बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है।

उत्तर: एक सहपाठी बहुत जल्दी-जल्दी बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है।

– मैं उसे धीरे-धीरे और स्पष्ट बोलने का अभ्यास करवाऊंगा/करवाऊंगी ताकि वह भाषण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सके।

(iv) एक सहपाठी बहुत अटक-अटक कर बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है।

उत्तर: एक सहपाठी बहुत अटक-अटक कर बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है।

– मैं उसे धैर्यपूर्वक सुनूंगा/सुनूंगी और उसे आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए प्रेरित करूंगा/करूंगी। साथ ही, उसे बोलने का अभ्यास करवाऊंगा/करवाऊंगी।

(v) एक सहपाठी को चलने में कठिनाई है और वह सबके साथ दौड़ना चाहता है।

उत्तर: एक सहपाठी को चलने में कठिनाई है और वह सबके साथ दौड़ना चाहता है।

– मैं उसे प्रोत्साहित करूंगा/करूंगी और उसकी आवश्यकतानुसार सहायता करूंगा/करूंगी ताकि वह दौड़ का हिस्सा बन सके।

(vi) एक सहपाठी प्रतिदिन विद्यालय आता है और उसे सुनने में कठिनाई है।

उत्तर: एक सहपाठी प्रतिदिन विद्यालय आता है और उसे सुनने में कठिनाई है।

– मैं उसके साथ बैठकर उसे संकेतों और लिखित शब्दों के माध्यम से समझाने की कोशिश करूंगा/करूंगी, ताकि वह कक्षा में हो रही गतिविधियों को समझ सके।

आज की पहेली

1. दूध से मक्खन ही नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ बनाया जाता है। नीचे दूध से बनने वाली कुछ वस्तुओं के चित्र दिए गए हैं। दी गई शब्द-पहेली में उनके नाम के पहले अक्षर दे दिए गए हैं। नाम पूरे कीजिए-

उत्तर: खोवा, दही, मलाई, मिठाई, छाछ, मट्ठा, लस्सी, घी, पनीर, आईसक्रीम।

खोजबीन के लिए

1. सूरदास द्वारा रचित कुछ अन्य रचनाएँ खोजें व पढ़ें।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

Scroll to Top