NCERT Class 6 Hindi Chapter 10 परीक्षा

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NCERT Class 6 Hindi Chapter 10 परीक्षा

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परीक्षा

Chapter: 10

मल्हार
पाठ से

मेरी समझ से

आइए, अब हम कहानी ‘परीक्षा’ के बारे में कुछ चर्चा कर लेते हैं।

(क) आपकी समझ से नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए-

1. महाराज ने दीवान को ही उनका उत्तराधिकारी चुनने का कार्य उनके किस गुण के कारण सौंपा?

(i) सादगी।

(ii) उदारता।

(iii) बल।

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(iv) नीतिकुशलता।

उत्तर: (iv) नीतिकुशलता।

2. दीवान साहब द्वारा नौकरी छोड़ने के निश्चय का क्या कारण था?

(i) परमात्मा की याद।

(ii) राज-काज सँभालने योग्य शक्ति न रहना।

(iii) बदनामी का भय।

(iv) चालीस वर्ष की नौकरी पूरा हो जाना।

उत्तर: (ii) राज-काज सँभालने योग्य शक्ति न रहना।

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर: (i) हमने पहले प्रश्न के उत्तर के रूप में ‘नीतिकुशलता’ को चुना क्योंकि महाराज अपने अनुभवशील और नीतिकुशल दीवान सरदार सुजानसिंह पर विश्वास करते थे। उन्होंने सोचा कि दीवान साहब ही उनके लिए एक योग्य उत्तराधिकारी चुन सकते हैं।

(ii) दूसरे प्रश्न के उत्तर के रूप में ‘राज-काज सँभालने योग्य शक्ति न रहना’ को चुना क्योंकि दीवान साहब वृद्ध हो चुके थे और शासन की जिम्मेदारियाँ निभाने में असमर्थ महसूस कर रहे थे। वे नहीं चाहते थे कि बुढ़ापे में कोई गलती हो और उनकी सारी नेकनामी मिट्टी में मिल जाए, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का निश्चय किया।

शीर्षक

(क) आपने जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम प्रेमचंद ने ‘परीक्षा’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी का यह नाम क्यों दिया होगा? अपने उत्तर के कारण भी लिखिए।

उत्तर: कहानी का नाम ‘परीक्षा’ रखने का कारण:

(i) दीवान की परीक्षा: जब दीवान साहब ने नौकरी छोड़ने का निश्चय किया, तो राजा ने उनकी नीतिकुशलता की परीक्षा लेते हुए नया दीवान चुनने की जिम्मेदारी दी।

(ii) राजा की परीक्षा: राजा को यह परीक्षा देनी थी कि वे बिना अपने अनुभवी दीवान के राज्य कैसे संभालेंगे।

(iii) नए दीवान की परीक्षा: नए दीवान का चयन एक बड़ी जिम्मेदारी थी, जिससे उसकी योग्यता की परीक्षा होनी थी।

(iv) ईमानदारी और कर्तव्य की परीक्षा: दीवान साहब को यह परीक्षा देनी थी कि वे अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभाते हुए सही उत्तराधिकारी चुनें।

(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए?

उत्तर: संभावित नाम: “उत्तराधिकारी की खोज”

इस नाम का कारण:

(i) कहानी में मुख्य विषय दीवान साहब द्वारा नए दीवान (उत्तराधिकारी) का चयन करना है।

(ii) राजा ने दीवान साहब को योग्य उत्तराधिकारी चुनने की जिम्मेदारी दी, जो पूरी कहानी का केंद्र बिंदु है।

(iii) यह नाम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कहानी राज्य के लिए नए प्रशासक की खोज पर आधारित है।

(iv) ‘परीक्षा’ का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी था कि दीवान साहब को अपनी बुद्धिमत्ता और नीतिकुशलता से सही उत्तराधिकारी चुनना था।

पंक्तियों पर चर्चा

कहानी में से चुनकर यहाँ कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

“इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ-साथ आत्मबल। हृदय वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्ति का वीरता के साथ सामना करे। ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हुए हैं।”

उत्तर: इस उद्धरण का अर्थ यह है कि किसी भी बड़े पद के लिए केवल बुद्धिमत्ता या शक्ति ही पर्याप्त नहीं होती, बल्कि व्यक्ति के भीतर दया और आत्मबल का होना भी जरूरी होता है। दयालुता से वह न्यायप्रिय और संवेदनशील बनता है, जबकि आत्मबल उसे कठिन परिस्थितियों का साहसपूर्वक सामना करने की शक्ति देता है। ऐसे गुणों वाले व्यक्ति दुर्लभ होते हैं और जो इस प्रकार के होते हैं, वे समाज में उच्च स्थान प्राप्त कर सम्मान और प्रसिद्धि के शिखर पर होते हैं। इस उद्धरण से यह भी स्पष्ट होता है कि सही नेतृत्व के लिए भावनात्मक और मानसिक दोनों तरह की ताकत जरूरी होती है।

सोच-विचार के लिए

कहानी को एक बार फिर से पढ़िए, निम्नलिखित के बारे में पता लगाइए और लिखिए-

(क) नौकरी की चाह में आए लोगों ने नौकरी पाने के लिए कौन-कौन से प्रयत्न किए?

उत्तर: नौकरी पाने की चाह में लोग अपने स्वभाव और आदतों में बदलाव लाने लगे। देर तक सोने वाले सुबह टहलने लगे, कठोर व्यवहार करने वाले नौकरों से नम्रता से बात करने लगे, और किताबों से दूर रहने वाले पढ़ाई में रुचि दिखाने लगे। वे केवल नौकरी मिलने तक आदर्श बनने का दिखावा कर रहे थे, ताकि चयन हो जाए।

(ख) “उसे किसान की सूरत देखते ही सब बातें ज्ञात हो गई।” ‘खिलाड़ी को कौन-कौन सी बातें पता चल गई?

उत्तर: खिलाड़ी ने किसान की सूरत देखते ही समझ लिया कि वह परेशान और बेबस है। उसकी गाड़ी कीचड़ और ऊँची चढ़ाई के कारण ऊपर नहीं चढ़ पा रही थी, और उसके कमजोर बैल बोझ खींचने में असमर्थ थे। किसान बार-बार कोशिश कर रहा था, लेकिन निराश था और मदद माँगने का साहस नहीं कर पा रहा था। खिलाड़ी यह भी समझ गया कि अन्य खिलाड़ी उसकी स्थिति देखकर भी उदासीन बने हुए थे, उनमें न सहानुभूति थी और न मदद की भावना, बल्कि केवल स्वार्थ और अहंकार था।

(ग) “मगर उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईर्ष्या।” किनकी आँखों में सत्कार था और किनकी आँखों में ईर्ष्या थी? क्यों? 

उत्तर: रियासत के कर्मचारियों और रईसों की आँखों में सत्कार था क्योंकि वे जानकीनाथ के दीवान बनने से प्रसन्न थे और उनका सम्मान कर रहे थे। वहीं, उम्मीदवार दल की आँखों में ईर्ष्या थी क्योंकि वे खुद इस पद को पाने की उम्मीद लगाए बैठे थे और जानकीनाथ की सफलता से जलन महसूस कर रहे थे।

खोजबीन

कहानी में से वे वाक्य खोजकर लिखिए जिनसे पता चलता है कि– 

(क) शायद युवक बूढ़े किसान की असलियत पहचान गया था।

उत्तर: युवक ने किसान की तरफ़ गौर से देखा। उसके मन में एक संदेह हुआ, क्या यह सुजानसिंह तो नहीं हैं? आवाज़ मिलती है, चेहरा-मोहरा भी वही।

(ख) नौकरी के लिए आए लोग किसी तरह बस नौकरी पा लेना चाहते थे।

उत्तर: जिससे बात कीजिए, वह नम्रता और सदाचार का देवता बना मालूम देता था। लोग समझते थे कि एक महीने का झंझट है, किसी तरह काट लें, कहीं कार्य सिद्ध हो गया तो कौन पूछता है?

कहानी की रचना

“लोग पसीने से तर हो गए। खून की गरमी आँख और चेहरे से झलक रही थी।”

इन वाक्यों को पढ़कर आँखों के सामने थकान से चूर खिलाड़ियों का चित्र दिखाई देने लगता है। यह चित्रात्मक भाषा है। ध्यान देंगे तो इस पाठ में ऐसी और भी अनेक विशेष बातें आपको दिखाई देंगी।

कहानी को एक बार ध्यान से पढ़िए। आपको इस कहानी में और कौन-कौन सी विशेष बातें दिखाई दे रही हैं? अपने समूह में मिलकर उनकी सूची बनाइए।

उत्तर: (i) देवगढ़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे।

(ii) रंगीन एमामे, चोगे और नाना प्रकार के अंगरखे और कंटोप देवगढ़ में अपनी सज-धज दिखाने लगे।

(iii) वह कभी बैलों को ललकारता, कभी पहियों को हाथ से ढकेलता।

(iv) गाड़ी ऊपर को न चढ़ती और चढ़ती भी तो कुछ दूर चढ़कर फिर खिसककर नीचे पहुँच जाती।

(v) बेचारा इधर-उधर निराश होकर ताकता।

(vi) बार-बार झुंझलाकर बैलों को मारता।

(vii) किसान ने उनकी तरफ सहमी आँखों से देखा।

(viii) कीचड़ बहुत ज्यादा था। वह घुटने तक जमीन में गड़ गया।

(ix) उम्मीदवारों के कलेजे धड़क रहे थे।

(x) उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईष्य।

समस्या और समाधान

इस कहानी में कुछ समस्याएँ हैं और उसके समाधान भी हैं। कहानी को एक बार फिर से पढ़कर बताइए कि-

(क) महाराज के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?

उत्तर: समस्या: महाराज के दीवान सरदार सुजानसिंह वृद्ध हो चुके थे और राज-काज सँभालने में असमर्थ थे, जिससे योग्य उत्तराधिकारी चुनना एक चुनौती थी।

समाधान: महाराज ने नया दीवान चुनने की ज़िम्मेदारी स्वयं सरदार सुजानसिंह को सौंप दी, क्योंकि वे अनुभवी और नीतिकुशल थे।

(ख) दीवान के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?

उत्तर: समस्या: दीवान सरदार सुजानसिंह वृद्ध हो चुके थे और राज-काज सँभालने में असमर्थ थे। उन्हें डर था कि अगर कोई भूल-चूक हो गई तो उनकी सारी नेकनामी मिट जाएगी।

समाधान: महाराज ने उन्हें नया दीवान चुनने की जिम्मेदारी सौंपी। इसके लिए दीवान साहब ने अखबारों में विज्ञापन दिया, जिसमें उम्मीदवारों के आचार-विचार और कर्तव्यनिष्ठा की परीक्षा लेने की शर्त रखी गई।

(ग) नौकरी के लिए आए लोगों के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?

उत्तर: समस्या: नौकरी के लिए आए लोगों को केवल शैक्षणिक योग्यता से नहीं, बल्कि आचार-विचार और कर्तव्यनिष्ठा के आधार पर परखा जा रहा था, जो उनके लिए कठिन था।

समाधान: सफल होने के लिए उन्होंने आदतों में बदलाव किया, जैसे जल्दी उठना, नम्रता दिखाना और पढ़ाई में रुचि लेना। वे केवल चयन होने तक आदर्श बनने का दिखावा करने लगे।

मन के भाव

स्वार्थ था, मद था, मगर उदारता और वात्सल्य का नाम भी न था।”

इस वाक्य में कुछ शब्दों के नीचे रेखा खिंची हुई है। ये सभी नाम हैं, लेकिन दिखाई देने वाली वस्तुओं, व्यक्तियों या जगहों के नाम नहीं हैं। ये सभी शब्द मन के भावों के नाम हैं। आप कहानी में से ऐसे ही अन्य नामों को खोजकर नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए।

उत्तर: 

अभिनय

कहानी में युवक और किसान की बातचीत संवादों के रूप में दी गई है। यह भी बताया गया है कि उन दोनों ने ये बातें कैसे बोलीं। अपने समूह के साथ मिलकर तैयारी कीजिए और कहानी के इस भाग को कक्षा में अभिनय के द्वारा प्रस्तुत कीजिए। प्रत्येक समूह से अभिनेता या अभिनेत्री कक्षा में सामने आएँगे और एक-एक संवाद अभिनय के साथ बोलकर दिखाएँगे।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

विपरीतार्थक शब्द

“विद्या का कम, परंतु कर्तव्य का अधिक विचार किया जाएगा।”

‘कम’ का विपरीत अर्थ देने वाला शब्द है ‘अधिक’। इसी प्रकार के कुछ विपरीतारर्थक शब्द नीचे दिए गए हैं लेकिन वे आमने-सामने नहीं हैं। रेखाएँ खींचकर विपरीतार्थक शब्दों के सही जोड़े बनाइए-

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. आना1. निर्दयी
2. गुण2. निराशा
3. आदर3. जीत
4. स्वस्थ4. अवगुण
5. कम5. अस्वस्थ
6. दयालु6. अधिक
7. योग्य7. जाना
8. हार8. अयोग्य
9. आशा9. अनादर

उत्तर:

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. आना7. जाना
2. गुण4. अवगुण
3. आदर9. अनादर
4. स्वस्थ5. अस्वस्थ
5. कम6. अधिक
6. दयालु1. निर्दयी
7. योग्य8. अयोग्य
8. हार3. जीत
9. आशा2. निराशा
कहावत

“गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है।”

यह वाक्य एक कहावत है। इसका अर्थ है कि कोशिश करने पर ही सफलता मिलती है। ऐसी ही एक और कहावत है, “जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ” अर्थात परिश्रम का फल अवश्य मिलता है।

कहावतें ऐसे वाक्य होते हैं जिन्हें लोग अपनी बात को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए प्रयोग करते हैं। आपके घर और पास-पड़ोस में भी लोग अनेक कहावतों का उपयोग करते होंगे।

नीचे कुछ कहावतें और उनके भावार्थ दिए गए हैं। आप इन कहावतों को कहानी से जोड़कर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए– 

अधजल गगरी छलकत जाए– जिसके पास थोड़ा ज्ञान होता है, वह उसका दिखावा करता है।

अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत- समय निकल जाने के बाद पछताना व्यर्थ होता है।

एक अनार सौ बीमार– कोई ऐसी एक चीज़ जिसको चाहने वाले अनेक हों।

जो गरजते हैं वे बरसते नहीं हैं– जो अधिक बढ़-चढ़कर बोलते हैं, वे काम नहीं करते हैं।

जहाँ चाह, वहाँ राह– जब किसी काम को करने की इच्छा होती है, तो उसका साधन भी मिल जाता है।

(संकेत- विज्ञापन में तो एक नौकरी की बात कही गई थी, लेकिन उम्मीदवार आ गए हज़ारों।

इसे कहते हैं- एक अनार सी बीमार।)

उत्तर: (i) एक राज्य में दीवान की पदवी के लिए उम्मीदवारों की भीड़ उमड़ी। इनमें से कई ऐसे थे जो केवल अपने बाहरी दिखावे और आचरण से स्वयं को योग्य साबित करने की कोशिश कर रहे थे, जबकि उनके पास सही योग्यता नहीं थी। उनके इस व्यवहार को देखकर लोगों ने कहा, “अधजल गगरी छलकत जाए।”

(ii) जब चुनाव का समय आया, तो उन उम्मीदवारों को एहसास हुआ कि उन्होंने समय रहते सही तैयारी नहीं की और केवल दिखावे पर ध्यान दिया। अब पछताने का कोई लाभ नहीं था, इसलिए यह कहावत एकदम सटीक बैठी, “अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत।”

(iii) दीवान की इस एक पदवी के लिए सैकड़ों उम्मीदवार आए, लेकिन चयन केवल एक का होना था। इस स्थिति को देखकर लोग बोले, “एक अनार सौ बीमार।”

(iv) चुनाव के दौरान कई उम्मीदवार बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, लेकिन जब वास्तविक परीक्षा का समय आया, तो उनमें से कोई भी अपनी क्षमताओं को साबित नहीं कर पाया। यह देखकर लोग बोले, “जो गरजते हैं वे बरसते नहीं।”

(v) इसी भीड़ में जानकीनाथ नामक व्यक्ति भी था, जिसने अपनी मेहनत और आत्मबल से किसान की मदद करने की इच्छा दिखाई और उसे पूरा भी किया। उसकी लगन और ईमानदारी को देखकर ही उसे दीवान की पदवी प्राप्त हुई। उसकी सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि “जहाँ चाह, वहाँ राह।”

पाठ से आगे

अनुमान या कल्पना से

(क) “दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला” देश के प्रसिद्ध पत्रों में नौकरी का विज्ञापन किसने निकलवाया होगा? आपको ऐसा क्यों लगता है?

उत्तर: देश के प्रसिद्ध पत्रों में दीवान सुजानसिंह जी ने विज्ञापन निकलवाया होगा क्योंकि नए दीवान को चुनने की जिम्मेदारी उन्हीं पर थी और इसी के लिए उन्होंने यह उपाय सोचा होगा।

(ख) “इस विज्ञापन ने सारे मुल्क में तहलका मचा दिया।” 

विज्ञापन ने पूरे देश में तहलका क्यों मचा दिया होगा?

उत्तर: इस विज्ञापन ने पूरे देश में तहलका इसलिए मचा दिया क्योंकि इसमें बिना किसी विशेष योग्यता के ऊँचा पद पाने का अवसर था। केवल भाग्य के आधार पर चयन होने की संभावना ने लोगों में उत्सुकता जगा दी, जिससे देशभर से विभिन्न प्रदेशों और वर्गों के लोग देवगढ़ पहुँचने लगे।

विज्ञापन

“दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला कि देवगढ़ के लिए एक सुयोग्य दीवान की जरूरत है।”

(क) कहानी में इस विज्ञापन की सामग्री को पढ़िए। इसके बाद अपने समूह में मिलकर इस विज्ञापन को अपनी कल्पना का उपयोग करते हुए बनाइए। (संकेत-विज्ञापन बनाने के लिए आप एक चौकोर कागज़ पर हाशिया बनाइए। इसके बाद इस हाशिए के भीतर के खाली स्थान पर सुंदर लिखाई, चित्रों, रंगों आदि की सहायता से सभी आवश्यक जानकारी लिख दीजिए। आप बिना रंगों या चित्रों के भी विज्ञापन बना बना सकते हैं।)

(ख) आपने भी अपने आस-पास दीवारों पर, समाचार-पत्रों में या पत्रिकाओं में, मोबाइल फोन या दूरदर्शन पर अनेक विज्ञापन देखे होंगे। अपने किसी मनपसंद विज्ञापन को याद कीजिए। आपको वह अच्छा क्यों लगता है? सोचकर अपने समूह में बताइए। अपने समूह के बिंदुओं को लिख लीजिए।

(ग) विज्ञापनों से लाभ होते हैं, हानि होती हैं, या दोनों? अपने ने समूह में में चर्चा कीजिए और चर्चा के बिंदु लिखकर कक्षा में साझा कीजिए।

उत्तर: विद्यार्थि स्वयं करें।

आगे की कहानी

परीक्षा’ कहानी जहाँ समाप्त होती है, उसके आगे क्या हुआ होगा। आगे की कहानी अपनी कल्पना से बनाइए।

उत्तर: परीक्षा में असफल होने के बाद विनोद निराश था, लेकिन उसके माता-पिता और गुरुजी ने उसे हिम्मत दी। उसने अपनी गलतियों से सीखा और अगले साल पूरी मेहनत से फिर परीक्षा दी। इस बार वह सफल हुआ और आगे चलकर एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी बना, जो अपनी सच्चाई और मेहनत के लिए पहचाना गया।

आपकी बात

(क) यदि कहानी में दीवान साहब के स्थान पर आप होते तो योग्य व्यक्ति को कैसे चुनते?

उत्तर: यदि मैं दीवान साहब के स्थान पर होता, तो भाग्य के बजाय ज्ञान, ईमानदारी और निर्णय क्षमता के आधार पर योग्य व्यक्ति का चयन करता। मैं लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और व्यावहारिक परीक्षण लेकर सबसे उपयुक्त उम्मीदवार चुनता।

(ख) यदि आपको कक्षा का मॉनिटर चुनने के लिए कहा जाए तो आप उसे कैसे चुनेंगे? उसमें किन-किन गुणों को देखेंगे? गुणों की परख के लिए क्या-क्या करेंगे?

उत्तर: यदि मुझे कक्षा का मॉनिटर चुनने के लिए कहा जाए, तो मैं ऐसे छात्र को चुनूँगा जो ईमानदार, जिम्मेदार, और अनुशासनप्रिय हो। मैं यह भी देखूँगा कि वह सभी के प्रति समान व्यवहार करता हो और नेतृत्व की क्षमता रखता हो। गुणों की परख के लिए मैं समूह चर्चा कराऊँगा, साथी छात्रों से उनकी राय लूँगा, और उसे एक छोटी जिम्मेदारी देकर देखूँगा कि वह इसे कितनी अच्छी तरह निभाता है। इसके आधार पर, मैं ऐसा मॉनिटर चुनूँगा जो कक्षा का सही मार्गदर्शन कर सके।

नया-पुराना

“कोई नए फैशन का प्रेमी, कोई पुरानी सादगी पर मिटा हुआ।”

हमारे आस-पास अनेक वस्तुएँ ऐसी हैं जिन्हें लोग नया फैशन या पुराना चलन कहकर दो भागों में बाँट देते हैं। जो वस्तु आपके माता-पिता या दादा-दादी के लिए नई हो, हो सकता है वह आपके लिए पुरानी हो, या जो उनके लिए पुरानी हो, वह आपके लिए नई हो। अपने परिवार या परिजनों से चर्चा करके नीचे दी गई तालिका को पूरा कीजिए-

मेरे लिए नई वस्तुएँमेरे लिए पुरानी वस्तुएँपरिवार के बड़ों के लिए नई वस्तुएँपरिवार के बड़ों के लिए पुरानी वस्तुएँ

उत्तर: 

मेरे लिए नई वस्तुएँमेरे लिए पुरानी वस्तुएँपरिवार के बड़ों के लिए नई वस्तुएँपरिवार के बड़ों के लिए पुरानी वस्तुएँ
संदूकफोन काररेडियो
रोबोट टी. वीकंप्युटरटेलीफोन
वाद-विवाद

“आपस में हॉकी का खेल हो जाए। यह भी तो आखिर एक विद्या है।”

क्या हॉकी जैसा खेल भी विद्या है? इस विषय पर कक्षा में एक वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन कीजिए। इसे आयोजित करने के लिए कुछ सुझाव आगे दिए गए हैं-

कक्षा में पहले कुछ समूह बनाएँ। फिर पर्ची निकालकर निर्धारित कर लीजिए कि कौन समूह पक्ष में बोलेंगे, कौन विपक्ष में।

आधे समूह इसके पक्ष में तर्क दीजिए, आधे समूह इसके विपक्ष में।

सभी समूहों को बोलने के लिए 5-5 मिनट का समय दिया जाएगा।

ध्यान रखें कि प्रत्येक समूह का प्रत्येक सदस्य चर्चा करने, तर्क देने आदि कार्यों में भाग अवश्य लें।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

अच्छाई और दिखावा

“हर एक मनुष्य अपने जीवन को अपनी बुद्धि के अनुसार अच्छे रूप में दिखाने की कोशिश करता था।”

अपने समूह में निम्नलिखित पर चर्चा कीजिए और चर्चा के बिंदु अपनी लेखन-पुस्तिका में लिख लीजिए-

(क) हर व्यक्ति अपनी बुद्धि के अनुसार स्वयं को अच्छा दिखाने की कोशिश करता है। स्वयं को अच्छा दिखाने के लिए लोग क्या-क्या करते हैं? (संकेत मेहनत करना, कसरत करना, साफ़-सुथरे रहना आदि)

उत्तर: (i) हर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को आकर्षक और बेहतर बनाने के लिए प्रयास करता है।

(ii) लोग स्वयं को अच्छा दिखाने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते हैं, जैसे नियमित कसरत और योग करना।

(iii) साफ़-सुथरे और स्टाइलिश कपड़े पहनते हैं ताकि दूसरों पर अच्छा प्रभाव डाल सकें।

(iv) अपनी बुद्धि और ज्ञान को प्रदर्शित करने के लिए पढ़ाई या नई चीजें सीखने में मेहनत करते हैं।

(v) सामाजिक कार्यों में भाग लेकर और दूसरों की मदद करके खुद को अच्छा साबित करने की कोशिश करते हैं।

(vi) अपनी आदतों को सुधारने और शिष्टाचार अपनाने की कोशिश करते हैं।

(vii) कभी-कभी लोग दिखावे के लिए ऐसे कार्य करते हैं, जो उनकी असली पहचान से मेल नहीं खाते।

(ख) क्या ‘स्वयं को अच्छा दिखाने’ में और ‘स्वयं के अच्छा होने’ में कोई अंतर है? कैसे?

उत्तर: स्वयं को अच्छा दिखाना: यह बाहरी छवि पर आधारित होता है। इसमें व्यक्ति अपने कपड़ों, व्यवहार या बातों से दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश करता है। यह दिखावा हो सकता है, जो वास्तविकता से मेल न खाए।

स्वयं का अच्छा होना: यह व्यक्ति के आंतरिक गुणों, जैसे ईमानदारी, दया, और नैतिकता पर निर्भर करता है। यह दिखावे से अलग होता है और सच्चाई पर आधारित होता है।

परिधान तरह-तरह के

“कोट उतार डाला”

‘कोट’ एक परिधान का नाम है। कुछ अन्य परिधानों के नाम और चित्र नीचे दिए गए हैं। परिधानों के नामों को इनके सही चित्र के साथ मिलाइए। इन्हें आपके घर में क्या कहते हैं? लिखिए-

चित्र नाम और क्या कहते हैं 
दुपट्टा 
गमछा 
लहँगा
फिरन
धोती
अचकन
पगड़ी 

उत्तर: 

चित्र नाम और क्या कहते हैं 
लहँगाघाघरा 
गमछा गमोछा 
दुपट्टा ओढ़नी
धोतीमर्दानी 
फिरनकश्मीरी फेरन 
पगड़ीकनटोपा, साफा 
अचकनबाघल बंदी 
आपकी परीक्षाएँ

हम सभी अपने जीवन में अनेक प्रकार की परीक्षाएँ लेते और देते हैं। आप अपने अनुभवों के आधार पर कुछ परीक्षाओं के उदाहरण बताइए। यह भी बताइए कि किसने, कब, कैसे और क्यों वह परीक्षा ली।

(संकेत- जैसे, किसी को विश्वास दिलाने के लिए उसके सामने साइकिल चलाकर दिखाना, स्कूल या घर पर कोई परीक्षा देना, किसी को किसी काम की चुनौती देना आदि।)

उत्तर: हमारे जीवन में कई तरह की परीक्षाएँ होती हैं। एक बार मैंने अपने दोस्तों को साइकिल चलाकर दिखाया, ताकि वे मुझ पर विश्वास करें। स्कूल में हर साल लिखित परीक्षाएँ होती हैं, जो हमारी पढ़ाई की जाँच करती हैं। घर पर माँ ने एक बार मुझसे खाना बनाने को कहा, ताकि वह देख सकें कि मैं यह काम कर सकती हूँ या नहीं। खेल प्रतियोगिता में दौड़ लगाकर मैंने अपने शारीरिक कौशल का प्रमाण दिया। इन परीक्षाओं ने मुझे आत्मविश्वास और कौशल बढ़ाने में मदद की।

आज की पहेली

आज आपकी एक रोचक परीक्षा है। यहाँ दिए गए चित्र एक जैसे हैं या भिन्न? इन चित्रों में कुछ अंतर हैं। देखते हैं आप कितने अंतर कितनी जल्दी खोज पाते हैं।

उत्तर: (i) लड़की के बालों में रिबन: बाईं तरफ के चित्र में लड़की के बालों में रिबन नहीं है, जबकि दाईं तरफ के चित्र में लाल रंग का रिबन है।

(ii) रास्ते में आदमी का हाथ में थैला – बाईं तरफ के चित्र में आदमी का हाथ में पीला रंग का थैला बड़ा है,जबकि दाईं तरफ के चित्र में पीला रंग का थैला छोटा है।

(iii) सिग्नल लाइट का रंग अलग – बाईं तरफ के चित्र में सिग्नल लाइट का रंग हल्का है,जबकि दाईं तरफ के चित्र में सिग्नल लाइट का रंग लाल है।

(iv) बकरी: एक चित्र में बकरी बाई ओर देख रही है दूसरी चित्र में बकरी दाई ओर देख रही है।

(v) चूड़ियां: एक चित्र में दादी मां की दोनों हाथों की चूड़ियां लाल रंग की है। दूसरे चित्र में दादी मां की हाथ की चूड़ियां हल्के हरे रंग की है।

खोजबीन के लिए

पुस्तक में दिए गए क्यू.आर. कोड की सहायता से आप प्रेमचंद के बारे में और जान-समझ सकते हैं, साथ ही उनकी अन्य कहानियों का आनंद भी उठा सकते हैं-

(i) ईदगाह।

(ii) नादान दोस्त।

(iii) दो बैलों की व कथा।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

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