NCERT Class 11 Political Science Chapter 8 स्थानीय शासन

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NCERT Class 11 Political Science Chapter 8 स्थानीय शासन

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Chapter: 8

भारत का संविधान सिद्धांत और व्यवहार
INTEX QUESTION

1. सिर्फ राज्य सूची के विषयों को ही क्यों हस्तांतरित किया जाता है? हम केंद्र सूची में दर्ज विषयों को क्यों हस्तांतरित नहीं कर सकते?

उत्तर: सिर्फ राज्य सूची के विषयों को ही इसलिए हस्तांतरित किया जाता है क्योंकि ये विषय संविधान द्वारा राज्यों के अधिकार क्षेत्र में रखे होते हैं, और परिस्थितियों के अनुसार इन्हें केंद्र को सौंप दिया जाता है केंद्र सूची के विषय राष्ट्रीय महत्व के होते हैं, जैसे रक्षा, विदेश नीति, संचार आदि, जो पूरे देश के लिए समान रूप से आवश्यक होते हैं। इसलिए, उन्हें राज्यों को हस्तांतरित नहीं किया जा सकते है ताकि राष्ट्रीय एकता और प्रशासनिक समरूपता बनी रहे।

प्रश्नावली

1. भारत का संविधान ग्राम पंचायत को स्व-शासन की इकाई के रूप में देखता है। नीचे कुछ स्थितियों का वर्णन किया गया है। इन पर विचार कीजिए और बताइए कि स्व-शासन की इकाई बनने के क्रम में ग्राम पंचायत के लिए ये स्थितियाँ सहायक हैं या बाधक?

(क) प्रदेश की सरकार ने एक बड़ी कंपनी को विशाल इस्पात संयंत्र लगाने की अनुमति दी है। इस्पात संयंत्र लगाने से बहुत से गाँवों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

दुष्प्रभाव की चपेट में आनेवाले गाँवों में से एक की ग्राम सभा ने यह प्रस्ताव पारित किया कि क्षेत्र में कोई भी बड़ा उद्योग लगाने से पहले गाँववासियों की राय ली जानी चाहिए और उनकी शिकायतों की सुनवाई होनी चाहिए।

उत्तर: मेरे विचार से यह स्थिति ग्राम पंचायत में बाधक है क्योंकि यहाँ पर सरकार ने ग्राम पंचायत से परामर्श किए बिना एक बड़ा इस्पात संयंत्र लगाने का फ़ैसला किया जिससे ग्राम के गरीब लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह स्व-शासन और स्थानीय जन भागीदारी की दिशा में एक कदम है।

(ख) सरकार का फ़ैसला है कि उसके कुल खर्चे का 20 प्रतिशत पंचायतों के माध्यम से व्यय होगा।

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उत्तर: मेरे विचार से यह स्थिति भी ग्राम पंचायत के लिए बाधक है क्योंकि इससे ग्राम पंचायत पर आर्थिक रूप से मजबूत करता है और उनकी स्वायत्तता बढ़ाता है।

(ग) ग्राम पंचायत विद्यालय का भवन बनाने के लिए लगातार धन माँग रही है, लेकिन सरकारी अधिकारियों ने माँग को यह कहकर ठुकरा दिया है कि धन का आवंटन कुछ दूसरी योजनाओं के लिए हुआ है और धन को अलग मद में खर्च नहीं किया जा सकता।

उत्तर: मेरे विचार से यह स्थिति भी ग्राम पंचायत के लिए बाधक है क्योंकि यह निर्णय पंचायत की स्वतंत्रता, स्थानीय समस्याओं के समाधान और सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देता है।

(घ) सरकार ने डुंगरपुर नामक गाँव को दो हिस्सों में बाँट दिया है और गाँव के एक हिस्से को जमुना तथा दूसरे को सोहना नाम दिया है। अब डुंगरपुर नामक गाँव सरकारी खाते में मौजूद नहीं है।

उत्तर: यहाँ ग्राम के अस्तित्व को ही समाप्त कर दिया गया है; अतः ग्राम पंचायत होगी ही नहीं।

(ङ) एक ग्राम पंचायत ने पाया कि उसके इलाके में पानी के स्रोत तेजी से कम हो रहे हैं। ग्राम पंचायत ने फ़ैसला किया कि गाँव के नौजवान श्रमदान करें और गाँव के पुराने तालाब तथा कुएँ को फिर से काम में आने लायक बनाएँ।

उत्तर: ग्राम पंचायत के लिए यह स्थिति सहायक है। इसमें पानी की कमी को दूर करने के लिए ग्राम के नौजवानों का सहयोग लेकर पुराने कुओं और तालाबों को कामयाब बनाने का प्रयास किया गया है।

2. मान लीजिए कि आपको किसी प्रदेश की तरफ से स्थानीय शासन की कोई योजना बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्राम पंचायत स्व-शासन की इकाई के रूप में काम करे, इसके लिए आप उसे कौन-सी शक्तियाँ देना चाहेंगे? ऐसी पाँच शक्तियों का उल्लेख करें और प्रत्येक शक्ति के बारे में दो-दो पंक्तियों में यह भी बताएँ कि ऐसा करना क्यों ज़रूरी है।

उत्तर: ग्राम पंचायत को स्व-शासन की इकाई बनाने के लिए दी जाने वाली शक्तियाँ है–

(i) स्थानीय विकास योजनाएँ:

पंचायत को सड़कों, पेयजल, स्वच्छता और आवास जैसी योजनाओं को लागू करने का अधिकार दिया जाए।

यह क्षेत्र की प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगा।

(ii) स्थानीय विवाद समाधान:

पंचायत को छोटे विवादों जैसे भूमि विवाद, पारिवारिक मामले, और संपत्ति विवाद निपटाने का अधिकार दिया जाए।

इससे ग्रामीण स्तर पर त्वरित और किफायती न्याय सुनिश्चित होगा।

(iii) कर संग्रहण:

पंचायत को संपत्ति कर, बाजार शुल्क, और अन्य छोटे कर एकत्र करने का अधिकार दिया जाए।

इससे पंचायत वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकेगी और विकास कार्यों के लिए धन जुटा सकेगी।

(iv) प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन:

पंचायत को जल संसाधन, भूमि, और वनों के संरक्षण का अधिकार दिया जाए।

यह प्राकृतिक संसाधनों की देखभाल और सतत विकास सुनिश्चित करेगा।

3. सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए संविधान के 73वें संशोधन में आरक्षण के क्या प्रावधान हैं? इन प्रावधानों से ग्रामीण स्तर के नेतृत्व का खाका किस तरह बदला है?

उत्तर: संविधान के 73 वें संशोधन से अनुसूचित जाति के लोगों के लिए व महिलाओं के लिए कुछ सीटों में से प्रत्येक वर्ग के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित की गई हैं। क्या संशोधन ने यह सुनिश्चित किया है कि इन वर्गों के लिए एक निश्चित आरक्षण है। यह आरक्षण ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों व जिला परिषदों में सदस्यों व पदों में किया गया है। इस आरक्षण से महिलाओं की व अनुसूचित जाति के लोगों की स्थिति में सम्मानजनक परिवर्तन हुआ है। इससे पहले इन वर्गों की स्थानीय संस्थाओं में पर्याप्त भागीदारी नहीं हुआ करती थी। परन्तु अब यह भागीदारी निश्चित हो गई है। जिससे इनमें एक विश्वास उत्पन्न हुआ है।

इन प्रावधानों ने ग्रामीण नेतृत्व में बड़ा बदलाव लाया है। हाशिये पर रहने वाले वर्गों और महिलाओं को राजनीतिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में शामिल होने का अवसर मिला है। इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी से स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों को प्राथमिकता मिली है। कमजोर वर्गों से नए नेताओं के उभरने से समाज में जागरूकता और समानता को बढ़ावा मिला है। इन प्रावधानों ने ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशी और सशक्त शासन का आधार तैयार किया है।

4. संविधान के 73वें संशोधन से पहले और संशोधन के बाद के स्थानीय शासन के बीच मुख्य भेद बताएँ।

उत्तर: संविधान के 73वें संशोधन से पहले और बाद के स्थानीय शासन के बीच निम्नलिखित मुख्य भेद हैं–

संविधान के 73वें संशोधन से पहलेसंविधान के 73वें संशोधन से बाद
स्थानीय शासन की कोई स्पष्ट संवैधानिक मान्यता नहीं थी, और इसका संचालन राज्यों की मर्जी पर निर्भर था।73वें संशोधन ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया, जिससे यह राज्यों की इच्छानुसार समाप्त नहीं किया जा सकता।
स्थानीय शासन का कोई संगठित ढांचा नहीं था।ग्राम पंचायत, पंचायत समिति (मध्य स्तर), और जिला परिषद की तीन-स्तरीय संरचना बनाई गई।
पंचायत चुनाव अनियमित और राज्यों की मर्जी पर निर्भर थे।संशोधन के बाद हर पाँच साल में चुनाव कराना अनिवार्य कर दिया गया।
सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों और महिलाओं के लिए कोई आरक्षण नहीं था।अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों, और महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया गया।

5. नीचे लिखी बातचीत पढ़ें। इस बातचीत में जो मुद्दे उठाए गए हैं उसके बारे में अपना मत दो सौ शब्दों में लिखें।

आलोक – हमारे संविधान में स्त्री और पुरुष को बराबरी का दर्जा दिया गया है। स्थानीय निकायों में स्त्रियों को आरक्षण देने से सत्ता में उनकी बराबर की भागीदारी सुनिश्चित हुई है।

नेहा – लेकिन, महिलाओं का सिर्फ सत्ता के पद पर काबिज होना ही काफी नहीं है। यह भी जरूरी है कि स्थानीय निकायों के बजट में महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान हो।

जयेश – मुझे आरक्षण का यह गोरखधंधा पसंद नहीं। स्थानीय निकाय को चाहिए कि वह गाँव के सभी लोगों का ख्याल रखे और ऐसा करने पर महिलाओं और उनके हितों की देखभाल अपने आप हो जाएगी।

उत्तर: आलोक, नेहा, और जयेश की बातचीत महिलाओं के सशक्तिकरण और आरक्षण पर केंद्रित है। महिलाओं को समाज में अधिक शक्ति और विश्वास प्राप्त हुआ है। उन्होंने राजनीति की बेहतर समझ विकसित की है और अन्य महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानने में मदद की है। कई मामलों में उन्होंने स्थानीय निकायों में हुई चर्चाओं को एक नया दृष्टिकोण और संवेदनशीलता दी है। जो आलोक के तर्क को सही साबित करता है। नेहा का कहना है कि सत्ता में मौजूदगी के साथ बजट और योजनाओं में महिलाओं के लिए अलग प्रावधान जरूरी हैं, ताकि उनके हितों का व्यावहारिक सशक्तिकरण हो सके। जयेश का विचार है कि आरक्षण के बिना भी सभी के हितों का ध्यान रखा जा सकता है, लेकिन यह तर्क व्यवहारिक रूप से कमजोर है क्योंकि ऐतिहासिक असमानताओं को खत्म करने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत होती है। महिलाओं की सामाजिक स्थिति को उनकी आर्थिक स्वतंत्रता के माध्यम से ही बढ़ाया जा सकता है ओर इस उद्देश्य के लिए धन की आवश्यकता होती है। इसलिए स्थानीय निकायों के बजट में महिलाओं के लिए विशेष रूप से उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के प्रावधान होने चाहिए।

6. 73वें संशोधन के प्रावधानों को पढ़ें। यह संशोधन निम्नलिखित सरोकारों में से किससे ताल्लुक रखता है?

(क) पद से हटा दिये जाने का भय जन-प्रतिनिधियों को जनता के प्रति जवाबदेह बनाता है।

(ख) भूस्वामी सामंत और ताकतवर जातियों का स्थानीय निकायों में दबदबा रहता है।

(ग) ग्रामीण क्षेत्रों में निरक्षरता बहुत ज़्यादा है। निरक्षर लोग गाँव के विकास के बारे में फ़ैसला नहीं ले सकते हैं।

(घ) प्रभावकारी साचित होने के लिए ग्राम पंचायतों के पास गाँव की विकास योजना बनाने की शक्ति और संसाधन का होना ज़रूरी है।

उत्तर: यह संशोधन निम्नलिखित सरोकारों में (घ) से ताल्लुक रखता है।  

73वें संशोधन ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और उन्हें विकास योजनाएँ बनाने, उन्हें लागू करने और स्थानीय संसाधनों का उपयोग करने का अधिकार दिया। इसने ग्रामीण स्व-शासन को सशक्त और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया।

7. नीचे स्थानीय शासन के पक्ष में कुछ तर्क दिए गए हैं। इन तकों को आप अपनी पसंद से वरीयता क्रम में सजायें और बताएँ कि किसी एक तर्क की अपेक्षा दूसरे को आपने ज़्यादा महत्त्वपूर्ण क्यों माना है। आपके जानते वेगैवसल गाँव की ग्राम पंचायत का फैसला निम्नलिखित कारणों में से किस पर और कैसे आधारित था?

(क) सरकार स्थानीय समुदाय को शामिल कर अपनी परियोजना कम लागत में पूरी कर सकती है।

(ख) स्थानीय जनता द्वारा बनायी गई विकास योजना सरकारी अधिकारियों द्वारा बनायी गई विकास योजना से ज़्यादा स्वीकृत होती है।

(ग) लोग अपने इलाके की ज़रूरत, समस्याओं और प्राथमिकताओं को जानते हैं। सामुदायिक भागीदारी द्वारा उन्हें विचार-विमर्श करके अपने जीवन के बारे में फ़ैसला लेना चाहिए।

(घ) आम जनता के लिए अपने प्रदेश अथवा राष्ट्रीय विधायिका के जन-प्रतिनिधियों से संपर्क कर पाना मुश्किल होता है।

उत्तर: (ग) लोग अपने इलाके की जरूरत, समस्याओं और प्राथमिकताओं को जानते हैं। सामुदायिक भागीदारी द्वारा उन्हें विचार-विमर्श करके अपने जीवन के बारे में फ़ैसला लेना चाहिए।

(ख) स्थानीय जनता द्वारा बनाई गई विकास योजना सरकारी अधिकारियों द्वारा बनाई गई योजना से ज़्यादा स्वीकृत होती है।

(क) सरकार स्थानीय समुदाय को शामिल कर अपनी परियोजना कम लागत में पूरी कर सकती है।

(घ) आम जनता के लिए अपने प्रदेश अथवा राष्ट्रीय विधायिका के जन-प्रतिनिधियों से संपर्क कर पाना मुश्किल होता है।

मैंने (ग) को सबसे अधिक महत्व दिया है क्योंकि स्थानीय लोगों को अपनी ज़रूरतें, समस्याएँ और प्राथमिकताएँ बेहतर तरीके से पता होती हैं। जब विकास योजनाएँ उन लोगों द्वारा बनाई जाती हैं जो खुद ही इन समस्याओं का सामना करते हैं, तो वे अधिक प्रभावी और प्रासंगिक होती हैं। इसके बाद (ख) स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई विकास योजनाओं की सरकारी अधिकारियों द्वारा बनाई गई योजनाओं की तुलना में अधिक स्वीकार्यता होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्थानीय लोगों के निर्णय स्थानीय आवश्यकताओं के सटीक ज्ञान पर आधारित होते हैं। यह इसे स्थानीय सरकार का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पहलू बनाता है। (क) को तीसरे स्थान पर रखा क्योंकि यदि स्थानीय समुदाय को शामिल किया जाता है तो परियोजनाओं की लागत घट सकती है, लेकिन यह पहलू कुछ हद तक प्राथमिकता में आता है। अंत में, (घ) को रखा क्योंकि आम लोगों के लिए राज्य या राष्ट्रीय विधायिका के अपने प्रतिनिधियों से संपर्क करना मुश्किल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आम लोगों के पास लंबे समय से लंबित मुद्दों के बारे में राज्य या यहां तक कि जिला स्तर पर अधिकारियों से संपर्क करने का समय या संसाधन नहीं हो सकता है। यह इसे स्थानीय सरकार के पीछे तीसरा सबसे महत्वपूर्ण तर्क बनाता है।

8. आपके अनुसार निम्नलिखित में कौन-सा विकेंद्रीकरण का साधन है? शेष को विकेंद्रीकरण के साधन के रूप में आप पर्याप्त विकल्प क्यों नहीं मानते?

(क) ग्राम पंचायत का चुनाव कराना।

उत्तर: यह विकल्प विकेंद्रीकरण का एक हिस्सा हो सकता है, लेकिन चुनाव कराना सिर्फ प्रतिनिधित्व की प्रक्रिया है, न कि निर्णय लेने या प्रशासनिक कार्यों को स्थानीय स्तर पर विकेंद्रीकरण करने का तरीका।  

(ख) गाँव के निवासी खुद तय करें कि कौन-सी नीति और योजना गाँव के लिए उपयोगी है।

उत्तर: यह विकेंद्रीकरण का सबसे अच्छा उदाहरण है, क्योंकि इसमें निर्णय लेने की प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर रहती है। स्थानीय लोग अपनी ज़रूरतों और प्राथमिकताओं के अनुसार योजनाएँ बनाते हैं और लागू करते हैं, जो विकेंद्रीकरण की मुख्य भावना को दर्शाता है।

(ग) ग्राम सभा की बैठक बुलाने की ताकत।

उत्तर: यह भी एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन केवल बैठक बुलाने से विकेंद्रीकरण पूरा नहीं होता। यह प्रक्रिया निर्णय लेने के अधिकार को स्थानीय स्तर पर सशक्त करने की ओर इशारा करती है, लेकिन वास्तविक निर्णय सत्ता का विकेंद्रीकरण तभी होता है जब लोग योजनाएँ बनाते और लागू करते हैं।

(घ) प्रदेश सरकार ने ग्रामीण विकास की एक योजना चला रखी है। खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) ग्राम पंचायत के सामने एक रिपोर्ट पेश करता है कि इस योजना में कहाँ तक प्रगति हुई है।

उत्तर: यह विकल्प विकेंद्रीकरण के विपरीत है, क्योंकि यहाँ योजना और निर्णय प्रदेश सरकार के हाथ में हैं। ग्राम पंचायत केवल रिपोर्ट प्राप्त करती है, और यह एक केंद्रीयकृत प्रक्रिया को दर्शाता है, जिसमें निर्णयों का क्रियान्वयन राज्य या केंद्र स्तर पर होता है।

9. दिल्ली विश्वविद्यालय का एक छात्र प्राथमिक शिक्षा के निर्णय लेने में विकेंद्रीकरण की भूमिका का अध्ययन करना चाहता था। उसने गाँववासियों से कुछ सवाल पूछे। ये सवाल नीचे लिखे हैं। यदि गांववासियों में आप शामिल होते तो निम्नलिखित प्रश्नों के क्या उत्तर देते? गाँव का हर बालक बालिका विद्यालय जाए, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कौन-से कदम उठाए जाने चाहिए – इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए ग्राम सभा की बैठक बुलाई जानी है।

(क) बैठक के लिए उचित दिन कौन-सा होगा, इसका फ़ैसला आप कैसे करेंगे? सोचिए कि आपके चुने हुए दिन में कौन बैठक में आ सकता है और कौन नहीं?

(अ) खंड विकास अधिकारी अथवा कलेक्टर द्वारा तय किया हुआ कोई दिन।

(ब) गाँव का बाजार जिस दिन लगता है। (स) रविवार (द) नाग पंचमी/संक्राति।

उत्तर: अगर मैं गांववासी होता, तो मैं (स) रविवार को बैठक के लिए चुनता। रविवार को अधिकतर लोग घर पर होते हैं, और खासकर महिला और पुरुष दोनों को भाग लेने का अवसर मिलता है, क्योंकि उनके पास सप्ताह के अन्य दिनों के मुकाबले अधिक समय होता है। अन्य विकल्पों में बाजार या त्योहारों के दिन लोग व्यस्त रहते हैं, जिससे बैठक में भागीदारी कम हो सकती है।

(ख) बैठक के लिए उचित स्थान क्या होगा? कारण भी बताएँ।

(अ) जिला-कलेक्टर के परिपत्र में बताई गई जगह। (ब) गाँव का कोई धार्मिक स्थान।

(स) दलित मोहल्ला। (द) ऊँची जाति के लोगों का टोला। (ध) गाँव का स्कूल।

उत्तर: सही स्थान का चयन (ध) गाँव का स्कूल करना होगा। विद्यालय एक सामान्य, केंद्रीय स्थान होता है जहां अधिकांश लोग आसानी से पहुँच सकते हैं। इससे सभी वर्गों और समुदायों के लोग भाग ले सकते हैं। धार्मिक स्थान या दलित मोहल्ला जैसे विकल्पों में कुछ लोगों को पहुंचने में कठिनाई हो सकती है, और इससे समानता में कमी आ सकती है।

(ग) ग्राम सभा की बैठक में पहले जिला समाहर्ता (कलेक्टर) द्वारा भेजा गया परिपत्र पढ़ा गया। परिपत्र में बताया गया था कि शैक्षिक रैली को आयोजित करने के लिए क्या कदम उठाये जाएँ और रैली किस रास्ते होकर गुजरे। बैठक में उन बच्चों के बारे में चर्चा नहीं हुई जो कभी स्कूल नहीं आते। बैठक में बालिकाओं की शिक्षा के बारे में, विद्यालय भवन की दशा के बारे में और विद्यालय के खुलने बंद होने के समय के बारे में भी चर्चा नहीं हुई। बैठक रविवार के दिन हुई इसलिए कोई महिला शिक्षक इस बैठक में नहीं आ सकी। लोगों की भागीदारी के लिहाज से इस को आप अच्छा कहेंगे या बुरा? कारण भी बताएँ।

उत्तर: यह बैठक बुरी कह सकती है, क्योंकि इसमें लोगों की वास्तविक समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई, जैसे कि बालिकाओं की शिक्षा, स्कूल के हालात और बच्चों का स्कूल न आना। इसके अलावा, बैठक रविवार को हुई, जब महिला शिक्षक भाग नहीं ले सके, जो उनकी भागीदारी में कमी लाता है। इस प्रकार, बैठक ने न केवल एकतरफा मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया बल्कि सभी की समावेशी भागीदारी को भी नजरअंदाज किया।

(घ) अपनी कक्षा की कल्पना ग्राम सभा के रूप में करें। जिस मुद्दे पर बैठक में चर्चा होनी थी उस पर कक्षा में बातचीत करें और लक्ष्य को पूरा करने के लिए कुछ उपाय सुझायें।

उत्तर: कक्षा में हम बालिकाओं की शिक्षा और विद्यालय की हालत पर चर्चा कर सकते हैं। एक उपाय हो सकता है कि हम स्कूल में सभी बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पेरेंट्स मीटिंग्स आयोजित करें और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बच्चों और उनके माता-पिता से संवाद स्थापित करें। इसके अलावा, कक्षा में हम विद्यालय के समय में सुधार, शौचालय की स्थिति और अन्य आवश्यक सुधारों पर भी विचार कर सकते हैं।

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