Class 9 Hindi Elective Chapter 15 साबरमती के संत (सधु) The answer to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapter Assam Board Class 9 Hindi Elective Chapter 15 साबरमती के संत (सधु) and select needs one.
Class 9 Hindi Elective Chapter 15 साबरमती के संत (सधु)
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साबरमती के संत (सधु)
पाठ – 15
बोध एवं विचार
अभ्यासमाला
(अ) सही विकल्प का चयन करो :
1. “गांधी तेरी मशाल” का किस अर्थ में प्रयोग हुआ है ?
(क) गधी जी का दीप।
(ख) गधी जी क तलवार।
(ग) गांधी जी का आश्रम।
(घ) गांधी जी का आदर्श।
उत्तर : (घ) गांधी जी का आदर्श ।
2. स्वाधीनता से पहले भारत पर किसका शासन था ?
(क) अंग्रेज का।
(ख) फ्रांसीसियों का।
(ग) डचों का।
(घ) पर्तुगालियों का।
उत्तर : (क) अंग्रेज का ।
3. गांधी जी को प्यार से लोग क्या कहकर पुकारते थे ?
(क) महात्मा।
(ख) बापु।
(ग) मोहनदास।
(घ) राष्ट्रपति।
उत्तर : (ख) बापु ।
4. गांधी जी के ऊँचा मस्तक के सामने किसकी चोटी भी झुकती थी ?
(क) विंध्याचल की।
(ख) हिमालय की।
(ग) महाकाल की।
(घ) ताजमहल की।
उत्तर : (ख) हिमालय की ।
(आ) पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :
1. ‘साबरमती के संत’ किसे कहा गया है ?
उत्तर : साबरमती के संत महात्म गांधीजी को कह गया है ।
2. गांधी जी ने क्या कमाल कर दिखाया ?
उत्तर : बिना ढाल-तलवार से देश को स्वाधीन कया था ।
3. महात्मा गांधी का वास्तविक हथियार क्या था ?
उत्तर : अहिंसा का नीति था वास्तविक हथियार ।
4. गांधीजी ने लोगों को किस मार्ग पर चलना सिखाया ?
उत्तर : सत्य और अहिंसा मार्ग पर ।
(इ) संक्षिप्त उत्तर लिखो :
1. गांधीजी की संगठन शक्ति बारे में तुम क्या जानते हो ।
उत्तर : गांधीजी के गजब की सांगठनिक शक्ति थी। शरीर में मात्र धोती लेपटे और हाथ में लाठी लेकर जिधर से गुजरते लाखों मजदूर, किसान, हिन्दु, मुस्लिम, सिक्ख, पठान सभी उनके पीछे चल पड़ते थे। सत्य और अहिंसा ही उनका एकमात्र अस्त्र था ।
2. गांधजी ने किस प्रकार अंग्रेजों से टक्कर लिया था ?
उत्तर : गांधीजी अहिंसा, सत्य और प्रेम की प्रतिमा थे। भारत से अंग्रेजों को भगाना बड़ा कठिन कार्य था, परन्तु गांधीजी ने इस कार्य को बड़ी आसानी से किया। उन्होंने हिंसा को अहिंसा से और अन्याय को शान्तिमय सत्याग्रह से पराजित करने अनोखा तरीका निकाला और उस प्रकार उन्होंने अत्याचारी ब्रिटिश शासन को भारत से भाग जाने में मजबूर किया ।
3. प्रतुत गीत का सारांश अपने शब्दो मे लिखो ।
उत्तर : पाठ का सारांश : कवि ने इस कविता के माध्यम से महात्मा गांधी अर्थात बापु के प्रसंशा कर रहे है। कियों कि बापू ने बिना ढाल-तलवार से ही देश को स्वाधीनता प्राप्त कराया, सिर्फ अहिंसा से । बिना बंदुक से वह शत्रुओं पर आक्रमण किया सिर्फ अहिंसा की वाणी से । क्या चमतकार है। इस चमतकारीयों से दुश्मन भाग गये। शत्रुपर क्या जादु दिखाया जैसे कोई पुराना उस्ताद है। सारे देश के जवानों, मजदूरों, किसानों सभी बापु के एक ही इशारों में दौड़ पड़े, कदम पर कदम मिलाकर आगे बढ़ें। केवल देश के लिए शरीर में मात्र धोती लेपटे वह जिधर धुमते रहे उनके पीछे पुरे देश दौड़ते रहे। क्या चमतकार है। क्या जादु है क्या शक्ति है जिस शक्ति के पास हार गये विश्वविजयी फिरंगी। आज मरकर भी जी रहे है देश के बापु, भारतवासीयों के बापु, लेकिन वास्तव में पुरे विश्व के बापु जिसके मृत्यु पर महाकाल भी रोते है। साबरमती के संत तु मरकर भी अमर हैं ।
4. ” साबरमती के संत” गीत के आधार पर गांधीजी के व्यक्तित्व पर एक संक्षिप्त लेख लिखो :
उत्तर : हिमालय की ऊँचाई, महासागर की गहराई और आकाश की नील विस्तृति से गाँधीजी का व्यक्तित्व निर्मित हुआ था। उनके सत्य के प्रति अविचल निष्ठा ने समग्र विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने हिंसा को अहिंसा से और अन्यायको शान्तिमय सत्याग्रह से पराजित करने का अनोखा तरीका निकाला। उन्होंने खुद कष्ट झेला, पर देशवासियों को स्वाधीनतारुपी अमृत प्रदान किया ।
(ई) भावार्थ लिखो :
(क) मन थी अहिंसा……. सत्य की सोटी ।
उत्तर : कवि ने इस कविता के माध्यम से महात्मा गांधी अर्थात बापु के प्रसंशा कर रहे है। कियों कि बापू ने बिना ढाल-तलवार से ही देश को स्वाधीनता प्राप्त कराया, सिर्फ अहिंसा से । बिना बंदुक से वह शत्रुओं पर आक्रमण किया सिर्फ अहिंसा की वाणी से । क्या चमतकार है। इस चमतकारीयों से दुश्मन भाग गये। शत्रुपर क्या जादु दिखाया जैसे कोई पुराना उस्ताद है ।
(ख) माँगा न तुने कोई………खुद जहर पिया ।
उत्तर : शरीर में मात्र धोती लेपटे वह जिधर धुमते रहे उनके पीछे पुरे देश दौड़ते रहे। क्या चमतकार है। क्या जादु है । क्या शक्ति है जिस शक्ति के पास हार गये विश्व विजयी फिरंगी । आज मरकर भी जी रहे है देश के भारतवासीयों के बापु, लेकिन वास्तव में पुरे विश्व के बापु । जिसके मृत्यु पर महाकाल भी रोते है। साबरमती के संत तु मरकर भी अमर हैं ।
Sl. No. | Contents |
Chapter 1 | हिम्मत और जिंदगी |
Chapter 2 | परीक्षा |
Chapter 3 | आप भोले तो जग भला |
Chapter 4 | बिंदु बिंदु विचार |
Chapter 5 | चिड़िया की बच्ची |
Chapter 6 | चिकित्सा का चक्कर |
Chapter 7 | अपराजिता |
Chapter 8 | मणि-कांचन संयोग |
Chapter 9 | कृष्ण- महिमा |
Chapter 10 | दोहा दशक |
Chapter 11 | चरैवेती |
Chapter 12 | नर हो, न निराश करो मन को |
Chapter 13 | मुरझाया फुल |
Chapter 14 | गाँँव से शहर की ओर |
Chapter 15 | साबरमती के संत (सधु) |
Chapter 16 | टूटा पहिया |
भाषा एवं व्याकरण ज्ञान
1. निम्नलिखित मूहाबरों से वाक्य बनाओ :
(क) चुटकी में : मेसी ने चुटकी से गोल कर डाला ।
(ख) बड़े जोड़ का टक्कर : ब्राजिल और आर्जेन्तिना का खेल मे बड़े जोड़ का टक्कर हुआ ।
(ग) पुराना उस्ताद : पुराना उस्ताद का खेल हमेशा सफलता प्राप्त करता है ।
(घ) बिगुल बजाना : बिगुल बजाने पर सभी सेनाएँ युद्ध के लिए तैयार हुए ।
(ङ) फूलो के सेज : गरीबी से लड़ते लड़ते हम फूलों के सेज का सपना देखना भुल गये ।
2. निम्नलिखित शब्दों का बिलोम शब्द लिखो ।
उत्तर : अहिंसा ― हिंसा ।
देश ― विदेश ।
सत्य ― असत्य।
अमृत ― विष ।
पुराना ― नया ।
दुश्मन ― मित्र ।
आजादी ― पराधीनता ।
मुश्किल ― आसानी ।
गुरु ― शिष्य ।
मिशाल ― बेमिशाल ।
3. पठित कविता में प्रयुक्त बेजोड़, बेमिशाल और बेताज शब्द अरबी भाषा के शब्द हैं। तुम भी बे उपसर्ग लगाकर अन्य दस शब्द बनाओ।
उत्तर : बेलगाम, बेहिसाब, बेसुध, बेखटक, बेगुनाह, बेईमान, बेहोश, बेघर, बेचैन, बेसमझ ।

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