NCERT Class 6 Hindi Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान

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NCERT Class 6 Hindi Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान

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हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान

Chapter: 12

मल्हार
पाठ से

आइए, अब हम इस पाठ को थोड़ा और निकटता से समझ लेते हैं। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी। आइए इन गतिविधियों को पूरा करते हैं।

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए–

1. हिरण समूह में क्यों खड़े थे?

(i) भागने पर उन्हें सिंह के आक्रमण का डर था।

(ii) वे भाग चुके हिरणों के लौटने की प्रतीक्षा में थे।

(iii) वे बीच खड़े असावधान जिराफ की रक्षा कर रहे थे।

(iv) सिंह उनसे उदासीन थे अतः उन्हें कोई खतरा नहीं था।

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उत्तर: (i) भागने पर उन्हें सिंह के आक्रमण का डर था।

2. मॉरिशस छोटे पैमाने पर भारतवर्ष ही है। कैसे?

(i) गन्ने की खेती अधिकतर भारतीयों द्वारा की जाती है।

(ii) अधिकतर जनसंख्या भारत से जाने वालों की है।

(iii) सभी भारतवासी परी तालाब पर एकत्रित होते हैं।

(iv) भारत की बहुत-सी विशेषताएँ वहाँ दिखाई देती हैं।

उत्तर: (iv) भारत की बहुत-सी विशेषताएँ वहाँ दिखाई देती हैं।

(ख) अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर: (i) प्रथम प्रश्न: हिरण समूह में इसलिए खड़े थे क्योंकि यदि वे भागते, तो सिंह उन पर आक्रमण कर सकते थे। यह स्वाभाविक है कि शिकार बनने का भय जानवरों को एक साथ रहने और सतर्क रहने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए वे सावधानी से समूह में खड़े रहे।

(ii) द्वितीय प्रश्न: मॉरिशस को “छोटे पैमाने पर भारत” कहा जाता है क्योंकि वहाँ भारतीय संस्कृति, भाषा, त्यौहार, भोजन और परंपराएँ विशेषताएँ देखने को मिलती हैं। वहाँ की गलियों के नाम भी भारतीय शहरों के नाम पर रखे गए हैं और बड़ी संख्या में भारतीय लोग बसे हुए हैं, जिससे यह भारत जैसा लगता है।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

“भारत में बैठे-बैठे हम यह नहीं समझ पाते कि भारतीय संस्कृति कितनी प्राणवती और चिरायु है। किंतु, मॉरिशस जाकर हम अपनी संस्कृति की प्राणवत्ता का ज्ञान आसानी से प्राप्त कर लेते हैं।”

उत्तर: इन पंक्तियों का अर्थ यह है कि जब हम अपने देश में रहते हैं, तो हमें अपनी संस्कृति की महत्ता और जीवंतता का पूर्ण रूप से अहसास नहीं होता। लेकिन जब हम विदेश, विशेषकर मॉरिशस जैसे देशों में जाते हैं, जहाँ भारतीय संस्कृति अब भी संजोई गई है, तब हमें इसकी वास्तविकता का अनुभव होता है। वहाँ हमें अपनी परंपराओं, भाषा, और मूल्यों की गहरी जड़ें दिखाई देती हैं, जिससे हमें यह समझ में आता है कि भारतीय संस्कृति कितनी समृद्ध, जीवंत और दीर्घकालिक है।

तात्पर्य – 

विदेश में हमारी संस्कृति की जीवंतता का अनुभव होता है।

भारतीयों ने मॉरिशस में अपनी परंपराओं को बचाए रखा।

इससे हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत की महत्ता समझ आती है।

सोच-विचार के लिए

इस यात्रा-वृत्तांत को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लेखन-पुस्तिका में लिखिए-

(क) “नैरोबी का नेशनल पार्क चिड़ियाघर नहीं है।” नेशनल पार्क और चिड़ियाघर में क्या अंतर है?

उत्तर: 

नेशनल पार्क चिड़ियाघर
यह एक प्राकृतिक क्षेत्र होता है जहाँ वन्यजीव अपने प्राकृतिक आवास में स्वतंत्र रूप से रहते हैं। यहाँ मानव हस्तक्षेप न्यूनतम होता है।यह एक सीमित क्षेत्र में बनाया गया संरक्षित स्थान होता है जहाँ जानवरों को बाड़ों या पिंजरों में रखा जाता है।
इसका मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवासों का संरक्षण करना होता है।यह शैक्षिक और मनोरंजन उद्देश्य से बनाया जाता है, जहाँ लोग विभिन्न प्रजातियों के जानवरों को देख सकते हैं।
जानवर यहाँ स्वतंत्र रूप से घूमते हैं और शिकार तथा भोजन स्वयं करते हैं।जानवरों को सीमित क्षेत्र में रखा जाता है और उनके भोजन तथा देखभाल की जिम्मेदारी इंसानों की होती है।
यहाँ लोग सफारी के माध्यम से जंगल का अनुभव लेते हैं और जानवरों को उनकी प्राकृतिक स्थिति में देखते हैं।यहाँ जानवरों को पास से देखा जा सकता है, लेकिन वे प्राकृतिक वातावरण में नहीं होते।

(ख) “हम लोग पेड़-पौधे और खरपात से भी बदतर समझे गए।” वे कौन थे जिन्होंने लेखक और अन्य लोगों को पेड़-पौधों और खरपात से भी बदतर समझ लिया था? उन्होंने ऐसा क्यों समझ लिया था?

उत्तर: लेखक और उनके साथियों को सिंहों ने पेड़-पौधों और खरपात से भी बदतर समझ लिया था। जब वे सिंहों को देखने पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि सिंह अपने स्थान पर निश्चिंत होकर लेटे थे और उनके चारों ओर कई मोटर गाड़ियाँ खड़ी थीं। लेकिन सिंहों ने वहाँ आए लोगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, मानो उनकी उपस्थिति का कोई महत्व ही न हो। न तो उन्होंने उत्सुकता दिखाई और न ही कोई प्रतिक्रिया दी, जिससे लेखक को लगा कि वे सिंहों की दृष्टि में अत्यंत तुच्छ हैं।

(ग) “मॉरिशस की असली ताकत भारतीय लोग ही हैं।” पाठ में इस कथन के समर्थन में कौन-सा तर्क दिया गया है?

उत्तर: मॉरिशस में भारतीय मूल के लोगों की संख्या अधिक है, जो वहाँ की जनसंख्या का 67% और हिंदू आबादी का 53% हिस्सा हैं। मॉरिशस की कई जगहों के नाम भारतीय शहरों के नाम पर रखे गए हैं, जैसे काशी, बनारस, गोकुल आदि। इसके अलावा, ऊख (गन्ना) की खेती और उसके व्यवसाय में भारतीयों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। इस तरह, मॉरिशस की समृद्धि और विकास में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी भूमिका होने के कारण उन्हें मॉरिशस की असली ताकत कहा गया है।

(घ) “उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला।” भारत से गए लोगों ने मॉरिशस को हिंदुस्तान जैसा कैसे बना दिया है?

उत्तर: भारत से गए लोगों ने मॉरिशस को हिंदुस्तान जैसा बना दिया क्योंकि उन्होंने वहाँ अपनी संस्कृति, भाषा, परंपराएँ और धार्मिक आस्थाएँ बनाए रखीं। मॉरिशस में भारतीय खान-पान, रीति-रिवाज, त्योहार और पूजा-पद्धति आज भी प्रचलित हैं। वहाँ की गलियों और मोहल्लों के नाम कलकत्ता, मद्रास, बंबई, काशी, बनारस और गोकुल जैसे भारतीय शहरों के नाम पर रखे गए हैं। इसके अलावा, गन्ने की खेती और व्यापार में भारतीयों ने अहम योगदान दिया है। इन सभी कारणों से मॉरिशस को “छोटा-सा हिंदुस्तान” कहा जाता है।

मिलकर करें मिलान

पाठ में से कुछ शब्द चुनकर स्तंभ 1 में दिए गए हैं। उनसे संबंधित वाक्य स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर शब्दों का मिलान उपयुक्त वाक्यों से कीजिए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट, पुस्तकालय या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. अफ्रीका1. यह अफ्रीका महाद्वीप के एक देश ‘केन्या’ की राजधानी है।
2. नैरोबी2. यह श्रीराम के जीवन पर आधारित अमर ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ लिखने वाले कवि का नाम है।
3. रक्तचाप3. यह एशिया के बाद दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप है।
4. बी.ओ.ए.सी4. यह रक्त वाहिनियों अर्थात नसों में बहते रक्त द्वारा उनकी दीवारों पर डाले गए दबाव का नाम है।
5. भूमध्य रेखा5. यह दो भाषाओं के मिलने से बनी नई भाषा का नाम है।
6. देशान्तर रेखा6. यह ‘ब्रिटिश ओवरसीज एयरवेज कॉरपोरेशन’ नाम का छोटा रूप है। यह एक बहुत पुरानी विदेशी विमान कंपनी थी।
7. तुलसीदास7. यह पृथ्वी के चारों ओर एक काल्पनिक वृत्त है जो पृथ्वी को दो भागों में बाँटता है उत्तरी भाग और दक्षिणी भाग।
8. क्रेयोल8. यह बाँस का एक मजबूत डंडा होता है जिसे काँवड या बहंगी भी कहा जाता है, जिसके दोनों सिरों पर बँधी हुई दो टोकरियों या छीकों में यात्री गंगाजल या अन्य वस्तुएँ भरकर ले जाते हैं।
9. काँवर9. ये ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची जाने वाली काल्पनिक रेखाएँ हैं। ये उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाती हैं।

उत्तर:

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. अफ्रीका3. यह एशिया के बाद दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप है।
2. नैरोबी1. यह अफ्रीका महाद्वीप के एक देश ‘केन्या’ की राजधानी है।
3. रक्तचाप4. यह रक्त वाहिनियों अर्थात नसों में बहते रक्त द्वारा उनकी दीवारों पर डाले गए दबाव का नाम है।
4. बी.ओ.ए.सी6. यह ‘ब्रिटिश ओवरसीज एयरवेज कॉरपोरेशन’ नाम का छोटा रूप है। यह एक बहुत पुरानी विदेशी विमान कंपनी थी।
5. भूमध्य रेखा7. यह पृथ्वी के चारों ओर एक काल्पनिक वृत्त है जो पृथ्वी को दो भागों में बाँटता है उत्तरी भाग और दक्षिणी भाग।
6. देशान्तर रेखा9. ये ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची जाने वाली काल्पनिक रेखाएँ हैं। ये उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाती हैं।
7. तुलसीदास2. यह श्रीराम के जीवन पर आधारित अमर ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ लिखने वाले कवि का नाम है।
8. क्रेयोल5. यह दो भाषाओं के मिलने से बनी नई भाषा का नाम है।
9. काँवर8. यह बाँस का एक मजबूत डंडा होता है जिसे काँवड या बहंगी भी कहा जाता है, जिसके दोनों सिरों पर बँधी हुई दो टोकरियों या छीकों में यात्री गंगाजल या अन्य वस्तुएँ भरकर ले जाते हैं।
यात्रा-वृत्तांत की रचना

“इतने में कोई मील-भर की दूरी पर हिरनों का एक झुंड दिखाई पड़ा। अब दो जवान सिंह उठे और दो ओर को चल दिए। एक तो थोड़ा-सा आगे बढ़कर एक जगह बैठ गया, लेकिन दूसरा घास के बीच छिपता हुआ मोर्चे पर आगे बढ़ने लगा।”

इन वाक्यों को पढ़कर ऐसा लगता है मानो हम लेखक की आँखों से स्वयं वह दृश्य देख रहे हैं। मानो हम स्वयं भी उस स्थान की यात्रा कर रहे हैं, जहाँ का वर्णन लेखक ने किया है। यह इस यात्रा-वृत्तांत की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। यदि आप इस यात्रा-वृत्तांत को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी।

इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और इसकी रचना पर ध्यान दीजिए। आपको जो विशेष बातें दिखाई दें, उन्हें आपस में साझा कीजिए और लिख लीजिए। जैसे- लेखक ने बताया है कि वह एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे और कब पहुँचा।

उत्तर: (i) दृश्यात्मकता: लेखक ने दृश्य का ऐसा सजीव चित्रण किया है कि पाठक को लगता है मानो वह स्वयं उस स्थान पर उपस्थित है। 

(ii) घटनाओं का क्रमबद्ध विवरण: लेखक ने यह बताया है कि वे एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे और कब पहुँचे, जिससे यात्रा का क्रम सहजता से समझ में आता है।

(iii) प्राकृतिक वातावरण का सुंदर चित्रण: जंगल, घास, और दूर-दूर तक फैले परिदृश्य का ऐसा वर्णन किया गया है कि पाठक को उस स्थान की सुंदरता और रोमांच का अनुभव होता है।

(iv) रोमांचकता और उत्सुकता: सिंहों के शिकार की योजना और उनकी गतिविधियाँ पढ़कर पाठक में जिज्ञासा बनी रहती है कि आगे क्या होगा।

(v) आत्मअनुभूति: लेखक ने अपने अनुभवों और भावनाओं को शामिल किया है, जिससे पाठक को उसकी यात्रा का हिस्सा बनने का एहसास होता है।

अनुमान या कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) “मॉरिशस वह देश है, जहाँ बनारस भी है, गोकुल भी है और ब्रह्मस्थान भी।” मॉरिशस में लोगों ने गली-मोहल्लों के नाम इस तरह के क्यों रखे होंगे?

उत्तर: (i) सांस्कृतिक जुड़ाव – भारतीय प्रवासियों ने अपनी जड़ों और परंपराओं से जुड़े रहने के लिए यह नाम रखे।

(ii) धार्मिक महत्व – बनारस, गोकुल और ब्रह्मस्थान जैसे नाम भारतीय धार्मिक आस्था को दर्शाते हैं।

(iii) नॉस्टैल्जिया (स्मृतियों से जुड़ाव) – भारत से दूर रहने के बावजूद अपनी मातृभूमि की याद बनाए रखने का प्रयास।

(iv) सामाजिक एकता – भारतीय समुदाय को एकजुट रखने और अपनी पहचान को संरक्षित करने का माध्यम।

(v) संस्कृति और परंपरा का संरक्षण – नई पीढ़ी को अपनी भारतीय विरासत से परिचित कराने के लिए।

(ख) “कोई सात-आठ सिंह लेटे या सोए हुए थे और उन्हें घेरकर आठ-दस मोटरें खड़ी थीं।” आपने पढ़ा कि केन्या का राष्ट्रीय पार्क पर्यटकों से भरा रहता है। पर्यटक जंगली जानवरों को घेरे रहते हैं। क्या इसका उन पशुओं पर कोई प्रभाव पड़ता होगा? अपने उत्तर के कारण भी बताइए। 

(संकेत- राष्ट्रीय पार्क के बंदरों, सिंहों का व्यवहार भी बदल गया है।)

उत्तर: हाँ, पर्यटकों की अधिक उपस्थिति का जंगली पशुओं पर प्रभाव पड़ता है।

प्रभाव:

(i) व्यवहार में परिवर्तन – लगातार इंसानों के संपर्क में रहने से सिंहों और अन्य जानवरों का स्वाभाविक व्यवहार बदल सकता है। वे शिकार करने की बजाय पर्यटकों से भोजन की अपेक्षा करने लगते हैं।

(ii) आक्रामकता या डर – कुछ जानवर इंसानों से डरने लगते हैं, जबकि कुछ अधिक आक्रामक हो सकते हैं, जिससे मानव-पशु संघर्ष बढ़ सकता है।

(iii) प्राकृतिक संतुलन में बाधा – पर्यटकों की भीड़ से जानवरों के आराम, शिकार और सामाजिक जीवन पर असर पड़ता है, जिससे उनका प्राकृतिक संतुलन बिगड़ सकता है।

(iv) स्वास्थ्य पर असर – वाहनों और शोरगुल से जानवरों में तनाव बढ़ सकता है, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता और जीवनकाल प्रभावित हो सकता है।

(ग) “हिरनों का एक झुंड दिखाई पड़ा, जिनके बीच एक जिराफ बिल्कुल बेवकूफ की तरह खड़ा था।”

सिंहों के आस-पास होने के बाद भी जिराफ क्यों खड़ा रहा होगा?

उत्तर: (i) ऊँचाई का लाभ – जिराफ दूर तक देख सकता है, जिससे वह सिंहों की गतिविधियों पर नज़र रख सकता है और खतरे का पहले से आभास कर सकता है।

(ii) आत्मरक्षा की क्षमता – जिराफ के पैरों की जोरदार किक सिंहों के लिए घातक हो सकती है, इसलिए वह भागने के बजाय स्थिति का आकलन कर सकता है।

(iii) स्वाभाविक स्वभाव – जिराफ आमतौर पर घबराकर जल्दी नहीं भागते, बल्कि अपने आकार और ताकत पर भरोसा करते हैं।

(iv) झुंड से भिन्न व्यवहार – हिरन जैसे छोटे जानवर जल्दी भाग जाते हैं, लेकिन जिराफ को अपनी रक्षा के लिए उतनी जल्दी भागने की जरूरत नहीं होती।

(घ) “मॉरिशस के मध्य में एक झील है, जिसका संबंध हिंदुओं ने परियों से बिठा दिया है और उस झील का नाम अब परी-तालाब हो गया है।”

उस झील का नाम ‘परी-तालाब’ क्यों पड़ा होगा?

उत्तर: मॉरिशस के मध्य में स्थित इस झील को हिंदुओं ने परियों से जोड़कर एक पवित्र स्थान माना, जिससे इसका नाम ‘परी-तालाब’ पड़ा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह झील आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है और विशेष रूप से शिवरात्रि के समय श्रद्धालुओं का यहाँ आना होता है। यह न केवल एक तीर्थ स्थल है, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता के कारण पिकनिक स्थल भी है। इसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए यहाँ आने वाले लोग माँस-मछली नहीं लाते और अपवित्र आचरण से बचते हैं।

(ङ) आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि लगभग 50 साल पहले ‘परी-तालाब’ का नाम बदलकर ‘गंगा-तालाब’ कर दिया गया है। मॉरिशस के लोगों ने यह नाम क्यों रखा होगा?

उत्तर: मॉरिशस के लोगों ने ‘परी-तालाब’ का नाम बदलकर ‘गंगा-तालाब’ इसलिए रखा होगा क्योंकि यह झील हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है और इसे भारत की गंगा नदी से जोड़ा गया है। हिंदू श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस तालाब का जल गंगाजल के समान पवित्र है। विशेष रूप से शिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं और इसे एक तीर्थ स्थल मानते हैं। धार्मिक आस्था और गंगा से जुड़े आध्यात्मिक महत्व के कारण इस झील का नाम ‘गंगा-तालाब’ रखा गया।

शब्दों की बात

नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, पुस्तकालय, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

संज्ञा के स्थान पर

(क) “हिरनों ने ताड़ लिया कि उन पर सिंहों की नज़र पड़ रही है। अतएव वे चरना भूलकर चौकन्ने हो उठे।”

इन पंक्तियों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। इन वाक्यों में ये शब्द किनके लिए उपयोग किए गए हैं? ये शब्द ‘हिरनों’ के लिए उपयोग में लाए गए हैं। आप जानते ही हैं कि ‘हिरन’ यहाँ एक संज्ञा शब्द है। जो शब्द संज्ञा शब्दों के स्थान पर उपयोग में लाए जाते हैं, उन्हें ‘सर्वनाम’ कहते हैं।

अब नीचे दिए गए वाक्यों में सर्वनाम शब्दों को पहचानिए और उनके नीचे रेखा खींचिए– 

1. “हाँ, बच्चे हाफ पैंट पहन सकते हैं, लेकिन गांधी टोपी उस दिन उन्हें भी पहननी पड़ती है।”

उत्तर: सर्वनाम – उन्हें।

2. “भारतीयों ने अत्याचार तो सहे, लेकिन प्रलोभनों को ठुकरा दिया। वे अपने धर्म पर डटे रहे और जिस द्वीप में भगवान ने उन्हें भेज दिया था, उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला।”

उत्तर: सर्वनाम – वे,उन्हें, उन्होंने।

(ख) ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों को सर्वनाम की जगह संज्ञा शब्द लगाकर लिखिए।

उत्तर: 1. “हाँ, बच्चे हाफ पैंट पहन सकते हैं, लेकिन गांधी टोपी उस दिन बच्चों को भी पहननी पड़ती है।”

2. “भारतीयों ने अत्याचार तो सहे, लेकिन प्रलोभनों को ठुकरा दिया। भारतीय लोग अपने धर्म पर डटे रहे और जिस द्वीप में भगवान ने भारतीयों को भेज दिया था, उस द्वीप को भारतीयों ने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला।”

पहचान पाठ के आधार पर

आपने इस यात्रा-वृत्तांत में तीन देशों के नाम पढ़े हैं– भारत, केन्या और मॉरिशस। पुस्तकालय या कक्षा में उपलब्ध मानचित्र पर भारत को तो आप सरलता से पहचान ही लेंगे। पाठ में दी गई जानकारी के आधार पर बाकी दोनों देशों को पहचानिए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) “वहाँ जो कुछ देखा, वह जन्मभर कभी नहीं भूलेगा।”

क्या आपने कभी ऐसा कुछ देखा, सुना या पढ़ा है जिसके बारे में आपको लगता है कि आप उसे कभी नहीं भूल सकेंगे? उसके बारे में अपने समूह में बताइए।

उत्तर: हाँ, मैंने “झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई” के बारे में पढ़ा था। उनकी वीरता और बलिदान की कहानी इतनी प्रेरणादायक है कि मैं इसे कभी नहीं भूल सकती। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने जिस साहस से अंग्रेजों का सामना किया, वह भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।

(ख) “हमें अफ्रीका के शेरों से मुलाकात कर लेनी चाहिए।”

‘मुलाकात’ शब्द का अर्थ है ‘मिलना। लेकिन यहाँ ‘मुलाकात’ शब्द का भाव है-शेरों को पास से देखना। इसके लिए ‘अपनी आँखों से देखना’, ‘सजीव देखना’ ‘भेंट करना’ आदि शब्दों का प्रयोग भी किया जाता है। अपनी बात को और अधिक सुंदर और अनोखा रूप देने के लिए शब्दों के इस प्रकार के प्रयोग किए जाते हैं।

आपने अब तक किन-किन पशु-पक्षियों से ‘मुलाकात’ की है? वह मुलाकात कहाँ हुई थी? बताइए।

उत्तर: मैंने अब तक कई पशु-पक्षियों से मुलाकात की है। चिड़ियाघर में मैंने शेर, हाथी, ज़िराफ़ और मोर को अपनी आँखों से देखा। गाँव में मैंने गाय, भैंस, बकरी और तोते को पास से देखा और उनके साथ समय बिताया। इसके अलावा, एक बार जंगल सफारी में मुझे हिरणों और मोरों को खुले में देखने का मौका मिला, जो बहुत ही रोमांचक अनुभव था।

(ग) “यह ऐसी सफलता की बात है, जिस पर सभी भारतीयों को गर्व होना चाहिए।”

आपको किन-किन बातों पर गर्व होता है? बताइए।

(संकेत- ये बातें आपके बारे में हो सकती हैं, आपके परिवार के बारे में हो सकती हैं और किसी अन्य व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी आदि के बारे में भी हो सकती हैं।)

उत्तर: मुझे अपने देश, परिवार और अपनी पहचान पर गर्व है। भारत की समृद्ध संस्कृति, महान इतिहास और वैज्ञानिक उपलब्धियाँ मुझे गर्व महसूस कराती हैं। मुझे अपने माता-पिता पर गर्व है, जिन्होंने मुझे अच्छे संस्कार दिए। मेरे पिता एक लेखक हैं, जिनकी रचनाएँ प्रेरणादायक हैं, और मेरी माँ अपने स्नेह से परिवार को जोड़े रखती हैं। मुझे अपने मित्र, खासकर कबूलीवाले पर भी गर्व है, जो सच्चा और दयालु है। इसके अलावा, मैं अपनी ईमानदारी, मेहनत और सच्चाई के प्रति निष्ठा पर भी गर्व करता हूँ, जो मुझे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

कक्षा और घर की भाषाएँ

“प्रायः सभी भारतीय भोजपुरी बोलते अथवा उसे समझ लेते हैं। यहाँ तक कि भारतीयों के पड़ोस में रहने वाले चीनी भी भोजपुरी बखूबी बोल लेते हैं।”

भारत एक बहुभाषी देश है। भारत में लगभग सभी व्यक्ति एक से अधिक भाषाएँ बोल या समझ लेते हैं। आप कौन-कौन सी भाषाएँ बोल-समझ लेते हैं? आपके मित्र कौन-कौन सी भाषाएँ बोल-समझ लेते हैं? इसके बारे में यहाँ दी गई तालिका को पूरा कीजिए-

क्रम संख्यामैं जिन भाषाओं को बोल-समझ लेता /लेती हूँमेरे मित्र जिन भाषाओं को बोल-समझ लेते हैंमेरे परिजन जिन भाषाओं को बोल-समझ लेते हैं
कुल संख्या

(संकेत- इस तालिका को पूरा करने के लिए आपको अपने मित्रों और परिजनों से पूछताछ करनी होगी। पहले भाषाओं के नाम लिखने हैं, , बाद में उन नामों को गिनकर उनकी कुल संख्या लिखनी है।)

उत्तर:

क्रम संख्यामैं जिन भाषाओं को बोल-समझ लेता /लेती हूँमेरे मित्र जिन भाषाओं को बोल-समझ लेते हैंमेरे परिजन जिन भाषाओं को बोल-समझ लेते हैं
1.हिंदी हिंदी हिंदी 
2.पंजाबी मराठी बेंगोली
3.बैंगोली पंजाबी आसामीस 
4.अंग्रेजी भोजपुरी मराठी 
5.आसामीसआसामीस अंग्रेजी 
6.अंग्रेजीनेपाली 
कुल संख्या566
प्रशंसा या सराहना विभिन्न प्रकार से

“यह द्वीप हिंद महासागर का मोती है, भारत-समुद्र का सबसे खूबसूरत सितारा है।”

इस पाठ में लेखक ने मॉरिशस की सराहना में यह वाक्य लिखा है। सराहना करने के लिए ‘दिनकर’ ने द्वीप की तुलना मोती और तारे से की है।

किसी की सराहना अनेक प्रकार से की जा सकती है। आप आगे दी गई तालिका को पूरा कीजिए। पहले नाम लिखिए, फिर इनकी प्रशंसा में एक-एक वाक्य लिखिए। शर्त यह है कि प्रत्येक बार अलग तरह से प्रशंसा करनी है-

सराहना की तालिका

नाम प्रशंसा या सराहना का वाक्य
स्वयं
परिजन
शिक्षक
मित्र
पशु
स्थान
सब्ज़ी
पेड़

उत्तर:

नाम प्रशंसा या सराहना का वाक्य
स्वयंरोहितमैं मेहनती और ईमानदार व्यक्ति हूँ, जो हमेशा सच्चाई का साथ देता है।
परिजनकृष्णा मेरे परिवार के सभी सदस्य प्यार और सहयोग से भरे हुए हैं, जो जीवन को खुशहाल बनाते हैं।
शिक्षककौशिक मेरे शिक्षक ज्ञान के सागर हैं, जो अपने छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की ओर मार्गदर्शन देते हैं।
मित्रनिकिता मेरा मित्र सच्चे हीरे की तरह है,जो हर मुश्किल की घड़ी में मेरा साथ देता है।
पशुकुत्ताकुत्ता वफादारी की मिसाल है, जो अपने मालिक के प्रति अटूट प्रेम रखता है।
स्थानकश्मीरकश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है, जहाँ की प्राकृतिक सुंदरता मन मोह लेती है।
सब्ज़ीगाजरगाजर सेहत का खजाना है, जो हमें ऊर्जा और पोषण प्रदान करती है।
पेड़बरगद का पेड़बरगद का पेड़ छाया और शीतलता प्रदान करता है, जो हजारों जीवों का सहारा बनता है।
चित्रात्मक सूचना (इंफोग्राफिक्स)

नीचे दिए गए चित्र को देखिए। इसमें चित्रों के साथ-साथ बहुत कम शब्दों में कुछ जानकारी दी गई है। इसे ‘चित्रात्मक सूचना’ कहते हैं।

(क) इस ‘चित्रात्मक सूचना’ के आधार पर मॉरिशस के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए।

उत्तर: मॉरिशस एक ऐसा देश है जहाँ भारतीय मूल के लोगों की संख्या 68% से अधिक है। साल 1834 में 2 नवंबर को भारतीय मजदूरों का पहला समूह मॉरिशस पहुँचा, जिसे आज ‘अप्रवासी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इन मजदूरों को मुख्य रूप से खेतों में काम करने के लिए लाया गया था। इनमें से ज्यादातर बिहार के थे, लेकिन तमिल, तेलुगु और मराठियों की तादाद भी अच्छी-खासी थी। भारतीय संस्कृति का प्रभाव आज भी मॉरिशस में देखा जा सकता है, जहाँ भोजपुरी गीतों और हिंदी फिल्मों का खास योगदान है। मॉरिशस के पहले प्रधानमंत्री, शिवसागर रामगुलाम भी भारतीय मूल के थे। मॉरिशस और भारत के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंध इसे एक विशेष स्थान देते हैं।

(ख) अपनी पसंद के किसी विषय पर इसी प्रकार की ‘चित्रात्मक सूचना’ की रचना कीजिए, जैसे आपका विद्यालय, कोई विशेष दिवस, आपके जीवन की कोई विशेष घटना आदि। (संकेत- यह कार्य आप अपने समूह में मिलकर कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी कागज़ पर चित्र चिपका सकते हैं और सूचना को कलात्मक रूप से कम शब्दों में लिख सकते हैं। चित्र बनाए भी जा सकते हैं। आप यह कार्य कंप्यूटर या मोबाइल फोन की सहायता से भी कर सकते हैं।)

उत्तर: विषय: मेरा विद्यालय

शीर्षक: जहाँ सपने साकार होते हैं

(i) स्थापना वर्ष: 1995

शिक्षा और मूल्यों की नींव रखने वाला वर्ष।

(ii) प्रमुख विशेषताएँ:

बड़ा खेल का मैदान।

विज्ञान, कला और कंप्यूटर की आधुनिक प्रयोगशालाएँ।

पुस्तकालय में 5000+ पुस्तकें।

(iii) वार्षिक आयोजन:

खेलकूद प्रतियोगिता।

सांस्कृतिक कार्यक्रम।

विज्ञान प्रदर्शनी।

(iv) उपलब्धियाँ:

राज्य स्तर पर खेलों में पुरस्कार।

100% परीक्षा परिणाम।

छात्रों का राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चयन।

(v) आदर्श वाक्य:

“शिक्षा ही सफलता की कुंजी है।”

चित्र: स्कूल भवन, खेलकूद के दृश्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम के चित्र, और पुस्तकालय।

इस जानकारी को पोस्टर या डिजिटल इन्फोग्राफिक के रूप में तैयार कर सकते हैं।

हस्ताक्षर

आप जानते ही हैं कि यह पाठ हिंदी के प्रसिद्ध लेखक रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है। वे अपने नाम को कुछ इस प्रकार लिखते थे-

अपनी पहचान प्रकट करने के लिए अपने नाम को किसी विशेष प्रकार से लिखने को हस्ताक्षर कहते हैं। हस्ताक्षर का प्रयोग व्यक्ति को जीवनभर अनेक कार्यों के लिए करना होता है। आपके विद्यालय में भी आपसे हस्ताक्षर करवाए जाते होंगे। आप प्रार्थना-पत्रों के अंत में भी अपने हस्ताक्षर करते होंगे।

हो सकता है अभी आपने अपने हस्ताक्षर निर्धारित न किए हों। यदि नहीं भी किए हैं तो कोई बात नहीं। आप चाहें तो आज भी अपने हस्ताक्षर निर्धारित कर सकते हैं।

नीचे दिए गए स्थान पर अपने हस्ताक्षर पाँच बार कीजिए। ध्यान रखें कि आपके हस्ताक्षर एक जैसे हों, अलग-अलग न हों।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

पत्र

यहाँ’दिनकर’ का लिखा एक पत्र दिया जा रहा है। इसे पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर लिखिए। पत्र पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपने समूह में मिलकर खोजिए-

(क) पत्र किसने लिखा है?

उत्तर: पत्र रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है।

(ख) पत्र किसे लिखा गया है?

उत्तर: पत्र चतुर्वेदी जी को लिखा गया है।

(ग) पत्र किस तिथि को लिखा गया है?

उत्तर: पत्र 8-7-67 को लिखा गया है।

(घ) पत्र किस स्थान से लिखा गया है?

उत्तर: पत्र सफदरजंग लेन, नई दिल्ली से लिखा गया है।

(ङ) पत्र पाने वाले के नाम से पहले किस शब्द का प्रयोग किया गया है?

उत्तर: पत्र पाने वाले के नाम से पहले ‘मान्यवर’ शब्द का प्रयोग किया गया है।

(च) पत्र-लेखक ने अपने नाम से पहले अपने लिए क्या शब्द लिखा है?

उत्तर: पत्र-लेखक ने अपने नाम से पहले अपने लिए ‘आपका’ शब्द लिखा है।

उलझन सुलझाओ

(क) “जहाज़ नैरोबी से चार बजे शाम को उड़ा और पाँच घंटों की निरंतर उड़ान के बाद जब वह मॉरिशस पहुँचा, तब वहाँ रात के लगभग दस बज रहे थे।” जहाज़ नैरोबी से शाम 4 बजे उड़ा तो उसे 5 घंटों की उड़ान के बाद रात 9 बजे मॉरिशस पहुँचना चाहिए था। लेकिन वह पहुँचा लगभग दस बजे। क्यों?

आप इसका कारण पता करने के लिए अपने शिक्षकों या इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं।

उत्तर: इस उलझन का कारण समय क्षेत्र (Time Zone) का अंतर है। नैरोबी (कन्या) और मॉरिशस के बीच समय का अंतर लगभग 1 घंटे का होता है।

नैरोबी का समय ईस्ट अफ्रीका टाइम (EAT) है, जो UTC+3 पर चलता है।

मॉरिशस का समय मॉरिशस टाइम (MUT) है, जो UTC+4 पर चलता है।

जब जहाज़ नैरोबी से शाम 4 बजे उड़ान भरता है और 5 घंटे बाद मॉरिशस पहुँचता है, तो नैरोबी के समय के अनुसार वह रात 9 बजे पहुँचता है। लेकिन मॉरिशस का समय नैरोबी से 1 घंटे आगे है। इसलिए मॉरिशस में वह रात 10 बजे पहुँचता है।

संक्षेप में: समय का अंतर (1 घंटा) उड़ान के कुल समय में जुड़ जाता है, जिससे मॉरिशस में समय 10 बजे हो जाता है।

(ख) नीचे दो घड़ियों के चित्र दिए गए हैं। एक घड़ी भारत के समय को दिखा रही है। दूसरी घड़ी दिखा रही है कि उसी समय मॉरिशस में कितने घंटे और मिनट हुए हैं।

1. इन घड़ियों के अनुसार नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(i) भारत में क्या समय हुआ है?

उत्तर: भारत में पाँच बजकर बीस मिनट (5:20) हुआ है।

(ii) मॉरिशस में क्या समय हुआ है?

उत्तर: मॉरिशस में तीन बजकर पचास मिनट (3:50) का समय हुआ है।

(iii) मॉरिशस और भारत के समय में कितने घंटे और मिनट का अंतर है?

उत्तर: मॉरिशस और भारत के समय में एक घंटे और 30 (1:30) मिनट का अंतर है।

(iv) सूर्योदय भारत में पहले होगा या मॉरिशस में?

उत्तर: सूर्योदय भारत में पहले होगा।

(v) जिस समय भारत में दोपहर के 12 बजे होंगे, उस समय मॉरिशस की घड़ियाँ कितना समय दिखा रही होंगी?

उत्तर: जिस समय भारत में दोपहर के 12 बजे होंगे, उस समय मॉरिशस की घड़ियाँ दस बजकर तीस मिनट (10:30) का समय दिखाएगी।

आज की पहेली

आज हम आपके लिए एक अनोखी पहेली लाए हैं। यहाँ एक वाक्य दिया गया है। आपको पता करना है कि इसका क्या अर्थ है-

उत्तर: भारत मेरा गौरव।

खोजबीन के लिए

नीचे दी गई रचनाओं को पुस्तक में दिए गए क्यू.आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें-

(i) चाँद का कुर्ता।

(ii) मिर्च का मज़ा।

(iii) राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जीवनी।

(iv) हिमालय के पर्वतीय प्रदेश की मनोरम यात्रा।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

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