NCERT Class 12 Hindi Chapter 9 छोटा मेरा खेत, बगुलों के

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NCERT Class 12 Hindi Chapter 9 छोटा मेरा खेत, बगुलों के

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Chapter: 9

HINDI

अभ्यास

कविता के साथ

1. छोटे चौकोने खेत को कागज का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है?

उत्तर: कवि ने चौकोने खेत की तुलना कागज के पन्ने के साथ की है। जिस प्रकार कृषक खेत में एक क्षण बीज बोता हैं, जो खाद आदि के कारण प्रस्फुटित होता हैं और एक समय ऐसा आता है, कि वह बड़ा पेड़ के रूप में परिवर्तित होता है, जिसमें अलौकिक रस प्रदान करने वाले फल लगते है। उसी प्रकार कवि मन में भी एक क्षण भावनात्मक आँधी के कारण बीज रूपी विचारों का उद्भव होता है, जो कल्पना का सहारा लेकर विकसित होती हैं। जिससे उसकी अभिव्यक्ति कवि कागज के पन्नें पर करता है। और अंततः कृति एक पूर्ण स्वरूप ग्रहण करती है।

2. रचना के संदर्भ में अंधड़ और बीज क्या हैं?

उत्तर: रचना के संदर्भ में अंधड़ का आशय भावनात्मक आँधी से है, तथा बीज का अर्थ विचारों से है।

3. रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है?

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उत्तर: कवि के अनुसार कोई भी रचना को पढ़कर, उसका आनंद कभी समाप्त नहीं होता है। यह रचना रूप में सदियों तक लोगों के दिलों, मुख तथा भाषा के इतिहास रूप में हमेशा जीवित रहती है। इनका अस्तित्व सदैव विद्यमान रहता है। किसी भी युग के पाठक इसका आनंद बिना किसी कठिनाई के ले सकते हैं।

कवि ने रचना कर्म की कई विशेषताओं की ओर इंगित किया है। जैसे–

(क) उत्तम साहित्यिक कृति कालजयी होती है।

(ख) साहित्य का रस अलौकिक होता है।

(ग) साहित्य का रस कभी क्षय नहीं होता है। वह असंख्य पाठकों द्वारा असंख्य बार पढ़ा जाता है।

4. व्याख्या करें–

1. शब्द के अंकुर फूटे,

पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्य पुस्तक आरोह (भाग-2) के काव्य खंड के ‘छोटा मेरा खेत’ नामक कविता से ली गई है, इसके कवि है उमाशंकर जोशी जी।

यहां कवि ने खेती के रुपक में कवि-कर्म के हर चरण की बाँधने की कोशिश की है। कवि कहता है कि एक रचना के निर्माण में शब्दों का विशेष महत्व होता है। कागज़ रूपी खेत में शब्द बीज के समान फूटते हैं। ये शब्द हृदय से होकर पन्नों पर चित्रित हो जाते हैं। अंकुर से निकला पौधा नए-नए पत्तों तथा फूलों के भार से झुकने लगता है। जिस प्रकार कृषक चौकोर खेत में किसी क्षण बीज बोता है, वह बीज खाद-पानी पाकर अंकुरित होता है और एक दिन वह एक परिपक्व स्थिति की प्राप्ति होता हैं, जो फल प्रदान करता है। ठीक उसी प्रकार कवि मन में भी किसी क्षण के भावनात्मक आँधी के कारण विचार रूपी बीज उद्भव होता है। यह विचार कवि मन में कल्पना का सहारा लेकर विकसित होते है, जिससे शब्दों के अंकुर निकलते हैं, और अंततः कृति एक पूर्ण स्वरूप ग्रहण करती है, जो कृषि कर्म के लिहाज से पुष्पित पल्लवित होती है।

2. रोपाई क्षण की,

कटाई अनंतता की

लुटते रहने से जरा भी नहीं कम होती।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्य पुस्तुक आरोह (भाग-2) के काव्य खंड के ‘छोटा मेरा खेत’ नामक कविता से ली गई है। इसके कवि है, उमाशंकर जोशी।

यहाँ कवि ने खेती के रूपक में कवि कर्म के हर चरण को बांधने की कोशिश की है। कवि कहना चाहते है कि लुटते रहने से ज़रा भी नहीं कम होती। किसी क्षण विशेष में बीज की रोपाई होने का ही यह परिणाम है कि फसल कटाई की स्थिति तक जा पहुँचती है। इसी प्रकार विचार या भाव का मन में उत्पन्न होना ही उसे रसानुभूति की स्थिति तक ले जाता है। यह रस धारा अनंत काल तक चलने वाली कटाई से भी कम नहीं होती अर्थात् साहित्यिक रचना कालजयी होती है।

कविता के आसपास

1. शब्दों के माध्यम से जब कवि दृश्यों, चित्रों, ध्वनि-योजना अथवा रूप-रस-गंध को हमारे ऐन्द्रिक अनुभवों में साकार कर देता है तो बिंब का निर्माण होता है। इस आधार पर प्रस्तुत कविता से बिंब की खोज करें।

उत्तर: शब्दों के माध्यम से जब कवि दृश्यों, चित्रों, ध्वनि-योजना अथवा रूप-रस-गंध को हमारे ऐन्द्रिक अनुभवों में साकार कर देता है तो बिंब का निर्माण होता है। इस आधार पर प्रस्तुत कविता में ‘नभ में पाँति बाँधे बगुलों के पंख’ में बिंब साकार हुआ है।

2. जहाँ उपमेय में उपमान का आरोप हो, रूपक कहलाता है। इस कविता में से रूपक का चुनाव करें।

उत्तर: निम्नलिखित पंक्तियों में रूपक का प्रयोग हुआ है–

(क) छोटा मेरा खेत चौकोना।

(ख) कागज़ का एक पन्ना।

(ग) शब्द के अंकुर फुटे।

(घ) कल्पना के रसायनों को पी।

कला की बात

1. बगुलों के पंख कविता को पढ़ने पर आपके मन में कैसे चित्र उभरते हैं? उनकी किसी भी अन्य कला माध्यम में अभिव्यक्ति करें।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

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