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NCERT Class 12 Hindi Antral Chapter 2 बिस्कोहर की माटी
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बिस्कोहर की माटी
Chapter: 2
अंतराल भाग-२ |
प्रश्न-अभ्यास |
1. कोइयाँ किसे कहते हैं? उसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: कोइयाँ जल में उत्पन्न होने वाला पुष्प है। इसे ‘कुमुद’ तथा ‘कोका-बेली’ के नामों से जाना जाता है।
इसकी विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(i) शरद में जहाँ भी गड्डा और उसमें पानी होता है।
(ii) शरद की चाँदनी में सरोवरों में चाँदनी का प्रतिबिंब और खिली हुई कोइयाँ की पत्तियाँ एक हो जाती हैं।
(iii) इसकी खुशबू मन को प्रिय लगने वाली होती है।
2. ‘बच्चे का माँ का दूध पीना सिर्फ़ दूध पीना नहीं, माँ से बच्चे के सारे संबंधों का जीवन-चरित होता है’- टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: बच्चे का अपनी माँ से बहुत गहरा संबंध होता है। माँ के दूध से बच्चे का विकास जन्म के उपरांत बच्चा भोजन के रूप में माँ का दूध ही ग्रहण करता है। वह काफी समय तक माँ के दूध से ही अपना पेट भरता है। उसी से बच्चे का वास्तविक विकास होता है। माँ अपने बच्चे को दूध पिलाते समय अपने आँचल की छाँव में रखती है। इससे माँ-बच्चे के मध्य संबंध सजीव हो उठता है। वैसे भी नवजात शिशु के लिए माँ का दूध अति आवश्यक है। बच्चा माँ के साथ ही रोता है, हँसता है, खेलता है, खाता है, माँ इन क्रियाओं से सुखी होती है। लेकिन फिर भी वह माँ का स्नेह पाता रहता है। यह स्नेह उसे आजीवन मिलता है। माँ के अंग से लिपटकर माँ का दूध पीना, जड़ के चेतन होने यानी मानव-जन्म लेने की सार्थकता है।
3. बिसनाथ पर क्या अत्याचार हो गया?
उत्तर: बिसनाथ (विश्वनाथ) जब शिशु था तब पहले वह अकेला था और माँ के दूध का एकमात्र हकदार था। तभी उसके छोटे भाई का जन्म हो गया। छोटे भाई के जन्म के साथ, वह अपनी मां के दूध से भी वंचित हो गया। माँ के दूध पर छोटे भाई का कब्ज़ा हो गया था। इस प्रकार बिसनाथ पर अत्याचार हो गया।
4. गरमी और लू से बचने के उपायों का विवरण दीजिए। क्या आप भी उन उपायों से परिचित हैं?
उत्तर: गरमी और लू से बचने के निम्नलिखित उपाए किए जाते है:
(i) धोती या कमीज़ से गाँठ लगाकर प्याज़ बाँधना।
(ii) लू से बचने के लिए कच्चे आम का पन्ना एक प्रभावी पेय माना जाता है।
(iii) कच्चे आम का पन्ना भूनकर गुड़ या चीनी में उसका शरबत पिया जाता था।
(iv) शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से पानी, नारियल पानी, छाछ, और नींबू पानी का सेवन करें।
5. लेखक बिसनाथ ने किन आधारों पर अपनी माँ की तुलना बत्तख से की है?
उत्तर: लेखक बिसनाथ ने माँ और बत्तख को ममता के आधार पर समान दिखाया है। लेखक के अनुसार जब बत्तख अंडा देने वाली होती है, तो वह पानी छोड़कर ज़मीन पर आ जाती है। बत्तखें अपने अंडों को सेती हैं। वह उन्हें पंखों में छिपाये रखती है। वह अपने अंडे बड़ी ही सतर्कता से फोड़ती है। जैसे बत्तख बहुत कोमलता एवं सतर्कता से कार्य करती है, इसी प्रकार माँ भी अपने बच्चे की देखभाल करती है। माँ भी बत्तख की तरह अपने बच्चों को अपने आँचल की छाया में छिपाकर रखती हैं।
6. बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन बिसनाथ ने किया है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: बिस्कोहर की बरसात सीधे नहीं होती है। पहले आकाश में बादल घिर जाते थे उसके बाद वह गड़गड़ाहते थे। दिन में यदि बादल आकाश में छा जाए तो लगता है मानो रात हो गई है। तेज़ बारिश होने लगती थी। बारिश होने का स्वर तबला, मृदंग तथा सितार जैसा लगता था। प्रत्येक स्थान को वर्षा भीगा देती थी। एक दिन होकर वर्षा बंद नहीं होती थी। कई-कई दिन तक होती रहती थी। इसके कारण किसी मकान की छत उड़ जाती थी, तो कभी जमीन धंस जाती थी। नदी में बाढ़ तक आ जाती थी। गाँव के सभी पशु-पक्षी बरसात का आनंद उठाते हुए यहाँ से वहाँ भागते दिखाई देते थे। नदी-नाले भर जाते थे। चारों तरफ पानी ही पानी हो जाता था।
7. ‘फूल केवल गंध ही नहीं देते दवा भी करते हैं’, कैसे?
उत्तर: फूल केवल गंध ही नहीं देते, अपितु दवा का काम भी करते हैं। लेखक के गाँव में अनेक रोगों का उपचार फूलों द्वारा होता था।
उनमें से निम्नलिखित का वर्णन लेखक ने पाठ में किया है-
(i) भरभंडा नामक फूल से निकलने वाला दूध आँखे आने (आँख का रोग) पर दवा का काम करता है।
(ii) नीम के फूल और पत्ते चेचक के रोगी के लिए उपयोगी माने जाते हैं।
(iii) गाँव में फूलों की गंध से साँप, महामारी, देवी, चुड़ैल आदि का संबंध जोड़ा जाता था।
(iv) आम के फूलों को भी अनेक प्रकार के रोगों में दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।
(iv) बेर के फूलों को सूँघने मात्र से ही बरें-ततैये का डंक अपने आप झड़ जाता है।
8. ‘प्रकृति सजीव नारी बन गई’- इस कथन के संदर्भ में लेखक की प्रकृति, नारी और सौंदर्य संबंधी मान्यताएँ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: लेखक की प्रकृति, नारी और सौंदर्य संबंधी कुछ मान्यताएँ हैं। ये मान्यताएँ आपस में गुथी हुई हैं। जब लेखक दस वर्ष का था, तो उसने एक स्त्री को देखा था। वह उससे दस वर्ष बड़ी थी। लेखक पर उस औरत के सौंदर्य का आकर्षण इस कदर हावी हुआ कि उसे समस्त प्रकृति में वही औरत नजर आने लगी। वह औरत बिसनाथ के लिए केवल एक औरत नहीं रही, बल्कि जूही की लता बन गई। यहाँ लेखक प्रकृति को जूही, खुशबू, लता तथा स्त्री के रूप में देखता है। उसके लिए ये अलग-अलग नहीं हैं। अतः वह औरत को चाँदनी के रूप में जूही की लता सी प्रतीत होती है। वह प्रकृति में उस औरत को और औरत को प्रकृति के रूप में देखता है।
9. ऐसी कौन सी स्मृति है जिसके साथ लेखक को मृत्यु का बोध अजीब तौर से जुड़ा मिलता है?
उत्तर: लेखक ने एक बार गाँव में ठुमरी सुनी थी। उस ठुमरी को सुनकर लेखक का मन गहराई से व्यथित हो गया और रोने का मन करने लगा। ठुमरी के शब्दों और भावों में उस स्त्री की करुणा झलक रही थी, जिसे अपने प्रियतम की मृत्यु की गोद में चले जाने की स्मृति सताती है। वह स्त्री केवल प्रियतम के साथ पुनर्मिलन की प्रतीक्षा में जीती है और उसे हर रूप में अपने प्रियतम की उपस्थिति का अनुभव होता है। इसी गहरी करुणा और प्रेम से भरी स्मृति को याद करते हुए लेखक को मृत्यु का बोध अजीब तौर से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।
योग्यता-विस्तार |
1. पाठ में आए फूलों के नाम, साँपों के नाम छाँटिए और उनके रूप, रंग, विशेषताओं के बारे में लिखिए।
उत्तर:
फूलों के नाम | विशेषताएँ | साँपों के नाम | विशेषताएँ |
कमल | यह पूजा के काम आता है। इसका बीज, डंठल आदि खाए जाते हैं। इसके पत्ता भोजन परोसने के काम आता है। | डोंहड़ा | यह विषहीन साँप हैं। इसे मारा नहीं जाता है। यह वामन जाति का कहलाता है। |
कोइयाँ | यह जल में खिलने वाला पुष्प है। यह कहीं भी जल से भरे गड्ढे में उग जाता है। इसमें से मीठी गंध आती है। | मजगिदवा | यह विषहीन साँप हैं। |
भरभंडा | इसे सत्यनाशी कहते हैं। यह बहुत सुंदर होता है। यह पीले रंग का होता है। यह फूल कोमल होता है। बरसात में जब आँखों की बीमारी का प्रकोप फैलता है, तो इस फूल का रस उसे ठीक करने के काम आता है। | धामिन | यह लंबा होता है। यह भी विषहीन होता है। यदि मुँह से कुछ पकड़कर अपनी पूँछ मारे दे तो वह अंग सड़ जाता है। |
सिघाड़े के फूल | यह भी जल में उगता है। यह सफेद रंग का होता है। इसके फूल से ही सिघाड़ा नामक फल मिलता है, जिसे खाया जाता है। | गोंहुअन फेंटारा | यदि यह किसी को काट ले तो मनुष्य घोड़े की तरह हिनहिनाकर मर सजाता है। |
हरसिंगार | यह शरत ऋतु में खिलता है। यह सफेद रंग का होता है तथा इसकी डंडी संतरी रंग की होती है। यह खुशबूदार फूल होता है। यह पूजा के काम आता है। |
2. इस पाठ से गाँव के बारे में आपको क्या-क्या जानकारियाँ मिली? लिखिए।
उत्तर: इस पाठ से हमें गाँव के बारे में इस प्रकार की जानकारियाँ मिलीं:
(i) गाँव के परिवेश के बारे में पता चला।
(ii) गाँवों में सब्जियों एवं फलों की भरमार होती है।
(iii) गाँव में उगने वाले फूल, फल, पेड़-पौधे तथा साँपों के बारे में पता चला।
(iv) गाँव में वनस्पतियों, जल तथा मिट्टी के विविध रूप देखने को मिलते हैं।
(v) ऋतुओं में गाँवों में होने वाले बदलावों तथा उससे संबंधित बीमारियों के बारे में पता चला।
(vi) गाँव में व्याप्त प्राकृतिक सौंदर्य का पता चला।
3. वर्तमान समय-समाज में माताएँ नवजात शिशु को दूध नहीं पिलाना चाहतीं। आपके विचार से माँ और बच्चे पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है?
उत्तर: वर्तमान समय में माताएँ अपने शारीरिक सौंदर्य के समाप्त होने के डर से बच्चों को दूध नहीं पिलाती हैं। इससे माँ तथा बच्चे पर बहुत गलत प्रभाव पड़ रहे हैं। माँ के दूध में बच्चे के लिए पर्याप्त पोषण होता है। वह नहीं मिल पाने से बच्चे कुपोषित हो रहे हैं। आज के समय में माताओं में स्तन का कैंसर देखने को मिल रहा है। जिससे व असमय मृत्यु की गोद में समा रही हैं। मां के दूध से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक क्षमता का विकास होता है। मां का दूध बच्चे को बीमारियों से बचाने में मदद करता है।