NCERT Class 11 Fine Art Chapter 1 प्रागैतिहासिक शैल-चित्र

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NCERT Class 11 Fine Art Chapter 1 प्रागैतिहासिक शैल-चित्र

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Chapter: 1

भारतीय कला का परिचय: भाग – 1
अभ्यास

1. आपके विचार से प्रागैतिहासिक काल के लोग अपने चित्रों के लिए विषयों का चयन/चुनाव किस प्रकार करते थे?

उत्तर: प्रागैतिहासिक काल के लोग अपने दैनिक जीवन, शिकार, सामाजिक गतिविधियों और धार्मिक विश्वासों से जुड़े विषयों का चुनाव करते थे। चित्रों में वे वही दृश्य चित्रित करते थे जो वह लोग करते थे, जैसे- जानवरों का शिकार, नृत्य, समूह में चलना आदि। यह चित्रण संभवतः संचार, स्मृति चिन्ह या धार्मिक प्रयोजन से किया जाता था।

उदाहरण के लिए, लाखुदियर गुफाओं में शैल आश्रय में आदिकाल की चित्रकला है। मनुष्य और जानवर काले, सफ़ेद और लाल गेरू से रंगे गए हैं। अधिकतर चित्रकला ज्यामितीय नमूनों में दिखाई पड़ती है।

2. गुफ़ा चित्रों में मानव आकृतियों की अपेक्षा जानवरों की आकृतियाँ अधिक होने के क्या कारण रहे होंगे?

उत्तर: शिकार उस समय के लोगों का मुख्य जीविकोपार्जन था, इसलिए जानवर उनके जीवन का केंद्र थे। वे जानवरों को शक्ति, भय और भरण-पोषण के स्रोत के रूप में देखते थे। संभवतः चित्रों के माध्यम से वे शिकार को साधने, सफलता की कामना या आत्मिक-धार्मिक उद्देश्य भी साधते थे।

जब मनुष्यों की खाना, पानी, कपड़ा तथा आवास संबंधी बुनियादी जरूरतें पूरी होने लगीं तो वे अपने विचारों तथा मनोभावों को अभिव्यक्त करने का भी प्रयास करने लगे। इसके लिए उन्होंने गुफाओं की दीवारों को आधार बनाकर चित्र और रेखाचित्र बनाने शुरू कर दिए और उनके माध्यम से अपने आपको यानी अपने भावों तथा विचारों को अभिव्यक्त करने लगे।

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3. इस अध्याय में प्रागैतिहासिक काल के अनेक गुफा चित्र दिए गए हैं। इनमें कौन सा चित्र आपको सबसे अधिक पसंद है और क्यों? उस चित्र का समालोचनात्मक विवेचन कीजिए।

उत्तर: मुझे “हाथ में हाथ डाले नृत्य करते हुए लोगों” का चित्र सबसे अधिक पसंद आया (लखुड़ुड़्यार, उत्तराखंड)। क्योंकि यह चित्र सामूहिकता, उत्सव और भावनाओं की अभिव्यक्ति का अद्भुत उदाहरण है। इसमें नृत्य के माध्यम से समाज में मिल–जुल कर रहना और सांस्कृतिक गतिविधि को दर्शाया गया है। रेखाएँ सरल हैं, परंतु उनमें गति और लय है। प्रागैतिहासिक मानव केवल शिकार या जीवन-निर्वाह में नहीं, बल्कि सामूहिक जीवन और आनंद में भी विश्वास रखता था।

4. भीमबेटका के अलावा और कौन-से प्रमुख स्थल हैं जहाँ से प्रागैतिहासिक चित्र पाए गए हैं? इन चित्रों के भिन्न-भिन्न पहलुओं पर इनकी तस्वीरों या रेखाचित्रों के साथ, एक रिपोर्ट तैयार करें।

उत्तर: भीमबेटका के अलावा प्रमुख स्थल निम्नलिखित है—

(i) लखुड़ुड़्यार (उत्तराखंड) – मानव, पशु और ज्यामितीय आकृतियों के चित्र।

(ii) कुपगलू, आंध्र प्रदेश – हाथियों और मनुष्यों के चित्र।

(iii) टेककलकोटा, कर्नाटक – लाल और सफेद रंगों में चित्र।

(iv) टेकलालहरा, आंध्र प्रदेश – बड़ी आकृतियाँ, नाटकीय दृश्य।

(v) मांदा (जम्मू-कश्मीर) – उकेरे हुए चित्र।

इन चित्रों में प्रमुख विषय यह हैं कि शिकार, नृत्य, युद्ध, पशुपालन, धार्मिक क्रियाएँ आदि। यहां रंगों का चुनाव लाल, सफेद, पीला और काला है। ये चित्र प्राकृतिक रंगों से बनाए गए थे और आज भी स्पष्ट हैं।

5. आज के समय में चित्र, ग्राफ़िक आदि बनाने के लिए दीवारों का सतह के रूप में किस प्रकार उपयोग किया जाता है?

उत्तर: आज के समय में चित्र, ग्राफ़िक आदि बनाने के लिए दीवारों का सतह के रूप में विभिन्न उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है। 

जैसे—

(i) सामाजिक संदेश: जैसे स्वच्छ भारत अभियान, पोलियो जागरूकता।

(ii) कला प्रदर्शन: जैसे भित्ति चित्र (म्यूरल), स्ट्रीट आर्ट, ग्रैफिटी।

(iii) सांस्कृतिक सजावट: त्योहारों और आयोजनों पर सजावट।

(iv) डिजिटल मीडिया के लिए बैकग्राउंड: ग्राफ़िक डिजाइन, एडवरटाइजिंग आदि में भी दीवारों की बनावट का डिजिटल रूप में उपयोग होता है।

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