NCERT Class 10 Social Science Bharat Aur Samakalin Vishav Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

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NCERT Class 10 Social Science Bharat Aur Samakalin Vishav Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

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Chapter: 3

भारत और समकालीन विश्व – २
खण्ड II: जीविका, अर्थव्यवस्था एवं समाज

संक्षेप में लिखें:

1. सत्रहवीं सदी से पहले होने कले आदान-प्रदान के दो उदाहरण दीजिए। एक उदाहरण एशिया से और एक उदाहरण अमेरिका महाद्वीपों के बारे में चुने।

उत्तर: सत्रहवीं सदी से पहले होने वाले आदान-प्रदान के दो उदाहरण हैं–

(i) एशिया: नूडल चीन से उत्पन्न हुआ और भारत, इटली तथा अन्य देशों तक पहुँचा।

(ii) अमेरिका: आलू अमेरिका से आया और आयरलैंड सहित दुनिया के अन्य देशों में फैल गया।

2. बताएँ कि पूर्व-आधुनिक विश्व में बीमारियों के वैश्विक प्रसार ने अमेरिकी भूभागों के उपनिवेशीकरण में किस प्रकार मदद दी।

उत्तर: (i) पुर्तगालियों और स्पेनिशों के पास अत्याधुनिक हथियार और सशक्त सेना थी।

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(ii) इसके अतिरिक्त, उन्होंने अमेरिका के क्षेत्रों पर विजय पाने के लिए कीटाणुओं और जीवाणुओं का भी इस्तेमाल किया।

(iii) चूँकि अमेरिका अकेला पड़ गया था, वहाँ के मूल निवासियों में इन भयंकर कीटाणुओं और जीवाणुओं के प्रति कोई प्रतिरोधक क्षमता नहीं थी।

(iv) चेचक अत्यंत घातक सिद्ध हुई। एक बार संक्रमण फैलने के बाद, यह पूरे महाद्वीपों में फैल गई और पूरी-पूरी जातियों को नष्ट कर दिया, जिससे आक्रमणकारियों के लिए विजय का मार्ग सरल हो गया।

(v) बंदूकों और अस्त्रों की तुलना में ये कीटाणु कहीं अधिक खतरनाक थे, क्योंकि बंदूकों को खरीदा या छीन लिया जा सकता था, लेकिन इन कीटाणुओं से कोई बचाव नहीं था।

3. निम्नलिखित के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें:

(क) कॉर्न लॉ के समाप्त करने के बारे में ब्रिटिश सरकार का फ़ैसला।

उत्तर: कॉर्न लॉ समाप्त करने के बारे में ब्रिटिश सरकार का फ़ैसला के बाद बहुत कम कीमत पर खाद्य पदार्थों का आयात किया जाने लगा। आयातित खाद्य पदार्थों की लागत ब्रिटेन में पैदा होने वाले खाद्य पदार्थों से भी कम थी। फलस्वरूप, ब्रिटिश किसानों की हालत बिगड़ने लगी क्योंकि वे आयातित माल की क़ीमत का मुक़ाबला नहीं कर सकते थे। विशाल भूभागों पर खेती बंद हो गई। हजारों लोग बेरोज़गार हो गए। गाँवों से उजड़ कर वे या तो शहरों में या दूसरे देशों में जाने लगे।

(ख) अफ़्रीका में रिडरपेस्ट का आना।

उत्तर: रिंडरपेस्ट का अफ़्रीका में आगमन 1880 के दशक के आखिर में हुआ था। यह बीमारी उन मवेशियों के साथ आई थी जो ब्रिटिश एशिया से लाए गए थे। उस समय इटैलियन सैनिक पूर्वी अफ़्रीका में एरिट्रिया पर आक्रमण कर रहे थे। इन मवेशियों को उन सैनिकों के राशन के लिये लाया गया था। यह संक्रमण तेजी से अफ़्रीका के विभिन्न हिस्सों में फैल गया और मवेशियों की बड़ी संख्या को प्रभावित किया। मवेशी अफ़्रीका समाजों के लिए न केवल भोजन और दूध का स्रोत थे, बल्कि परिवहन और कृषि कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

(ग) विश्वयुद्ध के कारण यूरोप में कामकाजी उम्र के पुरुषों की मौत।

उत्तर: पहले विश्व युद्ध ने पूरी दुनिया को कई दृष्टिकोण से गहरे प्रभावों में डुबो दिया। लगभग 90 लाख लोग मारे गए और 2 करोड़ लोग घायल हुए। मरने वालों या घायल होने वालों में अधिकांश वे लोग थे जो उस उम्र में थे जब एक व्यक्ति आर्थिक उत्पादन में योगदान करता है। इसके कारण यूरोप में सक्षम शरीर वाले श्रमिकों की भारी कमी हो गई। परिवारों में कमाने वालों की संख्या घट जाने से पूरे यूरोप में लोगों की आय में कमी आई। अधिकांश पुरुषों को युद्ध में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कारखानों में महिलाओं को काम करना पड़ा। जिन कामों को पारंपरिक रूप से पुरुषों का काम माना जाता था, उन्हें अब महिलाएँ करने लगीं।

(घ) भारतीय अर्थवस्था पर महामंदी का प्रभाव।

उत्तर: भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी का प्रभाव-

(i) इस महामंदी (1929-1934) के काल में भारत के आयात और निर्यात व्यापार में कोई 50% की कमी आ गई।

(ii) इस महामंदी का बंगाल के पटसन पैदा करने वाले लोगों पर विशेष रूप से बड़ा विनाशकारी प्रभाव पड़ा।

(iii) छोटे-छोटे किसान भी इस बर्बादी से न बच सके। उनकी आर्थिक दशा खराब होती जा रही थी। सरकार ने उनके भूमि कर तथा अन्य करों में कोई कमी न की।

(iv) 1930 में शुरू होने वाले सिविल अवज्ञा आंदोलन इस आर्थिक मंदी का सीधा परिणाम था क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र अशान्ति का क्षेत्र बन चुके थे।

(ङ) बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानांतरित करने का फ़ैसला।

उत्तर: बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानांतरित करने के फैसले ने विश्व व्यापार और पूंजी प्रवाह में तेज़ी लाई। यह स्थानांतरण एशियाई देशों में कम लागत वाली संरचना और सस्ती मजदूरी के कारण हुआ। इससे एशियाई देशों को लाभ हुआ, क्योंकि रोजगार में वृद्धि हुई और इसके परिणामस्वरूप तेजी से आर्थिक परिवर्तन हुआ।

4. खाद्य उपलब्धता पर तकनीक के प्रभाव को दर्शाने के लिए इतिहास से दो उदहरण दें।

उत्तर: खाद्य उपलब्धता पर तकनीक के प्रभाव को दर्शाने के लिए इतिहास से दो उदहरण हैं –

(i) नई तकनीक ने लोगों को बेहतर तरीके से भोजन प्राप्त करने में सक्षम बनाया। तेज़ रेलवे, लाइटर वैगनों और बड़े जहाजों ने भोजन को सस्ते और तेज़ी से दूर के खेतों से अंतिम बाज़ारों तक ले जाने में मदद की। 

(ii) विकास ने भोजन को त्वरित और कम खर्चीले तरीके से परिवहन करना संभव बना दिया। प्रौद्योगिकी ने प्रशीतित जहाजों के विकास का भी नेतृत्व किया जो लंबी दूरी पर खाद्य पदार्थों के परिवहन में मदद करते हैं।

5. ब्रेटन वुड्स समझौते का क्या अर्थ है।

उत्तर: ब्रेटन वुड्स समझौते का अर्थ यह है वह ऐतिहासिक समझौता जो 1944 में संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यू हैम्पशायर राज्य के ब्रेटन वुड्स शहर में हुआ था। यह समझौता द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को पुनर्निर्मित करने के लिए किया गया था। इस समझौते का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना था, ताकि विश्व युद्ध के बाद की आर्थिक तबाही से उबरने और भविष्य में आर्थिक संकटों से बचने के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया जा सके।

चर्चा करें:

6. कल्पना कीजिए की आप कैरीबियाई क्षेत्र में काम करने वाले गिरमिटिया मज़दूर हैं। इस अध्याय में दिए गए विवरणों के आधार पर अपने हालात और अपनी भावनाओं का वर्णन करते हुए अपने परिवार के नाम एक पत्र लिखें।

उत्तर: प्रिय परिवार,

सादर प्रणाम। यहाँ कैरीबियाई क्षेत्र में काम करते हुए कठिनाइयाँ बढ़ती जा रही हैं। हम गिरमिटिया मजदूरों की हालत बहुत ही खराब है। दिन-रात कठोर श्रम करते हैं, लेकिन बदले में कुछ नहीं मिलता। गर्मी और थकान में काम करना पड़ता है, और कभी-कभी खाना भी ठीक से नहीं मिलता। हमारे पास कोई अधिकार नहीं हैं, और जीवन केवल काम करने और खाने तक सीमित है।

यहां की स्थिति बहुत ही निराशाजनक है, लेकिन मैं उम्मीद करता हूँ कि एक दिन ये हालात सुधरेंगे। कृपया मेरा हौंसला बढ़ाएं और समझें कि यह जीवन बहुत कठिन है।

आपका प्रिय,

……………

7. अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमयों में तीन तरह की गतियों या प्रवाहों की व्याख्या करें। तीनों प्रकार की गतियों के भारत और भारतीयों से संबंधित एक-एक उदाहरण दें और उनके बारे में संक्षेप में लिखें।

उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय में तीन प्रकार की गतियाँ हैं–

(i) वस्तुओं का प्रवाह: यह प्रवाह वस्तुओं की आवाजाही को दर्शाता है, जैसे कपड़े, गेहूँ, कच्चे माल आदि। 19वीं सदी में यह प्रवाह मुख्य रूप से वस्तुओं के व्यापार के रूप में था।

भारत से संबंधित उदाहरण:

कपास और चाय का निर्यात: 19वीं सदी में भारत से ब्रिटेन को कपास और चाय का निर्यात किया जाता था। भारत की कपास और चाय का व्यापार यूरोप में उच्च मांग में था, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई।

(ii) श्रम का प्रवाह: इसमें लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर काम की तलाश में निकल पड़ते हैं। यह प्रवाह रोजगार के अवसरों के लिए लोगों के स्थलांतरण को दिखाता है।

भारत से संबंधित उदाहरण:

गुलामी और प्रवासी श्रमिकों का प्रवाह: 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में, भारत के लोग मलेशिया, सूरीनाम, फिजी और अन्य ब्रिटिश उपनिवेशों में गन्ना बागानों और अन्य कृषि कार्यों में काम करने के लिए गए। यह प्रवाह ब्रिटिश उपनिवेशी व्यवस्था के अंतर्गत हुआ था, जिसमें भारत के श्रमिकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिले थे।

(iiii) पूँजी का प्रवाह: यह प्रवाह पूँजी के निवेश को दर्शाता है, जिसे अन्य देशों में या दूर-दराज के क्षेत्रों में निवेश किया जाता है। पूँजी का प्रवाह अल्पकालिक या दीर्घकालिक निवेश के रूप में हो सकता है।

भारत से संबंधित उदाहरण:

ब्रिटिश निवेश: ब्रिटेन ने 19वीं सदी में भारत में बड़ी मात्रा में पूँजी निवेश की थी, खासकर रेलवे, खनिज, और जलप्रदाय परियोजनाओं में। यह निवेश ब्रिटिश साम्राज्य की आर्थिक नीतियों का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य भारतीय संसाधनों का दोहन और औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देना था।

8. महामंदी के कारणों की व्याख्या करें।

उत्तर: महामंदी के प्रमुख कारणों हैं –

(i) अति उत्पादन: कृषि उत्पादों की अधिकता और गिरती कीमतों ने किसानों की आय घटा दी, जिससे वे अधिक उत्पादन करने लगे, लेकिन कीमतों में कमी बनी रही।

(ii) युद्धोत्तर कमजोर अर्थव्यवस्था: युद्ध के बाद की कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था ने मंदी को बढ़ाया।

(iii) कृषि उत्पादों की कीमतों में गिरावट: कृषि उत्पादों की कीमतों में लंबी अवधि तक गिरावट बनी रही, जिससे कृषि क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा।

(iv) वित्तीय संकट: 1929 में अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट आई, जिससे वैश्विक वित्तीय संकट उत्पन्न हुआ।

9. जी-77 देशों से आप क्या समझते हैं। जी-77 को किस आधार पर ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संतानों की प्रतिक्रिया कहा जा सकता है। व्याख्या करें।

उत्तर: यह संस्थाएँ पुरानी उपनिवेशी शक्तियों के नियंत्रण में थीं, जिससे विकासशील देशों को यह डर था कि वे इन शक्तियों के शोषण का शिकार हो सकते हैं। इस स्थिति का मुकाबला करने के लिए इन देशों ने एक नया आर्थिक ढाँचा बनाने की आवश्यकता महसूस की और जी-77 (77 देशों का समूह) का गठन किया। चूँकि यह संगठन उन देशों द्वारा स्थापित किया गया था, जो ब्रेटन वुड्स के संस्थापक देशों के उपनिवेश थे, इसलिए इसे ब्रेटन वुड्स की जुड़वां संतानों की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा सकता है।

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