NCERT Class 8 Social Science Sansadhan Aur Vikas Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

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Chapter: 2

संसाधन एवं विकास

1. निम्म प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(i) मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी दो मुख्य जलवायु कारक कौन-से हैं?

उत्तर: मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी दो मुख्य जलवायु कारक तापमान और वर्षा है।

(ii) भूमि निम्नीकरण के कोई दो कारण लिखिए।

उत्तर: भूमि निम्नीकरण के कोई दो कारण हैं–

(i) वनों का कटाव।

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(ii) भूमि का अत्यधिक दोहन।

(iii) भूमि को महत्वपूर्ण संसाधन क्यों माना जाता है?

उत्तर: भूमि को महत्वपूर्ण संसाधन इसलिए माना जाता है क्योंकि यह भिन्न–भिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों को गुफा प्रदान करती है। इसका उपयोग मानव द्वारा कृषि, वानिकी, खनन, घर और सड़क बनाने और उद्योग स्थापित करने जैसे भिन्न–भिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

(iv) किन्हीं दो सोपानों के नाम बताइए जिन्हें सरकार ने पौधों और प्राणियों के संरक्षण के लिए आरंभ किया है।

उत्तर: किन्हीं दो सोपानों के नाम है जिन्हें सरकार ने पौधों और प्राणियों के संरक्षण के लिए आरंभ किया है।

(i) राष्ट्रीय उद्यान।

(ii) वन्यजीव अभयारण्य।

(v) जल संरक्षण के तीन तरीके बताइए।

उत्तर: जल संरक्षण के तीन तरीके है–

(i) जल रिसाव को कम करने के लिए खेतों को सिंचित करने वाली नहरों को ठीक से पक्का करना चाहिए।

(ii) रिसाव और वाष्पीकरण से होने वाली जल क्षति को रोकने के लिए क्षेत्र की स्प्रिंकलरों से सिंचाई करना अधिक प्रभावी विधि है।

(iii) वाष्पीकरण की अधिक दर वाले शुष्क प्रदेशों में सिंचाई की ड्रिप अथवा टपकन विधि बहुत उपयोगी होती है।

2. सही उत्तर को चिह्नित कीजिए-

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा कारक मृदा निर्माण का नहीं है?

(क) समय।

(ख) मृदा का गठन।

(ग) जैव पदार्थ।

उत्तर: (ख) मृदा का गठन।

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सी विधि तीव्र ढालों पर मृदा अपरदन को रोकने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?

(क) रक्षक मेखला।

(ख) मलचिग।

(ग) वेदिका कृषि।

उत्तर: (ग) वेदिका कृषि।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकृति के संरक्षण के अनुकूल नहीं है?

(क) बल्ब को बंद कर देना चाहिए जब आवश्यकता न हो।

(ख) नल को उपयोग के बाद तुरत बंद कर देना चाहिए।

(ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।

उत्तर: (ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।

3. निम्नलिखित का मिलान कीजिए-

(क) भूमि उपयोग(i) मृदा अफ्फुरन को रोकना
(ख) ह्यूमस(ii) स्थलमंडल, जलमंडल और वायुमंडल के बोच जुड़ा एक संकरा क्षेत्र
(ग) चट्टानः बाँध(iii) भूमि का उत्पादनकारी उपयोग
(घ) जैवमंडल(iv) ऊपरी मुदा पर निक्षेपित जैय पदार्थ
(v) समोस्चरेखीय जुताई

उत्तर: 

(क) भूमि उपयोग(iii) भूमि का उत्पादनकारी उपयोग
(ख) ह्यूमस(iv) ऊपरी मुदा पर निक्षेपित जैय पदार्थ
(ग) चट्टानः बाँध(i) मृदा अफ्फुरन को रोकना
(घ) जैवमंडल(ii) स्थलमंडल, जलमंडल और वायुमंडल के बोच जुड़ा एक संकरा क्षेत्र

4. निम्नलिखित कथनों में से सत्य अथवा असत्य बताइए। यदि सत्य है तो उसके कारण लिखिए-

(i) भारत का गंगा, ब्रह्मपुत्र का मैदान अत्यधिक आबाद प्रदेश है।

उत्तर: यह कथन सत्य है। भारत का गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के साथ उनकी सहायक नदियों से पानी की आपूर्ति आसानी से होती है। समतल भूमि के कारण यहां फसल उगाने के लिए उपयुक्त परिस्थितियां उपलब्ध हैं।

(ii) भारत में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता कम हो रही है।

उत्तर: यह कथन सत्य है क्योंकि भारत में जल का वितरण ज्यादा तर असमान है, जल के मात्रा स्रोत प्रदूषित होते जा रहे हैं तथा जनसंख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है, अत: देश में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता कम हो रही है।

(iii) तटीय क्षेत्रों में पवन गति रोकने के लिए वृक्ष कतार में लगाए जाते हैं, जिसे बीच की फसल उगाना कहते हैं।

उत्तर: यह कथन असत्य है, तटीय क्षेत्रों में पवन गति रोकने के लिए वृक्ष कतार में लगाए जाने को बीच की फ़सल उगाना नहीं कहते है।

(iv) मानवीय हस्तक्षेप और जलवायु परिवर्तन पारितंत्र को व्यवस्थित रख सकते हैं।

उत्तर: यह कथन असत्य है मानवीय हस्तक्षेप और जलवायु परिवर्तन पारितंत्र को व्यवस्थित नहीं रख सकते हैं।

INTEX QUESTIONS

1. भारत में जलोढ़, काली, लाल, लैटराइट, मरुस्थलीय और पर्वतीय प्रकार की मृदाएँ हो सकती हैं। विभिन्न प्रकार की मृदाओं की एक-एक मुट्ठी एकत्रित कीजिए और निरीक्षण कीजिए। वे किस प्रकार एक-दूसरे से भिन्न हैं?

उत्तर: भारत में विभिन्न प्रकार की मृदाएँ भिन्न-भिन्न गुणों के कारण अलग होती हैं जैसे–

(i) जलोढ़ मृदा: हल्की, भुरभुरी, उर्वर और नमी को बनाए रखने वाली होती है।

(ii) काली मृदा: गहरी, भारी, चिपचिपी और जल धारण करने वाली होती है।

(iii) लाल मृदा: लाल रंग की, पत्थरीली, जल धारण की क्षमता कम और कम उर्वरक होती है।

(iv) लैटराइट मृदा: कठोर, ईंट जैसी, लौह और एल्यूमिनियम से समृद्ध होती है।

(v) मरुस्थलीय मृदा: रेत जैसी, सूखी, कम पोषक तत्व वाली और जल धारण की क्षमता कम होती है।

(vi) पर्वतीय मृदा: खुरदरी, पत्थरीली, खनिजों से समृद्ध होती है और जल धारण की क्षमता कम होती है।

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