Assam Jatiya Bidyalay Class 8 Hindi Chapter 11 बाज और साँप, Assam Jatiya Vidyalaya | অসম জাতীয় বিদ্যালয় Hindi Class 8 Question Answer to each chapter is provided in the list of SEBA so that you can easily browse through different chapters and select needs one. Assam Jatiya Bidyalay Chapter 11 बाज और साँप Class 8 Hindi Question Answer can be of great value to excel in the examination.
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बाज और साँप
Chapter – 11
অসম জাতীয় বিদ্যালয়
EXERCISE QUESTION ANSWER
शब्दार्थ :
शिखर | पहाड़ की चोटी |
सरिता | नदी |
सिटपिटाना | भय या घबड़ाहट से सहम जाना |
असीम | जिसकी कोई सीमा न हो |
वियोग | अभाव, विछुरना |
खोखल | बड़ा छेद, धोधर |
मिलाप | मिलन |
लथपथ | भीगा हुआ |
आखिरी घड़ी | अन्तिम समय |
आखिरी घड़ी | अन्तिम समय |
रेंगना | छाती के बल पर चलना |
सीलन | नमी, भूमि की आर्द्रता |
हर्ज | नुकसान |
ओझल | अदृश्य |
दीवाना | किसी चीज को अत्याधिक चाहनेवाला |
प्राण हथेली पर रखना | मरने के लिए तैयार रहना |
अभ्यास माला
प्रश्न – १ सही उत्तर चुनकर करो :
(क) साँप कहाँ रहता था ?
(अ) गुफा में
(आ) पहाड़ा में
(इ) नदी में
(ई) सागर में
उत्तर : (अ) गुफा में l
(ख) पर्वत की अँधेरी घाटियों में क्या बहती है ?
(अ) पानी
(आ) नदी
(इ) झरना
(ई) हवा
उत्तर : (आ) नदी l
(ग) प्रस्तुत कहानी के कहानीकार हैं –
(अ) प्रेमचन्द
(आ) जयशंकर प्रसाद
(इ) निर्मल वर्मा
(ई) महादेवी शर्मा
उत्तर : (इ) निर्मल वर्मा l
(घ) प्रस्तुत पाठ में समुद्र की लहरें किसके गीत गा रही थीं ?
(अ) साँप के
(आ) नदी के
(इ) देश के
(ई) बाज के
उत्तर : प्रस्तुत पाठ में समुद्र की लहरें साहसी, बहादूर प्राणों को हथेली पर रखलेवाले वीर जवानो की गीत गा रही थी। यह गीत उन दीवानों के लिए है जो मर कर भी मृत्यु से नहीं डरने।
प्रश्न – २ : किसने किससे कहा, बताओ :
(क) “क्यों भाई, इतनी जल्दी मरने की तैयारी कर ली ?
उत्तरः साँप ने बाज से कहा- “क्यों, भाई, इतनी जल्दी मरने की तैयारी कर ली ?”
(ख) “आकाश! आकाश को लेकर मैं क्या चाहूंगा!
उत्तर : साँप ने बाज से बोला- “आकाश। आकाश को लेकर मैं क्या चाहूँगा !
(ग) “आह! काश, मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता।”
उत्तर : बाज ने अपने आप से बोला, “आह! काश, मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता।”
(घ) अपने प्राणों को खतरे में डालना कहाँ की चतुराई है ?”
उत्तर : साँप ने अपने आप से कह रहा है, “अपने प्राणों को खतरे में डालना कहाँ की चतुराई है ?”
प्रश्न – ३ : पच्चीस-तीस शब्दों में उत्तर लिखो :
(क) घायल बाज को देखकर साँप क्यों खुश हुआ ?
उत्तर : एक बाज घायल अवस्था में साँप के गुफा में आ गिरता है। बाज की दर्दभरी चीख सुन कर साँप डर जाता है। किन्तु लाचार बाज को देख सांप की हिम्मत बँधी। अंतिम साँस लेते बाज को देख साँप खुस हुआ।
(ख) घायल बाज जब अन्तिम इच्छा पूर्ण करने हेतु पंख फैलाकर हवा में कूद पड़ा तब इसका परिणाम क्या हुआ ?
उत्तरः घायल बाज जब अन्तिम इच्छा पूर्ण करने हेतु पंख फैला कर हवा में कूद पड़ा, तब उस टूटे हुए पंखों से उड़ पाना उसके लिए असंभव था। परिणाम स्वरूप लुढ़कता हुआ नदी में जा गिरा।
(ग) किस बात पर साँप के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा ?
उत्तर : चट्टानों के नीचे से एक मधुर रहस्यमय गीत की आवाज उठ रही है। पहले उसे पने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। किन्तु कुछ देर बाद गीत के स्वर अधिक साफ सुनाई देने लगे। यह देख साँप के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा।
(घ) बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था ?
उत्तर : बाज के लिए लहरों ने गीत गाया क्यों कि बाज एक निडर, बहादूर, साहसी वीर था। उन वीरता के लिए ही लहरी ने वीरता के गीत गा कर बाज को श्रद्धांजलि दे रहे थे।
(ङ) साँप ने उड़ने को मूर्खतापूर्ण मानते हुए भी क्यों उड़ने की कोशिश की ?
उत्तर : साँप ने उड़ने को मूर्खतापूर्ण मानते हुए भी क्यों उड़ने की कोशिश की क्यों कि बाज के मृत्यु ने साँप को सोचने पर विवश कर दिया कि आखिरकार उड़ने में क्या है। और खुद मूर्ख बन गया।
प्रश्न – ४ : पचास-साठ शब्दों में उत्तर दो :
(क) अपनी गुफा में बैठकर साँप ने क्यों खुद को सुखी और सुरक्षित समझा था ?
उत्तर : साँप गुफा में बैठ कर बाहर के बाताबरण को देखता रहता था। सोचता कोई उसे दुख नहीं दे सकता. सबसे अलग, सबसे दूर, वह अपनी गुफा का स्वामी है। न किसी से लेना, न किसी को देना। दुनिया की भाग-दौड़, छीना-झपटी से वह दूर है। साँप के लिए यही, उसकी सुखी और सुरक्षित जीवन समझता था।
(ख) “क्यों भाई उतनी जल्दी मरने को तैयारी कर ली ?” साँप की इस बात पर बाज ने क्या जवाब दिया ?
उत्तर : साँप की इस बात का जवाब देते हुए बाज ने एक लंबी आह भरी, “ऐसा ही दिखता है कि आखिरी घड़ी आ पहँची है लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है। मेरी जिंदगी भी खूब रही भाई, जी भरकर उसे भोगा है। जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूरतक उड़ानें भरी है, तुम्हारा बड़ा दुर्भाग्य है कि तुम जिंदगी भर आकाश में उड़ने का आनन्द कभी नहीं उठा पाओगे।”
(ग) साँप हँसते हुए क्या कहने लगा ?
उत्तर : बाज की मूर्खता पर साँप हँस कर कहने लगा कि आखिर उड़ने और रेंगने के बीच कौन सा भारी अंतर है। अन्त में तो सबके भाग्य में मरना ही लिखा है-शरीर मिट्टी का है, मिट्टी में ही मिल जाएगा।
(घ) समुद्र की लहरें क्या गा रही थीं ?
उत्तर : समुद्र की लहरें मधुर स्वर में गा रही थी। हमारा यह गीत उन साहसी लोगों के लिए है जो अपने प्राणों को हथेली पर रख कर घुमते हैं। चतुर वही है जो प्राणों की बाजी लगाकर जिंदगी के हर खतरे का बहादूरी से सामना करे। तुमने अपना जीवन बलिदान कर दिया किन्तु फिर भी तुम अमर हो। जब कभी साहस और वीरता के गीत गाए जाएँगे, तुम्हारा नाम बड़े गर्व और श्रद्धा से लिया जाएगा।
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