NIOS Class 12 Political Science Chapter 14 राज्य विधान मंडल

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NIOS Class 12 Political Science Chapter 14 राज्य विधान मंडल

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Chapter: 14

मॉड्यूल – 3 सरकार की संरचना

पाठगत प्रश्न 14.1

1. रिक्त स्थान भरिए-

(क) भारतीय संघ में ________________ राज्य हैं। (18, 25, 28)

उत्तर: भारतीय संघ में 28 राज्य हैं।

(ख) विधान सभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु _______________ वर्ष है। (21, 25, 30)

उत्तर: विधान सभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष है।

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(ग) राज्यपाल ________________ से एक सदस्य विधान सभा के लिए मनोनीत कर सकता है। (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आंग्ल-भारतीय समुदाय)

उत्तर: राज्यपाल आंग्ल-भारतीय समुदाय से एक सदस्य विधान सभा के लिए मनोनीत कर सकता है।

(घ) विधान सभा का कार्यकाल _______________ वर्ष है। (4, 5, 6)

उत्तर: विधान सभा का कार्यकाल 5 वर्ष है।

(ङ) सदन में मतदान के समय टाई होने की स्थिति में ______________ अपना निर्णायक मत दे सकता है। (राज्यपाल, मुख्यमंत्री, अध्यक्ष)

उत्तर: सदन में मतदान के समय टाई होने की स्थिति में अध्यक्ष अपना निर्णायक मत दे सकता है।

पाठगत प्रश्न 14.2

1. रिक्त स्थान भरिए-

(क) विधान परिषद की सदस्यता के लिए न्यूनतम आयु ________________ वर्ष है। (25, 30, 35)

उत्तर: विधान परिषद की सदस्यता के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष है।

(ख) विधान परिषद के सदस्यों का का कार्यकाल ________________ वर्ष है। (4, 5, 6)

उत्तर: विधान परिषद के सदस्यों का का कार्यकाल 6 वर्ष है।

(ग) विधान परिषद के एक तिहाई सदस्य प्रत्येक _______________ वर्ष के पश्चात सेवानिवृत हो जाते हैं। (2, 3, 4)

उत्तर: विधान परिषद के एक तिहाई सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष के पश्चात सेवानिवृत हो जाते हैं।

(घ) विधान परिषद के निर्माण अथवा समाप्त करने का अधिकार _________________ को है।

उत्तर: विधान परिषद के निर्माण अथवा समाप्त करने का अधिकार संसद को है।

(ङ) _______________ में द्विसदनीय विधायिका है। (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश)

उत्तर: उत्तर प्रदेश में द्विसदनीय विधायिका है।

पाठगत प्रश्न 14.3

1. रिक्त स्थान भरिए-

(क) राज्य विधायिका ________________ सूची में वर्णित विषयों पर कानून नहीं बना सकती। (संघ, राज्य, समवर्ती)

उत्तर: राज्य विधायिका संघ सूची में वर्णित विषयों पर कानून नहीं बना सकती।

(ख) धन विधेयक को विधान सभा में ________________ की पूर्व अनुमति से ही प्रस्तावित किया जा सकता है। (राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री)

उत्तर: धन विधेयक को विधान सभा में राज्यपाल की पूर्व अनुमति से ही प्रस्तावित किया जा सकता है।

(ग) विधान परिषद को धन विधेयक ________________ दिन के अंदर लौटाना होता है। (14, 30, 90)

उत्तर: विधान परिषद को धन विधेयक 14 दिन के अंदर लौटाना होता है।

(घ) मंत्रिपरिषद तब तक अपने पद पर बना रहता है जब तक उसे _________________ का विश्वास प्राप्त है। (राज्यपाल, विधान सभा, विधानपरिषद)

उत्तर: मंत्रिपरिषद तब तक अपने पद पर बना रहता है जब तक उसे विधान सभा का विश्वास प्राप्त है।

2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

(क) कौन पुष्टि करता है कि कोई विधेयक, धन विधेयक है अथवा नहीं?

उत्तर: विधान सभा का अध्यक्ष पुष्टि करता है कि कोई विधेयक, धन विधेयक है अथवा नहीं

(ख) राज्यों में अध्यादेश जारी करने का अधिकार किसे प्राप्त है?

उत्तर: राज्यों में अध्यादेश जारी करने का अधिकार राज्यपाल को प्राप्त है।

(ग) राज्य विधान सभा के निर्वाचित सदस्य किस-किस के मतदान में भाग लेते हैं?

उत्तर: राज्य विधान सभा के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति, राज्यसभा के सदस्य तथा विधान परिषद के 1/3 सदस्य के मतदान में भाग लेते हैं।

पाठांत प्रश्न

1. विधान सभा के गठन एवं रचना का वर्णन कीजिए।

उत्तर: राज्य विधानमंडल सामान्यतः दो भागों में होता है— राज्यपाल और विधान सभा। अधिकांश राज्यों में केवल एक ही सदन होता है, जिसे एकसदनीय विधानमंडल कहते हैं। जहाँ विधान सभा के साथ विधान परिषद भी होती है, वहाँ द्विसदनीय विधायिका होती है।

विधान सभा राज्य की जनता का प्रतिनिधित्व करने वाला निचला तथा प्रमुख सदन है। इसके सदस्य सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। राज्य के सभी 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के योग्य मतदाता विधान सभा के सदस्यों का चुनाव करते हैं। प्रत्येक राज्य को उतने ही एक सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटा जाता है जितने सदस्य चुने जाने होते हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए उनके जनसंख्या अनुपात के अनुसार कुछ सीटें आरक्षित रहती हैं।

विधान सभा का सदस्य बनने के लिए व्यक्ति भारतीय नागरिक हो, 25 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो, मतदाता सूची में नाम हो तथा किसी लाभ के पद पर न हो। सदस्यों की संख्या सामान्यतः 60 से 500 के बीच होती है। विधान सभा का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर राज्यपाल या आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति द्वारा भंग किया जा सकता है।

2. राज्य विधान मण्डल की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: राज्य विधान मंडल का मुख्य कार्य कानून बनाना है। इसे राज्य सूची तथा समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है। साधारण विधेयक दोनों सदनों में प्रस्तुत किए जा सकते हैं, जबकि धन विधेयक केवल विधान सभा में ही प्रस्तावित होता है। दोनों सदनों से पारित होने पर विधेयक राज्यपाल की स्वीकृति हेतु भेजा जाता है। सत्र न होने पर राज्यपाल जरूरत पड़ने पर अध्यादेश जारी कर सकता है, जिसे बाद में विधान मंडल की बैठक में अनुमोदित किया जाना आवश्यक होता है।

(i) कानून बनाने संबंधी कार्य: राज्य विधान मण्डल का मुख्य कार्य कानून बनाना है। यह राज्य सूची और समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार रखता है। साधारण विधेयक किसी भी सदन में प्रस्तुत किए जा सकते हैं, जबकि धन विधेयक केवल विधान सभा में ही प्रस्तावित होता है। दोनों सदनों से पारित होने के बाद विधेयक राज्यपाल के पास भेजा जाता है, जो इसे पुनर्विचार हेतु वापस भेज सकता है, पर पुनः पारित होने पर उसे स्वीकृति देनी ही पड़ती है। यदि विधान मंडल सत्र में न हो, तो राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है, जिसे अगली बैठक में अनुमोदन आवश्यक है।

(ii) वित्तीय शक्तियाँ: राज्य विधान मण्डल राज्य के वित्तीय मामलों पर नियंत्रण रखता है। धन विधेयक केवल विधान सभा में और राज्यपाल की पूर्व अनुमति से पेश किया जाता है। इसमें करों, खर्चों और ऋण से संबंधित प्रस्ताव शामिल होते हैं। धन विधेयक निजी सदस्य प्रस्तुत नहीं कर सकता। विधान परिषद इसे 14 दिनों से अधिक नहीं रोक सकती, और इस अवधि के भीतर लौटाने पर भी यह विधेयक पारित माना जाता है। बाद में इसे राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जाता है।

(iii) कार्यपालिका पर नियंत्रण: राज्य की मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से विधान सभा के प्रति उत्तरदायी होती है। जब तक उसे बहुमत का समर्थन प्राप्त है, वह सत्ता में बनी रहती है। विधान सभा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर सत्ता से मंत्रिपरिषद को हटा सकती है। इसके अलावा प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, काम रोको प्रस्ताव और पूरक प्रश्नों के माध्यम से विधायिका कार्यपालिका की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखती है।

(iv) चुनाव संबंधी कार्य: विधान सभा के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेते हैं और निर्वाचन मंडल का हिस्सा होते हैं। इसके साथ ही प्रत्येक राज्य से राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव भी विधान सभा के सदस्य ही करते हैं। जिन राज्यों में विधान परिषद होती है, उसके एक-तिहाई सदस्यों का चुनाव भी विधान सभा द्वारा किया जाता है। इन सभी चुनावों में एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का उपयोग किया जाता है।

(v) संवैधानिक कार्य: संविधान संशोधन के संघीय विषयों में राज्य विधान मंडल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संसद में संशोधन पारित होने के बाद इसे लागू करने के लिए आधे से अधिक राज्यों की विधान सभाओं का अभिसमर्थन आवश्यक है। राज्य विधान मण्डल साधारण बहुमत से इस प्रस्ताव को पारित करता है। इस अभिसमर्थन के बिना किसी भी संघीय संशोधन को लागू नहीं किया जा सकता।

3. राज्य विधायिका की शक्तियों की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: राज्य विधान मण्डल की कानून बनाने की शक्ति कई प्रकार से सीमित होती है। राज्य विधायिका राज्य सूची और समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बना सकती है, परंतु समवर्ती सूची में केंद्र और राज्य के कानून में टकराव होने पर केंद्र का कानून प्रभावी होता है। राज्यपाल किसी विधेयक को स्वीकृति देने से पहले राष्ट्रपति के विचारार्थ भेज सकता है, विशेषकर जब विधेयक उच्च न्यायालय की शक्तियों को प्रभावित करता हो। कुछ मामलों में, जैसे व्यापार व वाणिज्य पर प्रतिबंध, राज्य में विधेयक लाने से पूर्व भी राष्ट्रपति की अनुमति आवश्यक है।

आपातकाल (अनु. 352) लागू होने पर राज्य सूची के सभी विषयों पर संसद की शक्ति हो जाती है। इसी तरह, राष्ट्रपति शासन (अनु. 356) के दौरान राज्य का कानून बनाने का अधिकार भी संसद को मिल जाता है। यदि राज्यसभा दो-तिहाई बहुमत से यह प्रस्ताव पास करे कि राज्य सूची का कोई विषय राष्ट्रीय महत्व का है, तो संसद एक वर्ष तक उस विषय पर कानून बना सकती है। दो या दो से अधिक राज्यों के अनुरोध पर भी संसद राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती है।

अंतत:, मौलिक अधिकार राज्य विधान मण्डल की शक्तियों पर संवैधानिक सीमा लगाते हैं। कोई भी कानून जो संविधान के विरुद्ध हो या मौलिक अधिकारों का हनन करता हो, उसे उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय अमान्य घोषित कर सकता है।

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