NIOS Class 12 Political Science Chapter 11 भारतीय संसद

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NIOS Class 12 Political Science Chapter 11 भारतीय संसद

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Chapter: 11

मॉड्यूल – 3 सरकार की संरचना

पाठगत प्रश्न 11.1

(क) राज्यसभा की अधिकतम सदस्य संख्या कितनी हो सकती है?

उत्तर: राज्यसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 250 हो सकती है।

(ख) राष्ट्रपति कितने सदस्यों को राज्यसभा में मनोनीत कर सकता है?

उत्तर: राष्ट्रपति 12 सदस्यों को राज्यसभा में मनोनीत कर सकता है।

(ग) राज्यसभा के सदस्यों के निर्वाचन में कौन मतदान कर सकता है?

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उत्तर: राज्यसभा के सदस्यों के निर्वाचन में राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य मतदान कर सकता है।

(घ) राज्यसभा के सदस्यों की कार्य-अवधि कितनी होती है?

उत्तर: राज्यसभा के सदस्यों की कार्य-अवधि 6 वर्ष – एक तिहाई हर दो वर्ष के पश्चात सेवानिवृत्त होती है।

(ङ) राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु कितनी है?

उत्तर: राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष है।

(च) राज्यसभा का पदेन सभापति कौन होता है?

उत्तर: राज्यसभा का पदेन सभापति उपराष्ट्रपति है।

पाठगत प्रश्न 11.2

(क) लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या क्या हो सकती है?

उत्तर: लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 550 हो सकती है।

(ख) किस राज्य से लोकसभा के अधिकतम सदस्य निर्वाचित होते हैं?

उत्तर: उत्तर प्रदेश राज्य से लोकसभा के अधिकतम सदस्य निर्वाचित होते हैं।

(ग) राष्ट्रपति द्वारा अधिक से अधिक कितने आंग्ल-भारतीय सदस्य लोकसभा में मनोनीत किए जा सकते है?

उत्तर: राष्ट्रपति द्वारा अधिक से अधिक दो आंग्ल-भारतीय सदस्य लोकसभा में मनोनीत किए जा सकते है।

(घ) लोकसभा में समाज के किस वर्ग के लिए स्थान आरक्षित किए गए हैं?

उत्तर: लोकसभा में समाज के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए स्थान आरक्षित किए गए हैं।

(ङ) लोकसभा के निर्वाचन में मतदान कौन कर सकता है?

उत्तर: लोकसभा के निर्वाचन में भारत के सभी नागरिक जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे ऊपर हो वह मतदान कर सकता है।

(च) लोकसभा को कौन भंग कर सकता है?

उत्तर: लोकसभा को राष्ट्रपति भंग कर सकता है।

पाठगत प्रश्न 11.3

(क) उस सूची का क्या नाम है जिस पर कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को है?

उत्तर: जिस पर कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को है उस सूची का नाम संघ सूची है।

(ख) राज्य सूची में उल्लिखित विषयों पर कानून कौन बनाता है?

उत्तर: राज्य सूची में उल्लिखित विषयों पर कानून राज्य विधायिकाएं बनाता है।

(ग) समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार किसको है?

उत्तर: समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार संसद तथा राज्य विधायिकाओं को है।

(घ) भारतीय संघ में किसी नए राज्य के विलय का अधिकार किसे प्राप्त है?

उत्तर: भारतीय संघ में किसी नए राज्य के विलय का अधिकार संसद को प्राप्त है।

पाठगत प्रश्न 11.4

(क) सरकारी विधेयक किसे कहते हैं?

उत्तर: सरकार के किसी मंत्री द्वारा प्रस्तावित कोई भी विधेयक सरकारी विधेयक कहलाता है।

(ख) गैर-सरकारी या निजी सदस्य विधेयक क्या होता है?

उत्तर: किसी मंत्री द्वारा प्रस्तावित न होकर यदि कोई विधेयक किसी सदस्य द्वारा प्रस्तावित किया जाता है तो उसे गैर-सरकारी अथवा निजी सदस्य विधेयक कहा जाता है।

(ग) निजी सदस्यों के विधेयकों पर चर्चा कब होती है?

उत्तर: निजी सदस्यों वाले विधेयकों पर चर्चा केवल शुक्रवार को होती है।

(घ) किस विधेयक को राज्यसभा में प्रस्तावित नहीं किया जा सकता?

उत्तर: धन विधेयक राज्यसभा में प्रस्तावित नहीं किए जा सकते।

(ङ) संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक कब होती है?

उत्तर: किसी साधारण विधेयक को पारित करते समय पैदा होने वाले गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनो सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जाती है।

(च) संसद के दोनों सदनों की गणपूर्ति क्या है?

उत्तर: सदन की कुल सदस्य संख्या का दसवां भाग।

पाठगत प्रश्न 11.5

1. रिक्त स्थान भरिए-

(क) बजट केवल _______________ सभा में प्रस्तावित होता है।

उत्तर: बजट केवल लोकसभा में प्रस्तावित होता है।

(ख) केवल _______________ सभा द्वारा ही नई अखिल भारतीय सेवाओं को प्रारम्भ करने की स्वीकृति दी जा सकती है।

उत्तर: केवल राज्यसभा द्वारा ही नई अखिल भारतीय सेवाओं को प्रारम्भ करने की स्वीकृति दी जा सकती है।

(ग) संसद के प्रत्येक सदस्य को अपने क्षेत्र के विकास के लिए प्रति वर्ष _________________ रुपए मिलते हैं।

उत्तर: संसद के प्रत्येक सदस्य को अपने क्षेत्र के विकास के लिए प्रति वर्ष दो करोड़ रुपए मिलते हैं।

पाठांत प्रश्न

1. राज्यसभा के गठन तथा इसके सदस्यों को चुनने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।

उत्तर: राज्यसभा भारतीय संसद का उच्च सदन है और यह एक स्थायी संस्था है, क्योंकि इसे कभी भंग नहीं किया जाता। संविधान के अनुसार राज्यसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 250 निर्धारित की गई है, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं। ये मनोनीत सदस्य कला, साहित्य, विज्ञान, शिक्षा और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष ख्याति प्राप्त व्यक्तियों में से चुने जाते हैं। वर्तमान में राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है।

शेष सदस्य निर्वाचित होते हैं। राज्यसभा भारतीय संघ में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करती है। इसके सदस्यों का निर्वाचन राज्यों की विधानसभाओं के सभी निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote—STV) पद्धति से होता है।

राज्यसभा में विभिन्न राज्यों को दिए गए सदस्यों की संख्या उनकी जनसंख्या के आधार पर तय होती है। इसलिए बड़े राज्यों, जैसे उत्तर प्रदेश, को अधिक प्रतिनिधित्व (31 सदस्य) मिलता है, जबकि छोटे राज्यों, जैसे सिक्किम और त्रिपुरा, से केवल एक-एक सदस्य भेजे जाते हैं। केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली की विधानसभा 3 सदस्यों का चुनाव करती है और पुदुचेरी की विधानसभा 1 सदस्य भेजती है। अन्य केंद्र शासित प्रदेशों का राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

2. लोकसभा अध्यक्ष की शक्तियों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: लोकसभा अध्यक्ष की कुछ शक्तियां तथा कार्य नीचे दिए गए हैं—

(i) अध्यक्ष का मुख्य कार्य सदन की बैठकों की अध्यक्षता करना तथा उन्हें अनुशासित ढंग से चलाना है। उसकी आज्ञा के बिना कोई सदस्य सदन में बोल नहीं सकता। वह किसी भी सदस्य को अपना भाषण समाप्त करने के लिए कह सकता है और यदि सदस्य ऐसा न करे तो वह आदेश दे सकता है कि उसके भाषण का अभिलेखन न किया जाए।

(ii) सभी विधेयक, रिपोर्ट तथा प्रस्ताव अध्यक्ष की अनुमति से ही प्रस्तावित किए जाते हैं। वह विधेयक या प्रस्ताव पर मतदान करवाता है। वह स्वयं मतदान में भाग नहीं लेता। परंतु जब भी गतिरोध की स्थिति पैदा हो जाती है अर्थात पक्ष तथा विपक्ष दोनों ओर के मत समान हो जाते हैं, तो वह अपना, निर्णायक मत डाल सकता है। परंतु उससे यह आशा की जाती है कि मतदान करते समय उसकी निष्पक्षता तथा स्वतंत्रता बनी रहे।

(iii) सभी संसदीय मामलों में उसका निर्णय अंतिम होता है। वह संसदीय प्रक्रिया के उल्लंघन संबंधी उठाए गए प्रश्नों पर भी अपना निर्णय देता है जो अंतिम होता है।

(iv) वह सदस्यों के अधिकारों तथा विशेषाधिकारों की रक्षा करता है।

(v) यदि कोई सदस्य दल बदल लेता है, तो वह उसकी सदस्यता रद्द कर सकता है। वह सदस्यों के त्यागपत्र भी स्वीकार करता है।

(vi) जब भी लोकसभा तथा राज्यसभा का संयुक्त अधिवेशन होता है, वह उसकी अध्यक्षता करता है।

3. भारत में कानून बनाने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।

उत्तर: भारत में कानून बनाने की प्रक्रिया संसद में विधेयक (Bill) प्रस्तुत करने से शुरू होती है। संसद दो प्रकार के विधेयक लाती है, साधारण विधेयक और धन/वित्त विधेयक। विधेयक को कानून बनने के लिए कई चरणों से गुजरना होता है।

(i) साधारण विधेयक की प्रक्रिया:

(क) प्रथम वाचन: मंत्री/सांसद विधेयक प्रस्तुत करता है, और बिना चर्चा के ध्वनि मत से स्वीकार कर लिया जाता है।

(ख) द्वितीय वाचन: सामान्य चर्चा होती है। विधेयक को सदन स्वयं विचार कर सकता है, प्रवर समिति या संयुक्त समिति को भेज सकता है, या जनता में मत जानने हेतु भेज सकता है।

(ग) तृतीय वाचन: केवल मतदान होता है, साधारण बहुमत से विधेयक पारित होता है।

एक सदन से पारित होने के बाद विधेयक दूसरे सदन में भेजा जाता है। 

दूसरा सदन उसे—

(क) पारित कर सकता है।

(ख) संशोधन कर वापस भेज सकता है।

(ग) अस्वीकार कर सकता है, जिससे गतिरोध पैदा होता है। गतिरोध होने पर राष्ट्रपति संयुक्त अधिवेशन बुला सकते हैं।

दोनों सदनों से पारित होने पर विधेयक राष्ट्रपति के पास जाता है। राष्ट्रपति स्वीकृति दे सकते हैं या सुझाव देकर वापस भेज सकते हैं। दोबारा पारित होने पर उन्हें स्वीकृति देना अनिवार्य होता है।

(ii) धन/वित्त विधेयक की प्रक्रिया:

धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत होता है और राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति आवश्यक है।

लोकसभा से पारित होने पर यह राज्यसभा जाता है, जहाँ—

(क) राज्यसभा को केवल 14 दिन का समय मिलता है।

(ख) वह इसे अस्वीकार नहीं कर सकती, केवल सुझाव दे सकती है।

(ग) चाहे सुझाव माने या न माने, विधेयक दोबारा राज्यसभा नहीं जाएगा।

14 दिन में राज्यसभा जवाब न दे तो मान लिया जाता है कि विधेयक दोनों सदनों से पारित हो गया है। इसके बाद इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेज दिया जाता है।

4. संसद के कार्यों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: भारतीय संसद अनेक महत्वपूर्ण कार्य करती है, जिन्हें मुख्यतः विधायी, कार्यपालिका-संबंधी, वित्तीय, निर्वाचन, अपदस्थकरण, संविधान संशोधन और विविध कार्यों में बाँटा गया है।

(i) विधायी कार्य: संसद मुख्य रूप से कानून बनाने वाली संस्था है। संघ सूची के सभी विषयों पर कानून बनाने का अधिकार संसद को है। समवर्ती सूची पर भी संसद और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन टकराव की स्थिति में केंद्रीय कानून मान्य होता है। अवशिष्ट विषयों पर भी संसद ही कानून बनाती है।

(ii) कार्यपालिका संबंधी कार्य: कार्यपालिका संसद के प्रति उत्तरदायी होती है। संसद अविश्वास प्रस्ताव, प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आदि के माध्यम से सरकार पर नियंत्रण रखती है। आवश्यक होने पर मंत्रिपरिषद को पदच्युत भी कर सकती है।

(iii) वित्तीय कार्य: संसद सरकारी धन की संरक्षक है। बिना संसद की अनुमति कोई व्यय नहीं किया जा सकता। संसद बजट पारित करती है और सरकार की आय-व्यय पर नियंत्रण रखती है।

(iv) निर्वाचन संबंधी कार्य: संसद के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं। वे उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं तथा लोकसभा अध्यक्ष–उपाध्यक्ष और राज्यसभा उपसभापति का चुनाव करते हैं।

(v) अपदस्थ करने की शक्ति: संसद राष्ट्रपति का महाभियोग चला सकती है और विशेष बहुमत से सुप्रीम कोर्ट तथा हाई कोर्ट के न्यायाधीशों को हटाने की संस्तुति कर सकती है।

(vi) संविधान संशोधन कार्य: संविधान के अधिकांश प्रावधानों में संशोधन संसद विशेष बहुमत से करती है। कुछ संशोधनों के लिए राज्यों की स्वीकृति भी आवश्यक होती है। संसद संविधान के मूल ढाँचे को नहीं बदल सकती।

(vii) विविध कार्य: संसद आपातकाल की स्वीकृति देती है, नए राज्यों का गठन या सीमाओं में परिवर्तन कर सकती है, राज्यों का विलय कर सकती है तथा किसी राज्य की विधान परिषद का निर्माण या समाप्ति कर सकती है।

5. संसद के दोनों सदनों के संबंधों का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर: भारत की संसद दो सदनों— राज्यसभा और लोकसभा से मिलकर बनी है, और दोनों के संबंध भारतीय लोकतंत्र की संतुलित कार्यप्रणाली को दर्शाते हैं। दोनों सदनों की रचना, भूमिका और प्रतिनिधित्व का आधार अलग-अलग है।

इसलिए इनके बीच एक पूरक (complementary) संबंध स्थापित होता है—

राज्यसभालोकसभा
राज्यसभा राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं द्वारा इसका निर्वाचन किया जाता है। राज्यों को उनकी जनसंख्या के अनुसार सदस्य मिलते हैं।लोकसभा जनता का प्रतिनिधित्व करती है और इसके सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव से चुने जाते हैं।
राज्यसभा एक स्थायी सदन है जिसे भंग नहीं किया जा सकता।लोकसभा स्थायी नहीं है और पाँच वर्ष में भंग हो जाती है।
राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा 12 मनोनीत सदस्य विशेषज्ञता और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करते हैं।लोकसभा में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षित सीटें सामाजिक न्याय सुनिश्चित करती हैं।

6. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियां लिखिए।

(a) राज्यसभा की सदस्यता के लिए योग्यताएं।

उत्तर: राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए योग्यताएं इस प्रकार हैं—

(i) वह भारत का नागरिक होना चाहिए तथा उसकी आयु कम से कम 30 वर्ष होनी चाहिए।

(ii) उसे शपथ या प्रतिज्ञान लेना होता है कि वह भारत के संविधान के प्रति निष्ठा तथा विश्वास बनाए रखेगा।

(iii) इस प्रकार, जन प्रतिनिधि अधिनियम 1951 के अनुसार इसका पंजीकरण उस राज्य की मतदाता सूची में होना चाहिए जहां से वह निर्वाचन लड़ रहा है।

परंतु 2003 में राज्य सभा के लिए निर्वाचन में दो प्रावधान जोड़े गए हैं—

(क) कोई भी भारतीय नागरिक, चाहे वह किसी भी राज्य का रहने वाला क्यों न हो. राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ सकता है।

(ख) चुनाव खुली मतदान व्यवस्था द्वारा सम्पन्न कराएं जाते हैं।

(b) द्वितीय वाचन।

उत्तर: यह सबसे महत्वपूर्ण अवस्था है।

सामान्य चर्चा के पश्चात सदन के पास चार विकल्प होते हैं—

(i) सदन स्वयं विधेयक पर विस्तृत धारावार चर्चा करे।

(ii) विधेयक सदन की प्रवर समिति को भेज दे।

(iii) दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेज दे।

(iv) जनमत जानने के लिए जनता में वितरित करे। यदि विधेयक प्रवर समिति अथवा संयुक्त प्रवर समिति को सौंपा जाता है, तो संबंधित समिति विधेयक का विस्तृत निरीक्षण करती है।

प्रत्येक धारा का निरीक्षण किया जाता है। समिति चाहे तो वह विषय विशेषज्ञों तथा विधिवेताओं से भी उनकी राय ले सकती है। पूरे विचार विमर्श के पश्चात समिति अपनी रिपोर्ट सदन को भेज देती है।

(c) बजट।

उत्तर: सार्वजनिक धन से होने वाले आय तथा व्यय का वार्षिक वित्तीय ब्योरा बजट कहलाता है। यह विधेयक नहीं होता है। प्रति वर्ष वार्षिक बजट वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया जाता है। बजट तैयार करना एक बहुत बड़ा कार्य है। बजट को वित्त मंत्री अपने मंत्रालय की सहायता से बनाता है, परंतु इसमें पूरी सरकार सम्मिलित होती है। भारत में बजट दो भागों में प्रस्तावित किया जाता है- रेल बजट तथा सामान्य बजट।

(i) बजट प्रस्तुत करनाः सामान्यतया रेल बजट रेलमंत्री द्वारा फरवरी के तीसरे सप्ताह में प्रस्तुत किया जाता है जबकि साधारण बजट प्रायः फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर प्रस्तुत किया जाता है। साधारण बजट प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्री द्वारा भाषण दिया जाता है जिसके पश्चात वह धन विधेयक प्रस्तावित करता है जिसमें सरकार द्वारा कर लगाने के सभी प्रस्ताव शामिल होते हैं। बजट की प्रस्तुति वाले दिन इस पर कोई चर्चा नहीं होती इसलिए प्रस्तावित होने के फौरन बाद सदन की बैठक समाप्त हो जाती है। वर्ष 1993-94 से भारत में विभागीय प्रवर समितियों की एक नयी व्यवस्था शुरू की गई है। संघ सरकार के सभी मत्रालयों तथा विभागों की समितियों का गठन लोकसभा द्वारा किया जाता है। ये प्रवर समितियां अनुदान की मांगों पर विचार करने के पश्चात अपनी-अपनी सिफारिशों को लोकसभा को भेज देती हैं। बजट पर सामान्य चर्चा के पश्चात दोनों सदन लगभग तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिए जाते हैं।

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