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Sankardev Class 5 Hindi Chapter 10 शंकरदेव
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शंकरदेव
Chapter – 10
HINDI
SANKARDEV SISHU VIDYA NIKETAN
मूलभाव: श्रीमंत शंकरदेव असम के एक महान संत थे। उन्होंने लोगो को एकता की डोरी से बाँधकर रखने की कोशिश की थी। प्रस्तुत पाठ महापुरुष शंकरदेव के जीवन तथा उनके कर्म पर आलोकपात किया गया है।
মূলভাৱঃ শ্ৰীমন্ত শংকৰদেৱ অসমৰ এজন মহান সন্ত আছিল। তেওঁ মানুহক একতাৰ ডোলেৰে বান্ধিবলৈ চেষ্টা কৰিছিল। এই পাঠটিত মহাপুৰুষ শংকৰদেৱৰ জীৱন আৰু তেওঁৰ কৰ্মৰাজিৰ ওপৰত আলোকপাত কৰা হৈছে।
शब्दार्थ:
संध्या — शाम (সন্ধ্যা)
पुण्य तिथि — मृत्यु दिवस, तिरोधान का दिन (মৃতু দিৱস)
कल्याण — भलाई (কল্যাণ, মংগল)
अभ्यास
1. सही उत्तर के सामने ✔ चिह्न लगाओ और लिखोः
(क) नामघर क्या है?
(१) हर गाँव या मुहल्ले में ईशवर का बड़ा मंदिर होता है। उसें नामघर कहते है।
(२) हर गाँव या मुहल्ले में ईशवर का नाम कीर्त्तन करने के लिए विशेष रूप से बनाया गया घर होता है। उसे नामघर कहते हैं। ✔
(ख) शंकरदेव का जन्म कहाँ हुआ था?
(१) शंकरदेव का जन्म बरपेटा में हुआ था।
(२) शंकरदेव का जन्म बरदोवा में हुआ था।✔
2. खाली जगह भरो:
(क) संध्या समय नंदन नामघर में आया। (सबेरे / संध्या)
(ख) शंकरदेव भारत के एक महापुरुष थे।
(ग) हमें उसी एक भगवान की पूजा करनी चाहिए।
(घ) शंकरदेव ने कीर्तनघोषा लिखी थी।