NIOS Class 12 Political Science Chapter 31 संयुक्त राष्ट्र शांति बहाली गतिविधियां

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NIOS Class 12 Political Science Chapter 31 संयुक्त राष्ट्र शांति बहाली गतिविधियां

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Chapter: 31

वैकल्पिक मॉड्यूल – 1 विश्व व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र

पाठगत प्रश्न 31.1

1. सत्य या असत्य लिखिए:

(क) संयुक्त राष्ट्र आज विश्व में शांति के लिए सबसे अधिक प्रतिबद्ध संगठन है। (सत्य/असत्य)

उत्तर: सत्य।

(ख) सदस्य देशों द्वारा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान हेतु आग्रह करने वाले संयुक्त राष्ट्र की घोषणाओं एवं प्रस्तावों का बाध्यकारी प्रभाव है। (सत्य/असत्य)

उत्तर: असत्य।

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(ग) राष्ट्र संघ के मध्यस्थ को सफलता की उम्मीद हो सकती है बशर्ते उसे विवाद के सभी पक्षों का विश्वास प्राप्त हो। (सत्य/असत्य)

उत्तर: सत्य।

(घ) 2003 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इजराइल की उस दीवार को अवैध और भड़काने वाला कदम करार दिया, जो फिलिस्तीनी कब्जे वाले क्षेत्र में बनाई जा रही था। (सत्य/असत्य)

उत्तर: सत्य।

(ङ) सुरक्षा परिषद द्वारा लगाए गए असैनिक प्रतिबंधों को लागू करना संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के लिए अनिवार्य नहीं होते। (सत्य/असत्य)

उत्तर: असत्य।

पाठगत प्रश्न 31.2

1. रिक्त स्थान भरिए-

(क) शांति और सुरक्षा की व्यवस्था के लिए संयुक्त राष्ट्र को एक ________________ से लैस होना चाहिए था जो सदस्य देशों द्वारा पूरा किया जाता।

उत्तर: शांति और सुरक्षा की व्यवस्था के लिए संयुक्त राष्ट्र को एक स्थायी सेना से लैस होना चाहिए था जो सदस्य देशों द्वारा पूरा किया जाता।

(ख) संयुक्त राष्ट्र ने ________________ को इसकी अनुमति दी कि उत्तर कोरिया के खिलाफ वह सैन्य कार्रवाई करे।

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका को इसकी अनुमति दी कि उत्तर कोरिया के खिलाफ वह सैन्य कार्रवाई करे।

(ग) संयुक्त राष्ट्र ने इससे मना किया कि वह _______________ के अनुरोध को मान कर इराक के खिलाफ एक-दूसरा युद्ध 2003 में छेड़ दे।

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र ने इससे मना किया कि वह अमेरिका के अनुरोध को मान कर इराक के खिलाफ एक-दूसरा युद्ध 2003 में छेड़ दे।

(घ) आज तक करीब ______________ शांति कायम करने के लिए अभियान संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व के कई सारे देशों में किए गए हैं ताकि शांति की पुनर्स्थापना की जा सके।

उत्तर: आज तक करीब 60 शांति कायम करने के लिए अभियान संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व के कई सारे देशों में किए गए हैं ताकि शांति की पुनर्स्थापना की जा सके।

(ङ) 1993 में _______________ के प्रशासन का भार एक बड़े अभियान ने संयुक्त राष्ट्र में काम किया।

उत्तर: 1993 में कंबोडिया के प्रशासन का भार एक बड़े अभियान ने संयुक्त राष्ट्र में काम किया।

पाठगत प्रश्न 31.3

1. रिक्त स्थान भरिए-

(क) ________________ हथियारों ने पृथ्वी को एक खतरनाक स्थान बना दिया है।

उत्तर: नाभिकीय हथियारों ने पृथ्वी को एक खतरनाक स्थान बना दिया है।

(ख) इस पृथ्वी पर जीवन की रक्षा की प्राथमिकता और अनिवार्य होना ही ________________ की आवश्यकता के पीछे एक कारण है। हथियारों की होड़ से ________________ का गलत जगह इस्तेमाल होता है जिसे आर्थिक विकास के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

उत्तर: इस पृथ्वी पर जीवन की रक्षा की प्राथमिकता और अनिवार्य होना ही निरशास्त्रीकरण की आवश्यकता के पीछे एक कारण है। हथियारों की होड़ से संसाधन का गलत जगह इस्तेमाल होता है जिसे आर्थिक विकास के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

(ग) _______________ ने नाभिकीय हथियार सम्पन्न देशों और इससे रहित देशों के बीच भेदभाव किया।

उत्तर: अप्रसार संधि ने नाभिकीय हथियार सम्पन्न देशों और इससे रहित देशों के बीच भेदभाव किया।

(घ) महासभा ने निरस्त्रीकरण पर ________________ विशेष सत्र बुलाए।

उत्तर: महासभा ने निरस्त्रीकरण पर तीन विशेष सत्र बुलाए।

(ङ) महासभा ने सीटीबीटी को ________________ में स्वीकृति दी।

उत्तर: महासभा ने सीटीबीटी को 1996 में स्वीकृति दी।

पाठांत प्रश्न

1. संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों के ऐसे कौन से चार मुख्य पहलू हैं जिन्होंने विश्व शांति में मदद की?

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों के चार मुख्य पहलू, जिन्होंने विश्व शांति को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इस प्रकार हैं—

(i) मध्यस्थता: विभिन्न देशों के बीच विवादों को बिना सैन्य बल के प्रयोग के हल कराने हेतु संयुक्त राष्ट्र मध्यस्थता करता है, जिससे वे आपसी समझौते पर पहुँच सकें।

(ii) शांति रक्षक गतिविधियाँ: संयुक्त राष्ट्र ऐसे मिशन चलाता है जिनमें लड़ने वाले पक्षों को अलग रखा जाता है ताकि बिना गोली चले ही शांति कायम की जा सके।

(iii) बलपूर्वक हस्तक्षेप की अनुमति: कुछ परिस्थितियों में संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों को समस्याग्रस्त क्षेत्रों में सीमित बल प्रयोग की अनुमति देता है ताकि वहाँ दोबारा शांति स्थापित की जा सके।

(iv) निरस्त्रीकरण गतिविधियाँ: युद्ध में उपयोग होने वाले हथियारों—जैसे बारूदी सुरंगें, रासायनिक हथियार आदि के प्रतिबंध या कमी के लिए संयुक्त राष्ट्र सक्रिय रूप से कार्य करता है।

2. संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के कुछ उदाहरणों की चर्चा करें।

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र ने कई अंतरराष्ट्रीय विवादों में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।

इसके कुछ प्रमुख उदाहरण इस प्रकार हैं—

(i) कश्मीर समस्या (1950): संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों की सहमति से मध्यस्थ भेजे, हालाँकि यह प्रयास सफल नहीं हो सका।

(ii) क्यूबा मिसाइल संकट (1962): महासचिव यू थांत की मध्यस्थता ने अमेरिका और सोवियत संघ के बीच होने वाली संभावित सैन्य कार्रवाई को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

(iii) अफगानिस्तान से सोवियत सेनाओं की वापसी (1989): संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने संधि पर हस्ताक्षर किए और सोवियत सेना की वापसी संभव हो सकी।

(iv) कंबोडिया संकट (1991): संयुक्त राष्ट्र ने सफलतापूर्वक कंबोडिया में शांति स्थापना के लिए मध्यस्थता की।

(v) अरब–इज़रायल विवाद (1969): संयुक्त राष्ट्र ने एक शांति योजना प्रस्तुत की, जिसमें इज़रायल और फिलिस्तीन दोनों के सुरक्षित सीमाओं में रहने के अधिकार को स्वीकार किया गया।

(vi) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का सहयोग (2003): न्यायालय ने इज़रायल द्वारा फिलिस्तीनी क्षेत्र में बनाई जा रही दीवार को अवैध घोषित किया, जिससे शांति प्रयासों को नैतिक बल मिला।

3. संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न किस्म के असैन्य प्रतिबंध कौन-कौन से हैं?

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए जाने वाले असैन्य प्रतिबंध मुख्यतः निम्न प्रकार के होते हैं—

(i) राजनयिक संबंध समाप्त करना: लक्षित देश के साथ सभी प्रकार के राजनयिक (diplomatic) संबंध तोड़ देना।

(ii) हथियारों की खरीद–फरोख्त पर रोक: उस देश को हथियार बेचने या उससे हथियार खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना।

(iii) आयात–निर्यात पर प्रतिबंध: लक्षित देश के साथ सभी प्रकार के व्यापार— तेल, दवाइयाँ, खाद्य पदार्थ आदि को रोक देना।

(iv) विदेशी बैंक खातों को फ्रीज़ करना: उस देश की विदेशी बैंकों में जमा धनराशि को जब्त या बंद कर देना।

(v) अंतर्राष्ट्रीय खेलों तथा अन्य गतिविधियों में भागीदारी पर रोक: कुछ मामलों में (जैसे दक्षिण अफ्रीका) देश को खेलों और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों से भी बाहर कर दिया गया।

(vi) संचार और यातायात साधनों को बंद करना: लक्षित देश के लिए संचार नेटवर्क और यातायात के अंतर्राष्ट्रीय साधन बंद कर दिए जाते हैं (जैसे इराक के मामले में)।

4. अपनी सैन्य कार्रवाइयों को अंजाम देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के पास अपना सैन्य बल क्यों नहीं है?

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र के पास अपना सैन्य बल मुख्यतः दो कारणों से नहीं है—

(i) अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ के बीच मतभेद: संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय योजना थी कि सदस्य देशों के योगदान से एक अंतर्राष्ट्रीय सेना बनाई जाए, जो महासचिव के अधीन रहकर आक्रामक देशों के खिलाफ कार्रवाई कर सके। लेकिन अमेरिका और सोवियत संघ के बीच गहरे मतभेदों के कारण यह योजना कभी लागू नहीं हो सकी।

(ii) शीतयुद्ध के दौरान सुरक्षा परिषद में सहमति का अभाव: शीतयुद्ध के समय दोनों महाशक्तियाँ (अमेरिका और सोवियत संघ) अपने-अपने मित्र देशों के खिलाफ किसी भी संयुक्त सैन्य कार्रवाई को वीटो कर देती थीं। परिणामस्वरूप सुरक्षा परिषद आक्रामक देशों के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र की अपनी सेना बनाने या उसे भेजने में असमर्थ रही।

5. शांति बहाली क्या होती है? ऐसे अभियान क्यों भेजे जाते हैं?

उत्तर: शांति बहाली संयुक्त राष्ट्र की वह गतिविधि है जिसमें सेना और नागरिक विशेषज्ञों का निष्पक्ष दल युद्धरत देशों के बीच शांति कायम रखने के लिए भेजा जाता है। ये दल बिना हिंसा के, कम से कम बल का प्रयोग करते हुए, युद्ध विराम लागू करवाने और देशों को बातचीत के लिए उपयुक्त वातावरण देने का काम करते हैं। शांति सेना हल्के हथियार रखती है और केवल आत्मरक्षा में ही बल प्रयोग कर सकती है।

संयुक्त राष्ट्र शांति बहाली अभियान इसलिए भेजता है, ताकि—

(i) युद्धरत देशों को लड़ाई रोकने में मदद मिले।

(ii) युद्ध विराम (Ceasefire) को लागू करवाया जा सके।

(iii) ऐसा शांतिपूर्ण माहौल बनाया जा सके, जिससे देशों के बीच बातचीत और समझौता संभव हो पाए।

(iv) तनावग्रस्त क्षेत्रों में हिंसा फैलने से रोका जा सके।

(v) अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखा जा सके।

6. संयुक्त राष्ट्र द्वारा निरस्त्रीकरण के लिए किए गए प्रयासों के कुछ पहलुओं पर चर्चा करें।

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र ने निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं, जिनके कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार हैं—

(i) नरसंहारक हथियारों पर रोक लगाने की पहल: संयुक्त राष्ट्र ने यह मानते हुए कि परमाणु और अन्य विनाशकारी हथियार मानव अस्तित्व के लिए खतरा हैं, इनके उत्पादन और भंडारण को कम करने के प्रयास लगातार किए। इसका उद्देश्य न केवल युद्ध को रोकना है, बल्कि पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करना भी है।

(ii) निरस्त्रीकरण संधियों को लागू करवाना: संयुक्त राष्ट्र की सक्रियता से कई महत्वपूर्ण संधियाँ प्रभाव में आईं—

(क) 1968 की परमाणु अप्रसार संधि (NPT)।

(ख) 1996 की व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT)।

हालाँकि ये संधियाँ विवादास्पद भी रहीं, फिर भी इनके माध्यम से नरसंहारक हथियारों पर नियंत्रण का प्रयास हुआ।

(iii) महा सभा के विशेष सत्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने निरस्त्रीकरण के विषय पर तीन विशेष सत्र बुलाए और पारंपरिक व परमाणु हथियारों में कटौती पर वैश्विक सहमति बनाने की कोशिश की।

(iv) बारूदी सुरंगों और रासायनिक हथियारों पर रोक: संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों से 1997 में बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध, 1993 में रासायनिक हथियारों के भंडारों को समाप्त करने के कदम उठाए गए। एशिया और अफ्रीका में लाखों सुरंगें हटवाई गईं, और रासायनिक हथियारों के विनाश की प्रक्रिया की निगरानी की गई।

(v) इराक में हथियारों के विनाश में भूमिका: 1990 के दशक में संयुक्त राष्ट्र ने इराक के रासायनिक और जैविक हथियारों के नष्ट किए जाने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई।

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