NCERT Class 7 Hindi Vasant Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

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NCERT Class 7 Hindi Vasant Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

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हम पंछी उन्मुक्त गगन के

Chapter: 1

वसंत भाग–२
प्रश्न-अभ्यास

कविता से:

1. हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते? 

उत्तर: पिंजरे में बंद रहने पर वे अपनी प्राकृतिक आदतें, जैसे उड़ना, घोंसला बनाना, और अपने साथियों के साथ स्वतंत्र रूप से रहना, नहीं कर पाते। यह उनकी मानसिक और शारीरिक स्वतंत्रता को छीन लेता है, जिससे वे उदास और बेचैन हो जाते हैं। स्वतंत्रता सभी जीवों का मूल अधिकार है, और पक्षी भी इसी कारण पिंजरे की सीमाओं को तोड़कर खुले आकाश में उड़ना चाहते हैं, जहाँ वे अपनी इच्छाओं के अनुसार जीवन जी सकें।

2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?

उत्तर: पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कई प्राकृतिक इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं, जिनमें मुख्य रूप से ये शामिल हैं:

1. उड़ने की स्वतंत्रता – पक्षी खुले आकाश में उड़कर अपने पंखों की शक्ति और स्वतंत्रता का आनंद लेना चाहते हैं।

2. आहार की खोज – वे अपने भोजन की खोज स्वयं करना पसंद करते हैं, जिससे उन्हें अपनी पसंद के अनुसार ताजा और विविध आहार मिल सके।

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3. साथियों के साथ रहना – पक्षी झुंड में रहना पसंद करते हैं और अपने साथियों के साथ उड़ना, खेलना, तथा संवाद करना चाहते हैं।

4. घोंसला बनाना – वे पेड़ों पर या अन्य प्राकृतिक स्थानों पर अपना घोंसला बनाकर अंडे देना और अपने बच्चों की देखभाल करना चाहते हैं।

5. प्रकृति का आनंद लेना – पक्षी पेड़ों पर बैठना, नदियों और झरनों के पास समय बिताना, और विभिन्न मौसमों का अनुभव करना पसंद करते हैं।

6. स्वतंत्रता का अनुभव – सबसे महत्वपूर्ण बात, वे अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहते हैं ताकि वे बिना किसी बंधन के अपने जीवन का आनंद ले सकें।

3. भाव स्पष्ट कीजिए-

या तो क्षितिज मिलन बन जाता / या तनती साँसों की डोरी।

उत्तर: इस पंक्ति में कवि पक्षियों के माध्यम से स्वतंत्रता और आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करता है। वह कहना चाहता है कि यदि पक्षी आज़ाद होते, तो वे क्षितिज तक उड़कर पहुँचने का प्रयास करते, जहाँ धरती और आकाश मिलते हैं। यह क्षितिज उनके लिए एक प्रतीक है—स्वतंत्रता, अनंत संभावनाओं और सपनों का। कवि यह भी संकेत करता है कि ये पक्षी अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटते। वे अपनी स्वतंत्रता और सपनों की पूर्ति के लिए हर कठिनाई सहने और हर बलिदान देने को तैयार रहते हैं। यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि जीवन में स्वतंत्रता और अपने सपनों की प्राप्ति के लिए प्रयास करना कितना आवश्यक है, भले ही इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़े।

कविता से आगे:

1. बहुत से लोग पक्षी पालते हैं-

(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपने विचार लिखिए।

उत्तर: पक्षियों को पालना उचित है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनके साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है। पक्षी स्वभाव से स्वतंत्र प्राणी हैं, जिन्हें खुले आकाश में उड़ना पसंद है। यदि उन्हें पिंजरे में बंद करके रखा जाता है, तो यह उनके प्राकृतिक अधिकार और स्वतंत्रता का हनन है। इससे वे मानसिक और शारीरिक रूप से पीड़ित हो सकते हैं।

हमें उनकी देखभाल खुले और प्राकृतिक वातावरण में करनी चाहिए, ताकि वे आज़ादी का आनंद ले सकें। यदि हम उनसे प्रेम करते हैं, तो हमें उनके अधिकारों का सम्मान करते हुए उन्हें स्वतंत्र और सुरक्षित वातावरण देना चाहिए।

(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।

उत्तर: मैंने अपने आस-पास कई लोगों को पक्षी पालते हुए देखा है, खासकर तोते, कबूतर और मैना जैसे पक्षी घरों में अक्सर पाले जाते हैं। पक्षियों की देखभाल के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। उनके खान-पान का पूरा ध्यान रखा जाता है। उन्हें उनकी प्रजाति के अनुसार बीज, फल, दाने और ताजा पानी दिया जाता है, जिसे रोज बदलना जरूरी होता है। इसके अलावा, पिंजरे की स्वच्छता बनाए रखना भी आवश्यक है ताकि कोई गंदगी या संक्रमण न फैले। कुछ लोग पक्षियों को समय-समय पर पिंजरे से बाहर निकालकर उड़ने का मौका भी देते हैं, जिससे वे तनावग्रस्त न हों। यदि पक्षी बीमार हो जाएँ, तो उनकी उचित देखभाल के लिए पशु चिकित्सक की मदद ली जाती है।

2. पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।

उत्तर: पक्षियों को पिंजरे में बंद करना न केवल उनकी आज़ादी का हनन है, बल्कि पर्यावरण संतुलन को भी प्रभावित करता है। पक्षी प्रकृति के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे बीजों के प्रसार और कीटों के नियंत्रण में मदद करते हैं, जिससे जैव विविधता बनी रहती है। यदि पक्षियों को कैद कर लिया जाए, तो यह प्राकृतिक चक्र बाधित हो सकता है। उनकी चहचहाहट से प्रकृति में आनंद और शांति का अनुभव होता है, लेकिन उनकी कैद से यह सौंदर्य भी कम हो जाता है। पक्षियों को स्वतंत्र रखना न केवल उनके अधिकारों का सम्मान है, बल्कि पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए भी आवश्यक है। हमें उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित और स्वतंत्र जीवन जीने का अवसर देना चाहिए।

अनुमान और कल्पना:

1. क्या आपको लगता है कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए घातक हैं? पक्षियों से रहित वातावरण में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उक्त विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।

उत्तर: मनुष्य की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए गंभीर खतरा बन गई हैं। पेड़ों की कटाई, बढ़ते कंक्रीट के जंगल, और प्रदूषण के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं। मोबाइल टावरों से निकलने वाली रेडिएशन और रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से भी पक्षियों की संख्या लगातार घट रही है। पक्षियों के बिना पर्यावरण संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे कीटों का प्रकोप बढ़ेगा और जैव विविधता पर बुरा असर पड़ेगा। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें अधिक पेड़ लगाना, प्रदूषण कम करना और पक्षियों के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए। ऐसे विषयों पर वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ आयोजित कर लोगों को पक्षियों के महत्व और संरक्षण के उपायों के प्रति जागरूक किया जा सकता है।

2. यदि आपके घर के किसी स्थान पर किसी पक्षी ने अपना आवास बनाया है और किसी कारणवश आपको अपना घर बदलना पड़ रहा है तो आप उस पक्षी के लिए किस तरह के प्रबंध करना आवश्यक समझेंगे? लिखिए।

उत्तर: अगर घर बदलने की स्थिति में किसी पक्षी ने मेरे घर में अपना आवास बना लिया है, तो मुझे उसकी देखभाल और सुरक्षा के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए। सबसे पहले, मैं पक्षी के घोंसले को संभाल कर उसे सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करूंगा, ताकि वह किसी प्रकार के खतरे से बच सके। यदि यह संभव न हो, तो मैं उस स्थान को साफ और सुरक्षित बनाए रखूंगा, जहां पक्षी को रहने में कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, मैं नए स्थान पर पक्षी के लिए आदर्श आवास बनाने की कोशिश करूंगा, जैसे पेड़ों या झाड़ियों में घोंसला रखने का इंतजाम। पक्षी की सुरक्षा के लिए यह भी जरूरी होगा कि आसपास के वातावरण को स्वच्छ और प्राकृतिक बनाए रखा जाए, ताकि वह आसानी से भोजन और पानी प्राप्त कर सके।

भाषा की बात:

1. स्वर्ण-श्रृंखला और लाल किरण-सी में रेखांकित शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। कविता से ढूँढ़कर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए।

उत्तर: उदाहरण:

कनक-तीलियों।

तारक-अनार।

भूखे-प्यासे।

2. ‘भूखे-प्यासे’ में द्वंद्व समास है। इन दोनों शब्दों के बीच लगे चिह्न को सामासिक चिह्न (-) कहते हैं। इस चिह्न से ‘और’ का संकेत मिलता है, जैसे- भूखे=प्यासे भूखे और प्यासे।

• इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।

उत्तर: यहाँ द्वंद्व समास के दस अन्य उदाहरण दिए गए हैं, जिसमें दोनों शब्दों के बीच सामासिक चिह्न (-) होता है:

1. तन-मन – तन और मन।

2. दिन-रात – दिन और रात।

3. सच-झूठ – सच और झूठ।

4. आग-बर्फ – आग और बर्फ।

5. जीत-हार – जीत और हार।

6. दूर-नज़दीक – दूर और नज़दीक।

7. छोटे-बड़े – छोटे और बड़े।

8. अच्छे-बुरे – अच्छे और बुरे।

9. ऊँचा-नीचा – ऊँचा और नीचा।

10. अंधेरे-रोशनी – अंधेरे और रोशनी।

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