NCERT Class 12 Political Science Chapter 4 अंतर्राष्ट्रीय संगठन

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NCERT Class 12 Political Science Chapter 4 अंतर्राष्ट्रीय संगठन

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Chapter: 4

समकालीन विश्व राजनीति

1. निषेधाधिकार (वीटो) के बारे में नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। इनमें प्रत्येक के आगे सही या गलत का चिह्न लगाएँ।

(क) सुरक्षा-परिषद् के सिर्फ स्थायी सदस्यों को ‘वीटो’ का अधिकार है।

उत्तर: सही।

(ख) यह एक तरह की नकारात्मक शक्ति है।

उत्तर: सही।

(ग) सुरक्षा परिषद् के फ़ैसलों से असंतुष्ट होने पर महासचिव ‘वीटये’ का प्रयोग करता है।

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उत्तर: गलत।

(घ) एक ‘वीटो’ से भी सुरक्षा परिषद् का प्रस्ताव नामंजूर हो सकता है।

उत्तर: सही।

2. संयुक्त राष्ट्रसंघ के कामकाज के बारे में नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक के सामने सही या गलत का चिह्न लगाएँ।

(क) सुरक्षा और शाति से जुड़े सभी मसलों का निपटारा सुरक्षा परिषद् में होता है।

उत्तर: सही।

(ख) मानवतावादी नीतियों का क्रियान्वयन विश्वभर में फैली मुख्य शाखाओं तथा एजेंसियों के मार्फत होता है।

उत्तर: सही।

(ग) सुरक्षा के किसी मसले पर पाँचों स्थायी सदस्य देशों का सहमत होना उसके बारे में लिए गए फैसले के क्रियान्वयन के लिए जरूरी है।

उत्तर: सही।

(घ) संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा के सभी सदस्य संयुक्त राष्ट्रसंघ के बाकी प्रमुख अंगों और विशेष एजेंसियों के स्वतः सदस्य हो जाते हैं।

उत्तर: गलत।

3. निम्नलिखित में से कौन-सा तथ्य सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रस्ताव को ज्यादा वजनदार बनाता है?

(क) परमाणु क्षमता।

(ख) भारत संयुक्त राष्ट्रसंघ के जन्म से ही उसका सदस्य है।

(ग) भारत एशिया में है।

(घ) भारत की बढ़ती हुई आर्थिक ताकत और स्थिर राजनीतिक व्यवस्था।

उत्तर: (घ) भारत की बढ़ती हुई आर्थिक ताकत और स्थिर राजनीतिक व्यवस्था।

4. परमाणु प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग और उसकी सुरक्षा से संबद्ध संयुक्त राष्ट्रसंघ की एजेंसी का नाम है—

(क) संयुक्त राष्ट्रसंघ निरस्त्रीकरण समिति।

(ख) अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी।

(ग) संयुक्त राष्ट्रसंघ अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा समिति।

(घ) इनमें से कोई नहीं।

उत्तर: (ख) अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी।

5. विश्व व्यापार संगठन निम्नलिखित में से किस संगठन का उत्तराधिकारी है?

(क) जेनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ।

(ख) जेनरल रेंजमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ।

(ग) विश्व स्वास्थ्य संगठन।

(घ) संयुक्त राष्ट्रसंघ विकास कार्यक्रम।

उत्तर: (क) जेनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ।

6. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

(क) संयुक्त राष्ट्रसंघ का मुख्य उद्देश्य ___________है।

उत्तर: संयुक्त राष्ट्रसंघ का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय झगड़ों को रोकना और राष्ट्रों के बीच सहयोग की राह दिखाना है।

(ख) संयुक्त राष्ट्रसंघ का सबसे जाना-पहचाना पद________ का है।

उत्तर: संयुक्त राष्ट्रसंघ का सबसे जाना-पहचाना पद महासचिव का है।

(ग) संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद् में _________ स्थायी और ___________ अस्थायी सदस्य हैं।

उत्तर: संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद् में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य हैं।

(घ) _________ संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्तमान महासचिव हैं।

उत्तर: एंटोनियो गुटेरेस संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्तमान महासचिव हैं।

(च) मानवाधिकारों की रक्षा में सक्रिय दो स्वयंसेवी संगठन __________ और __________हैं।

उत्तर: मानवाधिकारों की रक्षा में सक्रिय दो स्वयंसेवी संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच हैं।

7. संयुक्त राष्ट्रसंघ की मुख्य शाखाओं और एजेंसियों का सुमेल उनके काम से करें—

1. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद्।

2. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय।

3. अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी।

4. सुरक्षा परिषद्।

5. संयुक्त राष्ट्रसंघ शरणार्थी उच्चायोग।

6. विश्व व्यापार संगठन।

7. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष।

8. आम सभा।

9. विश्व स्वास्थ्य संगठन।

10. सचिवालय।

(क) वैश्विक वित्त व्यवस्था की देखरेख।

(ख) अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का संरक्षण।

(ग) सदस्य देशों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण की चिंता।

(घ) परमाणु प्रौद्योगिकी का शांतिपूर्ण उपयोग और सुरक्षा।

(ङ) सदस्य देशों के बीच मौजूद विवादों का निपटारा।

(च) आपातकाल में आश्रय तथा चिकित्सीय सहायता मुहैया करना।

(छ) वैश्विक मामलों पर बहस मुबाहिसा।

(ज) संयुक्त राष्ट्रसंघ के मामलों का समायोजन और प्रशासन।

(झ) सबके लिए स्वास्थ्य।

(ञ) सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार की राह आसान बनाना।

उत्तर:

1. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद्।(ग) सदस्य देशों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण की चिंता।
2. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय।(ङ) सदस्य देशों के बीच मौजूद विवादों का निपटारा।
3. अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी।(घ) परमाणु प्रौद्योगिकी का शांतिपूर्ण उपयोग और सुरक्षा।
4. सुरक्षा परिषद्।(ख) अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का संरक्षण।
5. संयुक्त राष्ट्रसंघ शरणार्थी उच्चायोग।(च) आपातकाल में आश्रय तथा चिकित्सीय सहायता मुहैया करना।
6. विश्व व्यापार संगठन।(ञ) सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार की राह आसान बनाना।
7. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष।(क) वैश्विक वित्त व्यवस्था की देखरेख।
8. आम सभा।(छ) वैश्विक मामलों पर बहस मुबाहिसा।
9. विश्व स्वास्थ्य संगठन।(झ) सबके लिए स्वास्थ्य।
10. सचिवालय।(ज) संयुक्त राष्ट्रसंघ के मामलों का समायोजन और प्रशासन।

8. सुरक्षा-परिषद् के कार्य क्या हैं?

उत्तर: सुरक्षा परिषद् के कार्य हैं अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का संरक्षण करना। यह युद्ध और शांति के मामलों पर चर्चा करती है। यह परिषद ऐसे सभी मामलों पर विचार करती है जो वैश्विक शांति के लिए खतरा बन सकते हैं, और किसी भी देश द्वारा भेजी गई शिकायतों पर निर्णय भी ले सकती है। सुरक्षा परिषद अपने प्रस्तावों और निर्णयों को लागू कराने के लिए सैनिक कार्यवाही करने की शक्ति रखती है। उदाहरणस्वरूप— इराक के विरुद्ध सैनिक कार्रवाई का निर्णय भी इसी परिषद ने लिया था।

9. भारत के नागरिक के रूप में सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता के पक्ष का समर्थन आप कैसे करेंगे? अपने प्रस्ताव का औचित्य सिद्ध करें।

उत्तर: भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए हम भारत की बढ़ती हुई आर्थिक ताकत और स्थिर राजनीतिक व्यवस्था का उल्लेख करेंगे क्योंकि यह सुरक्षा परिषद् में एशिया का बेहतर प्रतिनिधित्व करेगी। भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है और साथ ही यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र भी है। संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति स्थापना पहल में भारत ने निरंतर सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति के रूप में पहचान बना रहा है। भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में नियमित योगदान करता रहा है और उसने कभी भी अपने भुगतान में चूक नहीं की है। साथ ही, भारत ने हमेशा शीतयुद्ध, सैन्य गुटबंदी और ध्रुवीकरण जैसी प्रवृत्तियों का विरोध किया है। भारतीय संस्कृति सदैव ही अहिंसा, शान्ति, सहयोग की समर्थक रही है, अतः भारत को सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य बनाना चाहिए।

10. संयुक्त राष्ट्रसंघ के ढाँचे को बदलने के लिए सुझाए गए उपायों के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें?

उत्तर: संयुक्त राष्ट्रसंघ के ढाँचे को बदलने के लिए सुझाए गए उपायों के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयाँ इस तथ्य से उपजी हैं कि सदस्य देश सुधारों की प्रकृति पर सहमत नहीं हैं। खासकर सुरक्षा परिषद् की सदस्यता का विस्तार कैसे किया जाए और किन देशों को शामिल किया जाए, इस पर आम सहमति का अभाव है। उदाहरण के लिए सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि किस मापद्ड के आधार पर सुसक्षा-परिष्द् कर स्थायी एवं अस्थायी सदस्यता बढ़ाई जाए। यदि हम मानवाधिकार के अच्छे रिकोई के आधार पर सुरका-परिषद् कर्ड सदस्यता बढ़ाते हैं, तो ऐसे देशों की संख्या बहुंत अधिक है, जिनका मानवाधिकार रिकाई बहुत अच्छा है, अनः सभ को सुरक्षा-परिशद् की सदस्यता नहीं दी जा सकती। एक समस्या यह है कि सदस्य देशों को भौगोलिक आधार प्रतिनिधित्व दियां जाए या किसी अन्य आधार पर। यदि सुरक्षा परिषद की सदस्य संख्या को केवल आर्थिक आधार पर बढ़ाया जाए, तो विकासशील देशों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाएगा। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पांच स्थायी सदस्यों को प्राप्त वीटो शक्ति समाप्त कर दी जानी चाहिए, लेकिन ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर स्थायी सदस्य देश सहमत नहीं होंगे। इस प्रकार की स्थितियाँ संयुक्त राष्ट्र संघ में आवश्यक सुधारों के मार्ग में बाधाएँ उत्पन्न करती हैं।

11. हालाँकि संयुक्त राष्ट्रसंघ युद्ध और इससे उत्पन्न विपदा को रोकने में नाकामयाब रहा है लेकिन विभिन्न देश अभी भी इसे बनाए रखना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ को एक अपरिहार्य संगठन मानने के क्या कारण हैं।

उत्तर: संयुक्त राष्ट्रसंघ को एक अपरिहार्य संगठन मानने के कारण यह हैं कि यह अंतर्राष्ट्रीय झगड़ों को रोकने और राष्ट्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। यह विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर देशों को एक साथ लाता है। विश्वभर की जटिल समस्याओं जैसे युद्ध, जलवायु परिवर्तन, शरणार्थी संकट आदि के समाधान हेतु यह एकमात्र मंच है जहाँ सभी देश मिलकर विचार-विमर्श करते हैं। सहमति, सहयोग और संवाद के माध्यम से यह संगठन देशों के बीच आपसी समझ और शांति का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे इसे एक अनिवार्य और प्रभावशाली वैश्विक संस्था के रूप में स्वीकार किया जाता है। यह युद्ध रोकने में भले पूरी तरह सफल न रहा हो, फिर भी मानवाधिकारों की रक्षा, आर्थिक-सामाजिक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, और सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। कंबोडिया, नामीबिया जैसे देशों में शांति स्थापना के प्रयास और जलवायु परिवर्तन व आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए यह एक आवश्यक संस्था बना हुआ है।

12. संयुक्त राष्ट्रसंघ में सुधार का अर्थ है सुरक्षा परिषद् के ढाँचे में बदलाव। इस कथन का सत्यापन करें।

उत्तर: संयुक्त राष्ट्रसंघ में सुधार का अर्थ है सुरक्षा परिषद् के ढाँचे में बदलाव, यह कथन सत्य है।  सुरक्षा परिषद् के कामकाज और सदस्यता को लेकर ही सबसे अधिक बहस है। संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों में सुरक्षा परिषद् अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार का अर्थ है- सुरक्षा परिषद् के ढाँचे में निश्चित रूप से बदलाव। सुरक्षा परिषद् में वर्तमान में कुल 15 सदस्य हैं जिनमें 10 अस्थायी और 5 स्थायी हैं। इन 5 स्थायी सदस्य देशों में अमेरिका, फ्रांस, रूस, इंग्लैण्ड और चीन हैं। इन पाँच स्थायी सदस्यों को प्रस्तावों पर वीटो शक्ति प्राप्त है, जिससे सुरक्षा परिषद् पर उनका वर्चस्व बना रहता है। लगभग सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय इन्हीं देशों द्वारा लिए जाते हैं, जिससे अन्य देशों में असंतोष की भावना उत्पन्न होती है। वे चाहते हैं कि स्थायी सदस्यों की यह वीटो शक्ति समाप्त की जाए। यदि ऐसा कोई सुधार संयुक्त राष्ट्र संघ में होता है, तो सुरक्षा परिषद् की संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन संभव है।

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