Assam Jatiya Bidyalay Class 6 Hindi Chapter 3 असम के संगीत-जगत के सितारे डॉ. भूपेन हाजरिका

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असम के संगीत-जगत के सितारे डॉ. भूपेन हाजरिका

Chapter – 3

অসম জাতীয় বিদ্যালয়

পাঠভিত্তিক ক্রিয়াকলাপৰ প্রশ্নোত্তৰ


১৯২৬ চনৰ ৪ চেপ্তেম্বৰত সঙ্গীত সম্রাট ড° ভূপেন হাজৰিকাৰ শদিয়াত জন্ম হৈছিল। তেওঁৰ দেউতাকৰ নাম নীলকান্ত হাজৰিকা আৰু মাকৰ নাম শান্তিপ্রিয়া হাজৰিকা। তেওঁ মাকৰ পৰা সঙ্গীত সাধনাৰ প্ৰেৰণা পাইছিল। ১০ বছৰ বয়সতে তেওঁ তেজপুৰৰ এক সঙ্গীত অনুষ্ঠানত শ্ৰীমন্ত শংকৰদেৱ আৰু মাধৱদেৱৰ দ্বাৰা ৰচিত বৰগীত গাইছিল। তেতিয়াই তেওঁ প্ৰসিদ্ধ ব্যক্তি জ্যোতিপ্ৰসাদ আগৰৱালা আৰু বিষ্ণু প্ৰসাদ ৰাভাৰ সংস্পৰ্শলৈ আহে। ১৯৩৬ চনত ভূপেন হাজৰিকাই তেওঁলোকৰ লগত কলিকতালৈ যায় আৰু তাত প্ৰথম গীত বাণীবদ্ধ কৰে। ইয়াৰ পিচত ভূপেন হাজৰিকাই ইন্দ্ৰমালতীৰ দুটা গান গায়। ১৩ বছৰ বয়সতে তেওঁ প্ৰথম গীত ‘অগ্নি যুগৰ ফিঙতি মই’ গানটো ৰচনা কৰে আৰু গায়।

ভূপেন হাজৰিকাই প্ৰাৰম্ভিক শিক্ষা সোণাৰাম হাইস্কুলত লয়। আই. এ. পরীক্ষা কটন কলেজৰ পৰা পাচ কৰে। স্নাতক আৰু স্নাতকোত্তর ডিগ্রী বেনাৰস হিন্দু বিশ্ববিদ্যালয়ৰ পৰা গ্ৰহণ কৰে। তেওঁ কম সময়ৰ বাবে আকাশবাণীত কাম কৰে আৰু সেই সময়তে ছাত্র বৃত্তি লৈ কলম্বিয়া বিশ্ববিদ্যালয়লৈ ডক্টৰেট ডিগ্ৰীৰ বাবে যায়। ভূপেন হাজৰিকাৰ কেইটামান জনপ্রিয় গীত হ’ল— বিস্তীর্ণ পাৰেৰে, মই এটি যাযাবৰ, গঙ্গা মোৰ মা, বিমূৰ্ত্ত মোৰ নিশাটি যেন, মানুহে মানুহৰ বাবে ইত্যাদি। তেওঁ সকলো গানতে লোক-সঙ্গীতৰ প্ৰয়োগ কৰে। ২০১১ চনৰ ৫ নবেম্বৰ তাৰিখে ভূপেন হাজৰিকাই মৃত্যু বৰণ কৰে। তেওঁৰ নশ্বৰ দেহ গুৱাহাটীৰ জৰ্জ খেলপথাৰত ৰখা হৈছিল। তেওঁৰ অন্তিম সংস্কাৰত ভিন ভিন সম্প্ৰদায়ৰ মানুহ গোট খাইছিল। এইটো আমাৰ দেশৰ ইতিহাসত এটা উল্লেখযোগ্য ঘটনা।

अभ्यास माला 

शब्दार्थ :

बरगीत – श्रेष्ठ या महान गीत (মাধৱদেৱে ৰচনা কৰা গীত)

मुलाकात – भेट (লগপোৱা)

मौजूद – उपस्थित (উপস্থিত)

अनोखी – निराली (মধুৰ, বিস্ময়কৰ)

प्रश्न – १ : उत्तर दो :

(क) डॉ. भूपेन हाजरिका का परिचय दो।

उत्तर : डॉ. भूपेन हाजरिका का जन्म सन् १९२६ई. के ८ सितम्बर को शदिया नामक स्थान में हुआ था। उनके पिता नीलकान्त हाजरिका और माता शांतिप्रिया हाजरिका थी।

(ख) डॉ. भूपेन हाजरिका का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?

उत्तर : डॉ. भूपेन हाजरिका का जन्म सन १९२६ ई. ८ सितम्बर को असम के शदिया नामक स्थान में हुआ था। 

(ग) हाजरिका जी ने उच्च शिक्षा कहां से प्राप्त की ?

उत्तर : हाजरिका जी ने उच्च शिक्षा को लम्बिया विश्वविद्यालय से प्राप्त की। 

(घ) डॉ. भूपेन हाजरिका जी के संगीत जीवन के बारे में लिखो।

उत्तर : डॉ. भूपेन हाजरिका जी का जीवन संगीत मय था। वे बाल्य काल से ही संगीत में रुचि रखते थे। मात्र १० वर्ष की उम्र में उन्होंने तेजपुर के एक संगीत कार्यक्रम में श्रीमंत शंकरदेव और माधवेदव द्वारा रचित बरगीत गाये थे। उसी समय उनकी मुलाकात असम के दो प्रसिद्ध व्यक्ति ज्योति प्रसाद अगरवाला और विष्णु प्रसाद राभा से हुई। सन् १९३६ ई. में भूपेन हाजरिका जी उनके साथ कोलकाता गये, जहाँ उन्होंने अपना पहला गीत रिकॉर्ड किया। इस तरह वे अपने संगीत मय जीवन में आगे बढ़ते गये।

(ङ) हाजरिका जी की मृत्यु कब हुई थी ? 

उत्तर : सन् २०११ ई. के ५ नवंबर को हाजरिका जी की मृत्यु हुई थी।

(च) हाजरिका जी कब विष्णु प्रसाद राभा और ज्योति प्रसाद आगरवाला जी से मिले थे ? 

उत्तर : सन् १९३६ ई. में हाजरिका जी विष्णुप्रसाद राभा और ज्योतिप्रसाद आगरवाला जी से मिले थे।

(छ) हाज़रिका जी के माता-पिता कौन थे ? 

उत्तर : हाजरिका जी के माता ‘शांतिप्रिया हाजरिका’ और पिता नीलकान्त हाजरिका’ थे।

प्रश्न – २ : गीतों के निम्नलिखित प्रकारों के बारे में जानकारी हासिल करो और उन पर एक-एक इनुच्छेद लिखकर शिक्षक / शिक्षिका को दिखाओ

(क) बरगीत

(ख) रवीन्द्र संगीत 

(ग) ज्योति संगीत

(घ) विष्णुराभा संगीत 

(ङ) गोवालपरीया गीत

(च) लोकगीत

उत्तर : छात्र खुद करके शिक्षक / शिक्षिका को दिखायें।

प्रश्न – ३ : निम्नलिखित मुहावरों से वाक्य बनाओं। 

श्रीगेणश करना, आँखों का तारा, ईद का चाँद होना, पानी-पानी होना।

उत्तर : श्रीगेणश करना : (आरम्भ करना) दिनेश अपने कारोवार का श्रीगणेश किया।

आँखों का तारा : (बहुता प्यारा) श्री राम दशरथ के आँखों के तारा थे। 

ईद का चाँद होना : (बहुत देर से मिलना) मोहन तुम तो ईद के चाँद हो गये हो।

पानी-पानी होना : (लज्जित होना) ऐसा काम मत करो जिससे समाज में पानी-पानी होना परे।

प्रश्न -४ : डॉ. भूपेन हाजरिका जी के कुछ प्रमुख गीतों का संग्रह करके कक्षा में चर्चा करो।

उत्तर : छात्र खुद करें।

खगेन महंत | খগেন মহন্ত

খগেন মহন্ত অসমৰ পৰম্পৰাগত লোকগীতৰ শিল্পী আছিল। তেওঁক অসমীয়া সঙ্গীত জগতত বিহু সম্রাট হিচাপে জনা যায়। অসমীয়া সমাজত তেওঁ গোৱা বিহুগীত, বৰগীত আৰু লোকগীত বহুত জনপ্রিয়।

খগেন মহন্তৰ জন্ম অসমৰ নগাওত হৈছিল। তেওঁৰ দেউতাক হবেন্দ্র নাথ মহস্ত আৰু মাক লক্ষ্মীপ্রিয়া দেৱী। সৰুকালৰ পৰাই সঙ্গীতত তেওঁৰ খুব কচি আছিল। ১৫ বছৰ বয়সতে লিঙৰ এখন সঙ্গীতানুষ্ঠানত ভাগ লৈছিল আৰু তেওঁৰ আৱাজৰ বাবে দৰ্শকৰ পৰা ভূয়সী প্রশংসা লাভ কৰিছিল।

১৯৬০ চনত ভাষা আন্দোলনৰ বাবে বিষ্ণু প্ৰসাদ ৰাভা, হেমাঙ্গ বিশ্বাস আৰু যুগল দাসৰ লগত সম্পর্ক হৈছিল। সেইবাবে তেওঁ নিপীড়িত মানুহৰ যৌথ সংগ্রাম সমিতিৰ সদস্য হয়। তেওঁ নিজৰ মানৱীয় প্ৰমূল্যবোধ আৰু মধুৰ আৱাজৰ বাবে মানুহৰ মাজত জনপ্রিয় আছিল। তেওঁ বিশ্ব শান্তি উৎসৱতো ভাগ লৈছিল। তেওঁ আকাশবাণীৰ A গ্রেডৰ শিল্পী আছিল। অসমীয়া সঙ্গীতৰ প্ৰায় সকলো শৈলীতে যেনে— লোকগীত, নিচুকণি গীত, বিহুগীত আদি গাইছিল। তেওঁৰ সঙ্গীত প্ৰতিভাৰ বাবে অসমীয়া সমাজত এক গুৰুত্বপূৰ্ণ স্থান পাইছিল। তেওঁ প্ৰতিভাৰ বাবে সঙ্গীত জগতত বহুতো সন্মান বুটলিবলৈ সক্ষম হৈছিল। ১৯৯২চনত তেওঁ সঙ্গীত নাটক একাডেমী বঁটা লাভ কৰে। ইয়াৰ বাহিৰেও ১৯৯৪ চনত শ্ৰীময়ী পুৰষ্কাৰ আৰু ১৯৯৯ চনত সঙ্গীতাচার্য উপাধি লাভ কৰে।

২০১৪ চনত গুৱাহাটীৰ নিজা বাসভৱনত তেওঁ মৃত্যু বৰণ কৰে।

शब्दार्थ :

आख्याता – आख्यन करने वला (আখ্যান বনোৱা লোক) 

निवास – आवास (আৱাস)

दौरान – समय भीतर (সেই হেতুকে, যাৰ বাবে)

प्रश्न – १ : उत्तर दो : 

(क) खगेन महंत जी असमिया संगीत की किस धारा के प्रमुख गायक रहे थे ? 

उत्तर : खगेन महंत जी असमिया संगीत की लोकगीतों की धारा के प्रमुख गायक थे।

(ख) खगेन महंत जी के पारिवारिक जीवन के बारे में लिखो। 

उत्तर : खगेन महंत जी का जन्म असम के नगाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम हरेन्द्रनाथ महंत और माता का नाम लक्ष्मीप्रिया देवी था। बचपन से ही उन्हें संगीत में काफी रूचि थी। 

(ग) महंत जी कौन से संगीत समुदाय के सदस्य बने थे ?

उत्तर : महंत जी हारमोनी’ संगीत समुदाय के सदस्य बने थे। 

(घ) सन् १९६० ई. के भाषा आन्दोलन के दौरान आप किन से मिले थे ? 

उत्तर : सन् १९६० ई. के भाषा आन्दोलन के दौरान उनकी मुलाकात विष्णुप्रसाद राभा, हेमांग विश्वास तथा युगल दास से हुई। 

(ङ) खगेन महंत जी कौन-कौन से सम्मान तथा पुरस्कारों के अधिकारी बने थे ?

उत्तर : खगेन महंत जी सन् १९९२ ई. में “संगीत नाटक अकाडमी” पुरस्कार, सन् १९९४ ई. में “श्रीमयी पुरस्कार” तथा सन १९९९ ई. में “संगीताचार्य” पुरस्कार के अधिकारी बने थे।

प्रतिमा बरूवा पांडे | প্ৰতিমা বৰুৱা পাণ্ডে

অসমৰ প্ৰসিদ্ধ লোকগীত গায়িকা প্রতিমা পাণ্ডে বৰুৱা সঙ্গীত জগতৰ এক মহান হস্তী আছিল। তেওঁৰ জন্ম ১৯৩৫ চনৰ ৩ অক্টোবৰ তাৰিখে কোলকাতায় হৈছিল। তেওঁৰ দেউতাক আছিল প্রাকৃতিস বৰুৱা। তেওঁ বিখ্যাত চলচ্চিত্র অভিনেতা প্রমথেশ বৰুৱাৰ ভতিজা আছিল। তেওঁ হস্তীৰ কন্যা আৰু মাহুত বন্ধু আদি গোৱালপৰীয়া লোকগীতৰ বাবে বিখ্যাত আছিল।

তেওঁ প্ৰাৰম্ভিক শিক্ষা গোখলে মেম’ৰিয়েল স্কুলত গ্ৰহণ কৰিছিল। ইয়াৰ পিচত তেওঁ গৌৰীপুৰলৈ ঘূৰি আহিল আৰু গৌৰীপুৰৰ উচ্চ বালিকা বিদ্যালয়ত শিক্ষা গ্ৰহণ কৰে। তেওঁ বেচিভাগ সময় গৌৰীপুৰতে সুন্দৰ বাতাবৰণত কটাইছিল। পঢ়ি থাকোতে তেওঁ স্কুলত ৰবীন্দ্ৰ সংগীত চৰ্চা কৰিছিল। কিন্তু সংগীতৰ তেওঁৰ কোনো আনুষ্ঠানিক শিক্ষা নাছিল। তেওঁৰ দেউতাক তেওঁৰ বাবে প্ৰেৰণা আছিল। ১৯৫৫ চনত ভূপেন হাজৰিকাই এটা সামাজিক কাৰ্যসূচীত ভাগ লবলৈ গৌৰীপুৰত গৈছিল তেতিয়াই প্ৰতিমা পাণ্ডেৰ গান শুনি মুগ্ধ হৈছিল।

প্রতিমা পাণ্ডেৰ কিছু জনপ্রিয় গান এনেধৰণৰ কমলা সুন্দৰী নাচে, দুদিনের ভালোবাসা, ও মোৰ মাহুত বন্ধুৰে, সোণাৰ চন্দ্ৰ চন্দ চন্দৰে। ইত্যাদি। 

গোৱালপৰীয়া লোকগীতক সমৃদ্ধশালি কৰা বাবে তেওঁ পদ্মশ্রী আৰু সঙ্গীত নাটক একাডেমী বঁটা লাভ কৰে। ২০০২চনৰ ২৭ ডিচেম্বৰত প্ৰতিমা পাণ্ডেৰ মৃত্যু বৰণ কৰে।

शब्दार्थ :

अमूल्य – जिसे मूल्य (कीमत) देकर खरीदा न जा सके। (অমূল্য যিটো মূল্য দি কিনিব নোৱাৰি)

देहावसान – मृत्यु, मौत (মৃত্যু)

अभ्यास माला

पशन – १ : उतर दो :

(क) प्रतिमा बरूवा पाण्डे जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?

उत्तर ; प्रतिमा बरूवा पाण्डे जी का जन्म सन् १९३५ ई. के ३ अक्टूबर को कोलकाता में हुआ था। 

(ख) प्रतमा ज a माता-पिता कौन थे ?

उत्तर : पिता प्राकृतिस बरूवा।

(ग) प्रतिमा पाण्डे जी कौन से गीतों के लिए अधिक लोगप्रिय रहीं ?

उत्तर : प्रतिमा पाण्डे जी गोवालपरीया लोक गीतो के लिए अधिक लोकप्रिय रहीं। 

(घ) असम के सांस्कृतिक जगत में किस उपनाम से प्रतिमा जी जानी जाती है ?

उत्तर : हस्तीर कन्या l

(ङ) प्रतिमा बरूवा पाण्डे जी की मुलाकात डॉ. भूपेन हाजरिका जी से कब और कैसे हुई थी ? 

उत्तर : सन् १९५५ ई. में डॉ. भूपेन हाज़रिका एक सामाजिक कार्य में भाग लेने के लिए गौरीपुर गये थे। वहीं पर गोवालपरीया बोली में प्रतिमा बरूवा पाण्डे ने लोक गीत गायी, जिसे सुनकर हाजरिका जी मोहित हो गए थे। इस प्रकार उनकी मुलाकात डॉ भूपेन हाजरिका जी से हुई थी।

(च) प्रतिमा बरूवा पाण्डे जी को अपनी गायकी के लिए कौन-कौन से पुरस्कारों से सन्मानित किया गया।

उत्तर : प्रतिमा बरूवा पाण्डे जी की अपनी गायकी के लिए “पद्मश्री” और “संगीत नाटक अकाडेमी पुरस्काहों से सम्मनित किया गया। 

(छ) किस तरह के गीतों के लिए प्रतिमा जी जनमानस में सदा अमर रही हैं ? 

उत्तर : गोवालपरीया लोक गीतों के लिए प्रतिमा जी जनमानस में सदा अमर रही हैं।

भाषा-अध्ययन

(क) वाक्य वनाओं :

प्रशिक्षण, प्रशंसा, मशहूर, लोकप्रिय

प्रशिक्षण : प्रतिमा जी विद्यालय में ‘रवीन्द्र संगीत’ का प्रशिक्षण लिया था। 

प्रशांसा : प्रतिभावान का प्रशंसा करनी चाहिए। 

मशहूर : गोवालपरीया लोकगीत के लिए प्रतिमा जी मशहूर थी।

लोकप्रिय : प्रतिमा बरूवा पाण्डे के कुछ लोकप्रिय गीत हैं- ‘माटिर मानुह’ ‘माटिर पिंजरा’, ‘कमला सुन्दरी नाचे’ ‘दुई दिनेर भालोबासा’, ‘ओ मोर माहुत बन्धुरे’ ‘सोनार चन्द चन्दरे’

(ख) पर्यायवाची शब्दों की जानकारी :

आकाश – गगन, आसमान 

पृथ्वी – धरा, धरती।

इस प्रकार निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो :

मधुर : मधु (मिश्री)   मीठा

प्रशिद्ध : ख्याति   प्रख्यात

पिता : जनक   पितृ

माँ : जननी   माता

मृत्यु : मौत   मरण

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