NCERT Class 9 Hindi Kshitij Chapter 12 मेघ आए

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NCERT Class 9 Hindi Kshitij Chapter 12 मेघ आए

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Chapter: 12

क्षितिज

काव्य-खंड

प्रश्न-अभ्यास

1. बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।

उत्तर: बादलों के आने पर प्रकृति में भिन्न तरह के परिवर्तन आते हैं। उनके आने की सूचना बयार गीत गुनगुनाते हुए देती है। लोग अतिथि सत्कार के लिए घर के दरवाज़े तथा खिड़कियाँ खोल देते हैं। तेज हवा से पेड़ झूमने लगते हैं, दरवाजे और खिड़कियाँ खुलने बंद होने लगती हैं, लताएँ डोलने लगती हैं, नदी में हलचल होने लगती और तालाब में भी उथल पुथल होने लगता है। सबसे वरिष्ठ सदस्य की भांति बूढ़ा पीपल आगे बढ़कर आंधी का स्वागत करता है। तालाब पानी से भर जाते हैं, आकाश में बिजली चमकती है और वर्षा की बूंदें मिलन के आँसू बनकर धरती पर गिरती हैं।

2. निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं?

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(i) धूल।

उत्तर: धूल: विनम्रता, क्षणभंगुरता, अथवा शोषित वर्ग का प्रतीक हो सकता है।

(ii) पेड़।

उत्तर: पेड़: स्थायित्व, संरक्षण, पुरुषत्व, अथवा नगरवासी का प्रतीक हो सकता है।

(iii) नदी।

उत्तर: नदी: प्रवाह, स्त्रीत्व, जीवन अथवा समय का प्रतीक हो सकती है।

(iv) लता।

उत्तर: लता: कोमलता, आश्रितता, अथवा प्रेम में व्याकुल नायिका का प्रतीक हो सकती है।

(v) ताल।

उत्तर: ताल: गहराई, स्थिरता, अथवा सेवक का प्रतीक हो सकता है।

3. लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?

उत्तर: लता ने बादल रुपी मेहमान को किवाड़ की ओट से देखा क्योंकि वह अपने प्रियतम के कई दिनों के बाद आने पर उनसे रुठी हुई है और उन्हें देखे बिना रह नहीं पाती।

4. भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की।

उत्तर: नायिका को यह भ्रम था कि उसके प्रिय अर्थात् मेघ नहीं आएँगे परंतु बादल रूपी नायक के आने से उसकी सारी शंकाएँ मिट जाती है। इसलिए, वह क्षमा याचना कर रहे हैं कि पहले की गई भूलों के लिए उन्हें माफ कर दिया जाए। यह पंक्ति आत्मबोध, पश्चाताप और सत्य की पहचान का प्रतीक है।

(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।

उत्तर: मेघ के आने का प्रभाव सभी पर पड़ा है। नदी ठिठकी तथा उठकर ऊपर देखने की चेष्टा में उसका घूँघट सरक गया। और वह अपनी तिरछी नजरों से आए हुए अतिथि को ध्यानपूर्वक देखने लगती है।

5. मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?

उत्तर: मेघ रूपी मेहमान के आने से हवा के तेज बहाव के कारण आँधी तेज़ी से चलने लगती है, जिससे दरवाजे और खिड़कियाँ स्वतः खुलने लगते हैं। पेड़ अपने संतुलन को खोने लगते हैं, जबकि नदी और तालाब का पानी उथल-पुथल मचाने लगता है। यहाँ तक कि वर्षों पुराना पीपल का पेड़ भी हवा के थपेड़ों से झुक जाता है। अंत में बिजली कड़कने के साथ वर्षा होने है।

6. मेघों के लिए ‘बन-ठन के साॅंवर के’ आने की बात क्यों कही गई है?

उत्तर: बहुत दिनों तक न आने के कारण गाँव में मेघ की प्रतीक्षा की जाती है। जिस प्रकार दामाद लंबे समय बाद घर आते हैं, वैसे ही मेघ भी काफी समय बाद आ पहुँचे हैं। अतिथि जब घर आते हैं, तो अक्सर उनके विलंब का कारण उनका साज-सज्जा में समय लगाना ही होता है। कवि ने मेघों में सजीवता डालने के लिए मेघों के ‘बन-ठन के, सँवर के’ आने की बात कही है।

7. कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।

उत्तर: (i) “आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली” – यहाँ बयार (हवा) को नाचते-गाते हुए दिखाया गया है, जो मानव-सुलभ गुण है।

(ii) मेघ आए बड़े बन-ठन के सॅवर के – मेघ का दामाद के रुप में मानवीकरण हुआ है।

(iii) बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की पीपल का पुराना वृक्ष गाँव के सबसे बुजर्ग आदमी के रुप में है।

(iv) “नदी ठिठकी, घूँघट सरके” – यहाँ नदी को एक लज्जित स्त्री की तरह दर्शाया गया है, जो घूँघट हटाकर झाँक रही है।

8. कविता में जिन रीति-रिवाजों का सार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।

उत्तर: कविता में रीति-रिवाज़ों के माध्यम से वर्षा ऋतु का चित्रण किया गया है। मेहमान के आगमन से पूरे गाँव में उल्लास और उमंग का माहौल छा जाता है। सभी लोग अपने-अपने तरीके से उनके स्वागत में लग जाते हैं। गाँव की स्त्रियाँ संकोचवश पर्दा करने लगती हैं, बुजुर्ग श्रद्धा से झुककर अभिवादन करते हैं, और पैरों को धोने के लिए परात में पानी लाया जाता है। इस प्रकार से इस कविता में कुछ ग्रामीण रीति-रिवाजों का चित्रण हुआ है।

9. कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।

उत्तर: कवि ने अपनी इस कविता में बादलों के आने पर उसी उल्लास को दिखाया है जैसा गावं में दामाद के आने पर होता है। कवि कहता है कि बादलों के आने पर हवा ऐसे नाचते गाते हुए चलने लगती है जैसे कोई स्त्री ख़ुशी से झूम उठी हो। तेज़ हवा से लहराते हुए वृक्ष यानी की ग्रामवासी सिर उठाकर बादल रुपी मेहमान को देखने का प्रयास करते है।

10. काव्य-सौंदर्य लिखिए-

पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।

मेघ आए बड़े वन-ठन के सँवर के।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियों में पाहून अर्थात् दामाद के रूप में प्रकृति का मानवीकरण हुआ है। कवि ने प्रस्तुत कविता में चित्रात्मक शैली का सुंदर प्रयोग किया है, जिससे बादलों के सौंदर्य का मनोरम चित्रण हुआ है। कविता की भाषा सरल, सहज और प्रभावशाली है, जिसमें ग्रामीण परिवेश की झलक मिलती है। उदाहरण के लिए, “पाहन” जैसे शब्दों का प्रयोग कविता को और अधिक सहज व प्राकृतिक बनाता है। यहाँ पर बन ठन में ब वर्ण की आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार है।

रचना और अभिव्यक्ति

11. वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।

उत्तर: वर्षा के आने पर वातावरण में ठंड बढ़ जाती है। बारिश के बाद पेड़-पौधे ताजे और हरे-भरे दिखाई देने लगते हैं। गड्ढों में पानी भर जाता है, और सड़कों की सतह चमक उठती है। बच्चे उल्लासपूर्वक बारिश का आनंद लेते नजर आते हैं। हालांकि, सड़कों पर पानी जमा होने के कारण चलने में असुविधा होती है, जिससे यातायात में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। वातावरण में गरमी की समाप्ति होने से लोगों को राहत मिलती है।

12. कवि ने पीपल को ही बड़ा बुज़ुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए।

उत्तर: पीपल वृक्ष की आयु सभी वृक्षों से बड़ी होती है। गाँवों में पीपल वृक्ष का विशेष धार्मिक महत्व होता है, इसलिए इसकी पूजा की जाती है। इसी कारण गाँव में पीपल वृक्ष का होना अनिवार्य माना जाता है। प्राचीन समय से ही लोग इसे आस्था और पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर देखते आए हैं। पूजनीय होने के कारण पीपल को बड़ा बुज़ुर्ग कहा गया है।

13. कविता में मेघ को ‘पाहुन’ के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नज़र आते हैं, लिखिए।

उत्तर: हमारे यहाँ अतिथि को देवता तुल्य मन गया है। आज भी लोग इस परंपरा का पालन करते हैं, लेकिन बदलते समाज के साथ इसमें कई परिवर्तन आए हैं। इसके पीछे विभिन्न कारण हैं, जैसे संयुक्त परिवारों का टूटना, शहरीकरण, पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ता झुकाव, महँगाई और व्यस्त जीवनशैली। इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप, आज का मनुष्य अधिक आत्मकेंद्रित होता जा रहा है। उसके पास न केवल दूसरों के लिए समय की कमी है, बल्कि सहायता करने की इच्छा भी धीरे-धीरे कम होती जा रही है। और परिणामस्वरूप यह परम्परा धीरे-धीरे गायब होती जा रही है।

भाषा अध्ययन

14. कविता में आए मुहावरों को छाँटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।

उत्तर: (i) बन-ठन के – (तैयारी के साथ) मेहमान हमेशा बन-ठन के आते हैं।

(ii) सुधि लेना – (खबर लेना) मैंने अपने प्रिया मित्र की कई दिनों तक सुधि नहीं ली है।

(iii) गाँठ खुलना – (समस्या का समाधान होना) आपसी बातचीत द्वारा मन की कई गाँठे खुल जाती है।

15. कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।

उत्तर: बयार, पाहून, उचकाना, जुहार, सुधि-लीन्हीं, किवार, अटारी, बन-ठन, बाँकी, परात।

16. मेघ आए कविता की भाषा सरल और सहज है-उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: ‘मेघ आए’ कविता की भाषा सरल तथा सहज है।

निम्नलिखित उदाहरणों द्वारा इसे स्पष्ट किया जा सकता है–

(i) मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।

(ii) पाहून ज्यों आए हो गाँव में शहर के।

(iii) पेड़ झुककर झाँकने लगे गरदन उचका 

(iv) बरस बाद सुधि लीन्हीं।

(v) पेड़ झुककर झाँकने लगें।

उपर्युक्त पंक्तियों में ज़्यादातर आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है।

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