Niketan Class 8 Hindi Chapter 5 उससे न कहना

Niketan Class 8 Hindi Chapter 5 उससे न कहना is the answer to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters Shankardev Sishu Niketan Class 8 Hindi Chapter 5 उससे न कहना and select need one.

Niketan Class 8 Hindi Chapter 5 उससे न कहना

Join Telegram channel

Also, you can read the Assam Board book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per SCERT (CBSE) Book guidelines. These solutions are part of Shankardev Sishu Niketan All Subject Solutions. Here we have given Assam Board Shankardev Vidya Niketan Class 8 Hindi Chapter 5 उससे न कहना Solutions for All Subjects, You can practice these here…

उससे न कहना

Chapter – 5

HINDI

SHANKARDEV SISHU VIDYA NIKETAN

TEXTUAL QUESTIONS AND ANSWERS


1. (क) प्रस्तुत एकांकी में कुल कितने पात्र है ? सभी पात्रों के नाम लिखो।

उत्तर :- प्रस्तुत एकांकी में कुल तीन पात्र है।

सभी पात्रों के नाम हैं- बलवीर, लाजवंती, रुक्मिणी । 

(ख) बलवीर और लाजवंती में किस बात पर बहस हो रही थी ? 

उत्तर :- बलवीर और लाजवंती में घर के काम तथा फौज में भर्ती होने की बात पर बहस हो रही थी।

(ग) लाजवंती बलवीर को फौज में भर्ती होने से क्यों रोक रही थी ? 

उत्तर :- बलवीर अगर फौज में भर्ती हो गया तो लाजवंती को घरके कामों में सहायता करने कोई नहीं रहेगा। इसके अलावा बलवीर का बड़ा भाई फौज में भर्ती हो चुका है और उसका अभी तक कोई खबर नहीं आया है। इसलिए लाजवंती बलवीर को फौज में भर्ती होने से रोक रही थी।

(घ) बलवीर के पिता की मृत्यु केसे हुई थी ? 

उत्तर :- बलवीर के पिता की मृत्यु अंगरेजों की लड़ाई में पूरी सात गोलियाँ उसकी छाती में लगने पर हुई थी।

(ङ) बलवीर किसलिए फौज में भर्ती होना चाहता था ? 

उत्तर :- बलवीर अपने देश से बहुत प्यार करता था और उसके सभी साथी फौज में भर्ती हो रहे थे। इसलिए बलवीर फौज में भर्ती होना चाहता था। 

(च) हिन्दुस्तान पर किसने हमला बोल दिया था ?

उत्तर :- हिन्दुस्तान पर चीनियों ने हमला बोल दिया था। 

(छ) बलवीर को फौज में भर्ती होने से रोकने के लिए लाजवंती ने क्या सोच रखा था ?

उत्तर :-  बलवीर को फौज में भर्ती होने से रोकने के लिए लाजवंती ने उसका विवाह करा देने के बारे में सोच रखा था।

(ज) रुक्मिणी ने बलवीर को क्या खबर दी थी ? 

उत्तर :- रुक्मिणी ने बलवीर को यह खबर दी थी कि उसका बड़ा भाई शम्मी युद्ध में शहीद हो गया है।

(झ) बलवीर ने रुक्मिणी को बड़े भाई के शहीद हो जाने की बात लाजवंती से कहने से मना क्यों किया था ?

उत्तर : बलवीर ने रुक्मिणी को बड़े भाई के शहीद हो जाने की बात माँ लाजंवती से कहने से मना किया था क्योंकि बलवीर को यह भय था कि उसकी माँ लाजवंती अपने बड़े बेटे की मृत्यु की खबर सहन नहीं कर पायेगी।

(ब) लाजवंती कुएँ पर पानी भरने जाकर क्या कर आई थी ?

उत्तर :- लाजवंती कुएँ पर पानी भरने जाकर नंबरदार के पास अपने छोटे बेटे बलवीर का नाम लिखवा आई थी।

(ट) बलवीर ने फौज में भर्ती होने का इरादा क्यों बदल दिया ?

उत्तर :- बलवीर को यह खबर लिी थी कि उसका बड़ा भाई शम्मी युद्ध में शहीद हो गया है। अतः उसकी माँ की देखभाल के लिए अब उसके सिवा कोई नहीं था। इसलिए बलवीर ने फौज में भर्ती होने का इरादा बदल दिया। 

(ठ) लाजवंती को उसके बड़े बेटे के शहीद होने के समाचार कैसे प्राप्त हुए ?

उत्तर :-  जब लाजवंती कुएँ पर पानी भरने जा रही थी तब रास्ते में तारवाले ने उसे एक तार दिया था, जिसमें शम्मी के शहीद होने की बात थी। इस प्रकार लाजवंती को उसके बड़े बेटे के शहीद होने के समाचार प्राप्त हुए।

2. प्रस्तुत एकांकी की शीर्षक उससे न कहना सार्थक है या नहीं ? 

उत्तर :- किसी भी लेखक के लिए उसका शीर्षक बहुत महत्व रखता है। शीर्षक एकांकी या नाटक के नायक, नायिका अथवा कथानक पर निर्भर करके रखा जाता है। शीर्षक तभी सार्थक माना जाता है जब वह पाठक के मन में जिज्ञासा उत्पन्न कर सकता है। जब पाठक शीर्षक को देखकर एकांकी या नाटक पढ़ने के लिए उत्साहित होता हैतब शीर्षक की सार्थकता और भी बढ़ जाती है। प्रस्तुत एकांकी का शीर्षक पूर्ण रूप से सार्थक है। उससे न कहना शीर्षक पाठक के मन में जिज्ञासा और रहस्य उत्पन्न करता है। शीर्षक को देखकर प्रथम अवस्था में ही लोगों के मन में इस बात को जानने का जिज्ञासा उत्पन्न होता है कि लेखक इसके माध्यम से क्या कहना चाहते है। उदाहरण के लिए बलवीर ने रुक्मिणी से कहा था ताई, उससे बिल्कुल जिक्र न करना। इधर लाजवंती ने भी शम्मी की शहीद होने की बात बलवीर से छुपाती है और रुक्मिणी से कहती है- देखो बल्ली अभी घर लौटेगा, उससे न कहना, मेरा बेटा यह चोट नहीं सह सकेगा। इस प्रकार प्रस्तुत एकांकी के शीर्षक का रहस्य अंत तक बना

रहता है और पाठकों को भावविभीर बना देता है। प्रश्नः बलवीर और लाजवंती की चारित्रिक विशेषताओं पर चर्चा करो। उ: बलवीर उससे न कहना एकांकी का प्रमुख पुरुष पात्र है बलवीर। वह एकांकी का नायक भी है। वह एक नौजवान लड़का है, जिसका मन घर के कामों में नहीं लगता। वह फौज में भर्ती होना चाहता है ताकी अपने देश के लिए कुछ कर सके। किन्तु उसकी माँ लाजवंती उसे इस बात के लिए मना करती है क्योंकि उसका बड़ा बेटा फौज में है और अभी तक उसकी कोई खबर नहीं आई है।

बलवीर देश प्रेमीक भी है। अपनी मातृभूमि पर जब विदेशीओं ने आक्रमण किया तब वलबीर फौज में भर्ती होकर अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए आगे आता है। वह कहता है हमारे देश की परित्र घरती को बैरी रौंडता चला जा रहा है, माँ, तु मुझे योँ बाँधकर न रख। फौज में भर्ती होने को लेकर बलवीर अपनी माँ से बहस भी करने लगता है।

बलवीर वाकपटु और भावुक भी है। वह अपनी माँ के हर सवालों का जबाब बहुत ही कुशलता पूर्वक देता है। जब लाजवंती बलवीर को फौज में भर्ती होने की अनुमति नहीं देती तब बलवीर आवेश में आकर कहता है- तुमने मुझे फौज में न जाने दिया तो मैं कही भी निकल जाऊँगा। इस गाँव में अकेला मेरा दिल नहीं लगेगा। बलवीर अपनी माँ लाजवंती से बहुत प्यार करता है। जब उसे पता चलता है कि उसका बड़ा भाई शम्मी * लड़ाई में शहीद हो गया है तब वह फौज मै भर्ती होना का इरादा बदलकर घर में रहकर पनी माँ की सेवा करना चाहता है। वह भावुकता में आ जाती है अपनी मातृभूमि के प्रति जो कर्तव्य है उसे पीछे रखकर अपनी माँ के लिए घर में रहना चाहता है। वह कहता है माँ मैं तुम्हे छोड़कर नहीं जाऊँगा। मैंने अपना इरादा बदल दिया है।

लाजवंती उससे न कहना एकांकी की प्रमुख स्त्री पात्र है लाजवंती। वह एक साहसी, विनम्र, त्यागी और कर्तव्य परायणा है। अपने देश के रक्षा के लिए उसने पहले अपने पति को खोया और फिर अपने बड़े बेटे को फौज में भर्ती करवाया। उसके शहीद होने पर भी उसने अपना धैर्य नहीं खोया और देश के बारे में चिंता करते हुए छोटे बेटे बलवीर को भी फौज में भर्ती होने की अनुमति दी थी।

उसके अनुसार इश्वर ने उसके साथ बहुत जुल्म किया है क्योंकि देश की लड़ाई में उसने पति के साथ बेटे को भी खोया था। देश पर जब विदेशी आक्रमण करते है तब उसने भारत और चीन के संबंधों पर दुख प्रकट करते हुए कहा था- हिंदी चीनी भाई-भाई अभी कल की बात है। गली-गली बच्चे नारे लगाते थे। लाजवंती देश प्रेमी भी है। जब सरकार लोगों से सोने की अपील करते है तब वह अपनी सोने की कंगन सरकार के फंड में जमा करने को तैयार हो जाती है। कंगन देते हुए वह कहती है. ले बेटा, मेरे ये कंगन फंड में दे दे, तेरे बाप की निशानी थी।

जिस बेटे को वह प्रथम अवस्था में फौज में फर्ती होने नहीं देती देश की रक्षा की चिंता करके बाद में वह बलवीर को फौज में फर्ती होने देती है। रुक्मिणी जब उसे समझाती है तब वह कहती है ताकी जो काम बड़े से अधुरा रहा, छोटा उसे पूरा कर सके।

अंत में लाजवंती अपने बेटे बलवीर से नाटकीय ढंग से अपने बड़े बेटे सम्मी के शहीद होने की बात छुपाती है और अपने देश की रक्षा के लिए बलवीर को फौज में भर्ती करवाती है।

3. नीचे दिए गए वाक्यो को पूरा करो :

(क) घर का काम थोड़ा है।

(ख) मैंने बड़े बेटे को फौज में भेजा।

(ग) हमारे देश की पवित्र धरती को बैरी रौंदता चला जा रहा है। 

(घ) मेरे देश के सूरमा जा रहे हैं।

(ङ) मैंने तुम्हारे लिए सरसों का साग बनाया है। 

(च) वह अपने देश के काम आने के लिए जान पर खेल गया।

(छ) इनमें अनेक बहनों के भाई हैं।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :

1. उससे न कहना एकांकी के लेखक कौन है ?

उत्तर :- श्रीकर्तार सिंह दुग्गल ।

2. गाँववाले लाजवंती को क्या कहकर पुकारते है ?

उत्तर :- लाजो।

3. प्ताकि जो काम बड़े से अधूरा रहा, छोटा उसे पूरा कर सके। किसने किससे कहा ?

उत्तर :- लाजवंती ने रुक्मिणी से कहा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top