Niketan Class 8 Hindi Chapter 4 जलाशय के किनारे कुहरी थी

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Niketan Class 8 Hindi Chapter 4 जलाशय के किनारे कुहरी थी

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जलाशय के किनारे कुहरी थी

Chapter – 4

HINDI

SHANKARDEV SISHU VIDYA NIKETAN

TEXTUAL QUESTIONS AND ANSWERS


1. (क) आम की डाल कहाँ आई हुई थी ?

(i) जलाशय के किनारे ।

(ii) पानी पर ।

(iii) नारियल के पेड़ पर ।

(iv) ताड़ के पेड़ पर ।

उत्तर :- पानी पर।

(ख) किसके दल यहाँ-वहाँ चमक रहे थे ?

(i) जुगनूँ के ।

(ii) पपीहा के ।

(iii) स्यार के ।

(iv) कोयल के ।

उत्तर :- जुगनूँ के।

(ग) लहरें कहाँ उठ रही थी ?

(i) नदी में।

(ii) जलाशय में।

(ii) आकाश में।

(iv) सागर में।

उत्तर :- जलाशय में।

2. (क) कुहासा कहाँ छाया हुआ था ?

उत्तर :- कुहासा जलाशय के किनारे छाया हुआ था।

(ख) हवा में किसकी सुगंध मिली हुई थी ?

उत्तर :- हवा में वन की सुगंध मिली हुई थी।

(ग) पेड़ो की ओट में छिपकर कौन गा रहा था ? 

उत्तर :- पेड़ों की ओट में छिपकर पपीहा गा रहा था।

(घ) तारे कब छिप गए ?

उत्तर :- जब उजाला हुआ तब तारें छिप गए।

(ङ) तारा कहाँ चमकने लगा ? 

उत्तर :- तारा हृदय में चमकने लगा।

3. (क) जलाशय के किनारे घना अंधकार क्यों छाया हुआ था ?

उत्तर :- जलाशय के किनारे कुहरी छायी हुई थी। साथ ही चारों तरफ घने पत्तों का घेरा था। लदी हुई आम की डाली पानी के उपर आयी हुई थी। इसलिए जलाशय के किनारे घना अंधकार छाया हुआ था।

(ख) सुबह प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं ? 

उत्तर: सुबह होने पर आकाश के तारे छिप जाते हैं और सरोवर में लहरे उठने लगती है।

सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला छायावाद के प्रतिनिधि कवि हैं। उनका जन्म १८९६ ई० में पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिलांतर्गत महिषादल नामक स्थान पर हुआ था। निरालाजी ने कविता, कहानी, उपन्यास, जीवनी आदि सभी विधाओं में रचना की थी। उन्होंने समन्वय, मतवाला और माधुरी पत्रिकाओं का भी संपादन किया था। उनकी प्रमुख काव्य रचनाए हैं। अनामिका, परिमल, गितिका, तुलसीदास, बेला, कुकुरमुत्ता, नए पत्ते, अपरा आदि। १९६१ ई० में निरालाजी का देहावसान हुआ। 

4. जलाशय के किनारे कुहरी थी कविता का सारांश लिखो।

उत्तर :- जलाशय के किनारे कुहरी थी कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी द्वारा लिखित एक प्रकृतिविषयक कविता है। यहाँ विशेषकर संध्या समय के प्रकृति का मनोरम वर्णन किया गया है।

जलाशय के किनारे चारों तरफ कुहरी छायी हुई थी तथा घने पत्तों का घेरा था। इसके अलावा जलाशय के पानी पर किनारे में रहे लदी हुई आम की डाली आई हुई थी। इसलिए जलाशय के चारों तरफ गहरा अंधकार छाया हुआ था। सुनसान किनारे पर केवल जुगनूँ के दल यहाँ-वहाँ चमकते रहे है। वन का सुगंध लिए उस समय मलय हवा बह रही है, जिसके कारण नारियल के पेड़ एक क्रम में हिलने लगते है। लेकिन ताड़ फल का पेड़ मानव की भाँति यह सारी घटना देख रहा है। अर्थात कवि ने . इसका मानवीकरण किया है। उस समय पेड़ की डाली पर छिपकर पपीहा पुकार रहा था और स्यार मुक्त मन से यहाँ-वहाँ घूमने लगते है। समय आने पर उजाला होता है और आकाश के तारें छिप जाते है। सरोवर में लहरें उठने ल गती है अर्थात लहरों की ध्वनि चारों तरफ फैल जाती है और आकाश के तारे हृदय में चमकने लगते है।

5. ऋतु परिवर्तन से मानव जीवन पर गहरा असर पड़ता है- इस कथन पर पाँच पंक्तिया लिखो।

उत्तर :- ऋतु परिवर्तन से मानव जीवन पर गहरा असर पड़ता है। ऋतु परिवर्तन पृथ्वि का एक चिरंतन सत्य है। ऋतु परिवर्तन के कारण ही लोगों का पहनावा, खान-पान, संस्कृति आदि अलग-अलग होते हैं। इस पर निर्भर करके ही विभिन्न स्थान और मौसम के अनुसार लोग विभिन्न वस्त्र पहनते हैं। देश के कई स्थानों में लोगों का प्रधान खाद्य। कहीं चावल है, तो कही रोटी है। इसका कारण ही ऋतु परिवर्तन है। बदलते ऋतु के कारण ही हम वर्ष के विभिन्न समय पर विभिन्न त्योहार मनाते है। 

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :

1. निराला जी द्वारा संपादित तीन पत्रिकाओं के नाम लिखो।

उत्तर :- समन्वय, मतवाला, माधुरी।

2. निराला जी के प्रमुख काव्य रचनाओं के नाम लिखो। 

उत्तर:- अनामिका, परिमल, गीतिका, तुलसीदास, बेला, कुकुरमुत्ता, नए पत्ते, अपरा।

3. प्रस्तुत कविता के कवि कौन है ? 

उत्तर :- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ।

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