Class 9 Hindi Elective Chapter 1 हिम्मत और जिंदगी

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Class 9 Hindi Elective Chapter 1 हिम्मत और जिंदगी

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हिम्मत और जिंदगी

पाठ – 1

बोध एवं विचार

अभ्यासमाला

निम्नलिखित प्रश्नों के  वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनो :

1. किन व्यक्तियों को सुख का स्वाद अधिक मिलता है ?

(क) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है ।

(ख) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है ।

(ग) जिसके पास धन और बल दोनों है । 

(घ) जो पहले दु:ख झेलता है ।

उत्तर : (ख) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है । 

2. पानी में जो अमृत-तत्व, उसे कौन जानता है ? 

(क) जो प्यासा है ।

(ख) जो धुप में खुब सुख चुका है । 

(ग) जिसका कंठ सूखा हुआ है । 

(घ) जो रेगिस्तान आया है ।

उत्तर : (ख) जो धुप में खुब सुख चुंका है ।

प्रश्न: 3. “गोधुलि वाली दुनिया के लोगों” से अभिप्राय है–

(क) विवशता और अभाव में जीने वाले लोग । 

(ख) जय पराजय के अनुभव में परे लोग । 

(ग) फल की कामना न करने वाले लोग ।

(घ) जीवन को दाँव पर लगाने वाले लोग ।

उत्तर : जीवन को दाँव पर लगाने वाले लोग । 

4. साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह–

(क) सदा आगे बढ़ता जाता ।

(ख) बाधाओं से नहीं घबराते है । 

(ग) लोगों की सोच की परवाह नहीं करता ।

(घ) बिलकुल निडर होता है । 

उत्तर : (क) सदा आगे बढ़ता जाता ।

(आ) संक्षिप्त उत्तर दो :

1. चाँदनी की शीतलता का आनंद कैसा मनुष्य उठा पाता है ? 

उत्तर : जो दिनभर धुपमे थककर घर लौट आता है और जिसका मन यह जानकर संतुष्ट है कि दिनभर का समय उसने किसी अच्छे काम में लगाया है । उसे चाँदनी की शीतलता का आनंद अनुभव होता है ।

2. लेखक ने अकेले चलने वाले की  सिंह से क्यों की ? 

उत्तर : साहसी मनुष्य जीने की सपनों में भी रस लेते है जिसके कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं रहते । साहसी लोगों ने सपने किसी से उधार नहीं लेते वह अपने विचारों में ही मगन रहते और अपने रास्ता खुद ही बना लेते । जिस प्रकार सिंह अपने ही कामों में मगन रहते और बिल्कुल अकेला होने पर ही मगन रहते ।

3. जिन्दगी का भेद किसे मालुम है ?

उत्तर : जिन्दगी को ठीक से जीने में हमेशा ही जोखिम झेलना पड़ता है और जो आदमी सकुशल जीने के लिए जोखिम का हर जगह घेरा डालता है अंत में वह अपने ही घेरे में कैद हो जाता है। जिन्दगी में हम उतना ही पाते है जितना पुँजी लगाते है। जो संकटों में सामना करता है वही सफल होता है। जिन्दगी के कुछ भेद उसे मालुम होता है कि जो जानकर चलता है कि जिन्दगी कभी खत्म होने वाली चीज नहीं है ।

4. लेखक जीवन की साधक को क्या चनौती दी है ?

उत्तर : लेखक रामधारी सिंह दिनकर जीने जीवन की साधकों को यह चुनौती दी है कि अगर किनारे की मरी हुई सीपियों से संतोष मिलता तो समुद्र अंतराल में छिपे हुए मौक्तिक कोष को कौन बाहर लाएगा ? 

Sl. No.Contents
Chapter 1हिम्मत और जिंदगी
Chapter 2परीक्षा
Chapter 3आप भोले तो जग भला
Chapter 4बिंदु बिंदु विचार
Chapter 5चिड़िया की बच्ची
Chapter 6चिकित्सा का चक्कर
Chapter 7अपराजिता
Chapter 8मणि-कांचन संयोग
Chapter 9कृष्ण- महिमा
Chapter 10दोहा दशक
Chapter 11चरैवेती
Chapter 12नर हो, न निराश करो मन को
Chapter 13मुरझाया फुल
Chapter 14गाँँव से शहर की ओर
Chapter 15साबरमती के संत (सधु)
Chapter 16टूटा पहिया

(इ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो :

1. लेखक ने जिन्दगी की कौनसी दो सूरते बताई है और उनमें से किसे बेहतर माना है ?

उत्तर : लेखक ने जिन्दगी की दो सूरते बताई है― एक तो यह है कि आदमी बड़े से बड़े मकसद के लिए कोशिश करें, जीतने के लिए पंजा डाले अगर असफलताएँ आये तो अँधियारे में जाल बुने। लेकिन कभी अपने पाँव न हटाएँ । 

दूसरी सूरत यह है कि गरीब आत्माओं का हमजोली बन जाए जो अधिक सुख पाती है और न जिन्हें पर बहुत अधिक दुख पाने का संयोग है। लेखक दिनकर जी ने इसमें पहले की आई हुई सूरत अधिक बेहतर माना है ।

2. जीवन में सुख प्राप्त न होना और मौके पर हिम्मत न दिखा पाना- इन दोनों में से लेखक ने किसे श्रेष्ठ माना है और क्यों ?

उत्तर : जीवन में सुख प्राप्त न होना और मौके पर हिम्मत न दिखा पाना- इसमें दूसरी कथन पर लेखक दिनकर जी ने अधिक श्रेष्ठ माना है। क्योंकि एक में अर्थात पहले में आदमी यह महसूस करता है कि किसी महान निश्चय के समय वह साहस से काम नहीं कर सका तो जीन्दगी की चुनौती को कबूल नहीं कर सकते । अर्थात सुख प्राप्त नहीं कर सकते ।

दूसरे में बड़े मौके पर साहस नहीं दिखाने वाला आदमी के आत्मा के भीतर एक आवाज सुनता रहता कि तुम साहस नहीं दिखा सकते, तुम कायर की तरह भाग खड़े हुए लेकिन इसमें लोगों को सुखों के प्रति प्रेरित करते है और अंत में सुखी बन सकते है ।

3. पाठ के अंत में दी गयी कविता की पंक्तियों के युधिष्ठिर शब्द से क्या सीख दी गयी है ?

उत्तर : पाठ के अंत में दी गयी युधिष्ठिर शब्द से हमें साहस और दृढ़ता के बारे में कहा गया है । डरने से कुछ नहीं होता, जीवन के हर कामों में साहस के साथ आगे बढ़ना चाहिए ।

(ई) सप्रसंग व्याख्या करो :

(क) साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है ।

उत्तर : इस कथन का अर्थ यह है कि साहसी लोगों ने किसी के ऊपर निर्भरशील नहीं होते है । अपने विचारों के ही अनुसार काम करते है। वे दुसरों के सपने में न तो भाग लेते है और न उधार लेते है। सिर्फ अपने विचारों में ही रहकर पढ़ने में व्यस्त रहते है ।

(ख) कामना का अंचल छोटा मत करो, जिन्दगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो ।

उत्तर : इस कथन का अर्थ यह है कि हमें अपनी कामनाओं को छोटा करना नहीं चाहिए । हमेशा उसको बढ़ाना चाहिए। इच्छाओं की सीमाएं हमेशा बढ़ाना चाहिए। और जिन्दगी में सुख पाने के लिए जिन्दगी की सारी फलों को दोनों हाथों से दबाकर निकली हुई रसों को बहाना चाहिए जिससे अपने को भी शांति मिले और दूसरों को भी निर्मल शांति मिले ।

भाषा और व्याकरण ज्ञान

1. निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान पुर्वक पढ़ों :

(क) भोजन का असली स्वाद उसको मिलता है, जो कुछ दिन बिना खाए भी रह सकता है । 

(ख) लहरों में तैरने का जिन्हें अभ्यास है, वे मोती लेकर बाहर आयेगें ।

(ग) जो सुखों का मुल्य पहले चुकाते है, उन्हे स्वाद अधिक मिलता है ।

इन वाक्य मोटे छपे शब्द ‘उसका’ ‘जो’ ‘जिन्हे’ ‘वे’ और ‘उहें’ संबंध वाचक सर्वनाम है क्योंकि वाक्य में इसका परस्पर संबंध है। संबंध वाचक सर्वनाम का प्रयोग करते हुए अन्य पाँच वाक्य बनाओ । 

उत्तर : (1) जिन्हें आराम का अभ्यास है उनके लिए आराम ही मौत है ।

(2) राम क्रिकेट खेलता है, लेकिन मनोज नहीं खेलता है ।

(3) शंकरदेव का कीर्तन घोषा ।

(4) फुटबॉल का खेल चल रहा है ।

(5) मीरा उसकी कपड़े खरीदी । 

2. इस पाठ में अरबी, फारसी के अनेक शब्द आए है जैसे मजा, जिन्दगी । इनके हिन्दी रुप आनन्द और जीवन । यहाँ कुछ हिन्दी शब्द दिए गए है― पाठ में से उनके अरबी–फारसी रुप चुनकर लिखों ।

भय, सुँगधित, अनुभव, विशेषता, अंतर, वास्तविक, प्रयास, आवश्यकता ।

उत्तर : भय – खौफ, खतरा ।

सुगंधित – खुशबूदार। 

अनुभव – महसुस ।

विशेषता – सिफत ।

अंतर– दिल । 

वास्तविक – अस्लीयत ।

प्रयास – कोशिश। 

आवश्यकता –जरुरतमंद ।

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