Class 9 Ambar Bhag 1 Chapter 14 मुक्ति की आकांक्षा

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Class 9 Hindi (MIL) Ambar Bhag 1 Chapter 14 मुक्ति की आकांक्षा

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मुक्ति की आकांक्षा

पाठ – 14

Group – B: पद्य खंड

लेखक – परिचय:

सुप्रसिद्ध साहित्यकार सर्वेशवर दयाल सक्सेना का जन्म 15 सितम्बर सन् 1927 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बस्ती और वाराणसी में हुई। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। आपने कुछ समय तक अध्यापन कार्य किया। फिर आकाशवाणी में सहायक प्रोड्यूसर के पद पर भी कार्य किया। आप कुछ समय तक हिंदी साप्ताहिक पत्र ‘दिनमान’ के उपसंपादक भी रहे। आपने बच्चों की मासिक पत्रिका ‘पराग’ का भी संपादन किया।

सर्वेशवर दयाल सक्सेना बहुमुखी प्रतिभा के साहित्यकार थे। वे एक ही साथ कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, निबंधकार, नाटककार और पत्रकार थे। सन् 1983 में उनका आकस्मिक निधन हो गया। उनकी प्रमुख कृतियाँ है– काठ की घंटियाँ, कुआनो नदी, जंगल का दर्द, खूंँटियों पर टँगे लोग (कविता संग्रह) । पागल कुत्तों का मसीहा, सोया हुआ जल (उपन्यास) / लड़ाई (कहानी–संग्रह) । बकरी (नाटक) / भौं भौं खौं खैं, बतुता का जूता, लाख की नाक (बाल साहित्य)। चरचे और चरखे (लेखों का संग्रह) । ‘खूंटियों पर टंँगे लोग’ पर उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।

सर्वेशवर दयाल सक्सेना मध्यवर्गीय आकांक्षाओं के लेखक के रूप में पहचाने जाते हैं। मध्यवर्गीय जीवन की महत्वाकांक्षाओं, सपनों, संघर्ष, शोषण, हताशा और कुंठा का चित्रण उनकी रचनाओं में स्पष्ट देखा जा सकता है। उन्होंने अपने परिवेश के यथार्थ को प्रभावपूर्ण शब्दों में अभिव्यक्त किया है। वे एक कुशल स्तंभकार भी थे। वे ‘चरचे और चरखे’ नाम से दिनमान में जो स्तंभ लिखते थे, उसमें बेबाक सच कहने का साहस परिलक्षित होता है। उनकी अभिव्यक्ति में सहजता और स्वाभाविकता सर्वत्र देखी जा सकती है।

कवि–संबंधी प्रशन एवं उत्तर:

1. कवि सर्वेशवर दयाल सक्सेना का जन्म कब और कहाँ हुआ था? 

उत्तर: कवि सर्वेशवर दयाल सक्सेना का जन्म सन् 1927 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ था।

2. सर्वेशवर दयाल की प्रारंभिक शिक्षा कहाँ–कहाँ हुई?

उत्तर: सर्वेशवर दयाल की प्रारंभिक शिक्षा बस्ती और वाराणसी में हुई। 

3. सर्वेशवर दयाल ने उच्च शिक्षा कहाँ से प्राप्त की?

उत्तरः सर्वेशवर दयाल ने उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की।

4. सर्वेशवर दयाल किन–किन पत्रिकाओं के संपादक रहे?

उत्तर: सर्वेशवर दयाल दिनमान और पराग पत्रिकाओं के संपादक रहे।

5. सर्वेशवर दयाल का देहांत कब हुआ?

उत्तर: सर्वेशवर दयाल का देहांत सन् 1983 में हुआ। 

6. सर्वेशवर किस प्रकार के लेखक के रूप में पहचाने जाते हैं?

उत्तर: सर्वेशवर मध्यवर्गीय आकांक्षाओं के लेखक के रूप में पहचाने जाते हैं।

7. सर्वेशवर दयाल के दो कविता संग्रहों के नाम लिखिए।

उत्तर: (i) काठ को घंटियाँ।

(ii) कुआनो नदी।

8. सर्वेशवर दयाल द्वारा लिखित दो उपन्यासों के नाम लिखिए?

उत्तर: (i) पागल कुत्तों का मसीहा। 

(ii) सोया हुआ जल।

9. सर्वेशवर दयाल द्वारा रचित दो बाल साहित्य रचनाओं के नाम लिखिए।

उत्तर: (i) बतुता का जूता।

(ii) लाख की नाक।

10. सर्वेशवर दयाल ‘दिनमान’ पत्रिका में किस नाम से स्तंभ लिखते थे? 

उत्तर: चरचे और चरखे।

11. सर्वेशवर दयाल को उनकी किस रचना के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था? 

उत्तर: ‘खूँटियों पर टंगे लोग’ नामक कविता संग्रह पर सर्वेशवर दयाल सक्सेना को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।

12. सर्वेशवर दयाल द्वारा रचित किसी एक नाटक का नाम लिखिए।

उत्तरः बकरी।

13. सर्वेशवर दयाल द्वारा रचित कहानी संग्रह का क्या नाम है? 

उत्तर: लड़ाई ।

सारांश:

‘मुक्ति को आकांक्षा’ कविता सर्वेशवर दयाल सक्सेना द्वारा रचित आजादी के महत्व को दर्शाती है। आजादी की चाह सभी भौतिक सुख–सुविधाओं से बढ़कर होती है, चाहे वह मनुष्य हो या अन्य जीव–जंतु।

पिंजड़े में बंद चिड़िया को जीवन की सभी सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं, किंतु मुक्ति के लिए वह तमाम सुख–सुविधाओं की उपेक्षा करके पिंजड़े से बाहर निकलने के लिए आतुर रहती हैं। उसे अच्छी तरह पता है कि धरतो बहुत बड़ी है। यहाँ के लोग बड़े निर्दयी हैं। पिंजड़े से बाहर आकर चिड़िया अपनी पहचान खो देगी। धरती पर उसके जान के अनेक दुश्मन हैं। बाहर उसे पानी और दाना के लिए भटकना पड़ता है लेकिन पिंजरे में उसे दाना–पानी का कोई अभाव नहीं है। पिंजड़े में वह बगैर किसी रुकावट के गा भी सकती है। बाहर मारे जाने की आशंका से ग्रसित होने पर भी वह पिंजड़े से निकलने के लिए भरपूर जोर लगाएगी। संयोग से यदि पिंजरा टूट जाए या खुल जाए तो वह फुर्र से उड़ जाएगी।

शब्दार्थ:

निर्मम : निर्दयी, कठोर हृदय वाला, क्रूर, जिसके हृदय में ममता न हो

मुक्ति : आजादी

जिस्म : शरीर

गंध : महक, गमक

जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी : बाहर की विशाल धरती पर चिड़िया अपनी पहचान खो देगी

गटकना : बिना प्रयास और बेमन से पीना 

दाना : अनाज, भोजन सामग्री

टोटा : कमी, अभाव

चुग्गा : पक्षियों का भोजन, दाना, खाना

मोटा : पर्याप्त, आवश्यकता से अधिक

बहेलिया : शिकारी, ब्याध 

निर्द्वन्द्व कंठ स्वर : बिना किसी रुकावट या बाधा के गाना

आशंका : संदेह, शक

हरसू : हर प्रकार से भरसक, पूरी शक्ति से

पाठयपुस्तक संबंधित प्रश्न एवं उत्तर:

बोध एवं विचार:

1. सही विकल्प का चयन कीजिए:

(क) पिंजड़े के बाहर हवा में किसके जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी?

(i) कवि।

(ii) चिड़िया।

(iii) बहेलिया।

(iv) बटोही।

उत्तर: (ii) चिड़िया।

(ख) पिंजड़े से बाहर चिड़िया के पीने के लिए जलस्रोत हैं–

(i) समुद्र।

(ii) नदौ।

(iii) झरना।

(iv) सभी 

उत्तरः (iv) सभी

(ग) बाहर दाने का टोटा है’ – का आशय क्या है?

(i) बाहर चिड़िया के लिए भरपूर अनाज के दाने हैं।

(ii) बाहर चिड़िया को दाना मिलना कठिन है। 

(iii) बाहर चिड़िया को दाना बिल्कुल नहीं मिल सकता।

(iv) बाहर चिड़िया को दाना मिलना असंभव है।

उत्तरः (ii) बाहर चिड़िया को दाना मिलना कठिन है।

(घ) बाहर सुख–सुविधाओं का अभाव और प्राण तक का खतरा होने पर भी चिड़िया मुक्ति का गाना क्यों गाना चाहेगी?

(i) उसे अपने प्राणों से कोई मोह नहीं है। 

(ii) वह सुख–सुविधाओं की आदी नहीं है।

(iii) उसके लिए आजादी के सामने सारी सुख–सुविधाएँ तुच्छ है।

(iv) उसे गाने में आनंद मिलता है। 

उत्तरः (iii) उसके लिए आजादी के सामने सारी सुख–सुविधाएँ तुच्छ हैं।

2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए:

(क) पिंजड़े के बाहर की दुनिया को निर्मम क्यों बताया गया है? 

उत्तर: पिंजड़े के बाहर की दुनिया किसी भी जीव–जंतु पर दया नहीं करती। बाहर शिकारी का डर है।

(ख) ‘अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी’ – इससे कवि का क्या अभिप्राय है?

उत्तर: इससे कवि का अभिप्राय यह है कि बाहर की विशाल धरती पर चिड़िया अपनी पहचान खो देगी।

(ग) पिंजड़े के बाहर चिड़िया को किसका डर है?

उत्तर: पिंजड़े के बाहर चिड़िया को बहेलिए का डर है।

(घ) बाहर जल के अनेक स्रोत होते हुए भी चिड़िया को जल के लिए भटकने की बात कवि ने क्यों की है? 

उत्तर: नदी, झरना, समुद्र, तालाब आदि जल के अनेक स्रोत हैं। फिर भी चिड़िया को जल पीने के लिए इधर–उधर भटकना है क्योंकि इन जल स्रोतों से पानी पीना उसके लिए कठिन काम है। उसे माने जाने की संभावना है। बाहर की दुनिया निर्मम है।

(ङ) ‘यहाँ चुग्गा मोटा है’– इसका क्या अभिप्राय है? 

उत्तर: इसका अभिप्राय यह है कि पिंजड़े में चिड़िया के खाने के लिए भरपूर सामग्री मौजूद है। उसे बगैर परिश्रम के पिंजड़े में ही सभी सुविधाएँ मिल जाती हैं।

3. निम्नलिखित प्रशनों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:

(क) पिंजड़े के अंदर चिड़िया को क्या–क्या सुविधाएँ उपलब्ध हैं? 

उत्तर: पिंजड़े के अंदर चिड़िया को खाने–पीने की सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। वह बगैर भटके हुए कटोरी का जल पी सकती है। वह बगैर किसी बाधा के पिंजड़े में गाना भी गा सकती है। उसे पिंजड़े के भीतर किसी दुश्मन का भी भय नहीं है।

(ख) पिंजड़े के बाहर चिड़िया को किन–किन असुविधाओं का सामना करना पड़ता है?

उत्तर: पिंजड़े के बाहर चिड़िया को अनेक असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। बाहर की दुनिया बहुत बड़ी और निर्मम है। बाहर हर समय उसके लिए जान का खतरा है। दाना और पानी के लिए इधर से उधर भटकना पड़ता है। उसे शिकारियों के जाल में भी फँसने का डर रहता है।

(ग) पिंजड़े में बंद चिड़िया को कवि बाहरी दुनिया की किन–किन वास्तविकताओं से परिचित कराना चाहता है और क्यों?

उत्तर: पिंजड़े के बाहर की दुनिया बहुत बड़ी और निर्मम है। बाहर चिड़िया अपना अस्तित्व खो सकती है। उसे दाना–पानी प्राप्त करने हेतु बहुत भटकना पड़ेगा। बाहर बहेलिए के जाल में फँसकर उसे जान भी गंवानी पड़ सकती है।

(घ) पिंजड़े के भीतर चिड़िया के निर्द्वन्द्व कंठ स्वर का क्या आशय है। 

उत्तर: पिंजड़े के भीतर चिड़िया को सुख–सुविधाओं के सभी साधन मौजूद हैं। वह पिंजड़े के भीतर बगैर किसी बाधा के जब चाहे अपने कंठ से मधुर ध्वनि में गा सकती है।

(ङ) कविता में चित्रित चिड़िया के स्वभाव के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?

उत्तर: कवि यह संदेश देना चाहता है कि संसार के सभी जीव–जंतु मनुष्य या पक्षी, सभी स्वच्छंद और स्वतंत्र रहना चाहते हैं। आजादी की चाह सभी भौतिक सुख–सुविधाओं से बढ़कर है। पिंजड़े में बंद चिड़िया को जीवन की सभी सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं तथापि मुक्ति के लिए वह भरपूर प्रयास करती है। सभी सुख–सुविधाओं को छोड़कर वह पिंजड़े से बाहर निकलने के लिए बेचैन रहती है।

भाषा एवं व्याकरण:

1. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित विभक्तियाँ किस–किस कारक की है? 

(क) हवा में उन्हें अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी।

उत्तरः अधिकरण कारक, संबंध कारक।

(ख) चिड़िया को पानी के लिए भटकना पड़ता है।

उत्तरः संप्रदान कारक।

(ग) यहाँ कटोरी में भरा जल गटकना है।

उत्तर: अधिकरण कारक।

(घ) बाहर दाने का टोटा है।

उत्तरः संबंध कारक।

(ङ) पिंजड़े से जितना अंग निकल सकेगा, निकालेगी।

उत्तरः अपादान कारक।

2. निम्नलिखित शब्दों के तीन–तीन पर्यायवाची शब्द लिखिए: 

चिड़िया, धरती, हवा, समुद्र, नदी, पानी, जिस्म, आशंका, मुक्ति

उत्तर: चिड़िया : पक्षी, खग, विहग

धरती : भू, भूमि, पृथ्वी

हवा : पवन, वायु, समीर

समुद्र : जलधि, जलनिधि, सागर

नदी : सरिता, आपगा, सरि

पानी : जल, वारि, अम्बु

जिस्म : तन, शरीर, गात

आशंका : संदेह, शक, भय

मुक्ति : स्वतंत्रता, स्वच्छंदता,आजादी।

योग्यता–विस्तार:

1. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ कविता को पढ़िए और प्रस्तुत कविता से उसकी तुलना कीजिए। 

उत्तरः विद्यार्थीगण स्वयं करें।

2. ‘आजादी सबको प्रिय है’– इस विषय पर एक परिचर्चा आयोजित कीजिए।

उत्तर: विद्यार्थीगण स्वयं करें।

3. पशु–पक्षियों को पिंजड़े में कैद रखना उचित है या अनुचित? इस विषय पर एक वाद–विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।

उत्तर: विद्यार्थीगण स्वयं करें।

अतिरिक्त प्रशन एवं उत्तर:

1. सही विकल्प का चयन कीजिए:

(क) कविता का कथ्य–विषय क्या है? 

(i) आजादी के महत्व को बताना।

(ii) चिड़िया की मूर्खता को समझाना। 

(iii) संसार के स्वार्थ को उजागर करना।

(iv) प्रकृति के महत्व को बताना।

उत्तर: (i) आजादी के महत्व को बताना। 

(ख) चिड़िया पिंजड़े के अंदर क्यों नहीं रहना चाहती है?

(i) क्योंकि पिंजरा छोटा है। 

(ii) क्योंकि पिंजड़े में दाना–पानी नहीं है।

(iii) क्योंकि उन्मुक्त रहना उसका स्वभाव है।

(iv) क्योंकि उसे बहेलिए का डर है। 

उत्तर: (iii) क्योंकि उन्मुक्त रहना उसका स्वभाव है।

2. ‘यहाँ चुग्गा मोटा है’ – से क्या आशय है? 

उत्तर: ‘यहाँ चुग्गा मोटा है’ – से आशय यह है कि पिंजरे के अंदर चिड़िया के लिए दाना–पानी अर्थात् भोजन की व्यवस्था पर्याप्त है।

3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(क) चिड़िया को लाख समझाओ 

कि पिंजड़े के बाहर 

__बहुत बड़ी है, __ है,

वहाँ __ में उन्हें

अपने जिस्म की __ तक नहीं मिलेगी।

उत्तर: चिड़िया को लाख समझाओ

कि पिंजड़े के बाहर

धरती बहुत बड़ी है, निर्मम है,

वहाँ हवा में उन्हें

अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी।

(ख) बाहर दाने का टोटा है,

यहाँ ___ मोटा है।

उत्तरः बाहर दाने का टोटा है,

यहाँ चुग्गा मोटा है।

(ग) बाहर ____ का डर है, 

यहाँ ___ कंठ–स्वर है।

उत्तर: बाहर बहेलिए का डर है, 

यहाँ निर्द्वंद्व कंठ–स्वर है।

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