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Class 9 Hindi (MIL) Ambar Bhag 1 Chapter 1 पद
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पद
पाठ – 1
Group – A: पद्य खंड
कवि – परिचय:
महाकवि सूरदास का स्थान कृष्णभक्त कवियों में प्रमुख है। उनका जन्म सन् 1478 में रुनकता क्षेत्र में हुआ था। कुछ विद्वान उनका जन्म स्थान दिल्ली के नजदीक सीही गाँव को मानते हैं। सूरदास जन्मांध थे परंतु बचपन से ही उनमें गायन-कला में निपुणता प्राप्त थी। श्रीकृष्ण के भजन गाने में महारथ हासिल होने के कारण सूरदास का नाम दूर-दूर तक फैल गया था। कृष्ण की भक्ति में लीन रहने के कारण परिवार से उन्हें विरक्ति हो गई तथा वे मथुरा के निकट यमुना के किनारे गऊ घाट पर रहने लगे। यहीं पर स्वामी वल्लभाचार्य से इनकी मुलाकात हुई। सूरदास ने स्वामी वल्लभाचार्य को अपना गुरु बना लिया। गुरुजी उनकी गायन-कला से बेहद प्रभावित हुए तथा वहीं पर श्रीनाथ जी के मंदिर में भजन-कीर्तन के लिए सूरदास को नियुक्त कर दिया। कृष्ण की रास-भूमि पारसौली में सन् 1583 में उनका निधन हुआ।
महाकवि सूरदास को हिंदी साहित्य के क्षेत्र में ‘सूर्य’ की आख्या प्राप्त है। सूरदास वात्सल्य एवं श्रृंगार के बेजोड़ कवि हैं। भजन-कीर्तन के रूप में सूरदास ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मधुर एवं प्रभावपूर्ण गायन किया। इस प्रकार से जो पद बने, उन्हें ‘सूरसागर’ नामक विशाल ग्रंथ में एकत्र किया गया है। अपने पदों में सूरदास ने श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं का जैसा सहज, सजीव एवं स्वाभाविक चित्रण जितना बंद आँखों से किया है, उतना अन्य कवियों के लिए संभव नहीं है। उसकी सजीवता देखकर नहीं लगता है कि सूरदास जन्मांध थे। उनके काव्यों में ब्रजभाषा का परिनिष्ठित रूप मिलता है, जिसमें उपमा, रूपक, वक्रोक्ति आदि अलंकारों का चमत्कार देखने को मिलता है।
सूरदास द्वारा रचित 25 ग्रंथ बताए जाते हैं, जिनमें से तीन प्रमुख हैं- सूरसागर, सूर सारावली और साहित्य लहरी।
कवि – संबंधी प्रश्न एवं उत्तर:
1. कवि सूरदास का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: कवि सूरदास का जन्म सन् 1478 में रुनकता में हुआ था।
2. कुछ विद्वान सूरदास का जन्म स्थान रुनकता के अतिरिक्त कहाँ मानते हैं?
उत्तर: कुछ विद्वान सूरदास का जन्म स्थान दिल्ली के निकट सीही गाँव को मानते हैं।
3. सूरदास का नाम दूर-दूर तक किस कारण फैल गया?
उत्तर: श्रीकृष्ण के भजन गाने के कारण सूरदास का नाम दूर-दूर तक फैल गया।
4. परिवार से विरक्त होकर सूरदास कहाँ रहने लगे?
उत्तर: परिवार से विरक्त होकर सूरदास यमुना किनारे गऊ घाट पर रहने लगे।
5. सूरदास के गुरु कौन थे?
उत्तर: स्वामी वल्लभाचार्य सूरदास के गुरु थे।
6. स्वामी वल्लभाचार्य ने सूरदास को भजन-कीर्तन के लिए किस मंदिर में नियुक्त किया था?
उत्तर: स्वामी वल्लभाचार्य ने सूरदास को भजन-कीर्तन के लिए श्रीनाथ जी के मंदिर में नियुक्त किया था।
7. महाकवि सूरदास का निधन कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: महाकवि सूरदास का निधन पारसौली में सन् 1583 में हुआ।
8. महाकवि सूरदास किस रस के बेजोड़ कवि हैं?
उत्तर: महाकवि सूरदास वात्सल्य एवं शृंगार रस के बेजोड़ कवि हैं।
9. महाकवि सूरदास द्वारा रचित प्रमुख ग्रंथों के नाम लिखिए।
उत्तर: महाकवि सूरदास द्वारा रचित प्रमुख ग्रंथ हैं – सूरसागर, सूर सारावली एवं साहित्य लहरी।
सारांश:
‘पद’ शीर्षक कविता महाकवि सूरदास द्वारा रचित ब्रजभाषा की सुंदर रचना है। इसके अंतर्गत दो पद लिए गए हैं।
पहला पद बालक श्रीकृष्ण के अद्भुत सौंदर्य पर आधारित है। महाकवि ने इसके माध्यम से बालक कृष्ण के सौन्दर्य को नदी का रूपक दिया है। यह सौंदर्य रूपी नदी नंद के महल से निकलकर उमंग सहित ब्रज की सभी गलियों में बह रही है। कहने का विशेष अर्थ यह है कि बालक कृष्ण इतने सुंदर हैं कि जब वे अपने घर से निकलकर गोकुल गाँव की गलियों में घूमते हैं तो सभी गाँववासी आश्चर्य से भर जाते हैं और गद्गद हो जाते हैं। वे चाहकर भी उनकी सुंदरता का वर्णन नहीं कर पाते। हजारों मुख से भी उनकी सुंदरता का वर्णन नहीं किया जा सकता। उनकी सुंदरता नीलकांत मणि के समान ब्रज की गोपियों के हृदय में बस गई है।
दूसरे पद में कृष्ण और राधा के प्रथम मिलन का सहज चित्रण हुआ है। कृष्ण राधा से तरह-तरह के प्रश्न पूछते हैं कि वह कहाँ रहती है, किसकी बेटी है। तुम्हें तो मैंने ब्रज की गलियों में कभी देखा नहीं। राधा का सहज भाव से जवाब देना और ऊपर कृष्ण पर माखन चोरी का आरोप लगाना विवाद को और आगे बढ़ा देता है। परंतु बाल सुलभ स्वभाव के कारण कृष्ण और राधा में पुनः मेल हो जाता है। कृष्ण राधा को बातों में ऐसे भुला देते हैं कि वह उनकी बातों में आ जाती है और सभी खेल में मग्न हो जाते हैं।
शब्दार्थ:
1. सोभा – सिंधु: कृष्ण-जन्मोत्सव की शोभा रूपी समुद्र
2. भरि पूरि: भरपूर, परिपूर्ण करके
3. नंद – भवन: नंद का महल, घर
4. उमँगि: उमंगपूर्वक
5. बीथिनी: गलियों में
6. कहँ लगि: कहाँ तक
7. बनाइ बहुत विधि: बनाकर कहना, बहाना बनाना, मन गढ़ंत बातें करना
8. मुख: मुँह
9. सह सहुँ: सहस्रों, हजारों
10. जसुमति: यशोदा
11. उदर: पेट
12. अगाध: अथाह, जिसकी गहराई की कोई सीमा न हो
13. उदधि तै: समुद्र से
14. उपजी: उत्पन्न हुई।
15. सबनि कही री: सभी कहते हैं।
16. सूर: कवि सूरदास
17. इंद्र – नीलमनि: नीलकांत मणि, सुंदरता में इंद्र नीलमणि के समान, हल्की नीली आभा वाला
18. उर: हृदय
19. बूझत: पूछते हैं
20. गोरी: स्त्री, (यहाँ राधा)
21. काकी: किसकी
22. ब्रज खोरी: ब्रज की गलियों में
23. पौरी: आँगन, ड्योढ़ी
24. स्रवननि: कानों से
25. नंद-ढोटा: नंद का बेटा
26. तुम्हरौं कहा चोरि हम लैंहैं: हम तुम्हारा क्या चोरी कर लेंगे
27. जोरी: जोड़ा बनाकर, युगल
28. रसिक-सिरोमनि: सबसे बड़े रसिक श्रीकृष्ण
29. बातनि: बातों में
30. भुरई: भूल दीं, बहका दीं, फुसला दीं
31. भोरी: भोली-भाली, सरल स्वभाव की
पाठ्यपुस्तक संबंधित प्रश्न एवं उत्तर:
बोध एवं विचार:
1. सही विकल्प का चयन कीजिए
(क) ‘सोभा-सिंधु न अंत रही री’- यहाँ किस स्थान की शोभा की बात कही गई है?
(i) ब्रज
(ii) गऊघाट
(iii) रूणकता
(iv) सीही
उत्तर: (i) ब्रज
(ख) ‘जसुमति’ कौन हैं?
(i) राधा
(ii) यशोदा
(iii) कौशल्या
(iv) सीता
उत्तर: (iii) यशोदा
(ग) ‘बुझत स्याम कौन तू गोरी’ – ‘इसमें ‘गोरी’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) यशोदा
(ii) राधा
(iii) रुक्मिणी
(iv) गोपी
उत्तर: (ii) राधा
(घ) कविने ‘रसिक सिरोमनि’ किसे कहा है?
(i) बलराम
(ii) इंद्र
(iii) कृष्ण
(iv) नंद
उत्तर: (iii) कृष्ण
2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए:
(क) ‘सोभा-सिंधु’ से कवि का आशय क्या है?
उत्तर: ‘सोभा-सिंधु’ से बालक कृष्ण के अनुपम सौंदर्य का बोध होता है।
(ख) हजार मुखों से भी किसका वर्णन नहीं किया जा सकता?
उत्तर: हजार मुखों से भी कृष्ण के अनुपम सौन्दर्य का वर्णन नहीं किया जा सकता।
(ग) ब्रज की गोपियों के हृदय में कौन बसा हुआ है?
उत्तर: ब्रज की गोपियों के हृदय में कृष्ण का सौंदर्य बसा हुआ है।
(घ) कृष्ण राधा से क्या प्रश्न करते हैं?
उत्तर: कृष्ण राधा से यह प्रश्न करते हैं कि वह कहाँ रहती है और किसकी बेटी है।
(ङ) ‘तुम्हरौं कहा चोरि हम लैहैं’- यह किसका कथन है?
उत्तर: यह कृष्ण का कथन है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:
(क) गोपी ने कृष्ण के जन्मोत्सव और उनके व्यापक प्रभाव का किन शब्दों में वर्णन किया है?
उत्तर: पूरे ब्रज में कृष्ण के जन्मोत्सव का हलचल है। चारों तरफ लोग कृष्ण के अनुपम सौन्दर्य की चर्चा कर रहे हैं। इसी बीच एक गोपी जब ब्रज में दही बेचने आती है तो नंद जी के महल की सजावट देखकर मुग्ध हो जाती है। दरअसल यह कृष्ण के अनुपम सौन्दर्य का प्रभाव है, जो एक रूपक का रूप धारण किए हुए है। यह शोभा रूपी समुद्र नंद के महल से निकलकर ब्रज की सभी गलियों में बह रही है। कृष्ण की शोभा इंद्र के नीलकांत मणि के समान ब्रज की सभी गोपियों के हृदय में बस गई है।
(ख) राधा ने कृष्ण पर क्या व्यंग्य किया?
उत्तर: राधा ने कृष्ण पर यह व्यंग्य किया कि उसने स्वयं अपने कानों से सुना है कि कोई नंद का लड़का (बेटा) इधर-उधर दही और मक्खन की चोरी करता फिरता है।
(ग) कृष्ण ने राधा के व्यंग्य का उत्तर कैसे दिया?
उत्तर: कृष्ण ने राधा के व्यंग्य का उत्तर व्यंग्य के शब्दों में ही दिया। उसने कहा कि नंद का पुत्र तो मैं ही हूँ और हम तुम्हारा क्या चुरा लेंगे।
(घ) कृष्ण और राधा के प्रथम मिलन पर हुए संवाद को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: जब कृष्ण और राधा पहली बार मिलते हैं तो एक-दूसरे से व्यंग्य भरी बातें करते हैं। कुछ संवाद इस तरह हैं –
कृष्ण: ऐ लड़की ! तुम्हारा क्या नाम है और कहाँ रहती हो?
राधा: मैं राधा हूँ और इसी गाँव में रहती हूँ।
कृष्ण: आश्चर्य है ! तुम इसी गाँव की हो, पर मैंने तो तुम्हें कभी इधर आते नहीं देखा?
राधा: देखोगे कैसे! मैं अपने आँगन में ही खेलती रहती हूँ। मैं इधर नहीं आती।
कृष्ण: इधर क्यों नहीं आती? क्या तुम्हें डर लगता है?
राधा: हाँ। मुझे चोर से डर लगता है।
कृष्ण: कैसा चोर और कैसी चोरी?
राधा: सुनने में आया है कि किसी नंद का कोई बेटा है, जो लोगों के घरों से दही-मक्खन चुराता फिरता है।
कृष्ण: नंद का तो मैं ही बेटा हूँ। पर मैं तुम्हारा क्या चोरी कर लूँगा ? अच्छा अब बातें अधिक हो गईं। चलो हम सब मिलकर खेलने चलें।
राधा: ठीक है, चलो।
(ङ) कवि सूरदास ने कृष्ण को रसिक शिरोमणि क्यों कहा है?
उत्तर: कृष्ण हर बात में आनंद लेते हैं और सबसे आनंद भरे वार्तालाप करते हैं। उनकी बातों से हमेशा रस आनंद बरसता है। वे परिस्थिति को अत्यंत सहज बना देते हैं और दूसरे की व्यंग्य भरी बातों को बड़े ही सहज भाव से आनंद में बदल देते हैं। वे राधा और अन्य गोपियों को बातों में ऐसे भुलाते हैं कि सभी उनकी बात मानकर खेलने के लिए चल देती हैं। इन्हीं कारणों से कवि सूरदास ने कृष्ण को रसिक शिरोमणि अर्थात् रसिकों (प्रेमियों) में श्रेष्ठ रसिक कहा है।
4. आशय स्पष्ट कीजिए:
(क) जसुमति उदर ______ कही री।
उत्तर: प्रस्तुत काव्य पंक्ति महाकवि सूरदास द्वारा रचित ‘पद’ नामक कविता की है। इस पंक्ति में कृष्ण के अनुपम सौंदर्य का वर्णन किया गया है।
आशय यह है कि संपूर्ण ब्रज में केवल कृष्ण की सुंदरता की ही चर्चा हो रही है। पूरे ब्रज में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। गाँव को सुंदर ढंग से सजाया गया है। यह सजावट नंद के महल से लेकर पूरे ब्रज गाँव में की गई है। सभी कृष्ण की अनुपम छवि देखने के लिए व्यग्र हैं। हज़ारों मुखों से भी कृष्ण की शोभा का बखान नहीं किया जा सकता। सभी केवल यही कहते हैं कि यह अथाह सौन्दर्य रूपी सागर माता यशोदा के उदर से उत्पन्न हुआ है अर्थात् यशोदा पुत्र कृष्ण की सुंदरता ब्रज की गोपियों के हृदय में बस गई है।
(ख) सूरदास प्रभु ______ राधिका भोरी।
उत्तर: यह पंक्ति ‘पद’ शीर्षक कविता की है और इसके कवि सूरदास हैं। इस पंक्ति में महाकवि सूरदास ने कृष्ण को रसिक शिरोमणि की उपाधि प्रदान की है।
आशय यह है कि कृष्ण वास्तव में प्रेमी श्रेष्ठ हैं। वे सबको अपनी प्रेम भरी बातों में ऐसे भुला देते हैं कि लोग अपना सुध-बुध खोकर उनकी बातों में आ जाते हैं। राधा और कृष्ण का प्रेम जग-जाहिर है। कृष्ण बातें बनाने में माहिर हैं। राधा और अन्य गोपियाँ भी उनसे बातें करने में आनंद लेती हैं। कृष्ण राधा को बातों में ऐसा भुलाते हैं कि वह अपना गुस्सा छोड़कर सब कुछ भूल जाती है। फिर सभी खेल में मग्न हो जाते हैं। इस प्रकार रसिकों में कृष्ण श्रेष्ठ हैं।
भाषा एवं व्याकरण:
निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित खड़ी बोली के अनुसार आधुनिक रूप लिखिए:
सोभा, जसुमति, चोरि, स्याम, नीलमनि, सिरोमनि, दधि
उत्तर: सोभा – शोभा
जसुमति – यशोमति
चोरि – चोरी
स्याम – श्याम
नीलमनि – नीलमणि
सिरोमनि – शिरोमणि
दधि – दही
2. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए:
शोभा, सिंधु, भवन, विधि, वनिता, श्याम
उत्तर: शोभा – सुंदरता, सौन्दर्य
सिंधु – सागर, जलधि
भवन – आवास, महल
विधि – विधाता, ब्रह्मा
विधि – उपाय, तरीका
वनिता – स्त्री, महिला
श्याम – कृष्ण, कन्हैया
योग्यता-विस्तार:
1. कवि सूरदास ने कृष्ण के बाल-रूप एवं सौन्दर्य का बड़ा ही मनोहारी वर्णन किया है। उसी तरह रसखान और मीरा ने भी कृष्ण के बाल रूप एवं सौन्दर्य का बखूबी चित्रण किया है। रसखान एवं मीरा के उन पदों का संग्रह कीजिए और पढ़िए।
उत्तर: विद्यार्थीगण स्वयं करें।
2. बालक कृष्ण को दही और मक्खन बहुत पसंद थे। कहा जाता है कि वे अपने साथियों से मिलकर ग्वालिनों के घरों से दही और मक्खन चुराकर खाते थे। सूरदास द्वारा रचित कुछ ऐसे पदों को खोजिए, जिनमें बालक कृष्ण द्वारा मक्खन चुराकर खाने का वर्णन हो।
उत्तरः विद्यार्थी स्वयं करें।
अतिरिक्त प्रश्न एवं उत्तर:
1. ब्रज में किसका जन्मोत्सव मनाया जा रहा है?
उत्तर: ब्रज में कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
2. पद में बाल कृष्ण के अद्भुत सौन्दर्य का किसका रूपक दिया गया है?
उत्तर: बाल कृष्ण के अद्भुत सौन्दर्य को सौन्दर्य की नदी का रूपक दिया गया है।
3. यह सौन्दर्य की नदी कहाँ से कहाँ तक बह रही है?
उत्तर: यह सौन्दर्य की नदी नंद के महल से निकलकर उमंग सहित ब्रज की सभी गलियों में बह रही है।
4. एक गोपी ब्रज में दही बेचती हुई क्या देखती है?
उत्तर: एक गोपी ब्रज में दही बेचती हुई कृष्ण-जन्मोत्सव की अद्भुत शोभा (सजावट) देखती है।
5. बालक कृष्ण की सुंदरता किसके समान है?
उत्तर: बालक कृष्ण की सुंदरता इंद्र के नीलकांत मणि के समान है।
6. ‘देखो नाहि कबहूँ ब्रज खोरी’ – इसमें किसने किसे ब्रज की गलियों में कभी नहीं देखा?
उत्तर: इसमें कृष्ण ने राधा को कभी भी ब्रज की गलियों में नहीं देखा।
7. राधा कृष्ण के बारे में क्या कहती है?
उत्तर: राधा कृष्ण के बारे में यह कहती है कि उसने अपने कानों से लोगों को बातें करते यह सुनी है कि कोई नंद का बेटा सबके घरों से दही और मक्खन की चोरी करता फिरता है।
8. कृष्ण राधा को किन बातों में बहका देते हैं?
उत्तर: कृष्ण प्रेमभरी बातें करके भोली-भाली राधा को ऐसे बहका देते हैं कि सभी आपस में खेल में मग्न हो जाते हैं।