Class 8 Hindi Chapter 14 मैं हूं महाबाहु ब्रह्मपुत्र

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Class 8 Hindi Chapter 14 मैं हूं महाबाहु ब्रह्मपुत्र

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मैं हूं महाबाहु ब्रह्मपुत्र

पाठ – 14

अभ्यास–माला

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दो:

(क) ब्रम्हपुत्र अंत में अपने को किस खड़ी में सौंप देता है?

उत्तर: ब्रह्मपुत्र अंत में अपने को बंगाल की खाड़ी में सौंप देता है।

(ख) पुराणों के अनुसार ब्रम्हपुत्र की मांँ कौन है?

उत्तर: पुराणों के अनुसार ब्रम्हपुत्र की मांँ अमोघा है।

(ग) पुराणों के अनुसार ब्रम्हपुत्र के पिता कौन है?

उत्तर: पुराणों के अनुसार ब्रम्हपुत्र के पिता ब्रह्मा है।

(घ) मिश्मी लोग ब्रम्हपुत्र को किस नाम से पुकारते है?

उत्तर: मिश्मी लोग ब्रम्हपुत्र को ‘लूइत’ नाम से पुकारते है।

(ङ) प्रमुख नदी-द्वीप माजुली किसकी गोद में बचा है?

उत्तर: प्रमुख नदी-द्वीप माजुली ब्रम्हपुत्र की गोद में बचा है।

(च) नीलाचल पहाड़ी पर किसका मंदिर है?

उत्तर: निलाचल पहाड़ी पर मां कामाख्या का मंदिर है।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:

(क) ब्रम्हपुत्र के जन्म के साथ किन–किन का संबंध बताया जाता है?

उत्तर: ब्रह्मापुत्र के जन्म को लेकर पुराणों में कहा गया है कि ब्रह्मापुत्र की मांँ अमोघा है और ब्रह्मा उसके पिता। हिमालय,कैलाश पर्वत, मानसरोवर आदि का संबंध बताया जाता हैं ब्रह्मपुत्र के जन्म के साथ।

(ख) ब्रम्हपुत्र की सही उत्पति कहाँ से हुई?

उत्तर: कैलाश पर्वत के नीचे मानसरोवर के पास एक बड़ी हिमानी (चेमा यूंगदंग ग्लेशियर) है। यह मानसरोवर से 100 किलोमीटर की दूरी पर है। यह हिमानी पृथ्वी सतह से 5100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यही से ब्रम्हपुत्र की उत्पति हुई है।

(ग) ब्रह्मपुत्र के साथ दाहिनी तथा बाईं ओर से आकर मिलने वाली नदियों के नाम लिखो।

उत्तर: ब्रम्हपुत्र के साथ दाहिने ओर मिलने वाली नदियों के नाम है– सुवनशिरी, जियाभरली, धनशीर, बरनदी, मानाह (मानस) सोणकोष, और तिस्ता नदी। और ब्रम्हपुत्र के साथ बाई ओर से आकर मिलने वाली नदियों का नाम है – बूढ़ी दिसांग, दिखौ, झांझी, जिजिराम आदि नदियां।

(घ) बांग्लादेश में जाकर मिलने के बाद ब्रह्मपुत्र को किन नामों से जाना जाता है?

उत्तर: बांग्लादेश में जाकर मिलने के बाद ब्रह्मपुत्र को जमुना, पद्मा, मेघना आदि नामों से जाना जाता है।

(ङ) बरसात के दिनों के ब्रह्मपुत्र का वर्णन करो।

उत्तर: बरसात के दिनों में ब्रह्मापुत्र का स्तर बढ़ जाता है और ब्रह्मपुत्र से जुड़ी सारी नदियों में पानी भर जाता है। जिसके कारण हर वर्ष कई गांव के लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है। लाखों लोगों को तो अपना घर तथा खेती के फसलों को गंवाना पड़ता है। अर्थात बरसात के दिनों में ब्रह्मपुत्र की धारा इतनी तेजी से बहने लगता है कि जीव जंतु सभी उसके चपेट में आ जाते हैं।

(च) भूगर्भ शास्त्र के विद्वान ब्रह्मपुत्र की उत्पत्ति कहाँ से मानते है?

उत्तर: भूगर्भ शास्त्र के विद्वान मानते हैं कि ब्रह्मापुत्र हिमालय से भी पहले जन्मा था। उनके अनुसार कैलाश पर्वत के नीचे मानसरोवर से 100 किलोमीटर की दूरी पर एक बड़ी हिमानी से ब्रह्मापुत्र का उत्पति मानते है।

(ज) ब्रह्मपुत्र के किनारे बसे प्रसिद्ध नगरों के नाम लिखो।

उत्तर: ब्रह्मपुत्र के किनारे बसे प्रसिद्ध नगरों के नाम है- धुबरी, गोवालपाड़ा, पलाशबाड़ी, शुवालकुछि, गुवाहाटी तेजपुर, डिब्रूगढ़ आदि।

3. आशय स्पष्ट करो:

(क) ‘मैं असम की संस्कृति का पोषक हूँ।’

उत्तर: असमिया बहुत ही साधारण पोशाकें पहनते हैं, और ज्यादातर हाथ से बनी पोशाकें पहनते हैं। महिलाएं रूपांकनों से भरपूर मेखला चादर या रिहा-मेखला पहनती हैं। पुरुष ‘सुरिया’ या ‘धोती’ पहनते हैं और उसके ऊपर एक चादर लपेटते हैं जिसे ‘सेलेंग’ कहा जाता है।

(ख) सो सिर्फ एक नद या जल-प्रवाह नहीं है। मैं अपने समाज का एक विनम्र सहायक और सखा भी हूँ।’

उत्तर: इसका आशय यह है कि- ब्रह्मापुत्र सिर्फ एक बेहता हुआ नदी नहीं है वह हर एक किसी का साथी है। क्योंकि वह हमेशा से यातायात का महत्वपूर्ण साधन रहा है। उसके ऊपर से ही हजारों लोग जहाज के माध्यम से सफर करते हैं और ब्रह्मपुत्र उन्हें इस ओर से उस और पहुंचाने में अपना योगदान देता है। ब्रह्मापुत्र के ऊपर से ही यातायात की सुविधा हेतु पुल बनवाया गया जिसके ऊपर से रेलगाड़ी और मोटर गाड़ी निरंतर चलते आए हैं। इसीलिए ब्रह्मापुत्र को समाज का एक विनम्र सहायक और सखा भी कहा गया है।

4. निम्नांकित प्रश्नों के दिए गए, उत्तरों में से एक उत्तर सही है। सही उत्तर का चयन करोः

(क) ………… नामक राष्ट्रीय उद्यान मेरा साथी है।

(i) मानस।

(ii) ओरांग।

(iii) बुदापहाड़ 

(iv) काजीरंगा।

उत्तर: काजीरंगा नामक राष्ट्रीय उद्यान मेरा साथी है।

(ख) ……….. ने मुझे विषय बनाकर एक उपन्यास लिखा है।

(i) प्रेमचंद।

(ii) जयशंकर प्रसाद।

(iii) देवेंद्र सत्यार्थी।

(iv) डॉ. भूपेन हाजरिका।

उत्तर: देवेंद्र सत्यार्थी ने मुझे विषय बनाकर एक उपन्यास लिखा है।

(ग) इस ………. से मैं उग्र हो जाता हुँ।

(i) कमजोरी।

(ii) थकान।

(iii) व्यस्तता।

(iv) बोझ।

उत्तर: इस थकान से मैं उग्र हो जाता हुँ।

(घ) मेरे किनारों पर लगे वनों को ……. मनुष्यों ने नष्ट कर दिया है।

(i) दुष्ट।

(ii) लोभी।

(iii) लालची।

(iv) मूर्ख।

उत्तर: मेरे किनारों पर लगे वनों को लालची मनुष्यों ने नष्ट कर दिया है।

पाठ के आस-पास

हवेनसांग कौन था? वह किसके शासनकाल में असम आया था और उसने असम के बारे में क्या लिखा है? अपने शिक्षक-शिक्षिका की मदद से पूरी जानकारी प्राप्त करो।

उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।

योग्यता-विस्तार

1. नदियों पर अनेक कवियों ने कविताएँ लिखी हैं। उन कविताओं का चयन कर उनकी तुलना ‘मैं हूँ महाबाहु ब्रह्मपुत्र’ के वर्णन से करो।

उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।

2. ब्रह्मपुत्र पर गुवाहाटी में शराइघाट नामक पुल है। ब्रह्मपुत्र पर अब तक कहाँ-कहाँ और कितने पुलों का निर्माण किया जा चुका है ? सही जानकारी एकत्र करो।

उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।

3. ब्रह्मपुत्र के बीच स्थित माजुली विश्व प्रसिद्ध नदी-द्वीप है। इस द्वीप के सांस्कृतिक महत्व और वर्तमान संकट पर रिपोर्ट तैयार करो।

उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।

4. नदियों से होने वाले लाभ-नुकसान पर चर्चा करते हुए दस-दस करके कुल बीस पंक्तियों का एक निबंध लिखो।

उत्तर: 

नदियों से होने वाले लाभनदियों से होने वाले नुकसान
(i) नदियाँ हमें कृषि करने में मदद करती हैं।(i) नदी का पानी शुध्द होता है जिसे हम पी सकते हैं।
(ii) नदी के पानी का उपयोग बिजली पैदा करने और अन्य औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है।(ii) हमारे जीवन में नदियों का महत्वपूर्ण स्थान है।
(iii) नदियों के पानी से बांध बनते हैं और पानी इकट्ठा किया जाता है।(iii) नदी का पानि मीठा होता है जिसे हम पी सकते हैं
(iv) नदियां इंसानों से लेकर जानवरों, पक्षियों और जानवरों तक सभी के लिए बेहद फायदेमंद हैं।(iv) हम जो भी काम करते है वे सब जल के आधार करते है, वह जल हमे नदियों से मिलता हैं।
(v) हमारा जीवन नदियों से भरा है।(v) अगर नदिया न होते तो कोई भी जीवित न रह पाते।
(vi) सिंचाई का पानी उपलब्ध है।(vi) विद्युत उत्पन्न करने में भी जल का होना आवश्यक है।
(vii) सुनिश्चित करें कि पीने के लिए पर्याप्त पानी है।(vii) एक बात में कहे तो नदी ही हमारे जीवन का आधार हैं।
(viii) जल विद्युत के विकास में सहायता करना।
(ix) मछली पकड़ने की प्रक्रिया में सहायता।
(x) जल विद्युत के विकास में सहायता करना।

5. ‘पृथ्वी पर बढ़ते तापमान के कारण विश्व सभ्यता को अमृत एवं पोषक जल प्रदान करने वाले ग्लेशियर या तो लुप्त हो गए हैं या लुप्त होने की ओर बढ़ते जा रहे हैं। अमृत वाहिनी गंगा अपने उद्गम गंगोत्री के मूल स्थान से कई किलोमीटर पीछे खिसक चुकी है।’ पृथ्वी पर तापमान बढ़ने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं, लिखो।

उत्तर: वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को बढ़ने से रोकने के लिए 1950 के दशक के बाद से वृद्धि के समान उत्सर्जन में गिरावट आएगी। कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसें वायुमंडल में गर्मी को फँसाती हैं जो अंतरिक्ष की ओर जा रही थी, जिससे पृथ्वी का ग्रीनहाउस प्रभाव और अधिक तीव्र हो गया, जिससे जलवायु गर्म हो गई।

6. किनारे पर लगे वनों को लोगों द्वारा ध्वंस करने, बरसाती पानी के साथ मिट्टी कट कर पानी में आ मिलने तथा विभिन्न कूड़े-कचरे आदि फेंके जाने के कारण ब्रह्मपुत्र की पेटी निरंतर उथली होती जा रही है। इसके कारण बाढ़ का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है।

इसे रोकने के लिए क्या उपाय सुझा सकते हो? समूह में चर्चा कर लिखो।

उत्तर: ब्रह्मपुत्र के किनारे पर लगे वनों को लोगों द्वारा ध्वंस करना, बरसाती पानी के साथ मिट्टी कत कर पानी में आकर मिलते है तथा विभिन्न कूड़े-कचरे आदि फेंकने से ब्रह्मपुत्र की पेटी निरतंर उठली होती जा रही है। इसकी वजह बाढ़ का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। इसके रोकने लिए हमें अपने-आप को शुधारना होगा, तब नदी के किनारों में मिट्टी काटना, जंगलों को साफ करना, पेड़-पौधे को काटना, कूड़े-कचरे चींजे नद पर न फेंकना बंध करना होगा। तब भी बाढ़ की समस्या दूर होगा।

आओ, पाठ में आए कुछ शब्दों के अर्थ जाने:

शब्दअर्थ 
महाबाहु 
हिमानी
बर्फीली
दुर्गम
खाड़ी 
पठार 
घाटी
सहत 
दिशा
जल–प्रवाह
परंपरा
थाती
फरसा
स्टीमर
विभोर
पर्यटन
मुहाना
थकान
बोझ
लालची
उथली
पर्यटक
पेटी
अनुभव
तट

उत्तर: 

शब्दअर्थ 
महाबाहु लंबी बाँहवाला, बलवान
हिमानीहिम समूह, बरफ का ढेर जो पहाड़ पर से खिसकता हुआ नीचे आता है
बर्फीलीबर्फ से युक्त
दुर्गमबीहड़, जहाँ पहुंँचना कठिन हो
खाड़ी समुद्र का वह भाग जो तीन ओर स्थल से घिरा हो
पठार दूर तक फैली हुई चौरस और ऊंँची जमीन
घाटीदो पहाड़ों के बीच की नीची जमीन
सहत तल, किसी वस्तु का ऊपर भाग
दिशाक्षितिज मंडल के चार- पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर भागों में से कोई 
जल–प्रवाहपानी का बहाव, पानी की धारा
परंपराप्रथा, प्रणाली जो बहुत दिनों से चली आ रही हो
थातीधरोहर, अमानत
फरसापरशु 
स्टीमरभाप से चलने वाला छोटा जहाज
विभोरनिमग्न, तल्लीन
पर्यटनदेश–दर्शन और मनोरंजन के लिए विभिन्न स्थानों का भ्रमण
मुहानानदी–मुख, समुद्र में नदी के गिरने का स्थान
थकानश्रांति, थकावट
बोझभार, वजन
लालचीदूसरों की वस्तु/संपत्ति में इच्छा रखने वाला
उथलीकम गहरी
पर्यटकदेश–विदेशी में घूमने–फिरने वाला
पेटीनदी का पेट जहाँ पानी भरा रहता है
अनुभवप्रत्यक्ष ज्ञान
तटनदी का किनारा

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