Class 10 Hindi Ambar Bhag 2 Chapter 12 इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव The answer to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapter Assam Board Class 10 Hindi Ambar Bhag 2 Chapter 12 इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव and select needs one.
Class 10 Hindi Ambar Bhag 2 Chapter 12 इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव
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5. आशय स्पष्ट कीजिए:
(क) ‘नीहारिका के ज्ञान की सीमा लगातार बढ़ती रहे इसी आशा से मैंने उसे यह तोहफा देने का निर्णय लिया है।”
उत्तर: यह पंक्तियाँ ‘ इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव’ नामक पाठ से ली गई हैं। इसकी लेखिका डॉ. प्रणयी दत्त हैं। यह वाक्य नीहारिका के पिताजी का है, जो नीहारिका को कंप्यूटर देने की बात कर रहे थे।
इन पंक्तियों का आशय यह है कि कंप्यूटर से ज्ञान की सीमा बढ़ जाती है और उसमें इंटरनेट लगा दिया जाए तो फिर इस ज्ञान का दायरा बहुत ही व्यापक हो जाता है। नीहारिका के पिताजी नीहारिका को पढ़ाई में मदद के लिए कंप्यूटर देने की बात कह रहे थे क्योंकि आजकल बिना कंप्यूटर के ज्ञान प्राप्त करना अधूरा माना जाता है।
(ख) ‘उसके मन में यही आशा रही कि सभी लोग इंटरनेट की मीठी सुविधाओं से लाभान्वित हों और वे सभी उसके खट्टे अनुभवों से दूर रहें।’
उत्तरः यह पंक्तियाँ ‘इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव’ नामक पाठ से ली गई हैं। इसकी लेखिका डॉ. प्रणयी दत्त हैं। यह वाक्य लेखिका के हैं, जो नीहारिका के प्रति कहे गए है।
इसका आशय यह है कि इंटरनेट के दुरुपयोग से नीहारिका के दैनिक जीवन एवं स्वभाव में बदलाव आया। उससे उनका बहुत नुकसान हो गया। दिन-रात कंप्यूटर पर बैठे रहने से उसकी सेहत भी बिगड़ने लगी। तब उसने शाबाना दीदी को अपनी समस्या बताई। शाबाना दीदी उसकी समस्या हल कर दी। तब नीहारिका ने संकल्प लिया कि अब से वह इंटरनेट का दुरुपयोग नहीं करेगी और उसने यह भी निर्णय लिया कि वह अपना अनुभव अपने सभी दोस्तों को बताएगी और उन्हें भी गलत रास्ते पर जाने से रोकेगी। उस पूर्ण विश्वास था कि उसके दोस्त भी उसके अनुभवों से लाभान्वित होंगे। इसलिए उसने अपने अनुभवों को अपने दोस्तों को ई-मेल कर दिया।
6. सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
(क) जिस प्रकार वायरस से होने वाली बीमारी से बचाने के लिए डॉक्टर मरीज को एण्टीबायोटिक देते हैं वैसे ही कंप्यूटर को वायरस से बचाने के लिए भी कंप्यूटर विशेषज्ञों ने कुछ विशेष व्यवस्था कर रखी है।
उत्तरः प्रसंग: ये पंक्तियाँ ‘इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव’ से ली गई हैं। इसकी लेखिका डॉ. प्रणयी दत्त हैं। लेखिका पढ़ाई-लिखाई में हमेशा अव्वल रही है और प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उनके कई शोधपरक लेख भी प्रकाशित हुए हैं तथा इन्होंने कई देशों के राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी भाग लिया है।
संदर्भ: इन पंक्तियों में कंप्यूटर वायरस की तुलना मानव बीमारी से की गई है तथा इसे दूर करने के लिए एण्टीवायरस अर्थात् एण्टीवायोटिक देने की बात की गई है।
व्याख्या: जिस प्रकार वायरस मनुष्य के शरीर में कई प्रकार की भयंकर बीमारियाँ फैलाते हैं, उसी प्रकार कंप्यूटर नेटवर्क को ध्वस्त करके मूल प्रोग्राम को बर्बाद कर देते हैं। बीमारी के वायरस इतने शक्तिशाली होते हैं कि उन्हें परास्त करने के लिए उससे भी तगड़ा एण्टीवायरस दिया जाता है तब बीमारी ठीक होती है। ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर में जब वायरस घुस जाता है तो वह बंद हो जाता है और उसे ठीक करने के लिए कंप्यूटर विशेषज्ञों ने विशेष व्यवस्था की है तथा एण्टीवायरस सॉफ्टवयेर बनाया है। इस एण्टीवायरस सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में लगा देने से उसमें वायरस घुसने का डर नहीं रहता।
(ख) दिन-ब-दिन इंटरनेट के प्रति उसकी बढ़ रही अभिरुचि तथा मानसिक परिवर्तन के बारे में दिल खोलकर बात करने के लिए वह शाबाना दीदी के पास गई।
उत्तरः प्रसंग: ये पंक्तियाँ ‘इंटरनेट के खट्टी-मीठे अनुभव’ नामक पाठ से ली गई हैं। इसकी लेखिका डॉ. प्रणयी दत्त हैं। डॉ. दत्त गौहाटी विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी विभाग में अध्यक्ष पद पर कार्य किया। उन्होंने कई देशों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी भाग लिया।
संदर्भ: इन पंक्तियों में यह बताया गया है कि इंटरनेट के अधिक प्रयोग से नीहारिका की दिनचर्या में परिवर्तन आया तथा उसका स्वभाव भी असामान्य हो गया। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए वह शाबाना दीदी के पास गई।
व्याख्या: नीहारिका ने जब से विभिन्न देशों में रहने वाली अपनी सहेलियों से ई-मेल या वीडियो कॉलिंग पर बात की, उसके बाद कंप्यूटर से उसका लगाव बहुत बढ़ गया। अब वह जब भी समय मिलता इंटरनेट खोलकर कंप्यूटर के सामने बैठ जाती। ऐसा करने से पढ़ाई से उसका मन उचटने लगा। वह अब पार्टियों में भी नहीं जाती। बड़े-बुजुर्गों से ठीक से बात भी नहीं करती। उसकी दिनचर्या बहुत बदल गई थी। घरेलू काम-काज में भी वह उदासीनता दिखाने लगी। मीडिया में अफवाह की बातें सुनकर उसका मन खराब हो गया। उसकी मानसिक अवस्था खराब हो गई। इस समस्या का समाधान पाने के लिए वह शाबाना दीदी के पास गई और उनसे दिल खोलकर बाते की। शाबाना दीदी ने उसकी बातें सुनी और उसकी समस्या का हल बता दिया।
7. सम्यक् उत्तर दीजिए:
(क) कंप्यूटर घर में आने के दिन से लेकर शाबाना दीदी के पास जाकर पश्चाताप करने के दिन तक नीहारिका के कंप्यूटर के अनुभव के बारे में अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः नीहारिका के पापा ने उसे एक कंप्यूटर उपहार में दिया। घर में कंप्यूटर आया और उसमें इंटरनेट की सुविधा भी ले ली गई। अब इंटरनेट के जरिए नीहारिका अपनी सहेलियों को ई-मेल भेजने लगी। जल्द ही वह वीडियो कॉलिंग के द्वारा बातचीत भी करने लगी। रेल के टिकट बुक करने से लेकर ऑनलाइन खरीदारी भी करने लगी। जब भी उसे समय मिलता, वह इंटरनेट खोलकर कंप्यूटर के सामने बैठ जाती। इससे उसकी दिनचर्या और स्वभाव में बहुत परिवर्तन आने लगा। वह घरेलू कार्यों में उदासीनता दिखाने लगी। वह बड़े-बुजुर्गों के साथ शिष्टाचार भी भूल गई। इंटरनेट का दुरुपयोग बहुत हानिकारक होता है। मीडिया में अफवाह फैलने की बातें सुनकर उसका मन एकदम खराब हो गया। इन सब समस्याओं से निजात पाने के लिए वह शाबाना दीदी के पास गई। वह शाबाना दीदी से स्पष्ट शब्दों में अपने मन की बात बताई। शाबाना दीदी ने उसे उचित सलाह दिया। उसकी बातें सुनकर नीहारिका का मन हल्का हो गया। उसने अपने अनुभवों को अपने सभी दोस्तों को बताया ताकि वे लोग भी उसके अनुभवों से लाभ उठा सकें।
(ख) कंप्यूटर के अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के उपयोग की एक तालिका बनाइए।
उत्तर: कंप्यूटर के अच्छे उपयोग:
(i) टाइप करना।
(ii) पढ़ाई करना।
(iii) डाटा बनाना।
(iv) ज्ञान की बातें सीखना।
(v) टिकट बुक करना।
(vi) समाचार-पत्र पढ़ना।
(vii) अन्य जानकारियाँ प्राप्त करना।
(viii) ई-मेल या संदेश पढ़ना-भेजना।
(ix) वीडियो कॉलिंग करना।
कंप्यूटर के बुरे उपयोग:
(i) गेम खेलना।
(ii) मैच देखना।
(iii) कार्टून देखना।
(iv) अश्लील वीडियो देखना।
(v) चैटिंग करना।
(vi) इंटरनेट का दुरुपयोग करना।
(ग) कंप्यूटर के दुष्प्रभावों से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? नीहारिका के अनुभव के आधार पर लिखिए।
उत्तर: कंप्यूटर के दुष्प्रभावों से बचने के लिए हमें कुछ ठोस उपाय करना चाहिए। इंटरनेट का अनावश्यक उपयोग नहीं करना चाहिए। जरूरत के अनुसार ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए। कंप्यूटर में गेम्स नहीं खेलना चाहिए या बगैर मारा-पिता की अनुमति से इसमें फिल्म या खेल नहीं देखना चाहिए। यदि किसी चीज के बारे में जानकारी न हो तो उसका उपयोग नहीं करना चाहिए। यात्रा करते समय, स्कूल में या गाड़ी में सफर करने हुए कंप्यूटर नहीं चलाना चाहिए। जरूरत के अनुसार ही ई-मेल या सूचना का आदान-प्रदान करना चाहिए।
(घ) कंप्यूटर के उपयोग से नीहारिका को क्या-क्या लाभ हुआ?
उत्तर: कंप्यूटर के उपयोग से नीहारिका को अनेक लाभ हुए। सबसे पहले उसे ई- मेल पर संदेश का आदान-प्रदान करना आ गया। वह वीडियो कॉलिंग के जरिए दूर-दराज के दोस्तों से बातें करने लगी। रेल टिकट, हवाई जहाज के टिकट, होटल के कमरे बुक करने से लेकर ऑनलाइन खरीदारी भी करने लगी। इंटरनेट पर आवश्यक ज्ञान एवं वैज्ञानिक तथ्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने लगी। इसके अतिरिक्त वह गेम्स खेलना, गीत सुनना एवं फिल्म देखने का काम भी कंप्यूटर पर करने लगी।
(ङ) कंप्यूटर हमारे लिए वरदान है या अभिशाप, सोच-समझकर एक लेख प्रस्तुत कीजिए।
उत्तरः कंप्यूटर का सदुपयोग निश्चय ही हमारे लिए वरदान साबित हुआ है। आजकल की इस सूचना क्रांति के युग में हम कंप्यूटर के द्वारा उस चीज की जानकारियाँ हासिल कर पा रहे हैं, जो हमने कभी सोचा भी न था। आज इंटरनेट पर हर प्रकार का ज्ञान उपलब्ध है। पढ़ाई, मनोरंजन, खोज और सूचनाओं के आदान- प्रदान में हमें बड़ी सफलता मिली है।
दूसरी ओर कंप्यूटर हमारे लिए अभिशाप बनकर भी हमारे सामने आया है। एक कंप्यूटर आज हजारों लोगों का काम एक साथ कर देता है। इससे बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। कंप्यूटर हमें बहुत सारी गुप्त सूचनाएँ भी मुहैया कराता है। इसकी हमें कोई आवश्यकता नहीं होती। आज की युवा पीढ़ी कंप्यूटर-इंटरनेट पर इतना व्यस्त हो गई है कि वह अपने आस-पास के माहौल से भी एकदम कट-सी गई है।
भाषा एवं व्याकरण:
1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:
उत्तरः खुशी – प्रफुल्लित, हर्ष, आनंद, प्रसन्नता
पोशाक – परिधान, पहनावा
प्रगति – उन्नति, विकास, उत्कर्ष, उत्थान
सूरज – रवि, दिनकर, दिवाकर, सूर्य, आदित्य
दोस्त – मित्र, सखा, बंधु, साथी
संसार – जग, विश्व, भुवन, जहान
2. निम्नलिखित समोच्चरित शब्दों का अर्थ लिखिए:
उत्तर: अन्न – अनाज
अन्य – दूसरा
असित – काला
अशित – जूठा
कल – मशीन, आने वाला दिन
काल – अलि मृत्यु, समय
अलि – भ्रमर
अली – सखी
कलि – कलियुग,
कली – अनखिला फूल
कुट – गृह, घर, किल
कूट – पहाड़, चोटी
अणु – कण
अनु – पीछे
अपेक्षा – आशा करना
उपेक्षा – अवहेलना, निरादर
ओर – उस तरफ
और – अधिक, अन्य
कुल – सभी, वंश
कूल – किनारा
कृति – रचना
कृती – कुशल
परुष – कठोर
पुरुष – मर्द
3. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए:
(क) पेड़ों पर तोता बैठा है।
– पेड़ पर तोता बैठा है।
(ख) प्रेमचंद ने अनेकों उपन्यास लिखे।
– प्रेमचंद ने अनेक उपन्यास लिखे।
(ग) राम और सीता वन को गई।
– राम और सीता वन को गए।
(घ) अंजु ने जोर से हँस दिया।
– अंजु जोर से हँस दी
(ङ) मैं पुस्तक को पढ़ता हूँ।
– मैं पुस्तक पढ़ता हूँ।
(च) दस बजने को दस मिनट हैं।
– दस बजने में दस मिनट बाकी है।
(छ) नीहारिका आई और कहा
– नीहारिका आई और बोली।
(ज) वह रमेश पर बरस गया।
– वह रमेश पर बरस पड़ा।
(झ) उसे भारी दुःख हुआ।
– उसे बहुत दुःख हुआ।
(ञ) मैं रविवार के दिन तुम्हारे घर आऊँगा।
– मैं रविवार को तुम्हारे घर आऊँगा।
योग्यता विस्तार:
1. कंप्यूटर से हमें अनेक लाभ हो सकते हैं। आप अपने अभ्यास को और सुविधाजनक बनाने के लिए कंप्यूटर का उपयोग कैसे कर सकते हैं, सोचिए और अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः विद्यार्थी स्वयं करें।
2. विद्यार्थियों के लिए लाभदायक कुछ उपयोगी वेबसाइटों की एक सूची बनाइए।
उत्तरः विद्यार्थी स्वयं करें।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर:
1. ‘इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव’ पाठ की लेखिका का क्या नाम है।
उत्तर: ‘इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव’ पाठ की लेखिका का नाम डॉ. प्रणयी दत्त है।
2. नीहारिका के पिताजी ने उसे तोहफे में क्या देने का वादा किया है।
उत्तरः नीहारिका के पिताजी ने उसे तोहफे में कंप्यूटर देने का वादा किया है।
3. इंटरनेट में व्यवहृत होनेवाले कुछ शब्दों के बारे में बताइए।
उत्तर: इंटरनेट में व्यवहत होनेवाले कुछ शब्द वेब पेज, वेब साइट, होम पेंज, ब्राउजर आदि हैं।
4. वर्ल्ड वाइड वेब की अवधारणा का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: वर्ल्ड वाइड वेब की अवधारणा का जन्म 1989 में स्वीटजरलैंड के जेनेवा में हुआ था।
5. शबनम किसकी सहेली थी ? वह कहाँ पढ़ती थी?
उत्तरः शबनम नीहारिका की सहेली थी और वह मॉस्को में पढ़ती थी।
6. नीहारिका की सहेली शान्ता आनन्द कहाँ रहती है?
उत्तरः नीहारिका की सहेली शान्ता आनन्द दक्षिण अफ्रीका के डरबन में रहती है।
7. कंप्यूटर का वायरस क्या नुकसान करता है?
उत्तर: कंप्यूटर का वायरस विध्वंस के उद्देश्य से बनाए गए विशेष कंप्यूटर प्रोग्राम होता है। कंप्यूटर में घुसने के बाद वायरस मूल प्रोग्राम को भ्रमित करके पूरी व्यवस्था को ध्वंस कर देते हैं। वे कंप्यूटर के संरक्षित तथ्यों को प्रभावित करके उसे नष्ट भी कर देते हैं।
8. शाबाना दीदी कहाँ और किस विषय में शोध कर रही थी?
उत्तरः शाबाना दीदी विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विषय में शोध कर रही थी।
9. शाबाना दीदी ने नीहारिका के कंप्यूटर को भविष्य में वायरस से बचाने के लिए क्या किया?
उत्तरः शाबाना दीदी ने नीहारिका के कंप्यूटर को भविष्य में वायरस से बचाने के लिए उसमें एण्टीवायरस सॉफ्टवेयर संलग्न कर दिया।
10. “इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव” पाठ का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः संसार की हर चीज के अच्छे और बुरे दो पहलू होते हैं। इंटरनेट भी इसका अपवाद नहीं है। वर्तमान में इंटरनेट के लगातार बढ़ते प्रचार-प्रसार तथा प्रयोग के कारण लोगों के समय और परिश्रम का लाघव जरूर हुआ है, लेकिन इसके प्रयोग के सही तरीके न जानने के कारण अनेक लोग, खासकर विद्यार्थी समाज का विविध प्रकार से नुकसान हो रहा है। इसलिए इंटरनेट का उपयोग ज्ञान-वृद्धि तथा आवश्यक जनकारी के लिए करना चाहिए, न कि अनावश्यक चीजों को देखने व जानने के लिए। इस कहानी के माध्यम से लेखिका ने बड़े रोचक तरीके से इंटरनेट के सदुपयोग और दुरुपयोग के अंतर को स्पष्ट किया है। इंटरनेट के दुरुपयोग को खट्टा अनुभव और सदुपयोग को मीठा अनुभव बताया है। आखिरकार इंटरनेट के उपयोग के क्षेत्र में हमें जागरूक और सचेत करना ही पाठ का मूल प्रतिपाद्य है।