छात्रावास का जीवन – रचना | Chhaatraavaas ka Jeevan Rachana

छात्रावास का जीवन – रचना | Chhaatraavaas ka Jeevan Rachana to each essay is provided in the list so that you can easily browse throughout different essay छात्रावास का जीवन and select needs one.

Join Telegram channel

Read More: মােৰ জীৱনৰ লক্ষ্য ৰচনা | Aim in my Life Essay in Assamese

छात्रावास का जीवन

बहुत से विद्यार्थियों को स्कूल या कॉलेज के छात्रावासों में रहने का अवसर मिलता है। वे ही जानते हैं कि छात्रावास का जीवन क्या है? स्कूल और कालेज के छात्रावास में बड़ा अन्तर है। स्कूल में यदि भय और चिन्ता है तो कालेज में स्वतन्त्रता और निश्चिन्तता है। परन्तु यह सर्वथा सत्य है कि विद्यार्थी को जो कुछ छात्रावास सिखा सकता है, वह स्कूल और कालेज नहीं सिखा सकते।

स्कूल के छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी को बहुत सावधान रहना पड़ता है। जरा नियम भंग हो जाने से दण्ड का भय रहता है। उसके आचार-व्यवहार आदि पर कड़ी निगरानी रहती है। कालेज के छात्रावास का वातावरण भिन्न है। नियम तो वहां भी होते हैं, परन्तु वे इतने कड़े और कष्टदायक नहीं होते। यहां विद्यार्थी अपने आप और इच्छानुसार घूमता-फिरता है। स्वतंत्र अध्यापक लोग उसकी देखभाव में इतने कठोर एवं सतर्क नहीं होते।

विद्यार्थी जीवन में सबसे अधिक आकर्षण का विषय छात्रावास का जीवन है। घरों में रहने वाले विद्यार्थी घरेलू सुविधाओं की लम्बी-चौड़ी प्रशंसा करते हैं, परन्तु हृदय से वे अपने उन मित्रों के भाग्य को सराहते हैं, जिन्हें छात्रावास में रहने का सौभाग्य प्राप्त हुए। हों। मित्रों के साथ इकट्ठे रहना, नियमानुसार पढ़ना, बैठना, सोना, घूमने जाना इत्यादि कारण हैं, जिससे छात्रावास का जीवन विद्यार्थी को अधिक कर्त्तव्यशील और परिश्रमी बनाता है। अपने मित्रों को नियमपूर्वक अपने कार्यों को करते हुए देखकर आलसी से आलसी विद्यार्थी भी निकम्मा नहीं रह सकता। छात्रावास का वातावरण ही कुछ ऐसा होता है, जिसमें विद्यार्थी इस बात को भूल नहीं सकता कि वह यहाँ किसलिए आया है। और उसे किस प्रकार अपने बहुमूल्य समय का पूरा उपयोग करना चाहिए। एक विद्यार्थी को अपना जीवन ऊँचा बनाने के लिए जैसे अवसर छात्रावास में प्राप्त

होते हैं, वैसे अन्यत्र नहीं होते। यहाँ पर तो ज्ञान की गंगा बहती है। छात्रावास में समाचार पत्र, शिक्षा संबंधी पत्रिकाएँ, वाक् प्रतियोगिता इत्यादि साधन है, जिनसे विद्यार्थी की रूचि शिक्षा संबंधी विषयों की ओर लगाई जाती है। कई बार यात्रा अथवा पर्यटन की भी व्यवस्था होती है, जिसमें विद्यार्थी को प्राकृतिक स्थल, पहाड़, नदियां, सुन्दर उपवन आदि दिखलाए जाते हैं, जिससे उनका साधारण ज्ञान बढ़ता है और बड़े होकर वे सफल नागरिक बन सकते हैं। छात्रावासों में कई प्रकार खेलों का भी प्रबंध रहता है, जिससे विद्यार्थी का मन लगा रहता है और उनकी मानसिक थकावट दूर होती है।

छात्रावास में छात्रों को एक निश्चित धनराशि प्रति मास घर से पहुँच जाती है, जिसे वे निश्चिन्त होकर खर्च करते हैं। ऐसी अवस्था में वे खेल-तमाशों में धन का व्यय करने लगते हैं। ऐसी स्वतन्त्रता उनके विचारों पर बुरा प्रभाव डालती है। वे अपना उद्देश्य भूल जाते हैं और असफलता के भंवर में फंस जाने के कारण जीवन भर पश्चाताप की अग्नि में जलते रहते हैं।

छात्रावास में यदि विद्यार्थी छात्रावास के नियमों का पालन करते हैं तथा समय को व्यर्थ नहीं गँवाते, तो छात्रावास के जीवन से भरपूर लाभ उठाते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top