Assam Jatiya Bidyalay Class 8 Hindi Chapter 2 मिठाईवाला

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मिठाईवाला

Chapter – 2

অসম জাতীয় বিদ্যালয়

EXERCISE QUESTION ANSWER

शब्दार्थ :

मादक-मधुरआनन्ददायक और मीठा
स्नेहाभिषिक्तप्यार से सिंचित
हलचलदौड़-धूप
छज्जाछत का दिवार से बाहर निकला भाग
पेटीसन्तूकची
मोल-भाव करनाकीमत-वगैरह पूछना
बीकानेरीबीकानेर में बना
चर्चाकिसी के बारे में बातचीत करना
मृदुलकोमल
सोधनीपाजामा
एहसानउपकार, अनुग्रह
आदतअभ्यास
अप्रतिभउदास
दस्तूरनियम
आजानुलम्बितघुटने तक का लंबा
अठखेलियाँचंचलता भरे खेल कूद
चिकबाँस की तीलियों का परदा

अभ्यास माला

प्रश्न – १ : शुद्ध उत्तर चुनकर लिखो :

(क) मिठाईवाला कहानी के कहानीकार हैं

(अ) प्रेमचन्द्र

(आ) जैनेन्द्र कुमार

(इ) भगवती प्रसाद बाजपेयी 

(ई) यशपाल

उत्तर : (इ) भगवती प्रसाद बाजपेयी l

(ख) चुन्नू और मुन्नू ने कितने पैसे में खिलौने खरीदे ?

(अ) दो पैसे में

(आ) एक पैसे में

(इ) मुफत में,

(ई) पाँच पैसे में

उत्तर : (अ) दो पैसे में l

(ग) मुरलीवाले ने कितनी मुरलियाँ बनवाई थी ?

(अ) पाँच सौ

(आ) एक हजार

(इ) दो हजार

(ई) एक सौ

उत्तर : (आ) एक हजार l

(घ) खिलौनेवाले की उम्र कितनी होगी ?

(अ) पाँच वर्ष

(आ) पचास वर्ष

(इ) पैंतीस वर्ष

(ई) तीस-बत्तीस

उत्तर : (ई) तीस-बत्तीस l

(ङ) मिठाईवाला लाभ न मिलने पर भी क्यों मिठाई बेचता है ?

(अ) बहुत पैसे के लिए 

(आ) मान-सम्मान के लिए

(इ) असीम सुख के लिए

(ई) ऐसे ही

उत्तर : (इ) असीम सुख के लिए I

प्रश्न – २ : सम्पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखो : 

(क) खिलौनेवाले की आवाज सुनकर लोग क्यों अस्थिर हो उठते ?

उत्तर : बहुत ही मीठे स्वरों के साथ गलियों में घुमता हुठा कहता- “बच्चों को बहलानेवालास खिलौनेवाला।” इस अधूरे वाक्य को वह विचित्र, किन्तु मादक-मधुर ढंक से गाकर कहता कि सुननेवाले एक बार अस्थिर हो उठते।

(ख) राम विजय बहादुर के बच्चे-कौन कौन थे ? 

उत्तर : राम विजय बहादुर के बच्चे-चुन्नु और मुन्नु थे।

(ग) रोहिणी कौन थी ?

उत्तर : रोहिणी चुन्नू और मुन्नू की माँ थी।

(घ) मुरलीवाले कितने पैसे में मुरली बेचता था ? 

उत्तर : मुरलीवाले दो-दो पैसे में मुरली बेचता था।

(ङ) मिठाईवाला अपनी मिठाई किस भाव से बेचता है ?

उत्तर : मिठाईवाला अपनी मिठाई पैसे की सोलह’ भाव से बेचता है।

(च) रोहिणी ने कितने पैसे की मिठाई ली ?

उत्तर : रोहिणी ने-चार पैसे की मिठाई ली।

प्रश्न -३ : उत्तर लिखो (50/60 शब्दों में)

(क) खिलौनेवाले के आने पर लोगों में कैसी प्रतिक्रिया होती है ? स्पष्ट करो।

उत्तर : बहुत ही मीठे स्वरों के साथ वह गलियों में घुमता हुआ कहता है “बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला” आ गया। इस विचित्र, किन्तु मादक मधुर ढंग से गाकर कहता कि सुननेवाले एक बार अस्थिर हो उठतें। उस -खिलौनेवाले के स्नेहाभिषिक्त कण्ठ से फूटा हुआ उपर्युक्त गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। युवतियाँ परदों से झाँकने लगती, खेलते बच्चों का झुण्ड आ कर घेर लेता और खिलौनेवाला अपनी खिलौने की पेटी खोल देता।

(ख) मिठाईवाले ने अपने बारे में रोहिणी से क्या कहा ? विस्तार से लिखो। 

उत्तर : मिठाईवाले ने रोहिणी के पुछने पर बताया कि “अब व्यर्थ उन बातों की क्यों चर्चा करूँ? उन्हें आप जाने ही दें। उन बातो को सुनकर आपको दुःख ही होगा।” रोहिणी बौली बताओ तुम्हारा नुकसान नहीं होने दूंगी। अतिशय गम्भीरता के साथ मिठाईवाले ने कहा- “मैं भी अपने नगर का एक प्रतिष्ठित आदमी था। मेरे पास सब कुछ था। बाहर संपत्ति का वैभव था, भीतर सांसारिक सुख । समय की गति, अब कोई नहीं है। इन्हीं बच्चों में अपना समय बिता रहा हूँ।” 

(ग) फेरी करने के पीछे फेरीवाले का उद्देश्य क्या था ? समझाकर लिखो।

उत्तर : फेरी करने के पीछे फेरीवाले का उद्देश्य यह था कि वह उन बच्चों में अपने बच्चे को देखता था। फेरीवाले का भी एक भरा-पूरा परिवार था। समय का गति या फिर भाग्य का फेरी से भरा-पूरा परिवार नष्ट हो गया। फेरीवाले के पास सब कुछ था। एक सम्पन्न परिवार था। बाहर सम्पत्ति का वैभव और भीतर सांसारिक सुख था। अपने परिवार को खोने के बाद वह फेरीवाला अपने प्राण को देना चाहा, पर ऐसा कर न सका। बाद में एक अनुठा कार्य फेरी करने को सोचा। कभी खिलौने का फेरी, कभी मुरली का फेरी और कभी मिठाई का फेरी कर के गली गली घुरने लगा। जब छोटे-छोटे बच्चे तुतली बोली में फेरी वाले से समान मांगता तो वह अति प्रशन्न होता।

(घ) फेरीवाला बच्चों के सामने कितने रूपों में आया था ? विजय बाबू की बात पर उसने क्या जवाब दिया ?

उत्तर : फेरीवाला बच्चों के सामने कभी, खिलौनेवाला, कभी मुरलीवाला और कभी मिठाईवालों के रूप में आता था। जब बच्चे खुस होते थे तब फेरीवाला भी प्रशन्न होता था। विजय बाबू ने मुरली के दाम पर फेरीवाला को झुठ साबित करता चाहा। फेरीवाला विजय बाबू से दो पैसे माँग रहा था। विजय बाबू बोले ‘तुम लोगों की आदत ही झुठ बोलने की होती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसे में, पर एहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो।’

मुरलीवाला एकदम अप्रतिम हो उठा, बोला-

“आपको क्या पता बाबू जी कि इनकी असली लागत क्या है। यह तो ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दूकानदार चाहे हानि ही उठा कर चीज क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते है दूकानदार मुझे लूट रहा । आप भला काहे को विश्वास करेंगे। लेकिन सच पूछियो तो बाबूजी, असली दाम दो ही पैसा है। आप कहीं से भी दो-दो पैसे में ये मुरलियाँ नहीं पा सकते। मैंने तो पूरी एक हजार बनवाई थी, तब मुझे इस भाव पड़ी है। “

प्रश्न ४ : सही उत्तर दो :

(क) “मेला घोला कैछा छुन्दल ऐ।” किसने कब कहा था ? 

उत्तर : चुन्नू जब खिलौना ले आया तो बोला- “मेला घोला कैछा छुन्दल ऐ।”

(ख)”तुमलोगों को झूठ बोलने की आदत ही होती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसे में, पर एहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो।” -किसने, किससे और किस प्रसंग में कहा था ?

उत्तर : विजय बाबू ने मुरलीवाले से मुरली के दामों के प्रसंग में बोले “तुमलोगों की झूठ बोलने की आदत ही होती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसे में, पर एहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो।”

(ग) “इन व्यवसायों में भला तुम्हें क्या मिलता होगा ?” किसने, किस से और किस व्यवसाय के बारे में कहा था ?

उत्तर : रोहिणी ने मिठाईवाले से मिठाई की व्यवसाय के बारे में कही थी। वह बोली- “इन व्यवसायों में भला तुम्हें क्या मिलता होगा।”

(घ) “अरे अरेन न, अपने पैसे लिए जा भाई।”- किसने किससे कहा था ?

उत्तर : दादी ने मिठाईवाले से कही थी। दादी बोली- “अरे अरे नन अपने पैसे लिए जा भाई।” 

प्रश्न -५ : संधि किसे कहते हैं ? इसके कितने भेद हैं ? प्रत्येक भेद का एक-एक उदाहरण दो।

उत्तर : सामान्य रूप में संधि का अर्थ होता है- ‘मेल’। व्याकरण में इसका अर्थ दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार होता है। दो वर्णों के मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं। जैसे 

विद्या + आलय विद्यालय

देव + आलय देवालय

संधि के तीन भेद हैं 

1. स्वर संधि 2. व्यंजन संधि 3. विसर्ग संधि

उत्तर : 1. स्वर संधि : स्वर में स्वर के मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे ‘स्वर संधि’ कहते हैं। जैसे-हिम + आलय हिमालय ( यहाँ म का अ और आलय का आ = अ + आ = आ) 

2. व्यंजन संधि : व्यंजन का व्यंजन से या किसी स्वर मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे ‘व्यंजन संधि’ कहते हैं। जैसे-

सत् + जन सज्जन (यहाँ तू + जज व्यंजन + व्यंजन) 

जगत् + ईश = जगदीश (यहाँ त् + ई = दी व्यंजन + स्वर)  

3. विसर्ग संधि : विसर्ग (:) के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे ‘विसर्ग संधि’ कहते हैं। जैसे- 

निः + संदेह = निस्संदेह (यहाँ विसर्ग के साथ व्यंजन– : + स)

निः + आशा = निराशा (यहाँ विसर्ग के साथ स्वर– : + आ)

प्रश्न -६ संधि विच्छेद करो :

नमस्कार, पवन, गजानन, अभिष्ट, सतीश, रवीन्द्र, सूर्योदय, पावन

हितोपदेश, चंयन, नाविक, मतैक्य, महौषध, भावुक, नयन, नायिका।

उत्तर : नमः + कार = नमस्कार, पो + अन पवन, गज + आनन गजानन, अभि + इष्ट = अभीष्ट, सत् + ईश सतीश, रवि + ईन्द्र रवीन्द्र, सूर्य + उदय =  सूर्योदय, पौ+ अन पावन, हित् + उपदेश हितोपदेश, चे+ अन =  चयन, नौ + इक = नाविक, मत् + ऐक्य मतैक्य, महा + औषध महौषध, = भौ + उक = भावुक, ने + अन नयन, गै + इक = गायिका

प्रश्न -७ : संधि जोड़ो :

चर + अचर = चराचरपरम + ऐश्वर्य = परमैश्वर्य
धर्म + अर्थ = धर्मार्थइति + आदि = इत्यादि
रमा + ईश = रमेशपरि + आवरण = पर्यावरण
सम् + वाद = सम्वादउत् + लेख = उल्लेख
सम् + लाप = संलापउत् + चारण = उच्चारण
वाक् + मय = वाङ्मयसत् + जन = सज्जन
तत् + लीन तल्लीनसम् + ध्या= सध्या
निः + पाय = निस्पापनिः + रोग = नीरोग
निः + रस = नीरसअति + अधि अत्यधिक

प्रश्न -८ : निम्नलिखित शब्दों के अर्थ-भेद लिखो :

दिनसूचिशाला
दीनसूचीसाला
प्रसादसरहरि 
प्रासादशरहरी
पानीवसनहंसी
पाणिव्यसनहँसी
बलिबदन
बलीवदन
नीरसुर
नीड़शुर
कोष
कोश

उत्तर : 

दिनदिवससरसरोबर
दीनगरीब, दरिद्रशरवाण
प्रसादभगवान को लगाया गया भोग, कृपा, अनुग्रहवसनवस्त्र, कपड़ा
प्रासादमहल, राजभवनव्यसनबुरी आदत, लत
पानीहाथबदनशरीर
पाणिहाथवदनदेश
बलिबलि प्रदानसूरसूर्य
बलीबलवानशूरवीर
नीरपानीसुरआवाज
नीड़घोंसलाशालाआश्रम
कोषखजानासालापत्नी का भाई
कोशरास्ते का मापहरिविष्णु
सूचिपवित्र, शुद्धताहरीहरा रंग, हरियाली
सूचीविषय सूची, तालिकाहंसीमादा, हंस

प्रश्न- ९ : विलोम शब्दों लिखो :

एकअपेक्षाअमृत
राजाआभ्यंतरअल्पायु
अनुजआयातअनुकुल
अनुरागआयअपना
अनिवार्यइच्छाआदर
उधारआदान

उत्तर : 

एकअनेकआयव्ययअमृतविष
राजाप्रजाअल्पायुदीर्घायुइच्छाअनिच्च
अनुजअग्रजअनुकुलप्रतिकूलआदानप्रदान
अनुरागविरागअपनापराया
अपेक्षाउपेक्षाआदरनिरादर,अनादर
आभ्यंतरबाह्मअनिवार्यवैकल्पिक
आयातनिर्यातउधारनगद, नकद

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