Assam Jatiya Bidyalay Class 8 Hindi Chapter 13 दोहा- मुक्तावली

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दोहा- मुक्तावली

Chapter – 13

অসম জাতীয় বিদ্যালয়

EXERCISE QUESTION ANSWER

शब्दार्थ :

नरूवरवृक्षबानकवेश
पानपानीसीससिर
हितउपकारउरछाती
सुजानज्ञानीलोगकटिकमर
सुदामाकृष्ण का सखाचित्तमन
जोगयोग्यस्यामकृष्ण
लघुछोटागतिचाल, स्वभाव
तलवारितलवारमादकतापागल बनाने की क्षमता

अभ्यास माला

प्रश्न – १ : सम्पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखो :

(क) कवि बिहारीलाल के आराध्य कौन हैं ? 

उत्तर : कवि बिहारीलाल के आराध्य श्रीकृष्ण हैं।

(ख) किसके रंग में डूबने पर उज्ज्वल हुआ जा सकता है ?

उत्तर : श्याम रंग में डूबने पर उज्ज्वल हुआ जा सकता है। 

(ग) कवि रहीम ने धन किसलिए जमा करने को कहा है ?

उत्तर : कवि रहीम ने धन जमा करने को इसलिए कहा है कि उस धन से दूसरों (गरीब-दुखियों) के कार्य आए।

(घ) रहीम के अनुसार बड़े लोग कौन हैं ? 

उत्तर: रहीम के अनुसार बड़े लोग वे हैं जो गरीब दुखियों का हित करे या सहायता करे।

(ङ) रहीम ने सूई को बड़ा कहा है या तलवार को ? 

उत्तर : रहीम कहते हैं बड़े को देख छोटे का अपमान न करें क्यों कि जहाँ सूई का काम हो वहाँ तलवार क्या कर सकता है। याने रहीम ने सूई को बड़ा कहा है।

(च) ‘सतसई’ का मतलब क्या है ? ‘सतसई’ किसकी रचना है ?

उत्तर : ‘सतसई’ का मतलब है, सात सौ नीति परक दोहों का संग्रह। ‘सतसई’ बिहारीलाल जी की रचना है।

(छ) रहीम का सम्पूर्ण नाम क्या है ?

उत्तर : रहीम का सम्पूर्ण नाम ‘अब्दुर्रहीम खानखाना’ है।

प्रश्न- २ : 25/30 शब्दों में उत्तर दो –

(क) कवि बिहारीलाल को कृष्ण का कौन-सा वेश प्रिय है ?

उत्तर : सीस पर मोर मुकुट, कमर में कमरबंद, हाथ में मुरली, छाती पर वन माला ऐसे कृष्ण के प्रिय वेश कवि बिहारीलाल को प्रिय है। 

(ख) कवि ने सोने को धतूरे से सौ गुना मादक क्यों कहा है ?

उत्तर : कवि ने सोने को धतुरे (मादक द्रव्य) से सौ गुना मादक कहा है, क्यों कि उसे (धतूरे) खा कर संसार का आदमी पागल (मतवाला) हो जाता है। लेकिन इसे (सोना) पाकर ही मनुष्य पागल (मतवाला) (अहंकारी) हो जाता है।

(ग) रहीम के अनुसार गरीब का उपकार करनेवाला बड़े लोग है। – स्पष्ट करो।

उत्तर : रहीम के अनुसार गरीब-दुखियों का उपकार करनेवाला बड़े (महान) लोग है, क्यों कि गरीब में श्वयं भगवान का वास होता है। इसलिए भगवान का एक नाम दरीद्र नारायण’ भी है। 

(घ) रहीम ने छोटे और बड़े लोगों से कैसा व्यवहार करने को कहा है ? 

उत्तर : रहीम ने छोटे और बड़े लोगों में भेद भाव मिटा कर समान ब्यवहार करने को कहा है। यहाँ कोइ भी छोटा बड़ा नहीं होता। सब अपने जगह बड़े हैं. जैसे जहाँ सूई का काम हो वहाँ तलवार क्या कर सकता है। 

(ङ) बिहारीलाल हिन्दी साहित्य के किस काल के कवि है ? उनकी रचनाओं की विशेषताएँ क्या है ?

उत्तर : बिहारीलाल हिन्दी साहित्य में रीतिकाल के सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते हैं। उनकी रचनाओं की विशेषता यह थी कि सब रचनाएँ प्रेम, श्रृंगार और गौण रूप से भक्ति एवं नीति के परक थीं।

प्रश्न – ३ : सप्रसंग व्याख्या करो :

(क) तरुवर फल नहीं खात है ___सम्पति संचहि सुजान ।

उत्तर : प्रस्तुत कविता हमारी पाठ्य पुस्तक आओ हिन्दी सीखें के चौथा भाग दोहा-मुक्तावली से रहीम द्वारा रचित कविता है। यहाँ कवि कह रहे हैं कि जैसे दुसरों (जरूरत मंद) के हित के लिए ज्ञानी लोग धन सम्पति अर्जन करते हैं। ठीक वैसे जैसे तरूवर (वृक्ष) फल नहीं खाते, सरोवर पानी नहीं पीती, वह दूसरों के लिए फल और पानी प्रदान करती है।

(ख) या अनुरागी चित्त की ___त्यों त्यों उज्ज्वल होइ।।

उत्तर : प्रस्तुत कविता हमारी पाठ्य-पुस्तक आओ हिन्दी सीखें के चौथा भाग से दोहा-मुक्तावली से बिहारीलाल द्वारा रचित कविता है। यहाँ कवि कह रहे हैं कि यह जो हमारी मन है उसकी अनुराग को कोई भी नहीं समझ सकता। क्यों कि जब मन अनुरागी हो कर जैसे-जैसे श्याम (कृष्ण) के रंग में रंगती जाती है, वैसे वैसे उसकी मन अंधकार से उजाला की और जाती है।

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