Assam Jatiya Bidyalay Class 7 Hindi Chapter 15 अपनी कमाई

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अपनी कमाई

Chapter – 15

অসম জাতীয় বিদ্যালয়

अभ्यास-माला

१. सही उत्तर चुनो और फिर से लिखो :

(i) अमीर बाप का बेटा…….

(क) परिश्रमी था। 

(ख) कर्मवीर था।

(ग) बुद्धिमान था। 

(घ) आलसी था।

उत्तरः अमीर बाप का बेटा आलसी था।

(ii) अमीर बाप कैसा था?

(क) पंडित था। 

(ख) व्यवसायी था। 

(ग) अनुभवी था।

(घ) आलसी था।

उत्तरः अमीर बाप अनुभवी था। 

(iii) माँ को कहाँ भेज दिया गया?

(क) तीर्थ यात्रा पर। 

(ख) मैके।

(ग) बेटी के घर। 

(घ) सिनेमा देखने।

उत्तरः माँ को मैके भेज दिया गया।

(iv) बहन को कहाँ भेज यिा गया?

(क) ससुराल। 

(ख) मामा के घर। 

(ग) घूमने के लिए।

(घ) सहेली के घर।

उत्तरः बहन को ससुराल भेज दिया गया।

(v) बेटे ने सेठ की सन्दुक उठाकर कितना कमाया?

 (क) दुअन्नी।

(ख) एक रुपया। 

(ग) अशरफी।

(घ) चवन्नी।

उत्तरः बेटे ने सेठ की सन्दुक उठाकर दुअन्नी कमाया।

२. किसने किससे कहा?

(i) ‘जाकर कुछ कमा ला, नहीं तो रात को भोजन नहीं मिलेगा।’ 

उत्तर: पिता ने पुत्र से कहा- जाकर कुछ कमा ला, नहीं तो रात को भोजन नहीं मिलगा।

(ii) ‘इसे कुएँ में फेंक आ।

उत्तर: पिता ने पुत्र से कहा, इसे कुएँ में फेंक आ

(iii) ‘मेरी सन्दुक उठाकर घर ले चल ।’

उत्तरः सेठ ने निकम्मे बालक से कहा, मेरी सन्दुक उठाकर घर ले चल ।

(iv) ‘मेरी गर्दन टुट गयी है और आप कहते हैं, इसे कुएँ में फेंक आ।’ 

उत्तरः पुत्र ने पिता से कहा, मेरी गर्दन टुट गयी है और आप कहते हैं, इसे कुएँ में फेंक आ

३. उत्तर लिखो :

(i) अमीर बाप का बेटा कैसा था?

उत्तरः अमीर बाप का बेटा निकम्मा और आलसी था।

(ii) पिताजी क्यों चिन्तित थे?

उत्तरः पिताजी को चिन्ता था, कि इस निकम्मे आलसी और कामचोर पुत्र को कैसे सुधारा जाय।

(iii) बाप ने बेटे को कौन सा आदेश दिया था?

उत्तरः बाप ने बेटे को कहा कुछ कमाकर ला नहीं तो रात का भोजन नहीं मिलेगा।

(iv) पहले दिन बाप का आदेश पाकर लड़के ने क्या किया?

उत्तर: पहले दिन बाप का आदेश पाकर लड़के ने माँ के पास जाकर रोने लगा।

(v) दूसरे दिन लड़का किसके पास जाकर रोने लगा? 

उत्तर: दूसरे दिन लड़का अपने बहन के पास जाकर रोने लगा। 

(vi) माता और बहन के घर में न होने पर उसकी मदद किसने की? 

उत्तरः माता और बहन के घर में न होने पर एक सेठ ने उसकी मदद की। 

(vii) अन्त में लड़के ने बाप का आदेश क्यों नहीं माना?

उत्तर: अन्त में लड़के ने बाप का आदेश नहीं माना क्योंकि लड़के की “अपनी कमाई’ थी।

४. अनुभनी बाप सबकुछ समझ गया। इसका मतलब क्या है? अनुभनी बाप कैसे सबकुछ समझता है?

उत्तरः अनुभवी बाप सबकुछ समझ गया का मतलव है, कि बाप जानता है कि मेरा बेटा कामचोर है फिर भी इसे अशरफी कहाँ से मिला। दूसरी बार एक रुपया लाया। बाप ने समझ लिया कि इस निकम्मे कामचोर को एक रुपया कौन दे सकता है। बाप ने लड़के के माँ और बहन दोनों को बाहर भेज दिया। एक को मैके दूसरे को ससुराल फिर बाप ने लड़के को कमाकर लाने को कहा नहीं तो रात का भोजन नहीं मिलेगा। लड़के ने काम की तलास में जा रहा था। एक सेठ ने उसे सन्दुक घर पहुँचाने को कहा और बदले में दो आने देगा। लड़के ने सन्दुक पहूँचाई और दो आने लेकर अपने बाप को दे दिया। पहले की तरह ही बाप ने उसे कुएँ में फेकने को कहा। बेटा ने पिता पर गरज पड़ा और बोला मेरी गर्दन टुट गई है और आप इसे कुएँ में फेकने को कहते हैं। बाप समझ गया की यह इसकी अपनी कमाई है।

५. अन्त में आदेश न मानने पर भी बाप ने बेटे को कारोबार क्यों सौंप दिया?

उत्तरः अन्त में आदेश न मानने पर भी बाप ने बेटे को कारोबार सौंप दिया क्योंकि बाप अनुभवी था। अनुभवी बाप ने देखा, पहले अशरफी फिर एक रुपया कुएँ में फेंकते देर न की, किन्तु इस दो आने को फेंकने को कहते ही वह भड़क गया। कहने लगा मेरी गर्दन टूट गई है और आप इसे कुएँ में फेकने को कहते हैं। अनुभवी बाप ने समझ लिया कि यह इसकी अपनी कमाई है इसलिए इसे इतना तकलीफ हो रहा है। इस लिए बाप ने अपना सारा कारोबार अपने बेटे को सौंप दिया।

६. निचे निर्देशित किस वाक्य से कहानी का आशय मिलता है, उसे लिखो :

(क) अशरफी, रुपया और दुअन्नी आदि कुएँ में फेंकने नहीं चाहिए।

(ख) परिश्रम से प्राप्त धन के प्रति ही ममता होती है।

(ग) हमें सिर्फ अपनी कमाई पर ही ध्यान देना चाहिए।

उत्तरः (ख) परिश्रम से प्राप्त धन के प्रति ही ममता होती है।

७. अपनी कमाई कहानी को संक्षेप में लिखो । 

उत्तर: प्राचीन काल की बात है। एक अमीर बाप का एक आलसी और निकम्मा बेटा था। उसे आराम से खाना और अपने मित्रों के साथ बैठ कर अड्डा मारना मुख्य काम था। किसी काम के नाम से भागते रहता था। बाप ने अपने पुत्र को बहुत समझाया पर माँ के दुलारे बेटा पर कुछ असर ही नहीं पड़ा। तब अमीर बाप ने एक बुद्धि निकाली और पुत्र को पास बुलाकर कहा अब तु बड़ा हो चला है। मैं भी बुढ़ा हो गया हूँ कुछ काम-काज करो। बेटा उसे भी अनसुना कर दिया। अब बाप का धैर्य खोने लगा और रात खाते समय बेटा को कहा कल से कुछ कमा कर लाना नहीं तो घर में खाना नहीं मिलेगा। बेटा माँ के पास जाकर रोने लगा, माँ ने उसे कुछ पैसे दिए जो बाप को लाकर दे दिया। बाप ने पैसे को कुएँ में फेंकने को कहा, बेटा तुरन्त पैसे को कुएँ में फेंक दिया। बाप समझ गया कि बेटा को माँ विगार रही है। उसने माँ को मायके भेज दिया और फिर बेटे से बोला आज कुछ कमा कर लाना नहीं तो रात खाना नहीं मिलेगा। बेटा ने अपने बहन के पास जाकर रोने लगा। बहन को दया आ गई, उसने कुछ पैसे दिए। बेटा ने बाप को लाकर दे दिया। बाप ने उसे कुएँ में फेंकने को कहा बेटा झट पैसे को कुएँ में फेंक दिया। बाप ने इस बार अपनी बेटी को ससुराल भेज दिया। 

कुछ दिनों के बाद बाप ने बेटे से डाँट लगाकर कहा आज यदि कुछ कमाकर नहीं लाओगे तो तुम्हें ना ख़ाना मिलेगा और तो और ना तुम्हे घर में रहने देंगे। बेटा आज कमाने निकला। उसे एक सज्जन मिल गये। उस सज्जन सेठ ने कहा मेरी सन्दुक ले चलों। मैं तुझे दो आने दूगाँ। अमीर बाप के अमीर बेटे ने सन्दुक उठाई और सेठ के घर पहुँचा दी। सेठ ने उसे पैसे दे दिया। बेटे का सारा शरीर पसीने से तर थी और गर्दन तथा पीठ में दर्द हो रहा था। घर आ कर पैसा बाप के हाथ में दे दिया। बाप ने उस पैसे को कुएँ में फेकने को कहा। लड़के ने क्रोध से काँपते हुए बोला मेरी गर्दन-पीठ टुट गयी है और आप इसे कुएँ में फेकने को कह रहे हैं। अनुभवी बाप को सब समझ में आ गया और अपना सारा कार्य अपने बेटे को सौंप दिया। परिश्रम से प्राप्त धन के प्रति ही ममता होती है।

८. गलत विभक्ति को काटकर वाक्यों को फिर से लिखो :

(i) परिश्रम करने से / का उसे अभ्यास न था।

उत्तरः परिश्रम करने का उसे अभ्यास न था।

(ii) माता बेटे की आँखों में/ की आँसू देखकर न रह पायी। 

उत्तरः माता बेटे की आँखों में आँसू देखकर न रह पायी।

(iii) रात में/ को बाप ने बेटे से पूछा।

उत्तरः रात को बाप ने बेटे से पूछा। 

(iv) उसको सारी देह पसीने से/ पर तर थी और गर्दन तथा पीठ पर / में दर्द हो रहा था।

उत्तरः उसकी सारी देह पसीने से तर थी और गर्दन तथा पीठ में दर्द हो रहा था। 

९. वाक्य बनाओ: 

वेपरवाह, अनुभवी, विवश, तत्परता, परिश्रम, बेचैन, सहायता ।

उत्तरः बेपरवाह – लड़का बेपरवाह, दुर्बल और निर्लज था।

अनुभवी – अनुभवी बाप सबकुछ समझ गया।

विवश – विवश होकर संध्या समय लड़का उठा और बाजार में जाकर मजदुरी खोजने लगा। 

तत्परता – लड़के तत्परता के साथ पिता की आज्ञा का पालन किया।

परिश्रम – परिश्रम से प्राप्त धन के प्रति ममता होती है।

बेचैन – बेटे को चिन्तित देख माँ की ममता बैचैन हो उठी।

सहायता – जरुरत मन्दों की सहायता करने से पूण्य होता है।

१०. विपरीतार्थक शब्द लिखो :

अमीर, आलसी, प्रातःकाल, शोक, एक, रोना

उत्तरः अमीर – गरीब।

आलसी – परिश्रमी।

प्रातः काल – संध्याकाल।

शोक – प्रशन्नता, प्रसन्न।

एक – दो।

रोना – हँसना।

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